गुरुवार, 31 दिसंबर 2009
सोमवार, 28 दिसंबर 2009
मारीशस मैन हिन्दू स्वंयसेवक संघ की वेब साईट का लोकार्पण
Celebrated at Triolet, Mehashwarnath Mandir, mouritius
The website was launched in the presence of nearly hundred citizens of Mauritius. On this occasion Prabhuji highlighted the three Global problems .i.e. Global Terrorism, Global Recession and Global Warming. The entire world is engaged in resolving these subtle challenges mankind is ever facing. Hindu Dharam, since time immemorial has advocated life vision which addresses these problems in its entirety. It is because of this that the Hinduism has survived since thousands of centuries. The inclusiveness of Hinduism has the remedy of all these global problems. The mother earth should be milked not bled to satisfy the unending material desires of the mankind, which has resulted into global warming and global recession. The global terrorism is also the outcome of the life vision of exclusivist, who propagates their religion through violence. Shreemad Bhagwad Geeta and other Hindu Scriptures have been awakening the ill effects of Global Terrorism, Recession and Warming since beginning. It is a matter of satisfaction that mankind has at least started to recognize the efficacy of Hindu philosophy to bring about world piece and sustainable eco-friendly development, the testimony to which is the recitation of Vedic Richas in the Parliament of USA. It is a matter of pride that Mauritius has shown the path of cultural expansion for peace and brotherhood by Harmonizing French, English, Hindi, Bhojpuri and Creol languages. Besides this the foundation of Trayodash Maurisheshwar Nath Jyotirling, Gangal Talao( Grand Bassin) Mauritius is a step forward to expand its cultural identity across the world. Prabhuji requested all the Hindu saints of India to give the recognition to this Trayodash Maurisheshwar Nath Jyotirling.
After the speech of Prabhuji Swami Poornanand Blessed the HSS for expanding its work in Mauritius. The sanghchalak of Mauritius Sri Raghunath Deealji elaborated the importance of Gurupooja and Bhagwa Dhwaj. All the swayamsevaks offered their oblations and the program was concluded by prarthana.
By- Pragya Srivastava
थार से फिर पाक के नापाक कारनामे - कब जाँच सुविधाओ में होगा इजाफा
जोधपुर. बाड़मेर के रास्ते भारत पाकिस्तान के बीच थार एक्सप्रेस शुरू होने के बाद पहली बार छह यात्रियों से करीब सवा लाख रुपए की पाक करेंसी जब्त की गई है। यह करेंसी उन्हें बाद में लौटा दी जाएगी।
आम तौर पर पाक यात्री वहां की करेंसी इतनी मात्रा में लेकर नहीं आते और न ही यहां से जाने वाले यात्री भारतीय करेंसी ले जाते हैं। दोनों करेंसी मुनाबाव व खोखरापार में बदल ली जाती है। पाकिस्तान से बाहर जाने पर प्रतिबंध के बावजूद मुनाबाव तक पहुंच गए दो पाक यात्रियों के बारे में खुलासा होने पर नोडल एजेंसी जीआरपी ने यात्रियों की गहन जांच की तो भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर छह पाक यात्रियों से पाक मुद्रा जब्त की गई।
एसपी (जीआरपी—उत्तर) एस. परिमला ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर यह आकस्मिक जांच की गई। थार एक्सप्रेस रात 12.40 बजे भगत की कोठी स्टेशन पहुंची। इसके बाद 3 सौ से अधिक यात्रियों की गहन तलाशी ली गई। इनसे विशेष आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई। लेकिन कराची के ईदू खां पुत्र भूरे खां से 12,865, अली हुसैन पुत्र अहमद अंसारी से 8 हजार, हसन पुत्र जीवा, अमरकोट निवासी गंगाराम पुत्र मूलचंद, मीरपुर खास के गोरधनदास पुत्र मदनलाल तथा हैदराबाद सिंध के अब्दुल करीम पुत्र नूर मोहम्मद सहित कुल छह लोगों से 1 लाख 20 हजार की पाक करेंसी जब्त की गई।
उप अधीक्षक सत्यमणि तिवाड़ी ने बताया कि आकस्मिक जांच रविवार सुबह साढ़े छह बजे तक चली। जीआरपी थानाधिकारी अनिल पुरोहित के नेतृत्व में टीम ने महिला व पुरुष यात्रियों की अलग- अलग जांच की। दूसरी टीम में स्निफर डॉग ने यात्रियों का सामान सरसरी तौर पर जांचा। निरीक्षक राजेन्द्र दिवाकर की टीम ने सामान का भार व उसकी बारीकी से जांच की। यात्रियों का सामान रेलवे रिकॉर्ड से करीब एक क्विंटल से अधिक पाया गया। इस संबंध में रेलवे अधिकारियों को सूचित किया जाएगा।
लावारिस बैग ने चौंकाया: थार एक्सप्रेस खाली होने के बाद जीआरपी की टीम ने हर डिब्बे की तलाशी ली। एक कोच में दो बैग मिले। इसकी सूचना अधिकारियों को दी गई। एकबारगी तो पुलिसकर्मी उस बैग को हाथ लगाने से कतराए। बाद में वे उसे अधिकारियों के पास ले गए। डीएसपी व सीआई ने स्वयं उसकी जांच की। बैग में एक दर्जन घड़ियां, मतदाता पहचान पत्र, पाक सरकार की ओर से जारी एक पत्र, विभिन्न दवाइयों सहित अन्य दस्तावेज बरामद हुए। घड़ियां हूबहू एक नामी कंपनी जैसी थी, लेकिन जांच में वे डुप्लीकेट निकली। यह बैग भारतीय नागरिक फिरोजाबाद निवासी अहमद कमाल के थे। पुष्टि होने पर बैग उसे सौंप दिए गए।
सवाल जो जवाब मांगते हैं : पाक सरकार की ओर से प्रतिबंधित दो लोग मुनाबाव तक पहुंचने में कामयाब कैसे हो गए?किसकी मदद से यहां तक पहुंचे ? स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों ने सीआईडी, आईबी, जीआरपी के उच्च अधिकारियों को सूचित करना भी उचित नहीं समझा, क्यों? किन कारणों के चलते उन्हें प्रतिबंधित किया गया था?
शनिवार, 26 दिसंबर 2009
Xkksj{kk fdlh /keZ dk ugha] Hkkjrh; laLd`fr dk iz’u gS& vkpk;Z egkizK
JhMqaxjx<] 25 fnlacjA lnHkko] eS=h vkSj d:.kk ;s rhu ‘kCn vxj viuk yas rks Hkkjr dh lHkh leL;kvksa dk lek/kku gks tk,xkA xk; fdlh /keZ fo’ks”k dh ugha gSA xksj{kk fdlh ,d /keZ dk fo”k; ugha gS vfirq lexz Hkkjrh; laLd`fr dk iz’u gSA mDr opu fo’o eaxy xksxzke ;k=k ds pq: ftys ds JhMaqxjx<+ dLcs esa igqapus ij rsjkiaFk Hkou esa vk;ksftr lHkk dks lacksf/kr djrs gq, rsjkiaFk lekt ds izeq[k tSu lar vkpk;Z egkizK us dgsA
mUgksaus dgk fd Hkkjr esa dke/ksuq] fparkef.k vkSj dYio`{k dk fo’ks”k egRo gSA blesa Hkh dke/ksuq dk fo’ks”k egRo gSA xk; /kuoUrfj gSA xk; dh oSKkfud Lrj ij mi;ksfxrk lkeus vkus ls xk; dk egRo vkSj Hkh c<+ tk,xkA
xksd.kZ ihB ds txnxq: ‘kadjkpk;Z jk?kos’oj Hkkjrh us dgk fd vkt tSu ijEijk vkSj lukru ijEijk dk feyu gqvk gSA mUgksaus dgk fd jk{kl ds vykok fgalk dk dkSu leFkZu dj ldrk gS\ nqljksa dk cqjk ugha djus ls Lo;a dk Hkh cqjk ugha gksrk gSA
Jh Hkkjrh us dgk fd xksgR;k dk ewy dkj.k vKku gSA xksgR;k djus okys Hk;kud okrkoj.k esa jgrs gSa ftlls mudh ekufld fLFkfr dzwj cu tkrh gSA mUgksaus dgk fd vesfjdk ds losZ ds vuqlkj lkS izfr’kr dlkbZ vius dk;Z ls nq%[kh gSa vkSj NksM+uk pkgrs gaSA
lHkk dks xq:dqy vkJe dksVk ds LOkkeh fujatuukFk vo/kwr] vkpk;Z egkizK ds f’k”; ;qokpk;Z egkJe.k vkSj ;k=k ds jk”Vªh; lfpo Jh ‘kadjyky us lacksf/kr fd;kA JhMqxjx<+ rglhy ls laxzghr bD;kou gtkj gLrk{kj larkas dks lefiZr fd;s x;sA
वेद पढ़ने भारत आए थे ईसामसीह
नई दिल्ली। एक ओर जहां पूरी दुनिया क्रिसमस का जश्न मना रही है वहीं दूसरी ओर ईसामसीह के भारत के साथ संपर्क के नए सूत्र तलाशने की कोशिश चल रही है। कुछ इतिहासकारों का विश्वास है कि ईसा ने अपने जीवन के शुरूआती 17 वर्ष भारत में बिताए थे। उन्होंने 13 से 30 वर्ष की उम्र तक यहां बौद्ध धर्म और वेदों का अध्ययन किया था।ब्रितानी फिल्म निर्माता केंट वाल्विन ने कहा कि ईसा के परिवार (अभिभावक) के नैजैरिथ में रहने के प्रमाण मिलते हैं, लेकिन जब उन्हें दूसरी बार नैजैरिथ में देखा गया, तब यीशु 30 वर्ष के थे। यीशु ने कहा था कि जितने साल वह गायब रहे उतने दिनों में उन्होंने बुद्धि और कद में विकास किया है। कला, संस्कृति एवं शिक्षा के क्षेत्र में दिया जाने वाला साल 2009 का दयावती मोदी पुरस्कार लेने के लिए यहां आए वाल्विन की अगली फिल्म "यंग जीसस: द मिसिंग ईयर्स" होगी। इस फिल्म में यीशु के शुरूआती जीवन को प्रस्तुत किया जाएगा।वाल्विन के मुताबिक उनकी फिल्म एपोस्टोलिक गॉसपेल्स पर आधारित होगी। गॉसपेल्स के मुताबिक यीशु को 13-14 वर्ष की आयु में पश्चिम एशिया में अंतिम बार देखा गया था। फिल्मकार का कहना है कि फिल्म का पहला हिस्सा गोसपेल्स पर आधारित होगा और दूसरा हिस्सा पूरी तरह से अभिलेखीय सामग्री पर आधारित होगा। यीशु के भारत से संपर्क के कई संदर्भ मिलते हैं। एक रूसी चिकित्सक निकोलस नोतोविच ने 1894 में एक किताब "द अननोन लाइफ ऑफ क्राइस्ट" प्रकाशित की थी। यह किताब नोतोविच की अफगानिस्तान, भारत और तिब्बत यात्रा पर आधारित थी। उनकी इस किताब में कई ऎसे संदर्भ मिलते हैं जो बताते हैं कि यीशु भारत आए थे और बौद्ध धर्म और वेदों का अध्ययन किया था। एक अन्य रूसी लेखक निकोलस रोइरिच का कहना है कि यीशु ने भारत के वाराणसी सहित कई प्राचीन शहरों में समय बिताया था। जर्मनी के विद्वान होल्जर क्रिस्टन की किताब "जीसस लीव्ड इन इंडिया" के मुताबिक यीशु ने सिंध में बौद्ध धर्म का अध्ययन किया था।
राष्ट्र का प्राण है गाय
शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009
सभी भाषाओ का मख्य स्त्रोत संस्कृत - माननीय सुरेश जी सोनी
गंगा के अपमान पर अमेरिकी हिंदू पहुंचे दूतावास
ग्लेन बेक नाम के एक प्रस्तोता ने भारत के बारे में अपने कार्यक्रम दिस इज द बेस्ट अमेरिका हैज टू ऑफर में बात करते हुए कहा था, ‘एक बड़ी नदी वहां है, जो किसी बीमारी की तरह ही सुनाई देती है। हां, यह सही है। हालांकि, गंगा का बहुत बुरा उदाहरण हमारे पास है।’ फोरम फॉर हिंदू अवेकनिंग की भावना शिंदे ने राजदूत मीरा शंकर को एक पत्राचार में लिखा है कि कृपया इस मसले को तुरंत ही अमेरिकी सरकार के संबंधित अधिकारियों के पास पहुंचाया जाए।
साथ ही, फॉक्स न्यूज से माफी मंगवाने और इसकी मातृसंस्था न्यूज कॉरपोरेशन और प्रस्तोता ग्लेन ब्लेक से भी क्षमायाचना के लिए संगठन ने कहा है। गंगा लगभग एक अरब हिंदुओं के लिए पवित्र नदी है। इसमें लगभग 21 लाख हिंदू अमेरिका में बसे हैं। इस तरह की टिप्पणियां उनके लिए दुखद हैं। यूनिवर्सल सोसायटी ऑफ हिंदुइज्म के राजन जेद ने फॉक्स और इसके मालिकों को संवेदनशील रहने की जरूरत बताई है, खासकर जब मामला आस्था और विश्वास से संबंधित हो।
bikaner me vishwa mangal gou gram yatra ka bhavy स्वागत हुआ
बुधवार, 23 दिसंबर 2009
विश्व मंगल गोऊ ग्राम मुख्य यात्रा का सूर्यनगरी में भव्य स्वागत गोऊ हत्या संस्कृति की हत्या है - परम पूज्यनीय शंकराचार्य राघवेश्वर भारती जी
कार्यक्रम में झूमर लाल जी आसोपा के पुत्र, पन्ना लाल गौशाला तथा कनैह्या गौशाला के संचालको का सम्मान किया गया।
lar jkeizlkn lar gfjjke 'kkL=h o jkeizdk’kkpk;Z us eq[; ;k=k ls iwoZ lHkk dks lEcksf/kr djrs gq, lHkh /keksZa dk ewy xkS ekrk cryk;kA tSu lar yksds’k eqfu th us dgk fd 13 iaFk lar xkS lsok ds fy, lEkfizr gSA mUgksaus dgk fd xk; dks cpkus ls gh ;g ns’k cpsxkA
dk;ZØe ds eq[; oDrk jk?kos’oj Hkkjrh ,oa vU; larksa us eap ij igq¡pdj loZizFke xkS izfrek dk iwtu fd;kA eq[; oDrk ls iwoZ jk"Vªh; Lo;alsod la?k ds lg ljdk;Zokg ek- lqjs’k th lksuh us lHkk dks lEcksf/kr djrs gq, dgk fd izR;sd O;fDr esa eSa vkSj esjk ifjokj fd Hkkouk gksus ds dkj.k bl LokFkZ o`fr ls lEiw.kZ fo’o vkt ladV dh ?kM+h esa [kM+k gSA euq"; dks viuk LokFkZ R;kxus o xk; dks cpkus ls gh fo’o dY;k.k gksxkA vkt iz—fr ds vf/kdre nksgu dh yksHk o`fr ls lEiw.kZ ekuork ij ladV vk [kM+k gqvk gSA thou n`f"V esa cnyko ds fcuk bl ladV dk lek/kku lEHko ughaA vr% thou n`f"V cnyuh gS rks iqu% ewy dh vksj vkuk gksxkA ,oa xk; dks dsUæ fcUnq ekudj fodkl dh vksj tkus ij gh lc dqN Bhd gksxkA xk; lEiw.kZ vkfFkZd o lkekftd iz—fr dk vk/kkj gSA
i-iw- 'kadjkpk;Z th us Hkko foHkksj gksdj dgk fd xk; ek= izk.kh ugha izk.k gS] xk; ek= tuuh ugha tku gSA xkS gR;k Hkkjr dh gR;k gSA xkS gR;k laL—fr dh gR;k gSA xkS gR;k y{eh dh gR;k gSA xkS gR;k iz—fr dh gR;k gSA lHkh fcekfj;ksa dk ,d gh mik; xkS ekrk dh j{kkA mUgksaus dgk fd vaxzstksa dh dqV uhfr ds dkj.k bl jk"Vª dh laL—fr dks lekIr djus gsrq xk; dks u"V djus dh dqpky ds rgr ns’k esa cqpM+ [kkuksa dh LFkkiuk gqbZA tks vkt Hkh yxkrkj c<+rh xbZA mUgkasus dgk fd xkS vkUnksyu gh vc fo’o dh r`rh; ;q) gksxkA mYgksaus jktLFkku dh Hkwfe dks ohj Hkwfe crykrs gq, dgk fd bl vkUnksyu dk usr`Ro jktLFkku dks gh djuk pkfg,A D;ksa fd ns’k esa ekjokM+h lekt gh xkS HkfDr okyk lekt gSA mUgksaus dgk fd esjk tUe jktLFkku esa ugha gqvk fQj Hkh eSa jktLFkku dks viuh tUe LFkyh blfy, ekurk gw¡ fd ;gk¡ ds yksx xkS ekrk dh lsok ,oa xkS izse dh xaxk ls ljkcksj gSA mUgksaus var esa dgk fd ns’k ds lHkh 'kadjkpk;ksZa dk vkt ;g vkns’k gS fd fudyksa vius ?kj ls vkSj djks xk; dh j{kk mBks tkxks fQj ls bl ns’k dks xkS jk"Vª cukvksaA
Lokeh vf[kys’ojkuUn fxjh th egkjkt us lHkh Jksrk dks xkS lsok ladYi djok;kA
अन्य समाचार पत्रों से
‘गाय हमारा जीवन है, जीने का आधार है’
भास्कर न्यूज
जोधपुर. गौकर्ण पीठाधीश्वर संत राघेश्वर भारती महाराज ने कहा कि जितनी गौ हत्या आजादी के बाद बढ़ी है, उतनी अंग्रेजी और मुगल हुकूमत में भी नहीं थी। इसका नतीजा है कि वर्ष 2011 तक 1000 लोगों पर महज 20 गायें बचेंगी। अगर समय रहते हम नहीं चेते तो आने वाले समय में यह समस्या विकराल रूप ले लेगी।
संत राघेश्वर विश्वमंगल गौ ग्राम यात्रा के जोधपुर पहुंचने पर सरदारपुरा स्थित गांधी मैदान में भक्तजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्हांेने कहा कि गाय हमारा जीवन है, जीवन का मूलाधार है, उसके बिना कुछ नहीं है।
संत ने कहा कि पहला विश्व युद्ध सतयुग में राम और रावण के बीच, दूसरा द्वापर में कौरव और पांडव के बीच और तीसरा विश्व युद्ध कलयुग में गौवंश को बचाने के लिए होगा। इसके लिए हमें देशभर में आंदोलन करना होगा, जिसका नेतृत्व राजस्थान को ही करना है। उन्होंने कहा कि जहां पर चार मारवाड़ी रहते हैं, वहां एक गौशाला जरूर होती है।
स्त्रोत :http://www.bhaskar.com/2009/12/24/091224044215_cow_is_our_life.html
विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा का जोरदार स्वागत - राह में बिछाए पुष्प
सोमवार, 21 दिसंबर 2009
पाथेय कण रजत जयंती वर्ष - पत्र लेखन अभ्यास वर्ग संपन्न
शनिवार, 19 दिसंबर 2009
"तिलक" का विज्ञान एवं दर्शन
यह एक वैज्ञानिक तथ्य है की दोंनो भौंहों के बीच कुछ अतिरिक्त संवेदनशीलता होती है। इसे परीक्षा करके जाना जा सकता है। यदि हम आँखे बंद करके बैठ जाएँ और कोई व्यक्ति हमारे भ्रू-मध्य के एकदम निकट ललाट की ओर तर्जनी उँगली ले जाए । तोवहाँ हमें कुछ विचित्र अनुभव होगा । यही तृतीय नेत्र की प्रतीति है। इस संवेदना को हम अपनी ऊँगली भृकुटि-मध्य लाकर भी अनुभव कर सकता है। इसलिए इस केन्द्रपर जब तिलक अथवा टीका लगाया जाता है, तो उससे आज्ञाचक्र को नियमित रुप से उत्तेजना मिलती रहती है। इससे सजग रुप में हम भले ही उससे जागरण के प्रति अनभिज्ञ रहें, पर अनावरण का वह क्रम हनवरत चलतारहता है।
तिलक का तत्वदर्शन अपने आप में अनेंको प्रेरणाएँ सँजोएं हुए है। तिलक या त्रिपुंड प्रायः चंदन का होता है। चंदन की प्रकृति शीतल होती है। शीतल चंदन जब मस्तकपर लगाया जाता है, तो उसके पीछे भाव यह होता है कि चिंतन का जो केंद्रिय संस्थान मस्तिष्क के रुप में खोपड़ी के अंदर विराजमान है, वह हमेशा शीतल बना रहे, उसके विचार और भाव इतने श्रेष्ठ हों जि अपनी तरह औंरो को भी शीतलता, शांति और प्रसन्नता प्रदान करता रहे। तिलक का महत्व जनजीवन में इतना अधिक है कि जब कोई महत्वपूर्ण, सम्मानसूचक, प्रसन्नदायक घतना घटती है,तो माथे पर तिलक लगा दिया जाता है। विवाह हो रहा हो तो तिलक, कोई युद्ध परजा रहा हो तो तिलक हो। कोई युद्ध से विजयी होकर लौट रहा हो तो तिलक हो अर्थात् कोई भी सुखमय घटना हो, उसके साथ तिलक का अविच्छिन संबंध जोड़ दिया जाता है। ऐसा इसलिए कि वह आमनद चिरस्मरणीय बना रहे।
विवाहित स्त्रियाँ माँग में सिंदूर और माथे पर बिंदी लगाती है। बिंदी टीके का रुप है, वैसे ही माँग का सिंदूर तिलक का प्रतिक है। किंतु यहाँ इन्हे परिणीता के सुहाग के साथ जोड़ा दिया गया है। यह अक्षत सुहाग के चिन्ह हैं। इनमें समर्पण और निष्ठा का भाव पूर्णरुपेण पति की ओर है। वह उसकी समर्पिता है। अबउसके नारित्व पर कोई बाधा नहीं पड़ेगी, इसलिए पत्नी को पति के जीवन रहने तक इन्हे धारण करना पड़ता है। तिलक द्रव्य के रुप में भीन्न-भीन्न प्रकार की वस्तो्ओं का प्रयोग किया जाता है। श्वेत और रक्त चंदन भक्ति के प्रतिक हैं। इनका इस्तेमाल भजनानंदी किस्म के लोग करते है। केशर एवं गोरोचन ज्ञान तथा वैराज्ञ्य के प्रतिक है। ज्ञानी तत्वचिंतक और विरक्त ह्रदय वाले लोग इसका प्रयोग करते है। कस्तूरी ज्ञान, वैराज्ञ्य, भक्ति, प्रेम, सौंदर्य, ऐश्वर्य सभी का प्रतीक है, ।
मार्कण्डेय पुराणके ‘स्त्रियसमस्ता सकला जगत्सु’ के अनुसार नारी समाज शक्ति रूपा है। नारी समाज के सौभाग्य में लाल वर्ण की प्रधानता का यही कारण और मस्तक पर लाल वर्ण के रूपमें हम मातृशक्ति धारण करने की कामना करते हैं। यही कारण है कि ज्यादातर सांस्कृतिक तिलक महिलाएं ही पुरूषों के भाल पर करती है। चाहे वह बहिन, पत्नी या माँ किसी भी रूप में हो।
अनामिका शांति दोक्ता,मध्यमायुष्यकरी भवेत्।
अंगुष्छठ:पुष्टिव:प्रोत्त,तर्जनीमोक्ष दायिनी।।
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009
गुरुवार, 17 दिसंबर 2009
बुधवार, 16 दिसंबर 2009
पाक बना रहा है नए बंकर-टॉवर
साभार स्त्रोत : http://patrika.com/news.aspx?id=291974
मंगलवार, 15 दिसंबर 2009
भारत-पाक से पैसा लेते हैं हुर्रियत नेता
श्रीनगर, [जागरण ब्यूरो]। मीरवाइज गुट के हुर्रियत नेताओं को दिल्ली का एजेंट बताने का मामला शांत नहीं हुआ था कि बिलाल गनी लोन ने भी एक 'राज' उगल दिया है। लोन ने यह कह कर सभी अलगाववादी नेताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया कि अधिकांश हुर्रियत नेताओं ने किसी न किसी मौके पर भारत या फिर पाकिस्तान से पैसा लिया है।
लोन ने सोमवार सुबह एक स्थानीय चैनल के साथ साक्षात्कार में यह आरोप लगाया है। वह जमरूदा हबीब के उसी बयान पर बात कर रहे थे, जिसमें महिला नेता ने आरोप लगाया था कि वर्ष 2003 में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर हवाला राशि के साथ उनकी गिरफ्तारी हुर्रियत के तत्कालीन चेयरमैन प्रो. अब्दुल गनी बट और मौलाना अब्बास अंसारी के इशारे पर ही हुई थी। पीपुल्स कांफ्रेंस के एक गुट के चेयरमैन और मीरवाइज मौलवी उमर फारूक की कार्यकारी परिषद के वरिष्ठ सदस्यों में शामिल बिलाल गनी लोन ने कहा कि उन्होंने दोनों मुल्कों से पैसा नहीं लिया है। एक चैनल से पैसा जरूर लिया है और यह जरिया भी बीते डेढ़ साल से बंद हो चुका है। वह पैसे के लिए कश्मीर के अपने लोगों पर ही निर्भर हैं।
उन्होंने कहा कि हुर्रियत कांफ्रेंस समेत कश्मीर के विभिन्न अलगाववादी नेताओं में एक बड़ी संख्या उन लोगों की है जो किसी न किसी समय भारत-पाकिस्तान से पैसा लेते रहे हैं। इतना ही नहीं, उसी के आधार पर कश्मीर के प्रति रूख अपनाते रहे हैं। इनमें से शायद आज भी कई भारत से या फिर पाकिस्तान से पैसा ले रहे हों। बिलाल ने कहा कि वह खुश हैं कि उन्होंने कश्मीर के लोगों से कभी गद्दारी नहीं की। हुर्रियत नेताओं को चाहिए कि वह कश्मीर के लोगों के विश्वास के साथ दगा न करे, क्योंकि वह तहरीक के लिए पैसा देता है। देर शाम लोन कुपवाड़ा जिले में अपने पैतृक गांव चले गए है। उनके इस बयान के बाद कश्मीर के अलगाववादी खेमे में मची खलबली पर मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और प्रो। अब्दुल गनी बट ने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। जबकि मौलाना अब्बास अंसारी ने कहा कि बिलाल ने जो कहा बकवास है.
सोमवार, 14 दिसंबर 2009
जोधपुर में विश्व मंगल गोऊ ग्राम उपयात्रा - गोऊ भक्तो का मिला अपार स्नेह
रविवार को सुबह सरदारपुरा सत्संग भवन में संत पुरुषोत्तमदास व संत अमृतराम महाराज ने गौ रथ का पूजन कर यात्रा को रवाना किया। मधुबन कॉलोनी में संत हरिराम शास्त्री ने आशीर्वचन देकर यात्रा को शुरू किया।
गौ ग्राम यात्रा समिति के महानगर प्रचार प्रमुख कैलाशचंद्र ने बताया कि सत्संग भवन में धर्मसभा हुई। इसे अनिल गोयल व धर्मेन्द्र सोनी ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि दस साल में देश भर में दो करोड़ गोवंश की कमी होना चिंता का विषय है। हमें गोवंश का संरक्षण-=संवर्धन करना होगा।
सत्संग भवन से यात्रा लाला लाजपत नगर, गीता भवन, जालोरी गेट, सरदारपुरा सी रोड, कुम्हारों का बास होते हुए सेक्टर सेवन शिवमंदिर आकर विसर्जित हुई। यहां धर्मसभा का आयोजन हुआ। भागीरथ सोलंकी, अशोक दवे, मुकेश लोढ़ा आदि ने यात्रा का स्वागत किया।
सभा को नगर अध्यक्ष योगेश्वर, संरक्षक नंदलाल भाटी, प्रकाश सिंघवी और दुर्गासिंह ने संबोधित किया। पंजाब नेशनल बैंक मधुबन कॉलोनी में सुबह मंगल कलश के साथ महिलाएं भी यात्रा में शरीक हुईं। मधुकेश्वर महादेव, देवनारायण मंदिर, केके कॉलोनी, राधाकृष्ण मंदिर, सेक्टर दो में धर्मसभाओं का आयोजन हुआ।
इसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांच प्रचारक विजय कुमार, श्याम मनोहर, रोहित जोशी, अमरचंद फरोदा, डॉ. सीएस मेहता, ओपी अग्रवाल आदि ने संबोधित किया। धर्मसभाओं का संचालन गोवर्धन हैड़ा, संजय अग्रवाल, विजयराज राठौड़ और देवाराम ने किया। महंत अमराराम व महंत हीरादास ने गौ भक्तों को गौर संरक्षण का संकल्प दिलाया।
रामेश्वर नगर, मधुबन कॉलोनी, सरस्वती नगर, डी सेक्टर, कुड़ी भगतासनी, सेक्टर छह, चार व तीन सेंट्रल एकेडमी किसान गैस गौदाम, बासनी, रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर यात्रा का विभिन्न संस्थाओं द्वारा तोरण द्वार लगाकर व पुष्प वर्षा से स्वागत किया। रातानाडा नगर समिति के संयोजक किशोरसिंह सोलंकी व बालीसिंह ने रातानाडा की यात्रा को सफल बनाने के लिए व्यावसायिक संस्थाओं व कार्यकर्ताओं का आभार जताया।
जोधपुर.12 december 09. विश्वमंगल गौ ग्राम यात्रा शनिवार को शहर के भीतरी भाग व रातानाडा में धूमधाम से निकाली गई। संत अमृतराम महाराज, संत पुष्करनाथ महाराज व अन्य संतों के सान्निध्य में निकाली यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए। रावतों के बास में महिलाओं ने 1001 दीपक से गौ रथ की महाआरती की।
कैलाशचंद्र ने बताया कि ब्रrापुरी, हटड़ियों का चौक, अचलनाथ मंदिर व आरके कॉलेज में धर्मसभाओं का आयोजन हुआ। इसे मदनगोपाल, कमलकिशोर, भंवरलाल चौधरी, जगदीश पुरोहित, राज जोशी, हुल्लासचंद्र, उपेन्द्र, हेमन्त घोष, जयप्रकाश दवे ने संबोधित किया। मुख्य बाजार में क्षेत्रीय पार्षद कृपाराम सोनी, संजय दइया, राजेन्द्र बोहरा सहित अनेक व्यापारिक संस्थाओं ने भव्य स्वागत किया।
अचलनाथ मंदिर में पार्षद स्मिता सिंघवी व पूर्व पार्षद गीता काला ने महिलाओं के साथ यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। रावतों का बास में बजरंगदल के संजय सोनी, दीपक व्यास, गणोशसिंह, अजयसिंह, हीरालाल, शिव कुमार, आकाश ओझा आदि ने महाआरती की। पार्षद फरजाना चौहान ने गौ भक्तों का आभार जताया।
रातानाडा नगर की यात्रा को संघ के नंदलाल जोशी ने देवनारायण मंदिर भगत की कोठी में संतों के सान्निध्य में पूजन प्रारंभ किया। प्रारंभ में प्रभुदयाल थाई सहित अनेक लोगों ने भगत की कोठी में स्वागत किया। रातानाडा सब्जी मंडी व कृष्ण मंदिर में महिला मंडल ने व रामदेव मंदिर में संत अचलानंद गिरि ने पूजा की। व्यापारी संघ व अखिल भारतीय अहिंसा प्रचार समिति ने भी सहयोग दिया। आर्यन्स फ्रैंड्स क्लब के कपिल व्यास, सिद्धार्थ मूथा, आदि ने स्वागत किया।मनोज कल्ला, सागर वैष्णव, देवेश व्यास, ज्योति मूथा, अभिषेक कल्ला और राहुल व्यास ने गौ ग्राम यात्रा का नथावतों की बारी स्थित सिद्धी विनायक मंदिर में स्वागत किया।
सोमवार, 7 दिसंबर 2009
विश्व मंगल गोऊ ग्राम उपयात्रा में उमडा गोभक्तो का सैलाब
गौ ग्राम यात्रा के महानगर प्रचार प्रमुख कैलाशचंद्र ने बताया कि सुबह ज्योतिबा फूले चौराहा पर संत रामप्रकाशाचार्य, संत ज्ञानस्वरूपानंद गिरि, संत नारायणानंद व संत सुखदेव ने गौ रथ का पूजन कर यात्रा को रवाना किया। यात्रा के आगे आर्य मरुधर व्यायामशाला के युवक हैरतअंगेज करतब प्रदर्शित कर रहे थे। रैली में शामिल बड़ी संख्या में युवा दो पहिया वाहनों पर गौ माता के जयकारे लगा रहे थे।
नागौरी गेट पर पूर्व पार्षद धनराज मकवाना सहित अनेक लोगों ने स्वागत किया। यहां से यात्रा बैंड बाजे के साथ कलाल कॉलोनी पहुंचने पर सैकड़ों महिलाओं ने गौ प्रतिमा की पूजा अर्चना की। शास्त्रीनगर समिति द्वारा सुबह दल्ले खां की चक्की से गौ ग्राम उप यात्रा संत अमृतराम के सान्निध्य में रवाना की गई। बलदेव नगर पहुंचने पर यात्रा का ढोल नगाड़ों से स्वागत किया। माहेश्वरी न्याति नोहरा व मसूरिया बाबा रामदेव मंदिर पर महिलाओं ने यात्रा का बधावणा किया। बजरंगदल ने भी स्वागत किया।
मसूरिया प्रखंड के कार्यकर्ताओं ने यहां यात्रा का स्वागत किया। रामदेव मंदिर, सिंधी कॉलोनी, शास्त्रीनगर सी सेक्टर व खेमा का कुआं पर धर्मसभाओं का आयोजन किया गया। इसे प्रांत कोष प्रमुख ललित शर्मा, नगर संयोजक महेन्द्र प्रजापत, सचिव रणवीरसिंह गहलोत, गौतमचंद लड्ढा, रतन काका और सत्यपाल हर्ष ने संबोधित किया। गुलाब नगर में उप महापौर न्याज मोहम्मद ने उपयात्रा का स्वागत किया।
शनिवार, 5 दिसंबर 2009
जोधपुर में विश्व मंगल गोऊ ग्राम उपयात्रा
गुरुवार, 3 दिसंबर 2009
सोमवार, 30 नवंबर 2009
गाय का सरंक्षण आवश्यक - उल्लास चंद्र
जोधपुर.२९ नवम्बर २००९। विश्व मंगल गौ ग्राम उपयात्रा जोधपुर महानगर में कल जुना खेडापति बालाजी से शुरू हुई। गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जनजागरण के उद्देश्य से नंदनवन नगर समिति की ओर से जूना खेड़ापति बालाजी मंदिर से सुबह नौ बजे यात्रा शुरू हुई। संत डॉ. शिव स्वरूपानंद गिरि, जितेन्द्र गिरि व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक कृष्णचंद्र भार्गव ने गो—पूजन कर यात्रा को रवाना किया।
यात्रा का नेतृत्व नंदनवन नगर समिति के संयोजक ओमप्रकाश पुरोहित ने किया। यात्रा पाल लिंक रोड, प्रथम पुलिया चौहाबो, सेक्टर दस, दशहरा मैदान होते हुए सेक्टर 12 में आकर विसर्जित हुई।
जगह—जगह हुआ स्वागत
गौ ग्राम यात्रा के महानगर प्रचार प्रमुख कैलाशचंद्र ने बताया कि यात्रा का अनेक स्थानों पर स्वागत हुआ। महिलाओं व पुरुषों ने जगह—जगह पूजा अर्चना की व संतों के सान्निध्य में गौ संरक्षण का संकल्प लिया। यात्रा का पहला पड़ाव राधाकृष्ण मंदिर पाल लिंक रोड पर हुआ।
यहां पर डॉ. शिवस्वरूपानंद गिरि व सदरूपानंद गिरि ने गाय का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि दूध के साथ साथ गोबर व गोमूत्र भी बेहद उपयोगी होते हैं। पाल लिंक रोड से यात्रा राजीव गांधी कॉलोनी पहुंचने पर सैकड़ों महिलाओं ने सिर पर मंगल कलश धारण कर व गीत गाते हुए यात्रा का बधावणा किया। इसके साथ ही गाय माता की प्रतिमा को चूंदड़ियां ओढ़ाकर उसकी पूजा अर्चना की गई।
कामधेनु का अवतार है गाय
सेक्टर 10, नंदकेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित धर्मसभा में आरएसएस के विभाग प्रचारक हुल्लासचंद्र ने कहा कि कलियुग में विश्व का संतुलन करने के लिए भगवान ने कामधेनु के रूप में गाय को पृथ्वी पर भेजा था। समिति के प्रांत कोष प्रमुख ललित शर्मा ने दशहरा मैदान में बोलते हुए गाय का महत्व बताया। सभा के शुरू में नगर अध्यक्ष विक्रम पंवार, कन्हैयालाल खटवानी, पार्षद सुनीता झामनानी ने संतों व अतिथियों का स्वागत किया।
इसके बाद कृष्णनगर स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में उप यात्रा पहुंचने पर ढोल नगाड़ों के साथ समिति के जयसिंह, राकेश वशिष्ठ, कैलाश बाबू, रामजी अग्रवाल ने यात्रा की अगुवाई की। समिति के महानगर संयोजक अनिल गोयल ने सभा को संबोधित करते हुए गौ को महत्वपूर्ण बताया। शाम को यात्रा चौहाबो सेक्टर 12 में आकर विसर्जित हुई। यहां समिति के संरक्षक सत्यपाल हर्ष ने संबोधित किया।
गुरुवार, 26 नवंबर 2009
लौकिक और पारलौकिक आवष्यकताओं की प्रदात्री है गाय डा. जैन
मदुरै, नवंबर २५ – गाय में वो सामर्थ्य है जिससे संपूर्ण सृष्टि का पालन हो सकता है । गाय हमारी लौकिक और पारलौकिक दोनों आवष्यकता की पूर्ती करने में समर्थ है । यह कहना है विश्व हिन्दू परिषद के अंतराष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. सुरेन्द्र जैन का । वे विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के मदुरै पहुंचने पर आयोजित सभा में बोल रहे थे ।
गोरक्षा के नाम पर भारत को पीछे ले जाने के बुद्धिजीवियों के तर्क को नकारते हुए उन्होंने कहा कि भारत की ७० प्रतिशत जनता कृषि पर आधारित है और इनमें से भि ७२ पतिशत ऐसे किसान है जिनके पास केवल २ से ४ एकड ही जमीन है । आज देश में ४.०७ करोड हल और १.३० करोड बैलगाडी है । इसलिए किसान को ट्रैक्टर कृषियंत्रों की जरूरत नहीं, उसकी जरूरत गाय है ।
उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद के बढते प्रयोग से भारत की ३० करोड एकड भूमि बंजर हो गयी है । हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता घटने का व अपराधों के बढने का कारण भी रासायनिक खाद ही है । सरकार रासायनिक खाद के लिए प्रतिवर्ष १८ हजार करोड रूपये की सब्सिडी देती है । उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह धन गो आधारित अनुसंधान में लगाए तो भारत पुनः विकास की ओर गति करने लग जाएगा ।
डा. जैन ने कहा कि यान्त्रिक कल्लखानों में जितने पानी का उपयोग होता है उसे अगर बचा लिया जाए तो भारत की जल समस्या व कावेरी विवाद का हल हो जाएगा । डा. जैन कहा कि गांव की उपेक्षा करने पर देश का विकास संभव नहीं है । दुर्भाग्य से हमने देश की जडों को नहीं पहचाना, आज भारत विकास के नाम पर विनाश की ओर जा रहा है । यदि मानवता को बचाना है तो भारत को बचाना होगा, भारत को बचाना है तो गांव को बचाना होगा और गांव को बचाना है तो गाय को बचाना होगा ।
मदुरै के मेला मासी स्ट्रीट पर आयोजित सभा को यात्रा प्रमुख श्री राघवन, रामकृष्ण आश्रम विरतुनगर के स्वामी स्वरूपानंद, रामकृष्ण मठ तिरवेटकं के स्वामी परमानंद, स्वामी आत्मानंद आदि संतों ने संबोधित किया ।
गोऊ मांस का सेवन बंद करे - अभिनन्दन जयराम रमेश जी का
India tells US – stop “beefing” about the environment
India served a challenge to the US this week. Indian environment minister, Jairam Ramesh told the US if it wants to get serious about environmental emissions if needs to stop eating so much beef. An American is the biggest beef consumer, eating 25% more than Europeans. However, Ramesh is not so concerned about depletion of forest to create grazing land for cattle, the inefficiency of how cattle consume more food stuffs than they produce, or even the health impacts of the feed additives frequently given to cattle. No, Ramesh is far more concerned with cattle’s’ other primary output, namely methane.
The environment minister, Jairam Ramesh, said if the world abandoned beef consumption, emissions would be dramatically reduced and global warming would slow down.
“The solution to cut emissions is to stop eating beef. It leads to emission of methane which is 23 times more potent than carbon dioxide,” he said.
His comments follow a call last month by Lord Stern, the author of a British Government study on climate change, for people to give up eating meat to reduce emissions. “Meat is a wasteful use of water and creates a lot of greenhouse gases,” said Lord Stern. “It puts enormous pressure on the world’s resources. A vegetarian diet is better.”
Hindus are forbidden to eat beef and India has more vegetarians than any other country in the world। More than 30 per cent of its 1.1 billion people do not eat meat at all.
Give up beef, says जयराम rअमेस
स्त्रोत : http://www.indianexpress.com/news/Briefly-Nation/544024
Pachauri backs Jairam on issue of beef eaटिंग
New Delhi, Nov 20 (PTI) The views of Environment and Forest Minister Jairam Ramesh that beef consumption leads to emissions today got the backing of noted environmentalist R K Pachauri।"If you count the emission associated with beef production, it is huge," Pachauri, who is Director General of The Energy and Resource Institute (TERI) and Chairman of the Inter-governmental Panel of Climate Change, told reporters.Huge pasture land is required for meat production and at times the forest resource is denuded to make it pasture land. The cattle are given food grain which is produced by using chemical fertilisers and pesticides, Pachauri explained."Then the meat has to be refrigerated and transported.It is an international industry. It is kept in refrigerators in outlets. The whole process involves huge green house gas emissions," he said.
http://www.ptinews.com/news/386649_Pachauri-backs-Jairam-on-issue-of-beef-याटिंग
Stop Eating Beef to Avoid Climate Change: रमेश
No, Environment Minister Jairam Ramesh, a vegetarian himself, was not invoking any ancient Hindu scriptures, but what he said would certainly warm the cockles of those hearts who consider eating beef an anathema.Citing measures for developed countries to cut carbon emissions, he said, "It has been seen that developed countries which eat beef have the maximum amount of emissions. They can cut down on emissions, if they stop eating beef.""The single-most important cause of emissions is eating beef,” Ramesh said. “My formula is stop eating beef. This would stop the emission of [large amounts of] methane.”
“You may laugh at it. But the solution to cut emissions is to stop eating beef. It leads to emission of methane (CH4) that is 23 times more potent than carbon dioxide. But the best thing for us, India, is we are not a beef-eating nation,” the minister went on to add.
He was speaking after the release of the United Nation’s Population Fund’s (UNFPA) report: State of World Population 2009 — Facing A Changing World: Women, Population and Climate. While Ramesh quoted a number of studies — and global climate change expert R.K. Pachauri — to support his view, the issue has been debated for years.
Last year, a UN Food and Agriculture Organisation study found that meat production accounts for nearly a fifth of all greenhouse gas emissions — emissions that are causing temperatures to rise, causing erratic rainfall, higher sea levels and stronger storm events.
On the flip side, many scientists argue that meat-eating is good for the environment because it eliminates animals whose manure emits methane, a greenhouse gas 23 times more potent in the global warming scenario than carbon dioxide.
Ramesh’s comments throw the ball back in the court of the developed world a fortnight ahead of the climate change negotiations in Copenhagen. Asking Indians not to expect much from the climate change conference in Copenhagen, Ramesh said the government would follow a "twin track" approach of not binding itself to any global agreement but at the same time putting in place "ruthless" measures to cut emissions on the domestic front."You should not have too many expectations from the Copenhagen summit. It looks like the negotiations would continue," he said here releasing a United Nations report on population."It seems there is a long haul before we arrive at an international commitment," Ramesh added.
http://news.outlookindia.com/item.aspx?६६९७९३
बुधवार, 25 नवंबर 2009
राष्ट्रपति प्रतिभा ने सुखोई में उड़ान भर रचा इतिहास
स्त्रोत : http://hindi.samaylive.com/news/54007/54007.html
मंदिर के लिए एक और रथयात्रा जरूरी: उमा
नागपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस में भारती ने लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट पर जमकर तीखे शब्दों में टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यदि आयोग अपनी रिपोर्ट को सही बता रही है, तो हम भी बाबरी मस्जिद ढहाए जाने का समर्थन करते हैं। इस प्रकरण में पी.वी. नरसिंहराव की भूमिका की उन्होंने खुलकर तारिफ की है। लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट पर बरसते हुए उमा भारती ने कहा कि यह राजनीतिक दस्तावेज है न की न्यायिक। यदि इस रिपोर्ट में उन्हें दोषी ठहराया गया होगा, तो वे इसके खिलाफ कानून मदद लेंगी।
एक सवाल के जवाब में उमा भारती ने कहा कि अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद परिसर में उस दिन बड़ी संख्या में कारसेवकों के आने की वजह से लालकृष्ण आडवाणी ने मुझे कारसेवकों को समझाने-बुझाने के लिए वहां भेजा था। मैंने कारसेवकों को शांत करने की पूरी कोशिश की, परंतु सफलता नहीं मिली और बाबरी मस्जिद ढहा दी गई। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने सरकार के कार्यकाल के दौरान राम मंदिर का निर्माण न होने पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा था कि विधेयक लाकर और मुस्लिम समाज की सहमति हासिल कर मंदिर का निर्माण किया जा सकता है।
आंदोलन होगा : तोगड़िया
विवादित बाबरी ढांचा को ध्वस्त करने के लिए हमें गर्व है। राम जन्मस्थल पर भव्य मंदिर निर्माण हेतु हम संकल्पबद्ध हैं और इसके लिए बलिदान देने की तैयारी भी है। किसी भी कीमत पर बाबर के नाम की एक भी वस्तु का अस्तित्व नहीं रहने दिया जाएगा। केंद्र सरकार मुस्लिमों को खुश करने के लिए निदरेष ंिहंदुओं को लिब्रहान आयोग के नाम पर दंडित करेगी तो केंद्र के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।’
गौ संरक्षण हस्ताक्षर अभियान में आई तेजी
समिति के महानगर प्रचार प्रमुख कैलाशचंद्र ने बताया कि आज 24वें दिन रातानाडा व्यापारिक संघ सचिव राजकुमार व गौ ग्राम यात्रा के रातानाडा नगर सचिव किशोर सिंह सोलंकी की अगुवाई में व्यापारिक संघ उपाध्यक्ष मनोज दयानी, सह सचिव खेताराम सेन, सुरेश बोराणा और गौ ग्राम समिति के विष्णु आदि ने सब्जी मंडी सहित विभिन्न क्षेत्रों में हस्ताक्षर कराकर घर-घर स्टीकर चिपकाए। इस अवसर पर यादे मंदिर में सभा रखी गई।
संयोजक अनिल गोयल ने गाय की पूजा-अर्चना सहित गाय के दूध को अमृत बताया। उन्होंने गाय के अस्तित्व को खतरा बताया एवं उसके संरक्षण के लिए गौ ग्राम यात्रा पर जोर दिया।
चौ.हा.बो. के 16, 17 व 18 सेक्टर में मंगलवार को नंदनवन नगर के सचिव ओमप्रकाश पुरोहित, लक्ष्मण समभवानी ने कार्यकर्ताओं सहित सघन जनसंपर्क कर घर-—घर हस्ताक्षर करवाए। साथ ही, गौ माता की सेवा करने की बात कही।
शनिवार, 21 नवंबर 2009
Xkk; ejh rks cprk dkSu] xk; cph rks ejrk dkSu \& lqn’kZu
psUubZ ] 20uoacjA fo’o eaxy xksxzke ;k=k ds vkt psUubZ egkuxj esa igqapus ij vk;ksftr lHkk dks lacksf/kr djrs gq, jk”Vªh; Lo;alsod la?k ds fuoZreku ljla?kpkyd dq- lh- lqn’kZu us dgk fd Xkk; ejh rks cprk dkSu vkSj xk; cph rks ejrk dkSu \