सोमवार, 1 अक्तूबर 2018

हिन्दू का मूल चिंतन सबको साथ लेकर चलने का स्वभाव है – डॉ. मोहन भागवत जी

जयपुर 29 सितम्बर 18 . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी अपने दस दिवसीय राजस्थान क्षेत्र के नियमित प्रवास में जयपुर में विभिन्न सत्रों में क्षेत्र के गणमान्य, प्रभावी व सामाजिक स्तर पर सक्रिय होकर देशहित में रचनात्मक भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों से सेवा सदन में मिले. इनमें सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी, विधिवेता व पद्मश्री से अलंकृत लोग प्रमुख रूप से शामिल थे. संघ का संपर्क कार्य विभाग विभिन्न स्तर पर ऐसे व्यक्तियों से समय समय पर मिलता है, और मिलवाने की योजना करता है. ऐसे समाज नेतृत्व की संघ के विचार, कार्य को समझने की जिज्ञासा व जुड़ने की इच्छा भी रहती है. संघ से संवाद, चर्चा का भी सभी का मन रहता है. जयपुर में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने ऐसे लोगों से समसामयिक विषयों पर चर्चा की. संघ के चिंतन व कार्य को उनके समक्ष रखा तथा उनके विचार एवं सुझाव सुने.

सरसंघचालक जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना के समय ही स्पष्ट किया था कि हमको सम्पूर्ण समाज का संगठन करना है. संघ का मानना है कि अपने इस राष्ट्र को अपने निज गौरव पर खड़ा करने के लिए, परम वैभव संपन्न बनाने के लिये सम्पूर्ण समाज को जुड़कर प्रयास करने होंगे. संघ का आह्वान है कि इस पवित्र मातृभूमि का भाग्य बदलने लायक हम सभी को बनना है व सम्पूर्ण समाज को बनाना है. आप सभी इस दिशा में लगे हैं, यह अत्यंत प्रेरणादायक है. सम्पूर्ण समाज की सज्जन शक्ति सक्रिय होकर एक दिशा में राष्ट्रीय अस्मिता के साथ देशहित में रचनात्मक कार्य करे, यही भारत का व संघ का चिंतन है. संघ के स्वयंसेवक के नाते, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाते सबको जोड़ने का हमारा प्रयास रहता है और सबको आग्रह रहता है कि संघ को समझने के लिए संघ में आइये. आप संघ को अन्दर से देखिए. संघ के स्वयंसेवक समाज में अनेक काम करते हैं, उनसे जुड़िये, उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, कीजिए. आप जुड़े बिना ही अपना काम करना चाहते हैं, अवश्य करिए. आपको कोई हम सहायता कर सकते हैं, हमको भी आपसे कोई सहायता चाहिए तो हमारा आपस का परिचय- संवाद समाजहित में रहेगा.

अलग-अलग समूह  में बातचीत के दौरान सरसंघचालक जी ने कहा कि भारत की अन्तर्निहित शक्ति है जो जगत का कल्याण कर सकती है. हम सभी भारतवासियों को मिलकर इसे बढ़ाने का कार्य करना है. तात्कालिक समस्याओं का भी समाधान संस्कृति व संस्कार के आधार पर जीवन मूल्यों की स्थापना से ही निकलेगा. हिन्दू का मूल चिंतन सबको साथ लेकर चलने का स्वभाव है.

संपर्क विभाग द्वारा आगामी 02 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन हम और हमारा संविधान नामक पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम महर्षि नारद सभागार में है. कार्यक्रम में पुस्तक के लेखक रमेश पतंगे जी रहेंगे. जिन्होंने डॉक्टर आंबेडकर के जीवन पर गहन अध्ययन किया है, मैं, मनु और संघ इस विषय पर भी पुस्तक  लिखी है.

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित