शनिवार, 31 जनवरी 2015

फेसबुक पर डाली देवी-देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीर, बवाल

फेसबुक पर डाली देवी-देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीर, बवाल
विश्व संवाद केन्द्र उत्तराखंड। पिथौरागढ़ में फेसबुक में देवी-देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीर डाल कर और हनुमान चालीसा की अश्लील शब्दों में व्याख्या कर एक व्यक्ति धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहा है। इसके विरोध में हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली के सामने प्रदर्शन किया। आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। पुलिस ने इस मामले में आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है। भाजयुमो के प्रदेश मंत्री बसंत जोशी के नेतृत्व में कोतवाली पहुंचे लोगों ने कोतवाल गणेश सिंह सामंत को दी तहरीर में कहा है कि हसनैन आलम नामक व्यक्ति ने देवी-देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीर बनाकर फेसबुक पर डाली है। देवी-देवताओं के लिए अश्लील शब्दों का प्रयोग किया है। यही नहीं हनुमान चालीसा के शब्दों को तोड़मरोड़ कर अश्लील शब्दों का प्रयोग किया गया है। कहा है कि ऐसे कृत्य से हिंदू समाज आहत हुआ है, ऐसे व्यक्ति का पता लगाकर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

इन लोगों ने फेसबुक से डाउनलोड कर आपत्तिजनक टिप्पणियों और फोटो की प्रतियां भी पुलिस को सौंपी हैं। कोतवाल ने बताया कि आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है। फेसबुक आईडी में संबंधित व्यक्ति का पता नहीं है। मामले की छानबीन की जा रही है। आईडी के संबंधित का पता लगाया जाएगा। प्रदर्शन में दुर्गा धामी, प्रदीप पांडे, एबीवीपी के जिला संयोजक रोहित ओझा, हरीश मेहता, नारायण परिहार आदि शामिल थे

गुरुवार, 29 जनवरी 2015

जोधपुर में "पाणिग्रहण कुम्भ" सुदर्शन सेवा समिति की ओर से सम्पन्न


"जोधपुर में पाणिग्रहण कुम्भ"
सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह में 101 जोड़े बने जीवनसाथी 


दूल्हों  की बारात का इक द्रश्य
गणमान्य जन भी पहुंचे  देने



इन्तजार  में ....




जोधपुर ।  बसंतपंचमी के  शुभावसर पर सुदर्शन सेवा संस्थान  की ओर से कमला नेहरू नगर स्थित आदर्श विद्या मंदिर केशव नगर परिसर में सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह इस वर्ष भी आयोजित किया गया।  

   
सामाजिक समरसता के इस अनूठे आयोजन में 51 दूल्हों की बारात जूना खेड़ापति हनुमान मंदिर से और 50 दूल्हों की बारात रावण का चबूतरा मैदान से रवाना हुई। एक साथ दूल्हों  की बारात के दृश्य ने राह  चलते लोगो का ध्यान भी अपनी तरफ खिंचा। बारात विभिन्न मार्गों से होते हुए विवाह स्थल "श्रुतम्",आदर्श विद्या मंदिर पहुंची। जहां आयोजकों ने बारातियों का स्वागत किया।  

समारोह में राष्ट्रीय  स्वयंसेवक संघ के प्रान्त संघचालक ललित जी शर्मा,महिला एवं बाल कल्याण राज्यमंत्री अनीता भदेल,भाजपा के वरिष्ठ नेता ओंकारसिंह लखावत, जोधपुर नगर निगम के महापौर घनश्याम ओझा ने उध्बोधन दिया।  अतिथि गणों  का परिचय संस्थान के उपाध्यक्ष निर्मल गहलोत ने करवाया। मंच सञ्चालन मंत्री नथमल पालीवाल ने किया।
 
भव्य पंडाल में सजाये गये  मंडपों में 101 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। 

पाणिग्रहण संस्कार का अद्भुत कार्यक्रम देखते ही बन रहा था।  १०१ कुटिया  बनाई गई थी जहाँ  दूल्हे-दुल्हनों  तथा परिवारजनो के बैठने की उचित व्यवस्था की गई थी , हर वैवाहिक मंडप में एक पण्डित था जो पाणिग्रहण संस्कार को पूर्ण करवा रहा था।  मुख्य पंडित राजेश दवे   पंडाल के मध्य एक मंच से मंत्रोच्चारण कर रहे थे।  सभी दूल्हे-दुल्हनों का एक साथ हस्त-मिलाप, एवं फेरे लेने का दृश्य देखते ही बन रहा था।  

पाणिग्रहण संस्कार के पश्चात सामुहिक भोजन की सुन्दर वयवस्था भी की गई थी।  

सुदर्शन सेवा संस्थान के अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता "काका" ने बताया कि सुदर्शन सेवा संस्थान का गठन राष्ट्रीय  स्वयंसेवक संघ एवं सहकार भारती की प्रेरणा से तीन वर्ष पूर्व सेवा एवं सहकार के लिए किया गया था।  

 महामंत्री कमलेश गहलोत ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि वर्तमान में विवाह समारोह में आर्थिक प्रदर्शन एवं दहेज़ प्रथा की समस्याओं  के चलते सामान्य व्यक्ति को वैवाहिक कार्यक्रम को पूर्ण करने में कठिनाई अनुभव करता हैं। सुदर्शन सेवा संस्थान ने सर्व सामान्य वर्ग को आडम्बरपूर्ण एवं दहेज़ प्रथा से मुक्त हो स्वाभिमान से अपने पुत्र-पुत्रियों के पाणिग्रहण संस्कार को सम्पन्न करवाने की पहल की है। 

महामंत्री कमलेश गहलोत  ने बताया कि समाज में समानता, समरसता एवं  एकात्मता का भाव  उत्पन्न करने के  उद्देश्य  से सर्वजातीय सामूहिक विवाह करने का निर्णय लिया गया था जिसे समाज से स्वीकारा और उत्साहजनक परिणाम के कारण इस बार १०१ जोड़े परिणय सूत्र में बंधे गत वर्ष भी अक्षय तृतीया के दिन ५७ जोड़ो के सामूहिक विवाह कार्यक्रम किया गया था।  
पाणिग्रहण संस्कार का एक दृश्य
सामूहिक विवाह के इस कार्यक्रम में प्रत्येक वधु को उसके नाम से  १० हजार रूपये की सावधि जमा (Fixed Deposit) राजस्थान सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा दी गई।  

सुदर्शन सेवा संस्थान द्वारा प्रत्येक नवदम्पति को घर संचालन हेतु काम आने वाली वस्तुएं भी भेंट की गई। 

सामूहिक विवाह में पंजीयन की प्रक्रिया के बारे में पूछने पर बताया गया कि  लड़के एवं लड़की के जन्म प्रमाण  पत्र , आवासीय प्रमाण पत्र , ४-४ फोटो सहित पंजीयन प्रपत्र भर कर, लड़के,लड़की,माता पिता अथवा सरंक्षक तथा दो गवाह के हस्ताक्षर करने विवाह हेतु पंजीयन किया जाता हैं।  पंजीयन हेतु ११०० रूपये मात्र वर तथा वधु पक्ष से लिए जाते है अन्य सभी व्यय संस्थान द्वारा किया जाता है।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक मुरलीधर जी, प्रांत संघचालक ललित कुमार जी शर्मा, प्रान्त कार्यवाह जसवंत जी खत्री , सह प्रान्त कार्यवाह श्याम मनोहर जी ,महाधिवक्ता नरपत मल जी लोढ़ा, सांसद गजेंद्रसिंह शेखावत, राज्यसभा सदस्य नारायण पंचारिया ,  उपमहापौर देवेन्द्र सालेचा, विधायक कैलाश भंसाली , सूर्यकांता व्यास, तथा जोगाराम पटेल, अतिरिक्त महाधिवक्ता कान्ति  लाल जी ठाकुर, श्रीकिशन गहलोत, नन्द लाल भाटी सहित अनेक गणमान्य लोग पहुंचे और नव दंपतियों को आर्शीर्वाद दिया। समिति के अध्यक्ष रतनलाल गुप्ता "काका", महामंत्री कमलेश गहलोत, मंत्री नथमल पालीवाल, दुर्गासिंह गहलोत, रामस्वरूप गोधा, पुखराज चौपड़ा, विनोद आसोपा, कृष्ण गोपाल वैष्णव सहित कई कार्यकर्ताओं  ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। 


बुधवार, 28 जनवरी 2015

जानबूझकर महापुरुषों के इतिहास को युवा पीढ़ी से दूर रखा- इंद्रेश जी

जानबूझकर महापुरुषों के इतिहास को युवा पीढ़ी से दूर रखा- इंद्रेश जी

 

Netaji-Country’s first independent nation’s chief भुवनेश्वर. राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में गठित प्रथम स्वाधीन भारत सरकार को जापान, जर्मनी, रूस, सहित दस देशों ने मान्यता प्रादन की थी. यही नहीं वह स्वाधीन भारत के प्रथम सेनानायक थे. 

नेताजी और वीर सुरेन्द्र साये की जयंती पर 23 जनवरी को संघ व्दारा आयोजित युवा सम्मेलन में इंद्रेश जी ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि अगर नेताजी होते तो पिछले 60 सालों में भारत की राजनीति का चित्र काफी अलग होता. उन्होंने कहा कि जानबूझकर नेताजी, वीर सुरेन्द्र साये और स्वामी विवेकानन्द जैसे राष्ट्रनायकों को   लोगों से दूर रखा गया. इसलिये अब आने वाले दो वर्षों में इन क्रांतिकारियों के जीवन को लोगों के सामने लाने के लिये प्रयत्न जरूरी हैं.

सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में सेना के सेवानिवृत्त कर्नल हिमांशु शेखर महापात्र ने युवा पीढ़ी को अपने दृष्टिकोण में राष्ट्रीय भावना विकसित करने की सलाह दी. इस अवसर पर तीन शहीदों के परिवार को सम्मानित भी किया गया.

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए क्षेत्रीय प्रचारक अद्वैत दत्त जी ने कहा कि आज देशभक्ति की भावना के साथ मिलजुलकर काम करना सभी समस्याओं के हल की मुख्य कुंजी है. उनके साथ संघ के भुवनेश्वर महानगर संघचालक डॉ. बसंत कुमार और उत्कल प्रांत के संघचालक समीर कुमार मोहन्ती उपस्थित थे.

unnamed (1)यूनिट-8, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आयोजित इस सम्मेलन में 15 से 35 वर्ष की आयु के 1500 से अधिक युवकों ने भाग लिया. संघ की 50 से अधिक शाखाओं के स्वयंसेवक और भुवनेश्वर के अनेक कॉलेजों के विद्यार्थी भी सम्मेलन में उपस्थित थे.

सुबह 9 बजे आरम्भ हुए कार्यक्रम में युवकों ने देशभक्ति के गीत गाये तथा नेताजी और सुरेन्द्र साये के जीवन पर आधारित नाटक प्रदर्शित किये. मालुद के जय हनुमान अखाड़ा पाइक दल की ओर से पाइक अखाड़ा प्रदर्शित किया गया. इसके उपरांत इंद्रेश जी ने जिज्ञासु युवकों के प्रश्नों के उत्तर दिये.

दोपहर में नेताजी, वीर सुरेन्द्र साये और भारत माता के चित्रों की एक साथ विशाल शोभायात्रा निकाली गयी. हाथ में भगवा ध्वज पकड़े हुए युवकों के भारत माता की जय, वंदे मातरम तथा जय हिंद के नारों से वातावरण गूंज उठा. संघ के भुवनेश्वर महानगर के सहकार्यवाह श्री जयकृष्ण जी के नेतृत्व में श्री रिषभ नन्दा, दीपक राउत, इराशीष  आचार्य, महाविद्यालय प्रमुख श्री अखिल पाढि, संपर्क प्रमुख श्री गोपाल पाणिग्रहि, बौद्धिक प्रमुख देवी प्रसाद महापात्र, सह बौद्धिक प्रमुख श्री साई प्रसाद दास ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया.

स्त्रोत: vskbharat.com

मंगलवार, 27 जनवरी 2015

गणतंत्र दिवस के शुभवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बीकानेर महानगर का भव्य गुणवत्ता पथ संचलन

गणतंत्र दिवस के शुभवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भव्य गुणवत्ता पथ संचलन










बीकानेर २७ जनवरी २०१४।  गणतंत्र दिवस के शुभवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ   बीकानेर महानगर का भव्य गुणवत्ता पथ संचलन कल नगर के विभिन्न मार्गों  से होकर निकला।  गुणवत्ता पथ संचलन का कई स्थानों  पर शहरवासियों  ने पुष्पवर्षा से स्वागत किया. 

दोपहर ठीक २. 0 बजे संघ कार्यालय, शकुंतला भवन से पथ संचलन प्रारम्भ हुआ और रानी बाजार चौराहा, आयकर भवन, रेलवे स्टेशन , लाल जी होटल, कोटगेट ,फड़बाज़ार चौराहा ,प्रेमजी पॉइन्ट , सार्दुल सिंह सर्किल , पब्लिक पार्क गेट होते हुए कलेक्ट्रेट पर सम्पन्न हुआ। 






शनिवार, 24 जनवरी 2015

   काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने किया पथसंचलन

   काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने किया पथसंचलन
वाराणसी, 24 जनवरी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने घोष की थाप पर पथसंचलन किया।  स्वयंसेवक जोश से भरे हुए जिस मार्ग से गुजरे वहीं लोग स्वागत के लिए अनायास ही आगे बढ़ गये। विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रावासों से स्वयंसेवकों के ब्रोचा छात्रावास के सामने मैदान में पहुंचने का सिलसिला 2.30 बजे से ही प्रारम्भ हो गया था। प्रातःकाल तक खाली पड़ा यह मैदान दो बजते-बजते सफेद शर्ट, खाकी नेकर और काली टोपी पहने स्वयंसेवकों द्वारा कौतूहल का केन्द्र बन गया। इस पथ संचलन में विद्यार्थी स्वयंसेवक शामिल हुए। इसके पश्चात् विश्वविद्यालय स्थापना स्थल पर वन्देमातरम्गीत से कार्यक्रम का समापन हुआ।
बसन्त पंचमी के शुभ अवसर पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ब्रोचा छात्रावास के मैदान में पथसंचलन से पूर्व स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक श्री अभय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना अंग्रेजों के शासन काल में हुई। दोनों के संस्थापक समान विचारधारा के थे। महामना देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी, सुप्रसिद्ध शिक्षक, पत्रकार तथा कुशल अधिवक्ता थे। इसी प्रकार डॉ. हेडगेवार भी जन्मजात देशभक्त तथा स्वतंत्रता सेनानी थे। संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार ने बचपन में ही अंग्रेज अधिकारी के खिलाफ वन्देमातरम् का नारा बुलन्द किया।
उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने लोकमान्य तिलक के सम्पर्क में आकर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। बाद में क्रांतिकारियों के संगठन अनुशीलन समिति में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि महर्षि अरविन्द अखण्ड भारत का मानचित्र बनाकर उसकी पूजा किया करते थे। उन्होंने अपने मृत्यु के पहले ही यह घोषणा कर दिया था कि देश अब स्वतंत्र हो जायेगा। डॉ. हेडगेवार ने विचार किया कि देश तो स्वतंत्र हो जायेगा, लेकिन पुनः परतंत्र न होने पाये। इसलिए इस देश के लोगों को संगठित करना चाहिए। इसीलिए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में की और घोषणा की कि ‘भारत हिन्दू राष्ट्र है।’ मालवीय जी संघ कार्य के प्रशंसक थे। एक बार मालवीय जी ने संघ के लिए धन देने की इच्छा प्रकट की लेकिन डॉ. हेडगेवार ने विनम्रता पूर्वक कहा- ‘‘मुझे धन नहीं चाहिए, मुझे तो मालवीय जी चाहिए।’’ मालवीय जी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना नौकर पैदा करने के लिए नहीं की थी। उन्होंने हिन्दू धर्म तथा हिन्दू संस्कृति की रक्षा करने वाले देशभक्त पैदा करने के लिए यह विश्वविद्यालय बनवाया था। दोनो महापुरूषों में अद्भुत वैचारिक मेल था। आज के इस पावन अवसर पर महामना के विचारों को जीवन में उतारने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले क्रांतिकारियों का सही इतिहास नहीं लिखा गया। यह अत्यन्त दुःखद है। इन क्रांतिकारियों की एक विशाल श्रृंखला है। किन्तु हमारे बच्चे बड़े मुश्किल से 25 क्रांतिकारियों का नाम बता पायेंगे।
 इससे पूर्व महामना के चित्र पर पुष्पार्चन एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का कुलगीत तथा एकलगीत हुआ। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. जयप्रकाश लाल, प्रो. धर्म सिंह, प्रो. राधेश्याम दूबे, डॉ. सुनील कुमार मिश्र, डॉ. पवित्र मैती, डॉ. हेमन्त मालवीय, डॉ. विवेक पाठक, डॉ. अनिल कुमार सिंह, डॉ. चन्दन लाल गुप्ता, डॉ. मनोराम मिश्र, डॉ. मोहन प्रसाद पाठक, अरविन्द कुमार तिवारी, आदित्य नारायण सिंह, हरिशंकर पाण्डेय, रमेशचन्द्र, प्रणव, ऋतुराज, रूपेश आदि सैकड़ों स्वयंसेवक उपस्थित थे

शुक्रवार, 23 जनवरी 2015

सद साहित्य का लोकसभा अध्यक्षा सुमित्रा जी महाजन द्वारा लोकार्पण

सद साहित्य का लोकसभा अध्यक्षा  सुमित्रा जी महाजन द्वारा लोकार्पण 


 लोकसभा अध्यक्षा श्रीमती सुमित्रा महाजन से  सद साहित्य का लोकार्पण करवाते हुए प्रान्त प्रचार प्रमुख शंकर मंघनानी एवं कार्यकर्त्ता


जोधपुर २३ जनवरी २०१५.  २६ जनवरी को "प्रचार दिवस " हेतु विक्रय किये जाने वाले सद साहित्य का लोकार्पण सर्किट हाउस में लोकसभा अध्यक्षा श्रीमती सुमित्रा महाजन "ताई जी " द्वारा किया गया।


राष्ट्रीय  स्वयंसेवक संघ के प्रचार विभाग द्वारा २६ जनवरी को पुरे पश्चमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर , नागौर, जालोर, सिरोही, पाली, श्रीगंगानगर तथा  हनुमानगढ़ जिलों  के तहसील स्तर  तक सद  साहित्य का विक्रय किया जाएगा.

इसके लिए कार्यकर्ताओ की टोलिया  बन चुकी हे तथा विक्रय हेतु साहित्य ग्राम स्तर  तक पहुंचाया जा चुका  है।

अलग अलग तेरह  विषयों की पुस्तकों में समाज-परिवार  के हर विषय को छूती  है जैसे मातृ शक्ति, स्वदेशी विचार, सामाजिक समरसता, सूर्य नमस्कार, स्वामी विवेकानन्द , हिन्दुत्व , एकात्म मानवदर्शन ,जीवन और धर्म .


इस अवसर पर  प्रचार विभाग के कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे। 

भारत अब तीसरी दुनिया का देश नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति : अरुण कुमार

भारत अब तीसरी दुनिया का देश नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति : अरुण कुमार


Arun ji dwara Deep Prajjwalan
नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह संपर्क प्रमुख तथा जम्मू कश्मीर अध्ययन केन्द्र के निदेशक  श्री अरुण कुमार जी ने कहा है कि अब भारत तीसरी दुनिया का देश नहीं, बल्कि एक वैश्विक शक्ति है. दुनिया द्वारा भारत को इस भूमिका में देखे जाने का कारण  यही है कि वैश्विक शक्ति बनने का सामर्थ्य भारत के अलावा किसी अन्य देश के पास नहीं है.

राष्ट्रीय सुरक्षा पर संवाद के बाद आसन्न सुरक्षा चुनौतियों एवं इनके समाधान पर केन्द्रित पाञ्चजन्य और ऑर्गनाइजर साप्ताहिक के विशेषांकों के यहाँ 21 जनवरी को संपन्न विमोचन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए उन्होंने कहा कि स्थायी वैश्विक शक्ति की संभावना और सामर्थ्य का सबसे बड़ा कारण इसकी सामरिक स्थिति है.

श्री अरुण जी ने ध्यान दिलाया कि कुछ समय पूर्व तक दुनिया के अन्दर ब्रिटेन एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित था. पूरी दुनिया के अन्दर उसका साम्राज्य था, आधी दुनिया में राज्य था. उन्होंने स्पष्ट किया कि आधी दुनिया में उसका राज्य अपने बल पर नहीं बल्कि भारत के कारण था. 1947 से पहले व्दितीय विश्व युद्ध परिदृश्य में जब ब्रिटेन को लगने लगा कि अब उसे यहां से अपना शासन छोड़ना पड़ेगा तो ब्रिटेन अपने हितों की रक्षा कैसे करेगा. इसको लेकर उन्होंने बहुत विस्तृत अध्ययन किया, उस पर कई रिपोर्ट छापीं. उन रिपोर्टों से स्पष्ट होता है कि भारत का महत्व क्या था.
Panchjanya Organiser- Raksha Visheshank Vimochanउन्होंने माओवाद व नक्सलवाद जैसी समस्याओं और पड़ोसी देशों को ओर से पैदा किए जा रहे  संकटों से परे जाकर देखने और सोचने का आह्वान करते हुए कहा कि अब बहुध्रुवीय विश्व की कल्पना में निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय चिंतकों का आकलन है कि आगामी 40 वर्षों में भारत अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, रूस, चीन, और जापान के साथ खड़ा होकर विश्व में शक्ति संतुलन बनायेगा.


भारत को ब्रिटिश साम्राज्य की असली ताकत बताते हुए अरुण जी ने कहा कि ब्रिटेन का साम्राज्य प्रारम्भ होता था टर्की, मिस्र और उन सब एरिया से. यह सब यहां से सिंगापुर, मलाया, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और फिर उसके बाद पूर्व अफ्रीका और दक्षिण अफ्रीका. इस पूरे क्षेत्र में उन्होंने तीन बड़े सैन्य अड्डे बनाये. एक पोर्ट ऑफ़ स्पेन, अदन और दक्षिण अफ्रीका में.  तीनों के ऊपर गैरीसन भारत था. चार बड़े गैरीसन भारत के अन्दर बनाये कलकत्ता, चेन्नई, कोच्चि और मुम्बई. पूरा का पूरा हिन्द महासागर ब्रिटिश लेक में परिणत हो गया. उनका सारा का सारा साम्राज्य इसके इर्द गिर्द फैला हुआ था. प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटेन लड़ रहा था. 18 लाख सैनिक थे ब्रिटेन के. इनमें 14 लाख भारतीय थे. द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटेन लड़ रहा था उसके 25 लाख सैनिकों में 20 लाख भारतीय थे. दुनिया के अन्दर जहां ब्रिटेन लड़ा वास्तव में ब्रिटेन नहीं लड़ा भारत की मानव शक्ति, भारत की स्ट्रेटेजिक लोकेशन, इसके बूते ब्रिटेन दुनिया के ऊपर राज्य करता था.

Shri Arun jiअपने विद्वतापूर्ण विश्लेषण में उन्होंने कहा, “दुनिया के अन्दर भारत के व्यक्ति का एक महत्व है, मैं केवल स्ट्रैटेजिक लोकेशन की ही बात नहीं कर रहा, भारत के पास जो समाज है, हमारी बहुत सारी बातें हैं, परिवर्तन को स्वीकार करने की हमसे ज्यादा वायब्रेंट सोसायटी नहीं है. जितनी तेजी से तीस-चालीस सालों में हमने अपने आप को बदला है, नयी-नयी बातों को अडॉप्ट किया है, अपनी रूढि़यों को छोड़ा है दुनिया में सामान्यतः सोसायटियां नहीं कर सकती हैं. हम जहां गये हैं वहां हमने अपने प्रति दुनिया को देखने का दृष्टिकोण एक अलग प्रकार का बनाया है. मिलिट्रली, इकोनोमिकली भारत का सब कुछ प्राप्त किया. इन सब बातों के कारण से दुनिया के लोग भारत से एक वैश्विक शक्ति के रूप में भूमिका की अपेक्षा करते हैं”.

उन्होंने यह भी कहा, “वैश्विक शक्ति के रूप में भूमिका अदा करने के लिये हमारे पास सब कुछ है. लेकिन अपने देश के अन्दर जब हम वातावरण देखते हैं तो उस वातावरण के अन्दर  हमारा व्यवहार, हमार एैटिट्यूड एक वैश्विक शक्ति जैसा दिखता नहीं है. उसका कारण क्या है, तो बहुत सारे लोग बहुत सी बातें कहते हैं, वो कहते हैं कि दो बातें बेसिकली हैं जो इस कंट्री में आ जायें तो हमारे पास सब कुछ है, वी कुड चेंज. दुनिया जिस रोल की हमसे अपेक्षा करती है वह हम कर सकते हैं. वो कौन सी दो बातें हैं, वो कहते हैं कि दो बातें इस देश के अन्दर चाहियें, एक- इस देश के अन्दर एक कंट्री ऐसी बननी चाहिये, सोसायटी ऐसी बननी चाहिये जिसकी कोई ऐम्बिशन हो, जिसके पास कोई विजन हो”.

Shri Rajyavardhan Singh Rathor“दुनिया के अन्दर वो राष्ट्र भूमिका अदा करते हैं जिन राष्ट्र के अन्दर कुछ ऐम्बिशन होती है. उस राष्ट्र के अन्दर अपने देश को लेकर कुछ सपने होते हैं. राख के ढेर से जापान वैभव के महल बना सकता है, पचास साल के अन्दर 1800 साल बाद जो इज़रायल भूमि प्राप्त करता है. वह राष्ट्र तो रहा लेकिन भूमि नहीं रही. केवल 50 साल के अन्दर जर्मनी, जिस पर इतने प्रतिबंध लगा दिये गये, उस जर्मनी का एकीकरण भी होता है और जर्मनी एक शक्ति भी बनता है. 50 साल के अन्दर चीन अपने प्रति दुनिया का देखने का दृष्टिकोण बदल देता है तो भारत क्यों नहीं.

 उसका कारण केवल एक है कि देश के अन्दर आजादी के बाद इस देश में समाज के अन्दर जो ऐंबिशन जगनी थी, एक विजन चाहिये था और उस विजन को पूरा करने के लिये जो मिशन चाहिये था वो हम खड़ा नहीं कर पाये. इस देश को लेकर सपना, उस सपने को प्राप्त करने की दृष्टि, उस दृश्टि को पूरा करने के लिये मिशन के रूप में जीने की भावना. दूसरा, दुनिया के अन्दर अगर विजेता बनना है तो वी हैव टु क्रिएट ए स्ट्रेटेजिक सोसायटी. दुनिया के अन्दर क्षमता वाले लोग नहीं जीतते, ताकत वाले लोग नहीं जीतते, गुणवान लोग नहीं जीतते वो जीत सकते हैं पर वो हमेशा नहीं जीतेंगे, एक लड़ाई जीतना अलग चीज है विजेता बनना अलग चीज है. 

अगर हमको विजेता बनना है तो इस देश के अन्दर दो-पांच दस लीडर नहीं, 5-10-15-20 हीरोज नहीं हमको इस देश के अन्दर एक स्ट्रेटेजिक सोसायटी खड़ी करनी होगी.”
Shri Vijay ji“जिस देश का समाज बिजली, पानी, सड़क, गली, नाली इसके बाहर सोच नहीं सकता वो समाज दुनिया में कभी विजेता नहीं बन सकता. यह जो समाज है इस समाज का लेवल बढ़ाना पड़ेगा. मैं विचार करता हूं, मैं भी कौन हूं, मैं भारतीय हूं तो भारत का मतलब क्या है, दुनिया में भारत का रोल क्या है, भारत का अर्थ क्या है, इस लेबल के ऊपर समा जायेगा क्या. आजादी के बाद हम इस देश में ऐसी स्ट्रैटेजिक सोसायटी का निर्माण नहीं कर पाये.”

उन्होंने कहा कि दुनिया के एक कोने में स्थित वो दूरस्थ देश जिसके पास अपना सामर्थ्य नहीं अपने को आत्मनिर्भर बनाकर रखने का, उस ब्रिटेन के पास एक स्ट्रेटेजिक विजन था. इसलिये उसने भारत का उपयोग किया और वह  वैश्विक शक्ति बन गया. उसने इस्तेमाल हमारे संसाधनों और स्ट्रेटेजिक लोकेशन का किया. लेकिन भारत छोड़ने के बाद ब्रिटेन का हाल क्या हुआ, अगर वो बन सकते हैं तो हम क्यों नहीं बन सकते. उसका कारण केवल एक है कि इस देश के अन्दर आजादी के बाद एक सपना, देश को लेकर एक विजन, इस देश के लिये एक मिशन की भावना और सामान्य समाज के व्यक्ति के अन्दर जिस प्रकार का स्ट्रेटेजिक विजन चाहिये था वो हम खड़ा नहीं कर सके.

Panchjanya Organiser Visheshank Vimochanकेन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री श्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि आईएसआईएस और अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठनों की दृष्टि भारत के युवाओं पर है, क्योंकि इनको जो ताकत मिल सकती है वह भारत के युवाओं से मिल सकती और कहीं से इतनी ताकत नहीं मिल सकती. यूरोप, और चीन बूढ़े हो रहे हैं, सिर्फ भारत में इतनी संख्या में युवा हैं जो कहीं भी पार्टिसिपेट कर सकते हैं सही दिशा में भी और गलत दिशा में भी.

आईएसआईएस एक ऐसी ऑर्गनाइजेशन है जो बाकी सभी टैररिस्ट ऑर्गनाइजेशन से अलग है. यह टैरिटरी हथिया रहे हैं और टैरेटरी को होल्ड कर रहे हैं. कोई भी टैररिस्ट ऑर्गनाइजेशन टैरिटरी को होल्ड नहीं कर रही थी. पेरिस में अखबार के दफ्तर पर आतंकवादी हमला अलकायदा ने किया. यानी आज दुनिया के अन्दर जो दो बड़े आतंकवादी संगठन हैं – आईएसआईएस और अलकायदा. दोनों एक साथ नहीं हैं लेकिन अगेंस्ट भी नहीं हैं. यह अपने मत में एक हैं और यह दोनों इस्लाम की सुप्रीमेसी चाहते हैं, तरीके अलग हैं. अलग-अलग देशों में टैरर करना, खासतौर से वैस्टर्न कंट्रीज में टैरर करना या हिन्दुस्थान में टैरर करना, और एक है टैरिटरी को हथियाना. अब दोनों के अन्दर मुकाबला है. इस मुकाबले में यह दोनों भारत और अफ्रीका की तरफ देख रहे हैं.

pic 05युवा बेरोजगारों को ड्रग्ज और अल्कोहल के खतरों से आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि यह डेमोग्राफिक बम की तरह है जो बड़े घातक सिद्ध हो सकते हैं. पड़ोसी देशों व्दारा भारत की घेरेबंदी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वे भारत को चारों ओर से घेर रहे है. कराची, बांग्लादेश और श्रीलंका में बहुत बड़े पोर्ट बनने जा रहे हैं. यह पोर्ट हिन्दुस्तान को इस तरह से घेर रहे हैं ताकि हिन्दुस्थान इंडियन ओसन से अलग हो जाये और एशिया के उपमहाव्दीप तक ही सीमित रहे. इंडियन ओसन इकोनोमिक गतिविधियों के लिये बहुत जरूरी है. गल्फ ऑफ अदन से लेकर स्टेट ऑफ मोरक्को तक 90 प्रतिशत जहाज उसी रास्ते से जाते हैं.

सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री सोमाली डाकुओं के मामले को रहस्यमय बताते हुए कहा कि विदेशी ताकतों ने इसे हिंदमहासागर में अपनी उपस्थिति और भारत के क्षेत्र को सीमित करने के लिये कूटनीतिक उपाय बनाया. नेपाल में चीन व्दारा बड़ी संख्या में कंप्यूशस केन्द्र खोले जाने को भारत के लिये चेतावनी बताते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वहां के युवा चीन के प्रति निष्ठा रखेंगे. इसी प्रकार, पाकिस्तान के अल हदीस नामक वैचारिक संगठन ने भारत-नेपाल सीमा के चारों ओर मस्जिदें बनानी शुरू कर दी हैं. श्री राठौर ने टिप्पणी की “बड़ी अजीब बात है जहां एक ओर पाकिस्तान है जो पूर्ण रूप से इस्लाम पर विश्वास रखता है. दूसरी ओर, चीन है जो धर्म पर ही विश्वास नहीं रखता. लेकिन दोनों प्रैक्टिकल कारणों से साथ में आये हैं कि हिन्दुस्थान को किस तरह से सीमित किया जा सकता है”.

Rashtr Gaanश्री राठौर ने चीन की नेपाल में भारी पूंजी निवेश की रुचि पर ध्यान देने की जरूरत भी बताई जिसने एनर्जी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, कम्युनिकेशन जैसे 9 कोर एरिया  चुने हैं.
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान एक ऐसा देश है जो पाकिस्तान को न्यूट्रलाइज करने में भारत की मदद कर सकता है. लेकिन हाल ही में वहां एक ऐसी घटना हुई है जो हिन्दुस्थान के लिये बहुत घातक हो सकती है. 


तालिबान ने वहां तीन क्षेत्रों पर कब्जा किया है और वहां के राष्ट्रपति तालिबान से बात करके यह समझौता करने की कोशिश कर रहे हैं कि वो तीन राज्यों पर अपना राज्य स्थापित करें और बाकी अफगानिस्तान जैसा है वैसा चलता रहे. अगर ऐसा होता है तो वो तीन राज्य ऐसे हैं, जहां सबसे ज्यादा ड्रग्स का उत्पादन होता है. एक तरफ आईएसआईएस के पास पूरा तेल है. एक मिलियन डॉलर हर दिन की आमदनी है और अगर यह तीन राज्य तालिबान के पास होंगे तो पूरा का पूरा ड्रग्स उत्पादक क्षेत्र तालिबान के पास होगा.

नार्थ ईस्ट पर भारत को चीन के साथ एक हाइड्रोडिप्लोमेसी करने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि वो ब्रह्मपुत्र के ऊपर बांध बनाने वाले हैं, वो उसको इंटरलिंक करेंगे और हमारे यहां पानी की मात्रा कम हो जायेगी. इसका भारत पर बहुत गंभीर असर पड़ेगा, यह मुद्दा जरूर इंटरनेशनल कोर्ट में जायेगा. तब भारत को यह बताने की आवश्यकता होगी की कि इस पूरे ब्रह्मपुत्र के क्षेत्र में कितनी आबादी रहती है. कितनों पर असर पड़ता है. इंटरनेशनल बॉर्डर की समस्या तो है ही. चीन ब्रह्मा और बांग्लादेश को प्रभावित करने की कोशिश में है. इसके लिये नार्थईस्ट में इंटरलिंकिंग की बहुत आवश्यकता है. हाईवे बनने बहुत जरूरी हैं, कनेक्टिविटी बढ़नी चाहिये, जिससे सिक्यूरिटी फोर्स को आने-जाने में आसानी हो, साथ ही वहां के लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी तो वो आतंक के रास्ते से दूर हो जायेंगे. साथ ही दूरदर्शन द्वारा हमारा कल्चर वहां तक पहुंचना बहुत जरूरी है. उनका कल्चर चारों तरफ फैलना बहुत जरूरी है, उनको एक अपनापन लगना बहुत जरूरी है इस दिशा में सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है.

समारोह के प्रारम्भ में पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेश शंकर ने सुरक्षा पर संवाद की पृष्ठभूमि को रेखांकित किया. भारत प्रकाशन (दिल्ली) लि. के प्रबंधनिदेशक श्री विजय कुमार ने दोनों पत्रों की उत्तरोत्तर प्रगति के लिये श्री हितेश शंकर और श्री प्रफुल्ल केतकर की सराहना की और धन्यवाद ज्ञापन किया.
स्त्रोत: vskbharat.com

गुरुवार, 22 जनवरी 2015

प्रचार दिवस - २६ जनवरी २०१५

प्रचार विभाग, जोधपुर प्रान्त 

प्रचार दिवस - २६ जनवरी २०१५ 
सद  साहित्य का प्रसार 


सोमवार, 19 जनवरी 2015

गौ विज्ञान अनुसंधान एवं सामान्य ज्ञान परिक्षा 2014 के अन्तिम चरण की परीक्षा सम्पन्न

गौ विज्ञान अनुसंधान एवं सामान्य ज्ञान परिक्षा 2014 के अन्तिम चरण की परीक्षा सम्पन्न  

जोधपुर, 18 जनवरी 2015,  परम् पूज्य माधव गौ विज्ञान अनुसंधान समिति द्वारा आयोजित की गई गौ विज्ञान अनुसंधान एवं सामान्य ज्ञान परिक्षा 2014 के अन्तिम चरण की परीक्षा रविवार को पूरे प्रदेश में आयोजित हुई।



परीक्षा आयोजन समिति के क्षेत्रीय संयोजक कृष्ण गोपाल वैष्णव ने जानकारी दी कि दो वर्गाें में आयोजित इस परीक्षा में कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस परीक्षा में प्रथम स्तर पर पूरे प्रदेश में ओ एम आर शीट पर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में हुई। परीक्षा में राजस्थान के कुल 2,19,309 विद्यार्थीयों का पंजीकरण हुआ प्रथम चरण की परीक्षा 11नवम्बर 2014 को दो हजार सात सो नब्बे परीक्षा केन्द्रो पर आयोजित हुई।
 
इस परीक्षा के 24 दिसम्बर को घोषित किए गये परिणाम के अनुसार इनमें से ग्यारह हजार नब्बे परीक्षार्थियों का चयन द्वितीय चरण के लिए किया गया। द्वितीय चरण की परीक्षा रविवार दिनांक 18 जनवरी 2015 को सम्पन्न हुई। इस परीक्षा में परीक्षार्थियों से गाय के वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, सामाजिक पहलुओ पर प्रश्न पूछे गये वही राजस्थान के स्थानिय सामान्य ज्ञान हमारी स्वदेशी धरोहर एवं भारतीय संस्कृति व राष्ट्रीय विचारों व विचारकों से संबंधित वस्तुनिष्ठ व लघुŸारात्मक प्रश्न पूछे गये।
 
 इस परीक्षा से तहसील स्तर पर जिला स्तर पर एवं राज्य स्तर पर विजेता प्रतिभागियों का  चयन किया जाएगा परीक्षा में प्रथम विजेता को 15,100 , द्वितीय विजेता को 7,100  व तृतीय विजेता को 4,100 राशि से पुरस्कृत किया जाएगा।
 
वैष्णव ने बताया कि गोमाता के महत्व एवं सामाजिक जागरूकता के लिए आयोजित होने वाली यह राज्य की सबसे बड़ी परीक्षा हो गई है। बालको में गाय, गौ वंश स्वदेशी संस्कृति के लिए लगाव पैदा करने के लिए आज के इस आधुनिक वातावरण में यह परीक्षा नौजवानों को सकारात्मक दिशा देने वाली साबित हो रही है।

संघ देश, धर्म और समाज पर न्यौछावर होने वाले राष्ट्र भक्त तैयार करता है - ओमप्रकाश

  संघ देश, धर्म और समाज पर न्यौछावर होने वाले राष्ट्र भक्त तैयार करता है - ओमप्रकाश



पाली १९ जनवरी १४। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश, धर्म और समाज पर न्यौछावर होने वाले राष्ट्र भक्त तैयार करता है। जो समस्याओं से भागता नहीं, बल्कि साहस एवं सकारात्मक सोच के साथ उसका मुकाबला करता है। यह बात रविवार दोपहर को धर्मपुरा केरिया दरवाजा स्थित गोशाला मैदान में मकर संक्रान्ति उत्सव एवं सभा में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख ओमप्रकाश जी  ने कही।

उन्होंने कहा कि लोग जिम्मेदारी लेने से बचते है। इस बात को संघ ने समझा और शाखा शुरू कर खेलकूद के माध्यम से स्वयंसेवकों में सकारात्मक सोच, साहस, निर्भिकता का विकास करने की कोशिश की। इस दौरान उन्होंने भारत-चीन युद्ध के दौरान घायल हुए भारतीय सैनिकों के लिए रक्त देने के लिए तैयार हुए सैकड़ों स्वयंसेवकों का प्रसंग सुनाया।

इसके साथ ही उन्होंने सुभाषचंद्र बोस द्वारा बचपन में मां काली को खून से तिलक लगाने का प्रसंग सुनाया। उसके बाद प्रार्थना एवं ध्वज प्रणाम किया गया। अंत में रेवड़ी का प्रसाद बांटा गया।
पाली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश, धर्म और समाज पर न्यौछावर होने वाले राष्ट्र भक्त तैयार करता है। जो समस्याओं से भागता नहीं, बल्कि साहस एवं सकारात्मक सोच के साथ उसका मुकाबला करता है। यह बात रविवार दोपहर को धर्मपुरा केरिया दरवाजा स्थित गोशाला मैदान में मकर संक्रान्ति उत्सव एवं सभा में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख ओमप्रकाश ने कही।

उन्होंने कहा कि लोग जिम्मेदारी लेने से बचते है। इस बात को संघ ने समझा और शाखा शुरू कर खेलकूद के माध्यम से स्वयंसेवकों में सकारात्मक सोच, साहस, निर्भिकता का विकास करने की कोशिश की। इस दौरान उन्होंने भारत-चीन युद्ध के दौरान घायल हुए भारतीय सैनिकों के लिए रक्त देने के लिए तैयार हुए सैकड़ों स्वयंसेवकों का प्रसंग सुनाया।

इसके साथ ही उन्होंने सुभाष्ाचंद्र बोस द्वारा बचपन में मां काली को खून से तिलक लगाने का प्रसंग सुनाया। उसके बाद प्रार्थना एवं ध्वज प्रणाम किया गया। अंत में रेवड़ी का प्रसाद बांटा गया। - See more at: http://rajasthanpatrika.patrika.com/news/patriotism-and-courage-to-learn-the-association/1218805.html#sthash.dEexs0w2.dpuf

इससे पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 2 हजार से ज्यादा स्वयं सेवकों ने रविवार को शहर के मुख्य मार्गों पर द्वि-धारा पंथ संचलन निकाला। घोष की करतल ध्वनि के साथ स्वयं सेवकों के सधे कदमों के साथ अनुशासन एकता का संदेश दिया। यह पथ संचलन दोपहर एक बजे पिंजरापोल गोशाला से द्वि-धारा में रवाना हुआ। पंथ संचलन जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा था, तो स्वयं सेवकों का उत्साह भी बढ़ता जा रहा था। शहर के अलावा जोधपुर से आए  घोष दल के साथ हर स्वयं सेवक अनुशासित तरीके से अपने कदम बढ़ा रहा था। दोपहर 2.52 बजे द्वि-धारा पंथ संचलन का सूरजपोल पर समागम हुआ। इस रोचक नजारे को देखने के लिए सूरजपोल पर बड़ी संख्या में शहरवासी जमा थे। यहां से होते हुए यह संचलन 3.25 बजे फिर से पिंजरापोल गोशाला पहुंच कर विसर्जित हुआ। सूरजपाेल चोराहे पर द्वि धारा पथ संचलन का संगम हुआ। जगह-जगह शहरवािसयों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। 


हर उम्र के स्वयं सेवकों ने की शिरकत 
  संचलन में जिले की 35 शाखाओं के बाल, तरुण प्रौढ़ स्वयं सेवकों ने भाग लिया। दो धाराओं में निकले स्वयं  सेवकों ने इस इस संचलन में शरीक होकर अनुशासन दिखाया। संचलन में विधायक ज्ञानचंद पारख नगर परिषद  चेयरमैन महेंद्र बोहरा भी शरीक हुए।


6 घोष दलों ने भरा जोश 

पथ संचलन में 6 घोष दल ने अपने करतल ध्वनि कार्यकर्ताओं सहित शहरवासियों में देश के लिए एक जोश पैदा कर दिया। 

पुष्पवर्षा से हर चौराहे पर हुआ स्वागत 


पथसंचलन जिस मार्ग से गुजरा वहां शहरवासियों ने पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया। इस दौरान द्वि-धारा संगम स्थल सूरजपोल पर बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने पथ संचलन का स्वागत किया। यहां से दो धारा में आये पथ संचलन एक होकर फिर से अपनी मंजिल की ओर चल पड़ा। पथ संचलन का रामदेव रोड, सिंधी कॉलोनी, भैरूघाट, जंगीवाड़ा, गोल निंबड़ा, सोमनाथ मंदिर, सर्राफा बाजार, बादशाह का झंडा कुमारों का बास सहित कई स्थानों पर स्वागत हुआ।  
स्वागत को दिखाई उत्सुकता
पथ संचलन का प्यारा चौक में पुष्प वष्ााü कर सैकड़ों मुस्लिम समाजबंधुओं ने स्वागत किया। इस दौरान पाष्ाüद अयूब गुडलक, अजीज कोहिनूर, सलीम घोसी, लियाकत गौरी, वसीम खोखर, इकबाल छीपा, नौसाद खान आदि उपस्थित रहे। इसी तरह संत सुरजनदास के नेतृत्व में केरिया दरवाजा रामद्वारा के निकट एवं पानी दरवाजा क्षेत्र में सिरेघाट विकास समिति द्वारा पुष्पा वष्ााü से स्वागत किया गया। सूरजपोल सहित रास्ते में कई जगह भी पुष्प वष्ााü से शहरवासियों ने पथ संचलन का स्वागत किया। - See more at: http://rajasthanpatrika.patrika.com/news/patriotism-and-courage-to-learn-the-association/1218805.html#sthash.dEexs0w2.dpuf

स्वागत को दिखाई उत्सुकता
पथ संचलन का प्यारा चौक में पुष्प वर्षा कर सैकड़ों मुस्लिम समाजबंधुओं ने स्वागत किया। इस दौरान पार्षद अयूब गुडलक, अजीज कोहिनूर, सलीम घोसी, लियाकत गौरी, वसीम खोखर, इकबाल छीपा, नौसाद खान आदि उपस्थित रहे। इसी तरह संत सुरजनदास के नेतृत्व में केरिया दरवाजा रामद्वारा के निकट एवं पानी दरवाजा क्षेत्र में सिरेघाट विकास समिति द्वारा पुष्पा वर्षा से स्वागत किया गया। 
 
यह रहा द्वि धारा का प्रवाह 

  पथ संचलन शहर में दो धाराओं में निकला। इसमें पहला पथ संचलन 2.30 पिंजरापोल से रवाना होकर, शांतिनाथ जैन मंदिर, दीप विद्या स्कूल, गोल निंबडा, चूड़ीघर बाजार प्यारा चौक होते हुए सूरजपोल पहुंचा। वहीं दूसरा पथ संचलन पिंजरापोल गौशाला से रवाना होकर रामदेव रोड, हेमू कालानी चौराहा, पानी दरवाजा, भैरूघाट भलावतों का बास होते हुए 2.52 पर सूरजपोल पहले पथ संचलन में शामिल हुआ। पथ संचलन का समागम होने के बाद स्वयं सेवकों का यह कारवां धौला चौतरा, सोमनाथ मंदिर, सर्राफा बाजार, बादशाह को झंडा केरिया दरवाजा होते हुए पिंजरापोल गोशाला पहुंचा। 

कर्म,धर्म समर्पण ही हमें हिंदू बनाता है 

 
पथसंचलन के बाद गोशाला में पाली विभाग के संघ चालक कमलकिशोर गोयल नगर संघ चालक नेमीचंद अखावत ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए जीवन में अनुशासन का अपना महत्व बताया। साथ ही कहा कि हिंदू जाति से नहीं, अपने कर्म, धर्म समर्पण के भाव से हिंदू कहलाते हैं। इस मौके पर क्षेत्रीय प्रचारक ओमप्रकाश ने भारत-चीन के युद्ध में स्वयंसेवकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। 



भारतीय जनता युवा मोर्चा की आेर से पंथ संचलन का प्यारा चौक पर पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया। इस दौरान पार्षद अयूब गुडलक, युवा मोर्चा के महामंत्री सलीम घोसी, अजीज कोहिनूर, लियाकत गौरी, वसीम खोखर, इकबाल छीपा, हाफिज छीपा नौशाद खान सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे। जंगीवाड़ा में भाजपा नेेता मुन्ना मकरानी की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।


विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित