सोमवार, 12 जनवरी 2015

सीमाजन छात्रावास में अभिभावक सम्मेलन संपन्न ‘‘बच्चों में लेने की बजाय देने की प्रवृत्ति विकसित करें’’

सीमाजन छात्रावास में अभिभावक सम्मेलन संपन्न
‘‘बच्चों में लेने की बजाय देने की प्रवृत्ति विकसित करें’’






जैसलमेर । सीमाजन कल्याण समिति द्वारा जैसलमेर में संचालित ‘सीमाजन छात्रावास’ में निवासरत विद्यार्थियों के अभिभावकों का सम्मेलन संपन्न हुआ। छात्रावास प्रांगण में आयोजित अभिभावक सम्मेलन के स्वागत सत्र में उपस्थित अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए समिति के प्रदेश संगठन मंत्री नीम्बसिंह ने कहा कि बालकों की पहली पाठशाला उसका घर है। स्कूल में तो वे ज्ञान अर्जन करते हैं परंतु घर में उसे वे संस्कार दिये जाते हैं जिनसे वह अशिक्षा और कुरीतियों से लड़ने की क्षमता प्राप्त करता है।

उन्होंने कहा कि बालकों में लेने की बजाय देने की प्रवृत्ति विकसित की जाये ताकि वे आगे चलकर स्वावलम्बी बनें और देश व समाज के लिए कुछ कर सकें। इस अवसर पर समिति के जिलाध्यक्ष अलसगिरी, संरक्षक मुरलीधर खत्री, मंत्री शरद व्यास, अमरसिंह सोढ़ा, डाॅ. वीरेन्द्रसिंह बैरसियाला, गणपतसिंह, वार्डन ओमप्रकाश उपस्थित थे।

अभिभावक सम्मेलन के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए समिति के प्रदेश महामंत्री बंशीलाल ने कहा कि सीमाजन छात्रावास का संचालन व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं बल्कि विशिष्ट उद्देश्य के लिए किया जा रहा है। सीमावर्ती समाज ऐसे संस्कारों से जुड़े ताकि भविष्य में वह देश और देशवासियों के विकास में अपना योगदान दे सकें। उन्हांेने कहा कि हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य रखना है, उससे संघर्ष नहीं करना है। सीमाजन छात्रावास के बालक अक्षर ज्ञान के लिए नहीं बल्कि समग्र ज्ञान के लिए भर्ती किये जाते हैं। सीमा पर नशामुक्त समाज को खड़ा करना भी इनका लक्ष्य है। सम्मेलन के अंत में सभी प्रतिभागियों को नशामुक्ति अभियान में सहयोग का संकल्प दिलाया गया।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित