बुधवार, 27 नवंबर 2013

संगठित समाज में ही परिवर्तन की प्रबल सम्भावना : सरसंघचालक

संगठित समाज में ही परिवर्तन की प्रबल सम्भावना : सरसंघचालक

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 पटियाला, नवम्बर 26 : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि संगठित समाज में परिवर्तन की प्रबल सम्भावना होती है। देश का भाग्य बनाना समाज पर निर्भर करता है, इसलिए समाज को संगठित रूप से प्रयास करना होगा। यदि समाज में एकजुटता नहीं होगी, तो सुधार के लिए बनाई गई कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती।

संघ प्रमुख ने नेतृत्व सम्बंधी धारणा को अधिक स्पष्ट करते हुए कहा कि नेता बदलने से समाज नहीं बदलता। समाज में सकारात्मक परिवर्तन करने के लिए समाज मन को बदलने की आवश्यकता होती है। डॉ. भागवत सोमवार को नगर निगम के ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
सरसंघचालक ने समारोह के आयोजन के सन्दर्भ में कहा कि इस कार्यक्रम में संघ का प्रचार नहीं किया जाएगा बल्कि संघ के बारे में संगठनात्मक जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में रहनेवाले हर एक व्यक्ति का स्वभाव हमारे देश की संस्कृति के अनुरूप है। व्यक्ति चाहे किसी भी प्रान्त का वासी हो, परन्तु सब में भाव एक है कि हम सभी एक हैं। उन्होंने कहा कि संघ में सम्मिलित होना आसान है, पर संघ को समझना कठिन है। संघ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाना रहा है। संघ इसी उद्देश्य को लेकर आज भी समाज को संगठित करने का काम कर रहा है।
इस अवसर पर संघ के जिला संयोजक डॉ. राजिंदर कुमार, मेयर अमरिंदर सिंह बजाज, सीनियर डिप्टी जगदीश राय चौधरी, अनिल बजाज सहित नगर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

 

रविवार, 24 नवंबर 2013

संघ ने लिया 24 करोड़ परिवारों में हिंदुत्व जागरण का संकल्प

संघ ने लिया 24 करोड़ परिवारों में हिंदुत्व जागरण का संकल्प

लखनऊ, नवम्बर 22 : पूरे विश्व में फैले हिन्दुओं को संगठित कर भारत में समग्र परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने देश के 24 करोड़ परिवारों में हिन्दुत्व जागरण का संकल्प लिया है। संघ के अनुसार  किसी परिवार के एक व्यक्ति के बजाए उस पूरे परिवार को संघ से जोड़ना अधिक महत्वपूर्ण और लाभदायक साबित होगा। संघ का यह भी मानना है कि जिस परिवार की महिलाएं संघ के साथ जुड़ने का फैसला करेंगी उस परिवार में राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व की जड़ें अधिक मजबूत होंगी।

लखनऊ स्थित विश्व संवाद केन्द्र के अधीश सभागार में पत्रकारों को संबोधित करते हुए संघ के अवध प्रान्त संघचालक प्रभुनारायण श्रीवास्तव ने कहा, "मजबूत भारत के निर्माण के लिए देश में मजबूत परिवार की नींव डालने की आवश्यकता है। हमारी परिवार व्यवस्था के कारण ही आज तक भारत की आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित है।"

देश में घटते नारी सम्मान, लव जिहाद जैसी समस्याओं के लिए परिवार भाव के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि बचपन से ही परिवारों में बच्चों को अच्छा संस्कार देकर ही अच्छे नागरिक तैयार किए जा सकते हैं।

प्रभुनारायण की मानें तो इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर ही संघ ने यह महत्वपूर्ण अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। देशभर में जगह-जगह परिवार मिलन का आयोजन हो, अनेक परिवार एक साथ बैठें। आपस में बैठकर अपने पारिवारिक विरासत की चर्चा करें।

परिवार प्रबोधन के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को संघ गांव-गांव ले जाना चाहता है। इसलिए लखनऊ में परिवार प्रबोधन समिति का गठन किया गया है। इस समिति के ही तत्वावधान में लखनऊ में पहली बार दम्पति सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम संघ के लिए कितना महत्वपूर्ण है। यह इस बात से पता चलता है कि परिवार प्रबोधन अभियान के अखिल भारतीय संगठन मंत्री सुब्रह्मण्य भट्ट स्वयं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

परिवार प्रबोधन प्रशिक्षण वर्ग के बारे में बताया कि यह वर्ग राजेंद्र नगर स्थित नवयुग रेडियन्स सीनियर सेकंड्री स्कूल के सभागार में आयोजित किया जा रहा है। इसमें राजधानी के सैकड़ों दम्पति भाग लेंगे। 

source: http://hn.newsbharati.com

शनिवार, 16 नवंबर 2013

स्वामी विवेकानंद सार्ध शती के लाइव कार्यक्रम निर्धारित समयानुसार देखने के लिए क्लिक करे

National Conference of Vice Chancellors

"Swami Vivekananda on Education - A Vision for National Resurgence"

16th November : 10.30 am – 12.30 pm : Inauguration Function
Chief Guest : Dr. M. M. Pallam Raju, HRD Minister, Govt. of India
Guest of Honour : Dr. Anil Kakodkar, Former Chairman, Bhabha Atomic Research Centre
Introductory Speech : Dr. Subhash Kashyap, Former Secretary General, Loka Sabha
Theme Presentation : Prof. Aniruddha Deshpande,
Former Principal, BMCC, Pune

Valedictory Function
 17th November : 5.00 pm – 6.30 pm : Valedictory Function
Valedictory address : Dr. APJ Abdul Kalam, Former President of India
 

शनिवार, 9 नवंबर 2013

घरेलू निर्माताओं की कीमत पर विदेशी निवेश को बढ़ावा नहीं : संघ

घरेलू निर्माताओं की कीमत पर विदेशी निवेश को बढ़ावा नहीं : संघ
नई दिल्ली, नवम्बर 6 : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि छोटे घरेलू निर्माताओं की कीमत पर हम विदेशी निवेश को बढ़ावा नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि हमारे पास विजन है लेकिन विश्व में हो रहे बदलावों को हमें स्वीकार करना होगा। ‌हम भी बदलते समय के साथ बदल रहे हैं लेकिन संतुलन एक जरूरी चीज है। एफडीआई कुछ सेक्टर के लिए ठीक है लेकिन इससे हम छोटे उद्योगों को क्यों मारें? अगर छोटे उद्योगों से हमारा काम चल रहा है तो बड़े उद्योगों की क्या जरूरत?
उल्लेखनीय है कि संघ प्रमुख उद्योगपतियों, रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स, सुरक्षा कर्मचारियों, पूर्व खुफिया प्रमुखों और लेखकों से बात कर रहे थे।
डॉ. भागवत ने शिक्षा में एफडीआई का विरोध किया और कहा कि हमें शिक्षा जैसी चीज को व्यवसाय का रूप नहीं बनने देना चाहिए। विदेशी विश्वविद्यालय हमारे यहां केवल डॉलर कमाने के लिए आते हैं। संस्कार के बगैर शिक्षा बेकार है। हमें अपनी शिक्षा व्यवस्‍था को आगे बढ़ना होगा न कि पश्चिमी देशों के पीछे अंधदौड़ में लगना चा‌हिए।
गौरतलब है कि देश के उत्पादन के क्षेत्रों का स्वामित्व अपने देश के लोगों की तिरस्कारपूर्वक उपेक्षा कर विदेशी हाथों में देनेवाली नीतियां चलाई जा रही हैं। देश की आय का बड़ा हिस्सा बनानेवाले लघु उद्यमी, छोटे उद्यमी, स्वयं-रोजगार पर आश्रित खुदरा व्यापारी ऐसे सभी को विदेशी निवेशकों के साथ विषम स्पर्धा के संकट में अपने ही शासन द्वारा धकेला जा रहा है। रोजगार के अवसर घट गए हैं। गांवों से रोजगार के लिए शहरों की ओर जानेवाली संख्या बढ़ने से शहर व गांव दोनों में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हुई हैं।

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित