सोमवार, 28 अप्रैल 2014

महिलाओं को सक्रिय करने में जुटा राष्ट्रीय स्वयंसेवक सं

महिलाओं को सक्रिय करने में जुटा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
Dainikbhaskar.comApr 28, 2014, 07:03:00 AM IST  

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महिलाओं को सक्रिय करना चाहता है। संघ चाहता है कि महिलाएं स्वावलंबी बनें व नेतृत्व करें। इसके लिए संघ अलग-अलग विभाग बनाने पर भी विचार कर रहा है, ताकि महिला सशक्तिकरण पर और जोर दिया जा सके। इसी सिलसिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत रविवार को संघ से जुड़े महिला संगठनों से रूबरू हुए।

डॉ. भागवत ने महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि महिलाओं को अपनी निर्णय क्षमता साबित करनी होगी। रेशमबाग स्थित हेडगेवार भवन में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा महिलाएं किसी का इंतजार न करें कि कोई आएगा और काम करेगा। महिलाएं खुद सामने आएं और अपनी ताकत दिखाएं।

दिया परिवार मजबूत करने का मंत्र

डॉ. भागवत ने महिलाओं को परिवार मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने परिवार के बड़े-बुजुर्गों के साथ बैठें, बाचतीच करें, उनकी सुनें और व्यवस्था को मजबूत करें। महिलाएं जहां काम कर रही हैं, वहीं मजबूती के साथ काम करें।

भागवत की 3 बड़ी बातें

महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिला है। ऐसे में पुरुषों पर निर्भर रहने की बजाए उन्हें अपनी निर्णय क्षमता साबित करनी होगी।

महिलाओं को समय के साथ आगे बढऩे की आवश्यकता है। पुरुषों का रास्ता न देखें कि वे मदद करेंगे। महिलाएं और ताकत के साथ आगे बढ़ें।

महिलाएं किसी का इंतजार न करें कि कोई आएगा और काम करेगा। महिलाएं खुद सामने आएं और अपनी ताकत दिखाएं।

दिया परिवार मजबूत करने का मंत्र

डॉ. भागवत ने महिलाओं को परिवार मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने परिवार के बड़े-बुजुर्गों के साथ बैठें, बाचतीच करें, उनकी सुनें और व्यवस्था को मजबूत करें। महिलाएं जहां काम कर रही हैं, वहीं काम करें।

महिलाओं को सक्रिय करने में जुटा राष्ट्रीय स्वयंसेवक सं

महिलाओं को सक्रिय करने में जुटा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
Dainikbhaskar.comApr 28, 2014, 07:03:00 AM IST  

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महिलाओं को सक्रिय करना चाहता है। संघ चाहता है कि महिलाएं स्वावलंबी बनें व नेतृत्व करें। इसके लिए संघ अलग-अलग विभाग बनाने पर भी विचार कर रहा है, ताकि महिला सशक्तिकरण पर और जोर दिया जा सके। इसी सिलसिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत रविवार को संघ से जुड़े महिला संगठनों से रूबरू हुए।

डॉ. भागवत ने महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि महिलाओं को अपनी निर्णय क्षमता साबित करनी होगी। रेशमबाग स्थित हेडगेवार भवन में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा महिलाएं किसी का इंतजार न करें कि कोई आएगा और काम करेगा। महिलाएं खुद सामने आएं और अपनी ताकत दिखाएं।

दिया परिवार मजबूत करने का मंत्र

डॉ. भागवत ने महिलाओं को परिवार मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने परिवार के बड़े-बुजुर्गों के साथ बैठें, बाचतीच करें, उनकी सुनें और व्यवस्था को मजबूत करें। महिलाएं जहां काम कर रही हैं, वहीं मजबूती के साथ काम करें।

भागवत की 3 बड़ी बातें

महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिला है। ऐसे में पुरुषों पर निर्भर रहने की बजाए उन्हें अपनी निर्णय क्षमता साबित करनी होगी।

महिलाओं को समय के साथ आगे बढऩे की आवश्यकता है। पुरुषों का रास्ता न देखें कि वे मदद करेंगे। महिलाएं और ताकत के साथ आगे बढ़ें।

महिलाएं किसी का इंतजार न करें कि कोई आएगा और काम करेगा। महिलाएं खुद सामने आएं और अपनी ताकत दिखाएं।

दिया परिवार मजबूत करने का मंत्र

डॉ. भागवत ने महिलाओं को परिवार मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने परिवार के बड़े-बुजुर्गों के साथ बैठें, बाचतीच करें, उनकी सुनें और व्यवस्था को मजबूत करें। महिलाएं जहां काम कर रही हैं, वहीं काम करें।

शनिवार, 26 अप्रैल 2014

मंगलवार, 22 अप्रैल 2014

पुनर्मतदान के बाद मतदान का प्रतिशत

राजस्थान की २० लोकसभा क्षेत्रों  के वोटों  का २ लोकसभा क्षेत्रों के कुछ मतदान केन्द्रों में पुनर्मतदान के बाद मतदान का प्रतिशत

स्त्रोत : http://www.ceorajasthan.nic.in

सोमवार, 21 अप्रैल 2014

धमाकों में आरएसएस नेता इंद्रेश के खिलाफ कोई सबूत नहीं

धमाकों आरएसएस नेता इंद्रेश के खिलाफ कोई सबूत नहीं
नई दिल्ली, राजेश आहूजा
First Published: 21-04-14 08:26 AM
Last Updated: 21-04-14 11:13 AM
समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद समेत चार धमाकों में कथित तौर पर शामिल आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को कोई सबूत नहीं मिला। यहां तक कि उनसे पूछताछ के लिए भी एनआईए कोई पुख्ता प्रमाण नहीं जुटा सकी।
एनआईए के एक जांचकर्ता ने ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ को यह जानकारी दी। हालांकि एनआईए ने इस खबर के बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया है। जांच एजेंसी समझौता एक्सप्रेस और मक्का मस्जिद समेत सात दक्षिणपंथी आतंकी वारदातों की गुत्थी सुलझाने में नाकाम रही। 2007 में हुए इन धमाकों की जांच का जिम्मा एनआईए को 2011 में सौंपा गया था। तीन वर्षों में करीब दजर्न भर गिरफ्तारियों और छह चाजर्शीट दाखिल करने के बाद जांचकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि वे मामला सुलझाने के करीब भी नहीं पहुंच पाए हैं। धमाकों में गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों ने कथित तौर पर इंद्रेश कुमार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 2005 में जयपुर और 2006 में गुजरात के डांग में दो मुलाकातों के दौरान ‘काम’ जारी रखने के लिए कहा था। कुमार पर आरएसएस के पूर्व जिला प्रचारक सुनील जोशी को पैसे देने का भी आरोप लगा। सुनील जोशी छह बम धमाकों का मुख्य आरोपी था। जांचकर्ता के मुताबिक इंद्रेश के खिलाफ सिर्फ कुछ गवाहों और आरोपियों के बयान ही हैं। इन्हें कोर्ट में साबित करने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं।  ‘मुझे इसमें आश्चर्य नहीं’
मुझे इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। जांच एजेंसियों ने राजनीतिक साजिश के तहत मेरा नाम धमाकों से जोड़ा था। इसका मकसद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ताल्लुक रखने वाले देशभक्तों की छवि खराब करना था।
- इंद्रेश कुमार, वरिष्ठ नेता, आरएसएस
(केंद्र सरकार द्वारा कोई और कदम उठाए जाने के सवाल पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि मैं सरकार के रहमोकरम पर नहीं हूं। यह देशभक्तों को न्याय देने का सवाल है) बेनतीजा रही जांच
कौन हैं इंद्रेश कुमार?
इंद्रेश कुमार आरएसएस के वरिष्ठ नेता हैं। समझौता ब्लास्ट के मुख्य आरोपी असीमानंद ने एक इंटरव्यू में संघ प्रमुख मोहन भागवत और इंद्रेश कुमार को कटघरे में खड़ा किया था। क्यों नहीं मिले सबूत?
जांचकर्ता के मुताबिक अगर किसी आरोपी ने किसी मीटिंग या बम प्लांट के लिए चार-पांच साल पहले बस या ट्रेन से सफर किया था तो हम उस यात्रा का रिकॉर्ड या कोई चश्मदीद कैसे ढूंढ सकते हैं। क्यों घेरे में आए थे इंद्रेश?
समझौता ब्लास्ट के मुख्य आरोपी असीमानंद ने एक इंटरव्यू में जुलाई 2005 को हुई एक मीटिंग के बारे में बताया था। इसके मुताबिक भागवत और इंद्रेश ने असीमानंद और सुनील जोशी से मुलाकात की। जोशी ने देश भर में विशेष समुदाय के ठिकानों पर धमाके की योजना बताई। दोनों नेता ओं ने इस पर सहमति जताई
Source: http:/m.livehindustan.com

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित