सोमवार, 26 नवंबर 2012

सरहद को प्रणाम बाड़मेर से .....

साभार: दैनिक भास्कर, बाड़मेर 


यदि व्यक्ति के मन में मातृभूमि को माँ समझने की भावना है तो सबकी उन्नति में अपनी उन्नति की भावना रहेगी - परमपूज्य सरसंघचालक मोहन मधुकरराव भागवत जी

यदि व्यक्ति के मन में मातृभूमि को माँ समझने की भावना है तो सबकी उन्नति में अपनी उन्नति की भावना रहेगी
अपने को हिन्दू कहने वाले एकता के साथ खड़े हों, तभी देश का भाग्य बदलेगा। 


कानपुर।    परमपूज्य सरसंघचालक माननीय मोहन मधुकरराव भागवत जी ने स्थानीय ब्रजेन्द्र स्वरूप पार्क में उद्बोधन देते हुए कहा कि 87 वर्ष की संघ की साधना के बाद संघ से शेष समाज बहुत अधिक अपेक्षायें करता है और यह ठीक भी है। क्योंकि संघ ने पवित्र हिन्दू धर्म का संरक्षण कर सम्पूर्ण राष्ट्र की उन्नति का संकल्प लिया है। उसके कार्यकर्ता अपने राष्ट्र को परमवैभव प्राप्त कराने का संकल्प करते हैं। किन्तु सम्पूर्ण राष्ट्र को उन्नति करने के लिए सारे कार्य संघ नहीं करेगा इसमें सबको सहभागी बनना होगा। चुनावी नेताओं की तरह संघ यह नहीं कहता कि आप मुझे बोट दो फिर 5 वर्ष तक देश के विकास का ठेका मैं लेता हूँ। संघ कहता है कि सबका उद्घार सब मिलकर करेंगे। यदि व्यक्ति के मन में मातृभूमि को माँ समझने की भावना है तो सबकी उन्नति में अपनी उन्नति की भावना रहेगी। देश और मैं एकमय होने चाहिए, यदि देश कष्ट में है तो मुझे भी कष्ट होना चाहिए। बाहर के संकटों को देखनेवाली दृष्टि को अंतर्मुखी करके देखना  पड़ेगा। 1947 के पहले हम सारा दोष अंग्रेजों पर मढ़ते थे। पर अब ऐसा नहीं कह सकते, अब उपाय भी करने होंगे। प्रजातंत्र में प्रजा ने सरकार बनाई है अतः प्रजा भी दोषी है। हमें अपने आपको देश के लायक बनाना होगा। पूरी दुनिया में जो अग्रणी देश हैं उनके बनने में कम से कम 100 वर्ष लगे हैं। हमने तो 1000 वर्ष की गुलामी पार की है, सीमान्त संधर्ष सहा है। हमारी शिक्षा में गुलामी की मानसिकता है जिसके कारण हमारी रुचि नौकरी करने में है। स्वयं का प्रतिष्ठान बनाने या दूसरों को नौकरी देने में नहीं। हमें पूरे समाज की मानसिकता बदलनी होगी।
    आत्म विस्मृति के कारण समाज में रूढ़ियाँ भी आ गयीं हैं, उन्हें हटाना होगा। जब हम अपने मन में समझेंगे कि देश के भविष्य का दायित्व हमारा है तभी देश बदलेगा। हमारे देश के लिए प्रामाणिकता से काम करने वालों का, सर्वस्व लुटाकर राष्ट्र सेवा करने वालों का निष्कर्ष एक समान है। हम सार्द्धशती पर विवेकानन्द को स्मरण करते हुए उनका उदाहरण ले सकते हैं। उन्होंने अपने 3 मिनट के भाषण में पहले 3 शब्दों से सबको अपना बनाया था अ0ौर फिर भारत का आध्यात्म सुनाया था, जिससे विश्व की भारत के प्रति दृष्टि बदली थी। उन्होंने भी कहा था कि शक्ति सम्पन्न होना बहुत जरूरी है। जनार्दन को जन में देखना चाहिए, उनकी सेवा करनी चाहिए। शिक्षा ऐसी हो जो आत्मगौरव शिखाये। 
    शेर के लिए भी यह जानना जरूरी होता है कि वह शेर है अन्यथा वह बकरियों के साथ रहते-रहते अपने आपको बकरी समझने लगता है। समाज जब अपने संगठित, एकत्रित स्वरूप को देखता है तब उसे अपनी शक्ति का ज्ञान होता है। इसी लिए संघ समय-समय पर स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण करता रहता है।
    सभी लोगों को घर के बाहर आकर एक घन्टा एकत्रित होकर यह जानना आवश्यक है कि वह अकेला नहीं है। स्वगौरव पर देश की प्रतिष्ठा करना, विविधताओं के बाद भी संगठित होने का कार्य सिखाना संघ का कार्य है। संख्या का बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ता, साधना की गुणवत्ता बहुत जरूरी है। जिस प्रकार बहुतेरे तारे मिलकर अंधेरा नहीं दूर कर पाते, जब कि अकेला सूर्य काफी है। अपने को हिन्दू कहने वाले एकता के साथ खड़े हों, तभी देश का भाग्य बदलेगा।
    इस देश में रहने वाले सभी हिन्दू हैं, कुछ अपने को भूल गये हैं, कुछ जानते हुए भी इस बात को नकारते हैं, उन्हें भी अपने आप को जागृत करना होगा। संघ के अच्छे दिन आ चुके हैं। समाज का बहुत बड़ा वर्ग संघ का शुभचिंतक है। किन्तु इस देश के भी अच्छे दिन आयें इस लिए संघ कार्य करेगा। समाज के सभी व्यक्तियों को मैं संघ की शाखा पर आने का आमंत्रण देता हूँ। वे अपना प्रतिदिन 1 घण्टा संघ को दें और वहाँ से प्राप्त अनुशासन, गुणवत्ता, कार्यदक्षता व देशभक्ति का उपयोग अपने शेष 23 घण्टों के जीवन में करें और समाज के सामने स्वयंसेवक का उदाहरण प्रस्तुत करें। अपने समय से एक तिहाई (1/3) समय समाज की सेवा में लगायें।
    कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज सेवी श्री पदम कुमार जैन ने की, कार्यक्रम में मुख्यतः क्षेत्रसंघचालक मा0 ईश्वरचन्द्र गुप्त, प्रान्त संघचालक वीरेन्द्रपराक्रमादित्य, विभाग संघचालक मा0 अर्जुनदासजी, प्रान्त प्रचारक आनन्दजी, भवानीभीख,  वासुदेव वासवानी, श्यामजी शुक्ल, शिवभूषण सिंह ‘सलिल’ पीयूष शुक्ल आदि के सहित भारी संख्या नागरिक एवं माता-बहनें एवं पूर्ण शाखावेशयुक्त स्वयंसेवक उपस्थित थे।
साभार: विश्व संवाद केंद्र, कानपूर 

रविवार, 25 नवंबर 2012

विद्याभारती राष्ट्रीय खेलकूद रजत जयंती उद्घाटन समारोह

नई दिल्ली, नवम्बर २४: दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में अखिल भारतीय़ शिक्षा संस्थान (विद्या भारती) द्वारा राष्ट्रीय स्तरीय खेलकूद रजत जयंती समारोह का उद्वाटन किया गया।
कार्यक्रम को भारतीय संस्कृति के अनुसार अतिथियों का स्वागत चंदन का टीका लगाकर, दीप प्रज्वलन व सरस्वती वन्दना से की गई। जिसके बाद खिलाड़ियों का अभिवादन स्वीकार करते हुए लालकृष्ण आडवाणी ने महाशय चुन्नी लाल मुख्य अतिथि का स्वागत किया। मुख्य अतिथि लालकृष्ण आडवानी ने कहा कि शिक्षा प्राप्ति के साथ साथ छात्र शारीरिक रूप से बलिष्ट हां, देश को उन्नत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ। उन्होने छात्रों से संकल्प करवाया कि २१वीं शताब्दी भारत की होगी।
कार्यक्रम के दौरान विद्या भारती ने वर्ष १९८८ से लेकर २०१२ तक की खेल यात्रा निकाली गई। गत वर्ष के बैस्ट एथलीटों द्वारा खेल ज्योति प्रज्वलित की गई। गत वर्ष के औलमपिंक २०१२ में कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने मेजबान टीमों को खेल भावना की शपथ दिलाई। समारोह में  छह हजार छात्र छात्राओं द्वारा सूर्य नमस्कार आसन व्यायाम योग का प्रशंसनीय प्रदर्शन किया।
महापौर मीरा अग्रवाल, श्रीराम आरावकर (राष्ट्रीय मंत्री, विद्या भारती), योगेश्वर दत्त (काँस्य पदक विजेता, औलम्पिक्स २०१२), डॉ अमित गुप्ता, मोती लाल गुप्ता, जे.सी खन्ना, आदि अतिथि गणों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
source: http://hn.newsbharati.com

बॉर्डर की रैकी करने तो नहीं आ रहे हैं संदिग्ध लोग!

साभार: दैनिक भास्कर, बाड़मेर 

शनिवार, 24 नवंबर 2012

हमारे देश की संस्कृति हैं, दोनो हाथों से कमाओं और हजारों हाथों से बांटो -सरसंघचालक परमपूज्यनीय मोहन भागवत जी


कानपुर। संघ की 87 वर्ष की आयु में जो कार्य बढ़ रहा है। उसका कारण संघ का लगातार सत्य पर चलना। संघ का कार्य राष्ट्र के लिये सर्वांगींण विकास के लिये चलता चला आ रहा है। हम सरकार पर निर्भर नहीं हैं, हमें राष्ट्रभक्त समाज का समर्थन प्राप्त है। राजनीति मत से चलती है संघ नहीं। भारत के चारों ओर जो देश हैं, जिसमें चीन, पाकिस्तान लंका, वर्मा, अफगानिस्तान, पाकिस्तान को छोड़कर बाकी सब देश हमारी ओर देख रहे हैं। पाकिस्तान हमारा हमेशा विरोधी देश रहा है। अपने देश में चारों ओर विकराल परिस्थितियाँ दिखती हैं पर उससे ज्यादा देश के अन्दर अच्छाइयाँ हैं। हमारे देश की संस्कृति हैं, दोनो हाथों से कमाओं और हजारों हाथों से बांटो। आज आजादी को 65 वर्ष हो गये परे देश की स्थिति वैसी ही बनी हुई है। उसका दोषी कौन है ? जब तक सज्जन शक्ति का एकत्रिकरण नहीं होगा। तब तक अनुकूल परिवर्तन आने वाला नहीं है। देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के दोषी हम और आप और हमारी शिक्षा है। बच्चों को महापुरुषों के जीवन से परिचय कराना, बच्चों के साथ समय देना, बच्चों को संस्कारित करने का काम हमने छोड़ दिया है जिसका परिणाम समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार है।
    संघ का स्वयंसेवक अपनी रुचि के अनुसार किसी भी क्षेत्र में कार्य करने के लिए स्वतंत्र है। वह किसी भी राजनीतिक संगठन के लिए कार्य कर सकता है। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक परमपूज्यनीय मोहन भागवत जी ने रागेन्द्रस्वरूप आडीटोरियम, सिविल लाइन्स, कानपुर में आयोजित ‘प्रबुद्धजन गोष्ठी’ में नगरवासियों का उत्तर देते हुए रखे। उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे संगठन हैं जिनमें संघ के स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं। जिन संगठनों में स्वयंसेवक प्रभावशाली होते हैं, उनमें संघ के विचारों का प्रतिबिम्ब दिखता है। स्वयंसेवक अपनी इच्छानुसार इन संगठनों का चुनाव करते हैं। स्वयंसेवक होने के नाते वे समय-समय पर हमसे मार्गदर्शन एवं सहायता लेते रहते हैं। किन्तु इन संगठनों की प्रथक कार्यप्रणाली होती है। संघ का उसमें कोई भी हस्तक्षेप नहीं होता है। इसी प्रकार राजनीति में स्वयंसेवक किसी भी दल को चुनने के लिये स्वतंत्र होते हैं। स्वभाववश वे ऐसे दल में जाते हैं, जहाँ राष्ट्रभक्ति की प्राथमिकता हो। स्वयंसेवक भाजपा सहित शिव सेना आदि विभिन्न राजनीतिक दलों में कार्य कर रहे हैं। वर्तमान प्रधानमंत्री जब वित्तमंत्री थे। तो संघ के कुछ स्वयंसेवक राष्ट्रजागरण के अन्तर्गत उनको संघ का साहित्य देने केे लिये गये। मनमोहन सिंह ने कहा कि संघ वाले हमेशा भाजपा का समर्थन करते हैं, उन्होंने कभी हमारा समर्थन नहीं किया। इस पर स्वयंसेवकों ने कहा कि आपने कभी हमसे समर्थन मांगा ही नहीं तो हम कैसे देते? मनमोहन सिंह ने इस सत्य को स्वीकार किया।
    अयोध्या में राममन्दिर पर पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुये सरसंघचालक जी ने कहा कि राम मन्दिर पर कोई भी निर्णय संतों की उच्चाधिकार समिति करती है। अयोध्या में राम मन्दिर बनाने के लिये संसद में इस पर कानून बनना आवश्यक है। इसके लिये जनजागरण करना होगा। सम्भवतः प्रयाग के महाकुम्भ में इस पर कुछ निर्णय हो सकता है। संत समाज इस पर जो भी निर्णय लेगा। संघ पूरी ताकत से इसमें सहयोग करेगा। 

    इसी प्रकार असम से जुड़े प्रश्न का उत्तर देते हुये भागवत जी ने कहा कि असम में दो प्रकार के घुसपैठिये हैं; एक जो किसी समस्या के कारण भारत में आये हैं, दूसरे बिना किसी विशेष कारण भारत में आकर बस गये हैं। इन घुसपैठियों को राजनीतिक दल वोटों के लालच में समर्थन कर रहे हैं जिसके कारण समस्या और विकराल होती जा रही है। न्यायालय ने इस समस्या का समाधान बताते हुये कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहले ढूंढे़, चिन्हित  करें, उसके उपरान्त उन्हें बांगलादेश भेज दें। जब तक यह नहीं हो जाता है। उनके लिये अलग शरणार्थी शिविर बनाये जायें और  उनका खर्चा बांगलादेश सरकार से लिया जाये। 

    देश का युवा संघ की ओर आकर्षित हो रहा है। वह अनेक प्रकल्पों के माध्यमों से हमारी विचार धारा से जुड़ रहा है। युवाओं को जहाँ अच्छा दिखता है वहाँ वो पहुँच जाता है। देश के कई महानगरों में रात्रि शाखाओं में युवा बड़ी संख्याओं में आ रहे हैं। विद्यार्थी शाखायें बढ़ रही हैं। उनके आद्यतन विकास के लिए आईटी (तकनीकी) प्रशिक्षण तक की व्यवस्था संघ कर रहा है।

    माननीय क्षेत्रसंघचालक ईश्वरचन्द्र जी प्रान्त संघचालक वीरेन्द्र जी कार्यक्रम के अध्यक्ष के0 बी0 अग्रवाल मंच पर उपस्थिति थे। मंचासीनों का परिचय कुंज बिहारी जी ने दिया। इस कार्यक्रम का मुख्य रूप से आनन्द जी प्रान्त प्रचारक, प्रान्त कार्यवाह ज्ञानेन्द्र जी सचान, विमल जी, मुकेश जी खाण्डेकर, अरविन्द जी, भवानी जी आदि उपस्थिति रहे। कार्यक्रम में विभाग संघचालक माननीय अर्जुनदास जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया कार्यक्रम का समापन वन्देमातरम के साथ हुआ।       
साभार: विश्व संवाद केंद्र, कानपूर 

सरहद को प्रणाम!!!

साभार: दैनिक भास्कर, जैसलमेर 
साभार: राजस्थान पत्रिका, जोधपुर 
साभार: दैनिक भास्कर, जोधपुर 

शुक्रवार, 23 नवंबर 2012

सरहद को प्रणाम दस हजार युवाओं ने लि सीमा को अखंड बनाये रखने की शपथ


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"सरहद को प्रणाम - 2012" राष्ट्र जागरण का एक अनुठा कार्यक्रम

बीकानेर
बीकानेर
बीकानेर


जैसलमेर -  उत्साहित राष्ट्रभक्त युवाओ की टोली

मानव श्रंखला
मानव श्रंखला
जैसलमेर सीमा पर  तिरंगे के संग युवाओ की टोली

मानव श्रंखला
युवाओ की टोली  ग्रामवासियों तथा सेना के जवानों के साथ 
जवानो को रक्षा सूत्र बंधते हुए 
जोधपुर 23 नवम्बर 2012.   "सरहद को प्रणाम - 2012" राष्ट्र जागरण का एक अनुठा कार्यक्रम। इस अनूठे कार्यक्रम के द्वारा भारत की सम्पूर्ण जमीनी सरहद जो की 15106.7 किलो मीटर है , पर देश के प्रत्येक जिले से नवयुवको की टोलिया 19 से 23 नवम्बर 2012 तक सीमाओ पर जाकर सैनिकों , प्रशाशन एवं आम जन से संवाद सम्पन्न किया।

यह कार्यक्रम फोरम फॉर इंटिग्रेटेड नेशनल सिक्योरिटी (FINS) द्वारा आयोजित किया जा रहा है , राजस्थान में सीमाजन कल्याण समिति ने इस कार्यक्रम को सम्पन्न किया है।
जोधपुर में हुई प्रेस वार्ता को फिन्स राजस्थान चेप्टर के अध्यक्ष जे पी मिश्रा  सेवानिव्रत आई पी एस अधिकारी तथा उपाध्यक्ष ब्रिगेडीअर वी डी  निर्वाण ने संबोधित किया। फिन्स के सदस्य गजेन्द्र सिंह शेखावत ने फिन्स के बारे में विस्तृत रूप से बताया।
सीमा की जानकारी लेते युवाओ की टोली 
 10000 से अधिक की संख्या में देश के नानाविध भाषाभाषी व् जाती, पंथ व् डालो के युवको ने इस अनूठे कार्यक्रम में हिस्सा लिया। देश के 800 से अधिक जिलो के युवको ने 469 के लगभग सीमा चोकियों पर जाकर संवाद करने एवं प्रत्यक्ष सीमा देखने का अति उत्साहपूर्ण कार्यक्रम सम्पन्न किया और वे अब अपने घरो को लौट रहे है एक न भूलने वाला अनुभव लेकर।

सरहद की और .......
इन सीमा चौकी से पूर्व सभी देशभक्त युवा 88 के लगभग निर्मित आधार शिविरों पर 19 नवम्बर को एकत्रित हुए थे। इसी क्रम में राजस्थान के चार सीमान्त जिलो पर यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।



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lEidZ dqy xkao 430 में हुआ तथा कुल  QksYMj 15000 का वितरण किया गया तथा  jkf[k;ka cka/kh 8000 गई .
 

बीकानेर जिले के गंगाशहर  में आधार शिविर में कुल 13 राज्यों के 32 जिलो से 225 युवाओ ने 14 तोलिया बनाकर भाग लिया। प्रत्येक टोली में 10 से 13 राज्यों का प्रतिनिधितव रहा। सभी टोलिया  आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त कर 8 खाजूवाला  क्षेत्र, 6 बज्जू क्षेत्र से 20 नवम्बर को पैदल यात्रा प्रारंभ की। 22 नवम्बर सायंकाल 4 बजे तक सभी टोलियों ने 15 से 25 किलोमीटर की पैदल यात्रा द्वारा जनसंपर्क किया। दोपहर 11 बजे सभी टोलियों ने अपने अपने सीमान्त क्षेत्र में मानव श्रंखला निर्मित की। इस यात्रा के द्वारा सभी युवको ने जन संपर्क किया उन्हें एक सन्देश वितरित किया तथा संकल्प सूत्र बांधकर ग्रामवासियों के साथ देश रक्षा का संकल्प लिया . सभी धार्मिक, सांस्कृतिक स्थानों पर जाकर संकल्प के साथ यह शपथ ली की देश के सीमायें अब एक इंच भी कम नहीं होने देंगे। सभी टोलियों ने प्रात : राष्ट्र ध्वज तिरंगा को लहराकर राष्ट्र गान के साथ अपनी अपनी यात्रायें प्रारंभ की।

अपनी सीमाओं पर देशवासियों की सीमा के अन्दर, बाहर  और सीमा पर नज़र होना यह सुरक्षा, सम्मान समृधि , अखंडता एवं एकता के लिए अत्यंत मतःव्पूर्ण है। सीमा से प्राप्त जानकारी के अनुसार हम सरकार एवं प्रशासन को सचेत करने व् कदम उठाने हेत सावधान करते है की सर्कार अपने दायित्वों को पूर्ण करे जिससे अब एक जन भारतीय मरे नहीं और न ही एक इंच भारत कटे व् घटे।

1. चारो तरफ बढ़ रही विदेशी घुसपेठ, आतंकी, नक्सल एवं हथियारों के आवागमन पर रोक लगे।
2. जमीन पर तैयारी  हेतु सीमान्त के गाँव जांव में सर्कार की और से प्रशासन के साथ सजीव संपर्क में रहते हुए ग्राम सुरक्षा समितियों का गठन किया जाये। जिन्हें सुरक्षा हेतु प्रशिक्षित कर तैयार रखा जाये।
3. सैनिक, अर्ध सैनिक बल व् कानून व्यवस्था से जुड़े लोगो को खतरे से निपटने हेतु आधुनिक एवं प्रभावी प्रशिक्षण हो।
4. संसद के दोनों सत्रों में पारित व् एक मत दोनों प्रस्ताव क्रमश: 14 नवम्बर 1962 एवं 22 फरवरी 1994 के संसदीय संकल्प को याद  रख सरकार  चीन तथा पाकिस्तान आदि के कब्जे में एक एक इंच भारतीय भू-भाग को खाली करवाने की योजना का प्रारूप बनाकर उसपर कार्यवाही करे।
5. राष्ट्रिय सुरक्षा नीति का अभाव देश की सुरक्षा, स्वंतंत्रता एवं अखंडता के लिए भारी खतरा है।
6. हमारी सीमाए व सीमाजन के हौसले बुलंद करने हेतु आवश्यक है की सीमाओं से पलायन व् उदासी दूर हो।  इसके लिए विकसित (यातायात, जल, प्रकाश, शिक्षा, कृषि व् रोजगार), जागरूक (पर्याप्त सैनिक , अर्ध सैनिक बल एवं जनता की ग्राम सुरक्षा समितियां ), स्वस्थ्य (उपचार हेतु अस्पताल ), एकजुट (जाति , पंथ, भाषा व् दल से ऊपर उठा हुआ) सीमा एवं सीमावासी हो . इसके लिए केन्द्रियाकेंद्रिया एवं सम्बंधित प्रान्तों में विशेष सीमत आयोग का गठन करना चाहिए। हमारी सीमाए किसी भी हालात में पिछडी , अविकसित व् आपसी झगडे वाली न हो।

7. विदेशी घुसपेठियों , आतंकी, नक्सल , अलगाववादी व् मतान्तरण वादी, सर्वपंथ  समभाव  याने राष्ट्रीयता व् खुशाली के दुश्मन है उन्हें सर्कार पीला नहीं बल्कि दण्डित करे ताकि भयग्रस्त व् कमजोर सत्ता नहीं बल्कि कुशल एवम  मजबूत सत्ता का संकेत इन ताकतों को मिले। इससे हम कूटनीति के मेज पर हरने वाला नहीं बल्कि विजयी याने अपने हितो की रक्षा करने वाले देश के रूप में पहचाने जायेंगे।








बुधवार, 21 नवंबर 2012

निर्दोष लोगो की निर्मम हत्या करने वाले पाकिस्तानी आतंकी आमिर अजमल कसाब को फांसी दिये जाने के भारत सरकार के निर्णय का स्वागत - मनमोहन वैध

निर्दोष लोगो की निर्मम हत्या करने वाले पाकिस्तानी आतंकी आमिर अजमल कसाब को फांसी दिये जाने के भारत सरकार के निर्णय का स्वागत -  मनमोहन वैध 


नई दिल्ली .  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार  प्रमुख मनमोहन वैध ने अपने प्रेस वक्तव्य कर 26/11 के मुंबई हमले में कई निर्दोष लोगो की निर्मम हत्या करने वाले पाकिस्तानी आतंकी आमिर अजमल कसाब को फांसी दिये जाने के भारत सरकार के निर्णय का स्वागत किया  है।

मनमोहन जी विधी ने अपने वक्तव्य में आगे कहा की 2001 को नई  दिल्ली में संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले हमारे जवानों को सच्ची श्रधान्जली तभी होगी जब संसद पर हमला करने वाले आतंकी अफजल गुरु को भी फांसी  देने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को    क्रियान्वित किया जाए .

वैध ने सरकार  से आग्रह किया की इस न्यायपूर्ण  अपेक्षा को पूरा कर आतंकवाद के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की घोषणा को सार्थक करे।

दिल्ली से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय सचिव गोपाल आर्य ने उनके प्रेस वक्तव्य को जरी किया। 

सोमवार, 19 नवंबर 2012

स्व. बालासाहब ठाकरे जी को सरसंघचालक जी की श्रद्धांजलि

शिवसेना प्रमुख आदरणीय श्री. बालासाहब ठाकरे के निधन से एक स्पष्ट वक्तृत्व, कठोर कर्तृत्व, साहसी नेतृत्व ऐसे अनेक गुणविशेष रखनेवाला, जनमानस पर पकड़ रखनेवाला और असंख्य लोगों को अपना व्यक्तिगत आधार लगनेवाला हिन्दुत्वनिष्ठ ज्येष्ठ नेता काल ने हमसे छीन लिया है.
मात्र शिवसेना के लिए ही नहीं अपितु महाराष्ट्र और पूरे देश के सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में एक अपूरणीय क्षति हुई है. विशेषतः इस समय बालासाहब जैसे अनुभवी तथा परिपक्व नेतृत्व की कमी सभी को खलती रहेगी.
परन्तु ईश्वरेच्छा के आगे सभी बेबस है. स्व. बालासाहब ने प्रस्तुत किया हुआ, सत्य का आग्रह न छोड़ते हुए हिम्मत से, स्पष्टता से मन-वचन-कर्म पूर्वक आचरण करने का उदाहरण हम सभी के लिए अनुसरणीय है. ऐसा आचरण ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओरसे उनकी पवित्र स्मृति को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पण करते हुए उनकी प्रखर हिंदुत्व की परंपरा को आगे चलाने की शक्ति और धैर्य सभी सज्जनों को प्राप्त हो ऐसी ईश्वरचरण में प्रार्थना करता हूँ.

रविवार, 18 नवंबर 2012

जोधपुर महानगर का पारिवारिक दीपावली स्नेह मिलन समारोह संपन्न

उधबोधन देते हुए माननीय नन्द लाल जी, क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख तथा माननीय मुरलीधर जी, प्रान्त प्रचारक 

स्नेह मिलन के दृश्य 

जोधपुर . 15 नवम्बर 2012. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जोधपुर महानगर का पारिवारिक दीपावली स्नेह मिलन समारोह डॉ हेडगेवार भवन में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। अनौपचारिक मिलन के पश्चात सामूहिक संपत हुआ। विजेंद्र जी ने सामूहिक गीत करवाया वही  खुशहाल जी ने बांसुरी वादन किया। जादूगर कड़वा  ने अपनी जादुई करामत दिखला कर सभी का मन मोह लिया। संस्कार भारती के राकेश श्रीवास्तव ने भजन प्रस्तुत किया। 
जोधपुर प्रान्त प्रचारक माननीय मुरलीधर जी ने विवेकानंद सार्द शती  समारोह के वर्ष भर चलने वाले आगामी कार्यक्रमों तथा आगामी 6 जनवरी को माननीय सर कार्यवाह जी के कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। मुरलीधर  जी ने अपने उधबोधन में  राष्ट्र एवं हिन्दू संस्कृति धर्म के प्रति अपने कर्तव्य की आवश्यकता प्रतिपादित की। 

 क्षेत्रीय  प्रचारक प्रमुख माननीय नन्दलाल जी ने आशीर्वचन देते हुए अपने उधबोधन  में हिन्दू धर्म संस्कृति की महता का वर्णन करते हुए कहा की आज हिन्दू धर्मं संस्कृति  सिर्फ अपने देश में ही नहीं वरन सात समुन्दर पर भी अपना परचम फहरा रही है . .

कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र तथा अल्पाहार के साथ हुआ। 
स्नेह मिलन कार्यक्रम में क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख माननीय नन्द लाल जी जोशी, क्षेत्रीय धर्म जागरण प्रमुख अरुण कान्त जी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री (विद्या भारती ) शिव कुमार जी, क्षेत्रीय संयोजक प्रज्ञा प्रवाह गंगा विशन जी , सीमा जन कल्याण समिति के प्रांतीय संगठन मंत्री निम्ब सिंह जी, कार्यालय प्रमुख हरी ओम जी , जिला तथा महानगर प्रचारक डा धमेंद्र सिंह उपस्थित थे। 
कार्यक्रम में माननीय ललित जी, प्रान्त संघचालक, सत्यपाल जी हर्ष, विभाग संघचालक, डा शान्तिलाल  जी, सह विभाग संघचालक, माननीय नरपत मल  जी लोढ़ा, महानगर संघचालक उपस्थित थे।

शुक्रवार, 16 नवंबर 2012

पाक विस्थापितों से मिले मुख्यमंत्री,सुना दुखड़ा



मुख्यमंत्री ने पाक विस्थापितों के हाल जाने, मिठाई व कंबल बांटे

जोधपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दीपावली पर जोधपुर प्रवास के दौरान पाक विस्थापितों में मिठाई व कंबल बांटने गए। मुख्यमंत्री ने उन्हें विश्वास दिलाया कि भारत की नागरिकता जल्द दिलाने के लिए वे राज्य सरकार केंद्र से निरंतर संपर्क में हैं। सभी के आवेदन भेजे जा चुके हैं और राज्य सरकार उन आवेदनों पर भी शीघ्र कार्रवाई कराने के लिए प्रयासरत है, जिसमें धार्मिक वीजा पर आए लोगों को दीर्घकालिक वीजा दिया जा सके।  

मुख्यमंत्री मंगलवार सुबह इन विस्थापितों से मिले तो सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दी और मिठाई व कंबल वितरित किए। उन्होंने सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदूसिंह सोढ़ा व विस्थापित परिवारों से बात कर समस्याएं पूछी। 

फिर कलेक्टर गौरव गोयल को उनकी समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए। विस्थापितों ने मांग की, कि उन्हें शरणार्थियों का दर्जा दिया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें फिर से आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री के साथ उनकी पत्नी सुनीता गहलोत, जेडीए अध्यक्ष राजेंद्र सोलंकी और महापौर रामेश्वर दाधीच भी थे।  

बच्चों की पढ़ाई देख खुश हुए

मुख्यमंत्री को यह जान कर खुशी हुई कि विस्थापितों के जो बच्चे पाकिस्तान में नहीं पढ़ पाए, वे इस कैंप में पढ़ाई कर रहे हैं। जब मुख्यमंत्री ने विस्थापितों से कहा कि वे बच्चों को पढ़ाएं, तो लोगों ने बताया कि इस दल में शामिल सभी बच्चे पढ़ रहे हैं और उन्हें उनका विकलांग साथी तामिन मेघवाल और दसवीं तक शिक्षा प्राप्त कर चुकी मानसी पढ़ाते हैं।  

मूल निवास व जाति प्रमाण पत्र मांगे

इस दौरान मुख्यमंत्री से 1997 में आए विस्थापित परिवार भी मिले। उन्होंने बताया कि वे कालीबेरी में रहते हैं और उन्हें भारत की नागरिकता मिल चुकी है, मगर मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

Source: bhaskar.com

पाक विस्थापितों से मिले मुख्यमंत्री,सुना दुखड़ा



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जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिवाली पर पाक विस्थापितों के डालीबाई मंदिर स्थित  शिविर में पहुंचकर उन्हें कंबल और मिठाइयां बांटी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पाक विस्थापितों को दीर्घकालीन वीजा दिलवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भिजवाई है और लगातार केन्द्र के संपर्क में है। उन्होंने मौके पर मौजूद जिला कलक्टर गौरव गोयल को पूरे शिविर की समय-समय पर मॉनिटरिंग करने के लिए कहा।

आप कुछ कीजिए
सर्दी बहुत है, पहनने के लिए कपड़े नहीं है। रहने के लिए छत और काम के लिए मजदूरी दिला दीजिए। पाक विस्थापितों ने  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को  अपना दुखड़ा सुनाया। यह पहला मौका था जब मुख्यमंत्री स्वयं पाक विस्थापितों के शिविर में गए। शिविर में कई बच्चों ने मुख्यमंत्री को हिन्दी-अंग्रेजी की कविताएं सुनाई। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि यह सब तुमने कहां से सीखा? बच्चों ने जवाब दिया- यहां आकर ही सीखा। मुख्यमंत्री ने कई विकलांगों से मुलाकात की और उन्हें विकलांग वाहन मुहैया करवाने के निर्देश भी अघिकारियों को दिए।
 हमें नहीं मिली मूलभूत सुविधाएं
कालीबेरी स्थित अंबेडकर नगर भीलबस्ती में बसे पाक विस्थापित नागरिक भी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। इन लोगों ने बताया कि 2005 में उन्हें नागरिकता मिल गई, लेकिन आज तक उन्हें बीपीएल व राशन कार्ड और जातिगत प्रमाण-पत्र जैसी सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं। इनकी मांगें मुख्यमंत्री ने सुन जल्द कार्रवाई करने के लिए मौजूद अघिकारियों को निर्देशित किया। 
मुख्यमंत्री की पहली भेंट शुभ संकेत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तीन बार जोधपुर दौरे पर आने के दौरान पाक विस्थापितों की समस्या से अवगत करवाया गया था। चौथी बार जयपुर जाकर भी इस समस्या के बारे में बातचीत हुई, लेकिन अब पहली बार मुख्यमंत्री का स्वयं डेरे पर आकर पाक विस्थापितों से भेंट करना शुभ संकेत हैं। सीमांत लोक संगठन को वार्ता के लिए मुख्यमंत्री ने जयपुर भी आमंत्रित किया है।  - हिन्दूसिंह सोढ़ा, अध्यक्ष, सीमांत लोक संगठन
Source: http://www.rajasthanpatrika.com/news/jodhpur/11162012/city-news/393606

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित