मंगलवार, 8 मार्च 2016

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्र विरोधी नारे लगा देश को तोड़ने का कुत्सित षडयंत्र- अनिकेत काले


अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्र विरोधी नारे लगा देश को तोड़ने का कुत्सित षडयंत्र- अनिकेत काले




विश्व विद्यार्थी युवा संगठन के महासचिव अनिकेत काले 
पाली, 6 मार्च। ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्र विरोधी नारे लगा देश को तोड़ने का कुत्सित षडयंत्र चलाया जा रहा है, जिसे देश कतई बर्दास्त नहीं करेगा। ’’ ये विचार विश्व विद्यार्थी युवा संगठन के महासचिव अनिकेत काले ने व्यक्त किये। काले रविवार को स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय के सभागार में ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता-अधिकार एवं सीमाऐं’’ विषय पर शहर के प्रबुद्धजनों की संगोष्ठि को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर काले ने कहा कि ‘‘यावत जीवेत, सुखम जीवेत, ऋणम कृत्वा, घृतम पीवेत’’ का सिद्धांत देने वाले चार्वाक को भी भारत में ऋषि की उपाधि मिली है एवं ये प्रमाण है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारत में पौराणिक समय से विद्यमान है। डाॅ अंबेडकर द्वारा संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अधिकार के रूप में दिया गया था तो उन्हीं के द्वारा इस अधिकार को आत्यंतिक अधिकार न करके इस पर कुछ र्निबंधन भी अधिरोपित किये गये थे। वर्तमान में वामपंथी-कांगेसी गठजोड़ द्वारा राष्ट्रभक्त बाबा साहब अंबेड़कर के नाम का दुरूपयोग कर देश को तोड़ने वाली गतिविधियों का संचालन कर बाबा साहब को बदनाम किया जा रहा है। ‘‘अफजल हम शर्मिंदा है, तेरे कातिल जिंदा है’’ और ‘‘भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंसा अल्लाह’’ जैसे नारे लगाने वाले यही जेएनयू के राष्ट्रविरोधी तत्व नक्सलियों के हाथों दंतेवाड़ा में 80 से अधिक जवानों की शहादत पर जश्न मनाते है और वोटबैंक एवं देश के वातावरण को अस्थिर करने की नियत से कुछ राजनैतिक दल इन गतिविधियों का समर्थन कर इन देशद्रोहियों के हाथों को ताकत दे रहे है।

विश्व विद्यार्थी युवा संगठन महासचिव काले ने वामपंथ की राष्ट्रविरोधी सोच को उजागर करते हुए बताया कि वामपंथ एवं समाजवाद की आस्था कभी भी भारत के एकल संघीय ढांचे में नहीं रही है एवं इसी सोच को आगे बढाते हुए जेेएनयू में कश्मीर की आजादी के समर्थन में नारे लगाए गये। 1962 के युद्ध में वामपंथी विचारकों द्वारा भारत का ही विरोध किये जाने की घटना का उदाहरण प्रस्तुत कर काले ने वामपंथ को राष्ट्र की अखंडता के लिये खतरा बताया।

इस अवसर पर संगोष्ठी में मौजूद नागरिकांे के प्रश्नों का जवाब भी दिया एवं सुझाव भी सुनें। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर संघचालक नेमीचंद अखावत, विभाग प्रचार प्रमुख तेज सिंह समेत सैंकड़ो गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ललित शर्मा एवं हनुमान चौहान ने किया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित