बुधवार, 11 दिसंबर 2013

निर्वाचन आयोग से संबंधित जानकारी

निर्वाचन आयोग ने इस बार मतदान के लिए प्रेरित किया मत प्रतिशत भी बढ़ा।  कुछ मतदाताओं  कि समस्या थी कि हमारा नाम नहीं था तो कुछ के नाम जुड़वाने कि समस्या।   सजग नागरिक का कर्त्तव्य है कि राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व को समझे।  आने वाले लोकसभा चुनाव में आप मतदान से वंचित न रहे।  आपने कर्त्तव्य को समझे।  
राजस्थान के निर्वाचन विभाग की वेब साईट पर सभी प्रकार कि जानकारी उपलब्ध रहती है।  वेब साईट का एड्रेस है : http://ceorajasthan.nic.in 

BLO (Block Level Officer) कि जानकारी भी वेब साईट पर रहती है उनका एड्रेस मोबाइल नम्बर  सभी उपलब्ध है बस आपको एक्टिव होकर अपना कर्त्तव्य  पूरा करना है . 

समय समय पर निर्वाचन विभाग समाचार पत्रो में भी जानकारी उपलबध करवाता रहता है।

निर्वाचन आयोग ने इस बार मतदान के लिए प्रेरित किया मत प्रतिशत भी बढ़ा।  कुछ मतदाताओं  कि समस्या थी कि हमारा नाम नहीं था तो कुछ के नाम जुड़वाने कि समस्या।   सजग नागरिक का कर्त्तव्य है कि राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व को समझे।  आने वाले लोकसभा चुनाव में आप मतदान से वंचित न रहे।  आपने कर्त्तव्य को समझे।  
राजस्थान के निर्वाचन विभाग की वेब साईट पर सभी प्रकार कि जानकारी उपलब्ध रहती है।  वेब साईट का एड्रेस है : http://ceorajasthan.nic.in 

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समय समय पर निर्वाचन विभाग समाचार पत्रो में भी जानकारी उपलबध करवाता रहता है।
मतदाता सूची  में नाम जुड़वाने के लिए निचे वाले प्रपत्र क्रमांक 6 को भरना होता है :
निर्वाचन आयोग के वेब साइट पर यह सभी प्रपत्र उपलब्ध है।


बुधवार, 27 नवंबर 2013

संगठित समाज में ही परिवर्तन की प्रबल सम्भावना : सरसंघचालक

संगठित समाज में ही परिवर्तन की प्रबल सम्भावना : सरसंघचालक

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 पटियाला, नवम्बर 26 : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि संगठित समाज में परिवर्तन की प्रबल सम्भावना होती है। देश का भाग्य बनाना समाज पर निर्भर करता है, इसलिए समाज को संगठित रूप से प्रयास करना होगा। यदि समाज में एकजुटता नहीं होगी, तो सुधार के लिए बनाई गई कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती।

संघ प्रमुख ने नेतृत्व सम्बंधी धारणा को अधिक स्पष्ट करते हुए कहा कि नेता बदलने से समाज नहीं बदलता। समाज में सकारात्मक परिवर्तन करने के लिए समाज मन को बदलने की आवश्यकता होती है। डॉ. भागवत सोमवार को नगर निगम के ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
सरसंघचालक ने समारोह के आयोजन के सन्दर्भ में कहा कि इस कार्यक्रम में संघ का प्रचार नहीं किया जाएगा बल्कि संघ के बारे में संगठनात्मक जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में रहनेवाले हर एक व्यक्ति का स्वभाव हमारे देश की संस्कृति के अनुरूप है। व्यक्ति चाहे किसी भी प्रान्त का वासी हो, परन्तु सब में भाव एक है कि हम सभी एक हैं। उन्होंने कहा कि संघ में सम्मिलित होना आसान है, पर संघ को समझना कठिन है। संघ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाना रहा है। संघ इसी उद्देश्य को लेकर आज भी समाज को संगठित करने का काम कर रहा है।
इस अवसर पर संघ के जिला संयोजक डॉ. राजिंदर कुमार, मेयर अमरिंदर सिंह बजाज, सीनियर डिप्टी जगदीश राय चौधरी, अनिल बजाज सहित नगर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

 

रविवार, 24 नवंबर 2013

संघ ने लिया 24 करोड़ परिवारों में हिंदुत्व जागरण का संकल्प

संघ ने लिया 24 करोड़ परिवारों में हिंदुत्व जागरण का संकल्प

लखनऊ, नवम्बर 22 : पूरे विश्व में फैले हिन्दुओं को संगठित कर भारत में समग्र परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने देश के 24 करोड़ परिवारों में हिन्दुत्व जागरण का संकल्प लिया है। संघ के अनुसार  किसी परिवार के एक व्यक्ति के बजाए उस पूरे परिवार को संघ से जोड़ना अधिक महत्वपूर्ण और लाभदायक साबित होगा। संघ का यह भी मानना है कि जिस परिवार की महिलाएं संघ के साथ जुड़ने का फैसला करेंगी उस परिवार में राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व की जड़ें अधिक मजबूत होंगी।

लखनऊ स्थित विश्व संवाद केन्द्र के अधीश सभागार में पत्रकारों को संबोधित करते हुए संघ के अवध प्रान्त संघचालक प्रभुनारायण श्रीवास्तव ने कहा, "मजबूत भारत के निर्माण के लिए देश में मजबूत परिवार की नींव डालने की आवश्यकता है। हमारी परिवार व्यवस्था के कारण ही आज तक भारत की आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित है।"

देश में घटते नारी सम्मान, लव जिहाद जैसी समस्याओं के लिए परिवार भाव के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि बचपन से ही परिवारों में बच्चों को अच्छा संस्कार देकर ही अच्छे नागरिक तैयार किए जा सकते हैं।

प्रभुनारायण की मानें तो इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर ही संघ ने यह महत्वपूर्ण अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। देशभर में जगह-जगह परिवार मिलन का आयोजन हो, अनेक परिवार एक साथ बैठें। आपस में बैठकर अपने पारिवारिक विरासत की चर्चा करें।

परिवार प्रबोधन के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को संघ गांव-गांव ले जाना चाहता है। इसलिए लखनऊ में परिवार प्रबोधन समिति का गठन किया गया है। इस समिति के ही तत्वावधान में लखनऊ में पहली बार दम्पति सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम संघ के लिए कितना महत्वपूर्ण है। यह इस बात से पता चलता है कि परिवार प्रबोधन अभियान के अखिल भारतीय संगठन मंत्री सुब्रह्मण्य भट्ट स्वयं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

परिवार प्रबोधन प्रशिक्षण वर्ग के बारे में बताया कि यह वर्ग राजेंद्र नगर स्थित नवयुग रेडियन्स सीनियर सेकंड्री स्कूल के सभागार में आयोजित किया जा रहा है। इसमें राजधानी के सैकड़ों दम्पति भाग लेंगे। 

source: http://hn.newsbharati.com

शनिवार, 16 नवंबर 2013

स्वामी विवेकानंद सार्ध शती के लाइव कार्यक्रम निर्धारित समयानुसार देखने के लिए क्लिक करे

National Conference of Vice Chancellors

"Swami Vivekananda on Education - A Vision for National Resurgence"

16th November : 10.30 am – 12.30 pm : Inauguration Function
Chief Guest : Dr. M. M. Pallam Raju, HRD Minister, Govt. of India
Guest of Honour : Dr. Anil Kakodkar, Former Chairman, Bhabha Atomic Research Centre
Introductory Speech : Dr. Subhash Kashyap, Former Secretary General, Loka Sabha
Theme Presentation : Prof. Aniruddha Deshpande,
Former Principal, BMCC, Pune

Valedictory Function
 17th November : 5.00 pm – 6.30 pm : Valedictory Function
Valedictory address : Dr. APJ Abdul Kalam, Former President of India
 

शनिवार, 9 नवंबर 2013

घरेलू निर्माताओं की कीमत पर विदेशी निवेश को बढ़ावा नहीं : संघ

घरेलू निर्माताओं की कीमत पर विदेशी निवेश को बढ़ावा नहीं : संघ
नई दिल्ली, नवम्बर 6 : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि छोटे घरेलू निर्माताओं की कीमत पर हम विदेशी निवेश को बढ़ावा नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि हमारे पास विजन है लेकिन विश्व में हो रहे बदलावों को हमें स्वीकार करना होगा। ‌हम भी बदलते समय के साथ बदल रहे हैं लेकिन संतुलन एक जरूरी चीज है। एफडीआई कुछ सेक्टर के लिए ठीक है लेकिन इससे हम छोटे उद्योगों को क्यों मारें? अगर छोटे उद्योगों से हमारा काम चल रहा है तो बड़े उद्योगों की क्या जरूरत?
उल्लेखनीय है कि संघ प्रमुख उद्योगपतियों, रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स, सुरक्षा कर्मचारियों, पूर्व खुफिया प्रमुखों और लेखकों से बात कर रहे थे।
डॉ. भागवत ने शिक्षा में एफडीआई का विरोध किया और कहा कि हमें शिक्षा जैसी चीज को व्यवसाय का रूप नहीं बनने देना चाहिए। विदेशी विश्वविद्यालय हमारे यहां केवल डॉलर कमाने के लिए आते हैं। संस्कार के बगैर शिक्षा बेकार है। हमें अपनी शिक्षा व्यवस्‍था को आगे बढ़ना होगा न कि पश्चिमी देशों के पीछे अंधदौड़ में लगना चा‌हिए।
गौरतलब है कि देश के उत्पादन के क्षेत्रों का स्वामित्व अपने देश के लोगों की तिरस्कारपूर्वक उपेक्षा कर विदेशी हाथों में देनेवाली नीतियां चलाई जा रही हैं। देश की आय का बड़ा हिस्सा बनानेवाले लघु उद्यमी, छोटे उद्यमी, स्वयं-रोजगार पर आश्रित खुदरा व्यापारी ऐसे सभी को विदेशी निवेशकों के साथ विषम स्पर्धा के संकट में अपने ही शासन द्वारा धकेला जा रहा है। रोजगार के अवसर घट गए हैं। गांवों से रोजगार के लिए शहरों की ओर जानेवाली संख्या बढ़ने से शहर व गांव दोनों में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हुई हैं।

शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2013

कार्यकारी मंडल बैठक का कोच्चि में शुभारंभ

कोच्चि: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार, शंखनाद और केरल के पंरपरागत संगीत (इडक्का) की मधुर ध्वनियों के बीच माननीय सरसंघचालक डाॅ. मोहन जी भागवत एवं सरकार्यवाह श्री सुरेश जी जोशी (भैया जी)  के द्वारा भारत माता के चित्र पर पुष्पार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर प्रातःदिनांक 25 अक्टूबर 2013 किया गया। यह बैठक आगामी तीन दिनों तक चलेगी।

बैठक के आरंभ में पांडीचेरी की पूर्व राज्यपाल श्रीमती रजनी ताई (नागपुर, महाराष्ट्र), विपेशणा केन्द्र के संस्थापक और प्रमुख आचार्य श्री सत्यनारायण गोयका (मुंबई, महाराष्ट्र), ज्ञानपीठ पुरूस्कार विजेता और यशस्वी तेगुलू साहित्यकार शबूरी भारद्वाज (आंध्र प्रदेश), प्रख्यात संगीतज्ञ मन्नाडे, छत्तीसगढ़ माओवादी हमले में शहीद  श्री विद्याचरण शुक्ल, श्री महेन्द्र कर्मा, श्री नंदकुमार पटेल, पूणे निवासी श्री नरेन्द्र दाबोलकर, उत्तरप्रदेश के सांसद श्री मोहन देवड़िया, हिन्दी सिने जगत के विख्यात कलाकार ‘‘प्राण’’ (मुंबई), क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख डाॅ. अमरसिंह जी, डाॅ. कृष्ण कुमार बवेजा, पश्चिम महाराष्ट्र के प्रांत संघचालक श्री कचेश्वर सहाणे, राष्ट्रीय सिख संगत के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री मनोहरलाल जी, केरल के प्रख्यात संगीतज्ञ दक्षिणामूर्ती, के.राघवन मास्टर, आर्युवेदाचार्य वैद्यमठ नारायण नंबूदरी और उत्तराखंड महाप्रलय में दिवंगत समस्त आत्माओं को श्रृद्धांजली अर्पित की गई।

पश्चात्, क्षेत्रीय स्तर पर कार्य अवलोकन की समीक्षा और चर्चा सत्र संपन्न हुई जिसमेें पूरे देश में नित्य शाखाओं में पिछले वर्ष की तुलना में 1000 से अधिक शाखाओं के विस्तार एवं महाविद्यालय विद्यार्थियों का संघ शाखाओं की तरफ बढ़ते हुए आकर्षण की जानकारी संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश जी जोशी (भैया जी) द्वारा प्रस्तुत की गई। बैठक में केरल सहित पूरे देशभर में सक्रिय इस्लामिक आतंकवाद एवं उसके दुष्प्रभावों पर भी चर्चा हुई जो कि प्रस्ताव के मुख्य बिन्दु में शामिल है।

RSS Sarsanghachalak Dr.Mohan Bhagawat & Sarkaryavah Suresh Bhaiya Joshi jointly inaugurated the 3 day top RSS national annual meet

RSS Sarsanghachalak Dr.Mohan Bhagawat & Sarkaryavah Suresh Bhaiya Joshi jointly inaugurated the 3 day top RSS national annual meet; one of the highest body for policy formulation and decision making, at Bhaskareeyam, near RSS State headquarters this morning. RSS apex body paid tributes to several national leaders, great personalities who expired since March-2013

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अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक उद्घाटन समारोह का विडियो

अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक उद्घाटन समारोह का विडियो के लिए यहाँ क्लिक करें
स्त्रोत; http://vskkerala.com/live-telecast/

अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉक्टर मनमोहन जी वैध की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल प्रारंभ होने से पहले हुई प्रेस वार्ता का विडियो

RSS Akhil Bharatiya Karyakarini Mandal Baitak: Akhila Bharatiya Prachar Pramukh Dr Manmohan Vaidya briefs press



RSS Akhil Bharatiya Karyakarini Mandal Baitak: Akhila Bharatiya Prachar Pramukh Dr Manmohan Vaidya briefs press

Kochi, Oct 24 (VSK) : The three-day Akhil Bharatiya Karyakari Mandal which is to begin here tomorrow will be discussing three major issues – Border security, Environment friendly development and Increase of radicalization among the Muslim community in the country. This was announced by RSS Akhil Bharatiya Prachar Pramukh Dr Manmohan Vaidya here today.
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Briefing newspersons on the eve of the Karyakari Mandal, he said that the importance of improving the infrastructure for border security, the need of better living amenities of the people in the border areas as well as country’s foreign policy would be discussed in detail.
Pointing out that development should not be at the cost of environment, he said that issues related to Western Ghats are certainly a matter of concern and it is appropriate that the same is being currently discussed in the country. He added that only those development projects which are environment friendly should be implemented. Dr. Vaidya said that the increase in radical elements among the Muslims, especially in South India, would be a serious matter for discussion, and the three day meet would bring out resolutions on all these above issues.
Stating that the Karyakari Mandal is taking place for the first time in Kerala, he said , that the meet would take stock of organizational matters and major programs including those connected with the 150th birth anniversary celebration of Swami Vivekananda. The meeting would also evaluate the observation of Sankalp Divas, demanding the construction of a Ram temple in Ayodhya, in which about 11.5 lakh people, including two lakh women, took part at 20, 000 places across the country.
The three-day Akhil Bharatiya Karyakari Mandal would be inaugurated by Parampoojaneeya Sarsanghachalak Shri Mohanji Bhagawat and presided over by Ma Sarkaryavah Shri Suresh (Bhaiyaji) Joshi.
To a question on the demand for a Ram temple in Ayodhya, he said “it is the demand of the Hindu society, and the RSS would support Sadhus and Sants who are at the forefront of the Ram temple movement”. Dr. Vaidya said that government should enact a law to construct the temple in Ayodhya.
On BJP President Rajnath Singh’s visit , he asserted that the President came here as a party worker to share matters related to national interest, and there was no discussion on political matters.
Answering a question related to Dr Mohan Bhagawat’s call on 100 per cent enrolment of voters, he said the meeting would discuss the necessity of the enrolment of youths in the voters list and 100 per cent voting in the coming elections.
Dr Manmohan Ji was accompanied by Akhil Bharatiya Saha Prachar Pramukh J Nandakumar and Kerala Prant Karyavah K Gopalankutty Master, during the media briefing.

शनिवार, 19 अक्तूबर 2013

शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2013

अपनी क्षमता के आधार पर समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करें : श्रीदेवी गोयल

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नागपुर, अक्तूबर 7 : महिलाओं में अपार शक्ति होती है। आवश्यकता इस बात की है कि उन्हें इस शक्ति की अनुभूति हो सके और उस अनुभूति के आधार पर वे समाज में प्रतिष्ठा एवं सम्मान प्राप्त कर सके।
इस आशय को स्पष्ट करते हुए पूर्व पुलिस महासंचालक होमगार्ड एवं नागरी सुरक्षा (महाराष्ट्र) सुश्री श्रीदेवी गोयल ने कहा कि महिलाओं द्वारा अपनी क्षमताओं को बढ़ाना वर्तमान में अतिआवश्यक है। वे राष्ट्र सेविका समिति के विजयादशमी एवं स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित कर रही थीं।
undefinedकार्यक्रम में शामिल सभी सेविकाओं को संबोधित करते हुए सुश्री गोयल ने कहा कि अपनी क्षमताओं को पहचानो, अपने अन्दर की शक्ति को जानो और समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ एकजुट होकर उसका सामना करो। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति, परंपरा, एवं जीवन मूल्यों का अनुसरण करो तभी जीवन का यथार्थ समझने में सहजता होगी और महिला को समाज में उचित सम्मान भी मिल सकेगा।
राष्ट्र सेविका समिति के इस कार्यक्रम में समिति की प्रमुख कार्यवाहिका सुश्री अन्नदानम सीताक्का, विदर्भ प्रान्त की कार्यवाहिका सुश्री सुलभा गौड़, नागपुर महानगर कार्यवाहिका सुश्री करुणा साठे, व्यासपीठ पर विराजमान थीं। पूर्व प्रमुख संचालिकाद्वय वन्दनीय उषाताई चाटी व प्रमिलाताई मेढे की विशेष उपस्थिति रही।
शस्त्र पूजन के साथ कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। पारंपरिक शस्त्रों के साथ आधुनिक अग्नि प्रक्षेपास्त्र तथा दूरसंचार उपग्रहों के मॉडल की भी पूजा की गई। तत्पश्चात सेविकाओं द्वारा शारीरिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसके अंतर्गत पिरामिड, योगासन व सूर्यनमस्कार, दंडयोग, सामूहिक गीत आदि का समावेश था।
undefinedअपने सरल किन्तु हृदय को स्पर्श करनेवाले शब्दों में सुश्री गोयल ने सहभागी सेविकाओं को बताया कि भारत में युगों से यह मान्यता रही है, जहां महिलाओं का आदर होता है वहां देवता वास करते हैं। वर्त्तमान युग में महिलाओं को ऐसा सम्मान का स्थान यदि प्राप्त करना है तो उन्हें शक्ति की उपासना कर अपनी क्षमताओं का विकास करना होगा। जीवन में सभी कठिनाइयों पर दृढ़ रहते हुए उनका सामना करना होगा और परिवार की रीढ़ होने के नाते नारी द्वारा अपने परिवार को भी एकसाथ रखना होगा।
भारत में महिलाओं को ‘शक्तिस्वरूपा’ माना गया है, इस बात की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि  आधुनिक काल में भी महिलाओं ने अपनी इस शक्ति का परिचय दिया है। कुछ वर्ष पूर्व नागपुर के न्यायालय परिसर में महिलाओं के उग्र भीड़ ने अक्कू यादव नामक एक बदमाश को ख़त्म कर दिया था। इसका स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि एक पुलिस अधिकारी के नाते उसका समर्थन करना उनके लिए ठीक नहीं है, फिर भी एक महिला के नाते जो हुआ वह अच्छा हुआ ऐसा उनका मानना है।
undefinedफेसबुक जैसे सोशल मीडिया के लिए जो पागलपन का दौर आज युवा पीढ़ी में दिखाई देता है उसपर कठोर प्रहार करते हुए सुश्री गोयल ने युवा महिलाओं और युवतियों को नसीहत दे दी कि वे अपना फोटो, एवं व्यक्तिगत जानकारी फेसबुक पर न डालें। ऐसी जानकारी का गलत इस्तेमाल होता है और बाद में संकटों का सामना करना पड़ता है। इससे अपनी पढाई और अपने ध्येय प्राप्ति के मार्ग पर अपना ध्यान केन्द्रित करना अधिक योग्य है।
प्रमुख कार्यवाहिका सुश्री सीताक्काजी ने अपने उदबोधन में कहा कि महिलाएं शक्ति का भंडार है। ‘शक्ति नित्यत्व नियम’ यह शक्ति के संरक्षण का ही नियम है। ब्रह्माण्ड की सभी शक्ति एक ही है पर उसके अविष्कार भिन्न-भिन्न रूपों में दिखाई देते हैं। महिलाएं उसी शक्ति का एक स्वरूप है और ऐसी शक्तिस्वरूपिणी महिलाओं का संगठन समाज में व्याप्त सभी बुराइयों को मूल से विनाश कर सकता है।
पौराणिक काल के ‘रक्तबीज’ दैत्य की कहानी का सन्दर्भ देते हुए न्होंने कहा कि माँ दुर्गा को भी उस दैत्य को मरने हेतु चंडिका का रूप धारण करना पड़ा था और उसके शरीर से रक्त की एक बूँद भी जमीन पर नहीं गिरने दिया, और माता ने उसका संहार किया था। undefined

आज उस रक्तबीज के अनेक रूप दिखाई देते हैं, जैसे- चीन द्वारा हमारी भूमि पर आक्रमण, पाकिस्तान का हमारे विरुद्ध दहशतगर्दी को बढ़ावा देना,  भ्रष्टाचार, महंगाई, रूपये का अवमूल्यन, महिलाओं का उत्पीड़न, लव जिहाद के जरिए हिन्दू युवतियों को इस्लाम के चंगुल में फंसाना और उनका गलत तरीके से इस्तेमाल करना, ये सभी उसी रक्तबीज दैत्य के अनेक रूप हैं जो आज हमें सता रहे। इनका विनाश करने हेतु इस शक्तिस्वरूपिणी महिला को संगठित होना होगा और चंडिका की तरह इस आधुनिक रक्तबीज का विनाश करना होगा। इसके लिए महिलाओं द्वारा अपनी अध्यात्मिक शक्ति को भी विकसित करने की आवश्यकता है और नए पीढ़ी में अपने संस्कारों को संप्रेषित करने का दायित्व भी उसे पूरा करना होगा।
undefinedसुश्री मेधा नांदेडकर ने कार्यक्रम का संचालन किया और सुश्री करुणा साठे ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में महिला कला निकेतन की अनुराधा मुंडले, समिति की अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षण प्रमुख मनीषा संत, देवी अहिल्या मंदिर की सुमन सरनाईक, शक्तिपीठ की डॉ. गरिमा सप्रे, संस्कार भारती की डॉ. मन्दाकिनी गुप्ता, अधिवक्ता मीरा खड्ड्कार तथा मुकुल कानिटकर के साथ ही अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।  
  
साभार : http://hn.newsbharati.com/

गुरुवार, 3 अक्तूबर 2013

खबरे समाचार पत्रों से

साभार: दैनिक भास्कर, बांसवाडा



साभार: राजस्थान पत्रिका, बांसवाडा

देश में हिन्दुत्व को प्रतिषिठत करने वाली पार्टी का समर्थन करें।- भागवत

हिन्दुत्व के सर्वव्यापी होने से ही होगा विश्व का कल्याण।


 देश में हिन्दुत्व को प्रतिषिठत करने वाली पार्टी का समर्थन करें- भागवत


 उदयपुर 2 अक्टूबर 213। हम हिन्दू है। हिन्दुओं का देश है। हिन्दुओं की प्रतिष्ठा करने वाले दल का समर्थन करना चाहिए। जो अयोध्या में राममंदिर बनाऐगा। जो धर्मान्तरण रोकेगा। जो गौ हत्या रोकेगा। जो घुसपैठ रोकगा। जो जबरन सीमापार करेगा उसको रोकेगा। वही देश पर राज करेगा। वर्तमान में दो राजनीतिक पार्टियों का संघर्ष जारी है। एक धर्म का साथ लिए हुए है। दूसरा अधर्म का। हमें सत्य का साथ देना चाहिए। सत्य और प्रेम भगवान का स्वरूप है। जन-जन में जनार्दन को देखो। जो धर्म पर चल रहे है उन्हें स्थापित करना चाहिए। उक्त विचार मानगढ़ धाम बलिदान शताब्दी समिति, बांसवाड़ा द्वारा बेणेश्वर धाम में विराट हिन्दू धर्म सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने व्यक्त किए।
    उन्होंने कहा कि नया भारत सामान्य जनता से उठेगा। फार्इव स्टार होटल संंस्कृति से देश में परिवर्तन नहीं होगा। झोंपडि़यों में रहने वाले गाँववासियों के माध्यम से देश में परिवर्तन होगा। वर्तमान में हमारी लड़ार्इ घर से लेकर दिल्ली तक है। लड़ने वाले को जोश के साथ होश में रहना चाहिए। सब रास्ते एक र्इश्वर की ओर जाते है। मैं जिस पूजा पद्धति में हूँ उसी मैं रहूंगा। अपने धर्म को नहीं छोड़ेंगे। स्वधर्म का पालन करेंगे। हमें झांसों में नहीं आना है। आज विज्ञापन के माध्यम से विदेशी सामग्री बेचने के  साथ वोट बेचने का धंधा भी चल पड़ा है। इनको ध्यान में रखते हुए हमें सत्य के लिए 100 प्रतिशत मतदान करना है। भागवतजी ने अपने उदबोधन में मावजी महाराज एवं गोविन्द गुरू के उद्धेश्यों को अपनाने का आग्रह किया। हम सभी सत्य और धर्म के मार्ग सदा चलते रहे।
    आज के कार्यक्रम में उत्तम स्वामी जी महाराज व बेणेश्वर धाम के पीठाधीश पूज्य अच्युतानन्द जी महाराज ने भी विराट हिन्दू धर्म सभा को सम्बोधित किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ गौ पूजन व गोविन्द गुरू के चित्र पर माल्यार्पण दीपप्रज्ज्वलन के साथ प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत खिलडि़यों का सम्मान किया गया।
    कार्यक्रम का संचालन भुवनमुकन्द पण्डया ने किया। वर्षभर चले कार्यक्रमों का प्रतिवेदन प्रांत धर्म जागरण समन्वय विभाग के प्रमुख मनफूल सिंह ने प्रस्तुत किया। इस धर्म सभा में गांव-गांव व ढाणियों से डेढ लाख से अधिक वनवासी बंधुओं ने पूर्ण उत्साह से भाग लिया। वे पारम्परिेक ढोल नगाड़ों के साथ नृत्य करते हुए सभा स्थल पर पहुंचे। सभा स्थल मार्ग में भूरेठिया नी मानू से नी मानू से नामक भजन गाते हुए आए। भूरेटिया नी मानू भजन की मंच से प्रस्तुति दी गयी। देश की स्वतंत्रता के समय अंग्रेजों के विरूद्ध गाया गया गीत आज भी वनवासियों के मध्य अत्यन्त लोकप्रिय है। मोहन जी भागवत को स्थानीय स्तर पर निर्मित धनुश बाण, गोफण भी भेंट की गयी।

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित