शुक्रवार, 7 मार्च 2014

संघ की तीन दिवसीय सालाना बैठक शुरू, विस्तार पर मंथ

बेंगलूर। चुनावी शंखनाद के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिनी सालाना बैठक बृहस्पतिवार को पारंपरिक अंदाज में शुरू हुई। संघ की नीति निर्धारक व निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की इस बैठक के दौरान संगठन के कार्यक्रमों व कामकाज की समीक्षा होगी। साथ ही सांगठनिक गतिविधियों के विस्तार की योजनाओं का खाका खींचा जाएगा। संघ की ओर से स्पष्ट किया गया है कि इस बैठक का कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है और इसे आम चुनाव से जोड़ कर न देखा जाए।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, इस तीन दिवसीय वार्षिक बैठक में संगठन के कार्यक्रमों व सामाजिक क्षेत्र में उसके असर की समीक्षा होगी। हम अपने कार्यो पर चर्चा व उसका मूल्याकंन करेंगे। बैठक के दौरान कोई भी राजनीतिक निर्णय नहीं लिया जाएगा। सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह (महासचिव) सुरेश जोशी तथा दर्जन भर शीर्ष पदाधिकारी बैठक के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में संगठन द्वारा संचालित गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। वैद्य ने कहा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ लोकसभा चुनाव में लोगों की हिस्सेदारी बढ़ाने का पक्षधर है। स्वयं सेवक लोगों को मताधिकार के इस्तेमाल के लिए जागरूक करने में योगदान देंगे।

ज्ञात हो, बेंगलूर में 12 साल बाद आयोजित हो रही प्रतिनिधि सभा की इस बैठक में देश भर के करीब 1400 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह शुक्रवार को बैठक में शामिल होंगे। भारतीय किसान संघ, आदिवासी कल्याण संगठन, वनवासी कल्याण आश्रम, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय मजदूर संघ, विश्व हिंदू परिषद के नेता भी तीन दिनी बैठक में शिरकत करेंगे  source:jagran.com

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित