शुक्रवार, 17 अप्रैल 2015

इतिहास के गौरवशाली पन्नों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता - मुरलीधर जी

इतिहास के गौरवशाली पन्नों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता - मुरलीधर जी
संस्कृति शोध परिषद के सदस्यों ने तैयार किया कैलेंडर

तिथि पत्रक का विमोचन करते हुऐ प्रान्त प्रचारक माननीय मुरलीधर जी एवं अन्य


जालोर 16अप्रैल 2015 . जालोर के इतिहास संस्कृति को समर्पित जालोर तिथि पत्रक का गुरुवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ साधु-संतों के सानिध्य में विमोचन किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक मुरलीधर जी ने एवं भैरुनाथ अखाड़ा के प्रेमनाथ महाराज ने कैलेंडर का विमोचन किया। 

कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्कृति शोध परिषद जालोर के विनोद कुट्टी ने तिथि पत्रक के बारे में जानकारी दी।  संस्कृति शोध परिषद के निदेशक संदीप जोशी ने परिषद का परिचय देते हुए प्रकाशन शोध अध्ययन विभाग के बारे में जानकारी दी। इसके बाद मुकेश सुंदेशा तथा गजेंद्रसिंह ने कैलेंडर का वाचन किया। 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक मुरलीधर जी ने कहा कि हम सभी को अपने गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेनी चाहिए। आज हम वर्तमान पीढ़ी को अपने इतिहास का भान करवाकर राष्ट्रीय कार्य में प्रवृत्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास के गौरवशाली पन्नों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता है।

अधिवक्ता मधुसूदन व्यास ने जालोर के एतिहासिक युद्ध प्रसंग के बारे में जानकारी दी।  

प्रेमनाथ महाराज ने परिषद की ओर से किए जाने वाले कार्यों की सराहना करते हुए आशीर्वचन कहे। कार्यक्रम का संचालन नीलम पंवार ने किया। कार्यक्रम के अंत में संजय राठौड़ ने अतिथियों का आभार जताया। कार्यक्रम में वेदपाल मदान, जुगल, सुल्तानसिंह, हुकमाराम गहलोत, कल्पेश बोहरा, रामाराम माली, बालकृष्ण शर्मा, जोगेश्वर गर्ग, सुरेंद्र नाग, रघुनंदन दवे, शांतिलाल दवे, रतन सुथार गजेंद्रसिंह सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित