सोमवार, 6 अप्रैल 2015

स्वदेशी विचार वलय - प्रस्तावित सड़क परिवहन एवं सुरक्षा अधिनियम 2014-15 पर विस्तृत चर्चा

 स्वदेशी विचार वलय - प्रस्तावित सड़क परिवहन एवं सुरक्षा अधिनियम 2014-15 पर विस्तृत चर्चा 

जोधपुर 5.4.2015.  स्वदेशी विचार वलय में रविवार को भूतल एवं परिवहन विभाग द्वारा प्रस्तावित सड़क परिवहन एवं सुरक्षा अधिनियम 2014-15 पर विस्तृत चर्चा की गई । विचार वलय महानगर प्रमुख मिथिलेश झा ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित अधिनियम पर चर्चा हुई। जिसमें कई बिन्दु सामने आए ।

 विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट अनुसार भारत में अधिकतम दुर्घटना मृत्यु की दर सबसे ज्यादा है। जिसके अनुसार 1,40,000 दुर्घटना मृत्यु प्रति वर्ष कारित होती है। जिसके कारण हमारे सकल घेरलू उत्पाद दर में 1.5 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ता है। वही वैश्विक स्तर पर प्रति वर्ष 1.3 मिलियन लोग की दुर्घटना के कारण मृत्यु होती है।

 प्रस्तावित अधिनियम 1988 में बनाए गये मोटर वाइकल एक्ट का स्थान लेगा। इस बिल में एक तरफ आधुनिक सिस्टम के उपयोग की बात की गई है। परन्तु तैयार किए गए ड्राफ्ट में निगरानी एवं शिकायत के लिए कौनसी एजेन्सी अथवा संस्थान जिम्मेदार होगी इसका स्पष्ट उल्लेख नही किया गया है।

 विभिन्न प्रकार के हर्जानें की राशि में भी कमी की गई जिसमें पूर्व में जहां लापरवाही से हुई दुर्घटना में यदि किसी बच्चें की मृत्यु होती है तो तीन लाख रूपयें का हर्जाना व सात साल की कैद का प्रवधान था जिसे पचास हजार रूपयें हर्जाना व एक साल की सजा कर दी गई है। ओवर लोडेड वाहनो के लिए हाइवे पर प्राइवेट फर्मो द्वारा पीपीपी माॅडल के तहत संचालित किए जा रहे टाॅल नाको पर वाहनो की तोल कर हर्जाना वसुलने के विषय पर अधिनियम में किए गए प्रावधानों  पर स्टडी सर्कल मंे चर्चा की गई।

 स्वदेशी जागरण मंच विचार वलय विशेष रूप से इस अधिनियम पर चर्चा एवं तथ्य जुटाकर केन्द्र सरकार को राजस्थान के विशेष परिपेक्ष में ध्यान रखते हुए अधिनियम में संशोधन हेतु आवश्यक सुझाव भजेगा। इस हेतु रविवार को स्टडी सर्कल मंे विजेश शर्मा को सेफ्टी मेजर व जीपीएस ट्रेकिंग सिस्टम पर, अनिल वर्मा को मनिफचरिंग सुरक्षा एक्ट पर, मिथिलेश कुमार झा को रोड इन्फ्रास्टेªचर व नाॅन इन्जन वाहन साइकल पदल यात्री से संबंधित नियमावाली, अशोक वैष्णव को इन्सोरेस व दुर्घटना इन्वेटिगेशन,  धर्मेन्द्र दुबे को केन्द्रीय व राज्य एजेन्सीज व रजिस्ट्रशन तथा ट्राफिक रूल्स वोइलेशन पर अध्यन कर तथ्य प्रस्तुत करने को कहा गया।

    इस विचार वलय में विनोद मेहरा, प्रबोध शर्मा, नन्द किशोर सोनी, हरिश सोनी, अशोक सोंलकी, सत्येन्द्र कुमार, गजेन्द्र परिहार, ओमाराम जांगू आदी ने भी अपने विचार वयक्त किए।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित