आदर्श विद्यामन्दिर का भव्य स्वर्ण जयन्ती समारोह सम्पन्न
2800 बालक-बालिकाओं ने किया सामुहिक शारीरिक प्रदर्शन
एक रिपोर्ट .......
जोधपुर। जोधपुर महानगर आदर्श विद्या मंदिर के स्वर्ण जयंती समारोह का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। स्वर्ण जयंती समारोह के दो दिवसीय आयोजन में कई नयनाभिराम कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए। प्रथम दिन कार्यक्रम की शुरुआत संगीतमय सुन्दरकाण्ड से हुई एवं बाद में शारीरिक प्रदर्शन का कार्यक्रम हुआ।
दूसरे दिन सुबह 9 बजे से पूर्व छात्र व पूर्व आचार्य सम्मेलन सम्पन्न हुआ। दो दिवसीय स्वर्ण जयन्ती महोत्सव के समापन समारोह भव्य रंगमंचीय कार्यक्रम साथ हुआ । इस कार्यक्रम में
जोधपुर महानगर के 9 स्थानों पर चलने वाले 20 आदर्श विद्यामन्दिर के 564
बालक-बालिकाओं ने भाग लिया।
संगीतमय सुन्दरकाण्ड एवं विशाल शारीरिक प्रदर्शन
सुन्दर काण्ड कार्यक्रम का इक दृश्य |
दो दिवसीय स्वर्ण जयंती समारोह का शुभारम्भ १० जनवरी को आदर्श विद्यामन्दिर, केशव परिसर में प्रातः 9 बजे संगीतमय सुन्दरकाण्ड के पाठ से हुआ। इसमें 1000 से अधिक धर्म प्रेमियों ने भाग लिया और पुरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
इसी दिन दोपहर 3 बजे विशाल शारीरिक प्रदर्शन का सुन्दर एवं भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। 2800 बालकों द्वारा भव्य सामूहिक शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ माननीय गजेन्द्र सिंह शेखावत(सांसद),मा.बद्रीलाल जी चौधरी (अध्यक्ष ,मा.शिक्षा बोर्ड), श्रीमती सुर्यकान्ता व्यास(विधायक),मा.शिव प्रसाद पुरोहित(विद्या भारती, क्षेत्रीय संगठन मंत्री) की गरिमापूर्ण उपस्थिति में हुआ ।
शारीरिक प्रदर्शन के रूप में छात्र/छात्राओं द्वारा सामूहिक रूप से व्यायाम योग, जिमनास्टिक, डम्बल्स, योगचाप, पताका योग, जिमनास्टिक, घोष, पिरामिड आदि का आकर्षण प्रदर्षन किया गया। जिसको देखने से ऐसा लग रहा था कि जोधपुर में एक ऐतिहासिक समारोह होने जा रहा है। ऐसा भी प्रतीत हो रहा था कि आज तक के इतिहास में जोधपुर की धरती पर इससे पहले एक ही संस्थान के इतने बालक कभी भी एकत्रित नही हुए। इसमें आदर्श विद्यामन्दिर के 2800 बालकों ने सामुहिक प्रदर्शन किया जिनका 200 शिक्षको ने अपने अथक परिश्रम एवं उत्साह से मार्गदर्शन किया।
बालक अलग-अलग प्रकार की रंगबिरंगी वेशभूषा में थे । उससे ऐसा प्रतीत हो रहा था की सम्पूर्ण भारतीय संस्कृति व वेशभूषा विद्यालय प्रांगण में एकत्र हो गयी हैं । बालकों को ऐसा लग रहा था कि हम सभी एक ही स्थान के बालक है। जिमनास्टिक के सुन्दर प्रदर्शन को देखकर दर्शकगण गदगद हो गये.
इस अवसर पर आदर्श विद्या मन्दिर के खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय पहचान बनाने वाले श्रेष्ठ खिलाडियों एवं उनके प्रशिक्षकों का सम्मान भी किया गया । अन्तराष्ट्रीय प्रशिक्षक श्री सोहन लाल जी चौधरी, जोधपुर केसरी खिताब से सम्मानित पहलवान श्री बाबुलाल जी शर्मा, जिम्नास्टिक कोच श्री भवानी सिंह का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया ।
संस्थान के उपाध्यक्ष एवं समारोह संयोजक श्री निर्मल गहलोत ने संस्थान के विद्यालयों के विकास एवं विस्तार की भावी योजनाओं से अवगत कराया । संस्थान द्वारा जोधपुर में चलाए जा रहे 20 आदर्श विद्या मन्दिरों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त कम्प्यूटर लैब, विज्ञान प्रयोगशालाएँ , खेल मैदान, इनडोर स्टेडियम तथा क्रिया आधारित शिशु वाटिकाओं का अगले सत्र में विकास एवं विस्तार की योजनाए है । इसके लिए शहर के विभिन्न भामाशाओं ने अपना आर्थिक सहयोग प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की है ,इसकी श्री गहलोत ने जानकारी दी । इस बार सभी अभिभावकों एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उनके नाम से एस.एम.एस. भेजे गये। इस कारण उपस्थिति बहुत ही अच्छी रही। इसकी अभिभावकों ने प्रशंषा भी की ।
अन्त में संस्थान के अध्यक्ष प्रो.श्री लालसिंह गहलोत ने सभी अतिथियों ,छात्रों एवं शिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए संस्थान की प्रगति में सभी के सहयोग की अपील की।
पूर्व छात्र एवं पूर्व आचार्य सम्मेलन
आदर्श विद्या मंदिर प्रबंध समिति के सचिव संग्राम जी काला ने बताया कि दो दिवसीय स्वर्ण जयन्ती समारोह के दूसरे दिन सुबह 9 बजे से पूर्व छात्र व पूर्व आचार्य सम्मेलन सम्पन्न हुआ। सम्मलेन में 682 पूर्व छात्र एवं 100 पूर्व आचार्यों ने सहभागिता निभाई। सम्मलेन के मुख्य अतिथि - मा. डा. अरूण जी चतुर्वेदी (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री राज.सरकार) थे । उन्होंने कहा कि मैं भी आदर्श विद्या मन्दिर का पूर्व छात्र रह चुका हूँ । इस नाते मुझे इस कार्यक्रम में रहने का गौरव प्राप्त हुआ, जिसके लिए मै प्रबन्ध समिति आदर्श विद्या मन्दिर जोधपुर का हार्दिक आभारी हूँ । भारत में अनेको शिषण संस्थान चल रही है। परन्तु विद्या भारती राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत शिक्षा देने में सक्षम रही है । अग्रेंजीयत को समाप्त करने मेें भी बहुत हद तक सफल रही है।
मा. डा. अरूण जी चतुर्वेदी ने अपने उध्बोधन में कहा कि आई.आई.टी. से निकलने वाले छात्रों को कितना बडा पैकेज मिला इसके समाचार पत्रों में पढने को मिलते है पर पैकेज को ठुकराकर किसानों के हित के लिए काम करने वाले छात्रों के लिए इन समाचार पत्रों में कोई जगह नहीं मिलती है । शिक्षक के नाते श्रेष्ठ छात्रों को तैयार करने का लक्ष्य हमारे आचार्यो का है ना कि अधिक वेतन प्राप्त करना । इसका उदाहरण विद्या भारती ने प्रस्तुत किया है । शिक्षक का सम्मान कोठि,बंगला एवं कारों से नही अपितु उनको चलते रास्ते में कोठी कार का मालिक जब सम्मानपूर्वक कारों से नीचे उतर कर पैर छुकर प्रणाम करता है, वही उसका सबसे बडा सम्मान है । जहाँ राज्य सरकारे शिक्षा पहुँचाने में असफल रही वहीं आदर्श विद्या मन्दिर शिक्षा पहुचाने में सफल रहा है।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री नारायण जी पंचारिया (सांसद राज्यसभा) ने करते हुए कहा कि मेरा जीवन काल आदर्श विद्या मन्दिर में एक आचार्य के साथ प्रारम्भ हुआ उसी की प्रेरणास्त्रोत से आज मै जहां हूँ, उसकी अहम भूमिका रही है । उन्होने कहा कि आदर्श विद्या मन्दिर निर्माणों में चरित्र निर्माण को देने में सफल रहा है । जिस प्रकार आदर्श विद्या मन्दिर छोटी-छोटी चरित्र निर्माण की बाते करती है विश्व में भारत माता की जय-जयकार होती रहे इस भागीरथ प्रयास में आदर्श विद्या मन्दिर अपना योगदान सफलता पूर्वक निभा रही है।
इस विद्या मन्दिर के प्रथम नामांकित छात्र श्री श्रीपाल जी लोढा विशिष्ट अतिथि के रूप में विराजित थे । उन्होने बताया कि मैं जो कुछ हूँ। इस विद्यामन्दिर के कारण हूॅं । उन्होने विद्यामंदिरो को हर सम्भव सहयोग करने का वादा किया। उन्होने बताया कि आचार्य पूर्व नही होते वह सतत् जीवनपर्यन्त शिक्षक के रूप में मार्गदर्शक बने रहते है ।
इस कार्यक्रम के दौरान श्री जीवनलाल माथुर, सत्यपाल हर्ष, ब्रह्मदेव बोडा, जुगलकिशोर सैन, रेखाराम चैहान, भूपाल सिंह पंवार, राजकौल दीदी, जगदीश पुरोहित, रमेश शर्मा, वीरेन्द्र सिंह राघव, आदि आचार्य एवं कार्यकताओं का सम्मान मा. अरूणजी चतुर्वेदी जी ने साफा पहना कर किया।
साथ ही पूर्व छात्र श्री अशोक जैन, आईएएस, मुक्तानन्द अग्रवाल,आईएएस, अमन सिंह राठौड़ आईएएस, श्री पंकज आॅषिया आईएएस, श्री सौरभ तोेलम्बिया आईपीएस , श्री ललित बोहरा आईपीएस, श्री अनुपम अग्रवाल आईपीएस , श्री जितेन्द्र जी आईइएस, श्री सोमेष देवडा, आरएएस, श्री सागर माथुर ,आर जे एस, मनीष शर्मा डी टी ओ , शैलू छाजेड सीटीओ, श्री सुरेेन्द्र सुराणा सीईओ, श्री नारायण सिंह भाटी ले.कर्नल , श्री रोहितेन्द्र भण्डारी(वैज्ञानिक), श्री देवेन्द्र सालेचा(उद्यमी एवं समाजसेवी), श्री सुभाष गहलोत(समाजसेवी) आदि का एवं जो उपस्थित नहीं हो पाए उनकें परिजनों का भी श्री नारायण जी पंचारिया राज्य सभा सांसद ने प्रतीक चिन्ह देकर व शहर विधायक श्री कैलाश जी भंसाली ने शाॅल ओढाकर एवं श्री अरूण जी चतुर्वेदी ने साफा पहना कर सम्मानित किया ।
विद्यायक श्री कैलाश जी भंसाली ने बताया कि मै विद्यालय के प्रारम्भकाल से जुडा हूॅ । उन्होने 50 वर्ष की विद्यामन्दिर की यात्रा की विस्तार पूर्वक जानकारी दी । उन्होने पूर्व आचार्यो की भूरी-भूरी प्रंशसा की ।
पूर्व आचार्यो एवं छात्र सम्मलेन में लगभग 2000 से अधिक पूर्व छात्रों एवं 500 से अधिक पूर्व आचार्यो ने भाग लिया। इसके पश्चात समूहषः बैठके आयोजित हुई इसमें पूर्व छात्रोें एवं आचार्यो ने अपने अपने कार्य क्षेत्रों के अनुभव को सांझा किया तत्पश्चात सामूहिक बैठक में विद्याभारती के क्षेत्र संगठन मंत्री श्री शिव प्रसाद जी एवं संगठन के वरिष्ठ सदस्यो से विचार विमर्श करते हुए आज की परिस्थिति में विद्या भारती के योगदान एवं उसके उत्थान के बारे में चर्चा की गई .
भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में उमड़ा जनसैलाब
सांस्कृतिक कार्यक्रम की एक झलकी |
दो दिवसीय स्वर्ण जयन्ती महोत्सव के समापन समारोह में माननीय श्री अरूण जी चतुर्वेदी, श्री नारायण जी पंचारिया व श्री कैलाश जी भंसाली ने दीप प्रज्वलन कर भव्य रंगमंचीय कार्यक्रम का शुभारम्भ किया । इस कार्यक्रम में जोधपुर महानगर के 9 स्थानों पर चलने वाले 20 आदर्श विद्यामन्दिर के 564 बालक-बालिकाओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम में सरस्वती वंदना आदर्श विद्या मन्दिर सरस्वती नगर के भैया-बहिनो ने प्रस्तुत की । कार्यक्रम में अतिथियों का परिचय एवं स्वागत श्री निर्मल गहलोत द्वारा करवाया गया तथा विद्यामंदिर का वृत प्रस्तुत किया । तत्पश्चात स्वागत भाषण जोधपुर शहर के उपमहापौर श्री देवेन्द्र जी सालेचा ने किया ।
ब्रह्मपुरी आदर्श विद्या मन्दिर के नन्हे भैया-बहिनो ने "स्वर्ण जयंती वर्ष" गीत एवं "शान्त सुन्दरम्" नृत्यगीत प्रस्तुत किया । नवीन आदर्श विद्या मन्दिर के भैया-बहिनो ने "हम करे राष्ट्र आराधन" गीत , भवानी आदर्श वि़द्या मन्दिर द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर जोधपुर की अमृता देवी का बलिदान की नाटिका एवं "यह देश है वीर जवानों का" नृत्यगीत प्रस्तुत किया ,बालिका आदर्श विद्या मन्दिर शास्त्रीनगर ने कविता -मेरा एक सवाल राष्ट्र को समर्पित किया । नवीन आदर्श विद्या मंदिर द्वारा नृत्यगीत-"धरती धोंरा री "का भव्य प्रदर्शन किया गया । तत्पश्चात श्री राधेश्याम जी शर्मा ने उपस्थित श्रोताओं का मार्गदर्शन किया ।
शिशु वाटिका आदर्श विद्या मन्दिर केशव परिसर के नन्हे भैया-बहनों ने छुक छुक छुक रेल के द्वारा विद्यामंदिर के 50 वर्ष की झांकी प्रस्तुत की । पावटा आदर्श विद्या मंदिर के भैया-बहिनो द्वारा शिव के भजन से सबका मन मोह लिया ।
हनवन्त आदर्श विद्या मंदिर बालक एवं बालिका द्वारा "वीर बालक दूदा एवं महाराणा प्रताप" की जीवन्त नाटिका, "हम बेटी हिन्दूस्तान" की झाँकी गीत एवं बाल है गोपाल है हम प्रस्तुत किया । आदर्श विद्या मंदिर सूरसागर ने "ऊँचा भाल हिमालय जिसका" गीत की प्रस्तुती दी ।
आदर्श विद्या मंदिर केशव परिसर ने शहीद भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू का
बलिदान , बालिकाओं द्वारा बाबा रामदेव जी का भजन प्रस्तुत किया । इस
सांस्कृतिक कार्यक्रम में 450 भैया व बहिनों ने भाग लिया।
यह सांस्कृतिक कार्यक्रम राजस्थान के जाने माने संगीतकार रामदेव गौड़ की देख रेख में सम्पन्न हुआ।
विद्यामंदिर के कक्षा दशम् व द्वादश के
बोर्ड मेरिट प्राप्त प्रतिभावान भैया-बहिनों को श्री अरूण चतुर्वेदी द्वारा
प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
विशिष्ट अतिथि श्रीमान् राजमलजी पारख ( प्रमुख समाज सेवी एवं उद्योगपति, हाल ही में प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित ) ने उद्बोधन दिया एवं विद्यामंदिर को 2100000/- की राशि विद्यामंदिर के विकास हेतु प्रदान किया। तथा अन्य भामाशाहों ने मुक्त हस्त से सहयोग का चैक दिया।
जोधपुर नगर निगम के महापौर श्री घनश्याम जी ओझा ने अध्यक्षीय आशीर्वाद दिया ।
10 हजार से भी अधिक का जनसैलाब कार्यक्रम देखनें हेतु उमड़ पड़ा। व्यवस्थाएँ बहुत ही भव्य एवं संस्कार देने वाली थी। सभी 9 परिसरों को दोनों दिन सुन्दर नयनाभिराम रोशनी से सजाया गया।
संस्थान के व्यवस्थापक श्री पारसमल जैन ने सभी अतिथियों ,छात्रों एवं शिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए संस्थान की प्रगति में सभी के सहयोग की अपील की । अन्त मे शान्तिः पाठ द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें