गुरुवार, 15 अक्तूबर 2015

रामसेतु को वैश्विक धरोहर घोषित करे केन्द्र : उच्चतम न्यायालय



नई दिल्ली, अक्टूबर 14: उच्चतम न्यायालय ने अपने एक अहम निर्णय में केन्द्र सरकार को आदेश दिया है कि देश के करोड़ों हिन्दुओं की आस्था से जुड़े रामसेतु की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएं। साथ ही कल न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया है कि सरकार रामसेतु को वैश्विक धरोहर घोषित करे।


उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को रामसेतु पर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि रामसेतु की सुरक्षा और इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने पर केन्द्र सरकार उचित कार्यवाही करे। जानकारी हो  कि महत्वाकांक्षी सेतुसमुद्रम परियोजना के कारण पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने रामसेतु को तोड़ने का निर्णय लिया था। इस पर संघ परिवार, विहिप और सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अपना निर्णय दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि वर्ष 2006 में विहिप और उन्होंने उच्चतम न्यायालय में एक जनहित दायर याचिका दायर कर मांग की थी कि रामसेतु से देश भर के हिन्दुओं की आस्था जुडी हुई हैI इसलिए इसे न तोड़ा जाए। साथ ही न्यायालय से मांग की थी कि रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाएं।

सुब्रमण्यम स्वामी के मुताबिक सेतुसमुद्रम परियोजना को लेकर गठित आर के पचौरी समिति ने भी परियोजना पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा था कि यह परियोजना पर्यावरण और आर्थिक दोनों नज़रियों से फायदेमंद नहीं है। लेकिन पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने कमेटी की सिफारिशों को नजरअंदाज कर परियोजना के लिए रामसेतु को तोड़ने का निर्णय लिया था।

उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर खुशी जाहिर करते हुए स्वामी ने कहा कि रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के बाद भारत और श्रीलंका के बीच पयर्टन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए केन्द्र सरकार की श्रीलंका सरकार से बातचीत भी हो रही है। इससे पहले भारतीय पुरातत्व विभाग ने भी अशोक वाटिका, संजीवनी पहाड़ जैसे रामायण कालीन स्थलों को पयर्टन को बढ़ावा देने के लिए श्रीलंका सरकार से वार्ता करने का सुझाव दिया था।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित