सोमवार, 26 अक्तूबर 2015

शाखा के माध्यम से स्वयंसवेको में एकात्मक भाव को जाग्रत कर राष्ट्र भक्ति के गुणो का विकास किया जाता है - मुरलीधर जी

शाखा के माध्यम से स्वयंसवेको में एकात्मक भाव को जाग्रत कर राष्ट्र भक्ति के गुणो का विकास किया जाता है  -  मुरलीधर जी


प्रान्त प्रचारक मुरलीधर जी उध्बोधन देते हुए


पुष्प वर्षा से स्वागत का एक दृश्य

घोष के संग कदम बढ़ाते स्वयंसेवक





 
नागौर २२ अक्टूबर १५। नगर में राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के स्थापना दिवस पर भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया पथ संचलन चेनार, बख्तसागर और पशु  प्रदर्शनी स्थल से निर्धारित समय पर रवाना हुआ। संचलन का मार्ग में जगह जगह पर पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। गांधी चौक में ठीक 11. 06 में तीनो संचलनो का संगम हुआ। गांधी चौक  में हजारो की तादाद में उपस्थित जनसमुदाय ने भारत माता का जयघोष करते हुए पुष्प वर्षा की। संचलन में  स्वयंसेवक घोष की ताल में कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे। संचलन का समापन कांकरिया विद्यालय में होने के बाद शस्त्र पूजन के साथ विजयादशमी उत्सव मनाया गया। 

उत्सव में मुख्य वक्ता में रूप में जोधुपर प्रान्त के प्रचारक मुरलीधर ने सम्बोधित करते हुए कहा संघ के संस्थापक डाॅ0 हेडगेवार ने देश  की परिस्थितियो का बारिकी से अध्ययन किया तथा उसके  बाद देश  में व्याप्त समस्त समस्याओं की जड़ देश  के मूल हिन्दू समाज में संगठन की भावना का अभाव पाया। तब  डाॅ0 हेडगेवार ने  देश  में हिन्दूओ के आत्मविस्मृत भाव को जगाने के लिए  और इस  देश  की समस्त समस्याऐं हिन्दू समाज के संगठन से जुड़ी है अतः हिन्दू समाज को संगठित करने के उद्देश्य  से  देश  में  1925 में विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की स्थापना की। 

प्रान्त प्रचारक मुरलीधर ने अपने उध्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की शाखा के माध्यम से स्वयंसवेको में एकात्मक भाव को जाग्रत कर राष्ट्र भक्ति के गुणो का विकास किया जाता है। समाज में अपनत्व के भाव को जाग्रत करना। उन्होने कहा  देश  में हिन्दू समाज के संगठन नही होने के पीछे यहां के समाज का छोटी छोटी जातियां मेें बट जाना है तथा एक जाति द्वारा दूसरी जाति को नीचा समझना है इस लिए हिन्दू समाज में सामाजिक समरसता का भाव जाग्रत करना होगा तथा हिन्दू समाज की सभी बिरादरी के लोग एक साथ बैठ कर समाज के विकास चिन्तन करना होग तभी हिन्दू समाज को संगठित किया जा सकेगा। उन्होने भगवान के राम के जीवन का उदाहरण देकर कहा कि भगवान राम ने वानर, भालू, जैसे लोगो को संगठित कर शक्तिशाली रावण पर विजय प्राप्त की। 

आज के जीवन पर प्रकाश  डालते हुए कहा कि आज परिवारो में संस्कारो की कमी से कई प्रकार की समस्याए उत्पन्न हो रही है वही पर्यावरण का संरक्षण नही होने से पर्यावरण दूषित हो रहा है हम सभी को पर्यावरण संरक्षण के लिए एक पेड़ लगाने का संकल्प लेना चाहिए।


स्वयंसेवको एवं उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए मुरलीधर जी ने  कहा कि भारत कृषि प्रधान  देश  है और आज कृषि में उत्पादन बढाने के लिए रासायनिक खाद का उपयोग बढ रहा है जिससे  देश  में केंसर के रोगियो की संख्या भी बढ रही है। देश में उत्पादन बढाने के लिए जैविक खाद का प्रयोग करना है जिसके लिए गौ माता का संरक्षण करना होगा। वास्तव में देखे तो गाय है, तो हम है, गौ माता ही हमारा संरक्षण कर ही आज उसको बचाने की आवश्यकता  है।

अंत में उन्होने कहा कि   देश  और समाज की समस्त समस्याऐ हिन्दू समाज के संगठित होने से ही समाप्त हो सकती है उन्होने आव्हान किया कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की शाखा पर नियमित आकर शक्ति की उपासना  करनी होगी हम शक्तिशाली होगे तभी समाज शक्तिशाली होगा।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित