पूर्वोत्तर भारत,
जो कि देश के अति संवेदनशील और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीमा क्षेत्र
है वह आज इस्लाम और ईसाइयत के बीच फंसता हुआ दिखाई देता है। हाल ही में
महापंजीयक व जनगणना आयुक्त द्वारा जारी किए गए धर्म आधारित जनगणना से तो
यही स्पष्ट होता है। सीमा पार से लगातार होते बांग्लादेशी घुसपैठ से परेशान
असम को बढ़ती मुस्लिम आबादी ने जकड़ लिया है, वहीं शेष सभी पहाड़ी राज्यों -
नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम
में ईसाइयों की जनसंख्या में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
मंगलवार को इस सन्दर्भ में जो जनगणना
आयुक्त द्वारा जो आंकड़े जारी किए गए उससे नए विवाद का खड़ा होना निश्चित है
कि असम में पहले की तुलना में बांग्लादेशी घुसपैठ की संख्या बढ़ गई है। असम
राज्य में 2001 में मुस्लिम आबादी 30.91 प्रतिशत थी जो 2011 में तेजी से
बढ़कर 34.22 प्रतिशत हो गई है।
असम की कुल जनसंख्या 3,12,05,573 है,
जिसमें हिंदों की संख्या 1,91,80,759 (61.46 प्रतिशत) है तथा मुस्लिमों की
तादात 1,0679,345 (34.22 प्रतिशत) है। 2001 की जनगणना में मुस्लिम आबादी
30.9 फीसदी थी। बांग्लादेश की सीमा से सटे असम के सभी जिलों में मुस्लिम
जनसंख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है, इस तथ्य से यह स्पष्ट होता है
कि राज्य में मुस्लिमों की बढ़ोतरी के लिए अवैध तरीके से बांग्लादेशी घुसपैठ
मुख्य कारण हो सकता है।
2001 की जनगणना के अनुसार, असम के
बारपेटा, धुबरी, करीमगंज, गोलपाड़ा, हैलाकांडी और नगांव के छह जिले मुस्लिम
बहुल घोषित किए गए। 2011 की जनगणना ने इस संख्या को बढ़ाकर सूची में तीन और
जिलों को शामिल कर लिया है जिसमें दरांग, बोंगईगांव और मोरीगांव का समावेश
है।
जनगणना के आंकड़ों के विश्लेषण करे तो
बांग्लादेश की सीमा से लगे धुबरी जिले में मुस्लिमों की उच्चतम आबादी 79.67
प्रतिशत दर्ज की गई है, वहीं यहं हिन्दुओं की जनसंख्या घटकर केवल 19.92
प्रतिशत ही रह गई। 2001 में धुबरी में मुस्लिम आबादी कुल 74 प्रतिशत थी।
लेकिन बारपेटा जिले में मुस्लिम आबादी की उल्लेखनीय वृद्धि ने रिकॉर्ड
बनाया। इस जिले में 2001 में 59 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी जो 2011 में
बढ़कर 70.73 प्रतिशत तक पहुंच गई। यहां मुस्लिम आबादी में 11.73 प्रतिशत की
वृद्धि हुई जबकि हिंदुओं की संख्या में 29.10 प्रतिशत की मंदी दर्ज की गई।
बारपेटा के बाद दक्षिण असम के करीमगंज जो
कि बांग्लादेश सीमा से सटा है, में 56.26 प्रतिशत मुस्लिम आबादी की वृद्धि
दर्ज की गई। 2001 की जनगणना के मुताबिक यहां मुस्लिम आबादी 52 प्रतिशत थी।
गोलपाड़ा जो कि बांग्लादेश की सीमा से लगे निचले असम का एक जिला है, यहां
पर भी मुस्लिम जनसंख्या ने रिकोर्ड वृद्धि दर्ज की। 2001 में यहां मुस्लिम
आबादी 54 प्रतिशत रही थी, जो 2011 में बढ़कर 57.52 प्रतिशत हो गई। अभी तक
यहां हिंदू आबादी 34.5 प्रतिशत पर स्थिर बने हुए हैं। मोरीगांव (52.56%),
नगांव (55.35%), हैलाकांडी (60.31%) ये वो जिले हैं जहां मुस्लिम आबादी में
चिंताजनक वृद्धि दर्ज की गई।
असम में बे-रोकटोक बांग्लादेशी घुसपैठियों
का एक तांता सा लगा रहता है जो मुस्लिम आबादी की वृद्धि के जिले जिम्मेदार
कारणों में से एक महत्वपूर्ण कारण है। 1980 के दशक के दौरान राज्य में
अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर एक लंबा आंदोलन देखा गया था। लेकिन इसके बाद
अभी तक राजनीतिक लाभ के चलते इस बढ़ते घुसपैठ पर अंकुश नहीं लग सका, जो इस
राज्य के जनसांख्यिकीय संतुलन, सांप्रदायिक सदभाव व इस क्षेत्र की शांति के
लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है।
लखीमपुर सिर्फ यही एक जिला है जहां
मुस्लिम आबादी में कोई खास वृद्धि दर्ज नहीं की गई। 2001 में यहां मुस्लिम
आबादी 16 प्रतिशत थी, जो बढ़कर सिर्फ 18.5 तक पहुंची। यहां हिंदुओं की आबादी
76 प्रतिशत दर्ज की गई।
पहाड़ी राज्य अरुणाचल प्रदेश में ईसाई
आबादी में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई। यहां 2001 में ईसाई आबादी 18.5
प्रतिशत थी जो 2011 में बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई, जबकि हिंदू आबादी 2001 में
34.6 फीसदी थी जो कि घटकर 2011 में केवल 29 प्रतिशत रहा गई।
मणिपुर एक और पहाड़ी राज्य है जहां ईसाई
जनसंख्या में वृद्धि हुई है। यहां 2001 में ईसाइयों की आबादी 34.0 प्रतिशत
थी जो 2011 में बढ़कर 41.2 प्रतिशत तक पहुंच गई। इसी तरह त्रिपुरा भी एक
पहाड़ी राज्य है जहां ज्यादातर बंगाली हिन्दू और पहाड़ी जनजातियां निवास करती
हैं, यहं 2001 में 3.2 प्रतिशत ईसाई आबादी थी जो 2011 में बढ़कर 4.3
प्रतिशत हो गई। सिक्किम भी एक पहाड़ी राज्य है, यहां 2001 में यहां ईसाई
जनसंख्या 6.6 फीसदी दर्ज की गई थी जो 2011 में बढ़कर 9.9 प्रतिशत हो गई।
India | Sikkim | Arunachal | Nagaland | Manipur | Mizoram | Tripura | Meghalaya | Assam | |||
2011 | Total Population | 1210854977 | 610577 | 1383727 | 1978502 | 2855794 | 1097206 | 3673917 | 2966889 | 31205576 | |
Hindu | Total | 966257353 | 352662 | 401876 | 173054 | 1181876 | 30136 | 3063903 | 342078 | 19180759 | |
% | 79.79 | 57.7 | 29 | 8.7 | 41.3 | 2.7 | 83.3 | 11.5 | 61.4 | ||
Muslim | Total | 172245158 | 9867 | 27045 | 48963 | 239836 | 14832 | 316042 | 130399 | 10679345 | |
% | 14.22 | 1.61 | 1.9 | 2.4 | 8.3 | 1.3 | 8.6 | 4.3 | 34.2 | ||
Christian | Total | 27819588 | 60522 | 418732 | 1739651 | 1179043 | 956331 | 159882 | 2213027 | 1165867 | |
% | 2.29 | 9.9 | 30 | 87.9 | 41.2 | 87.1 | 4.3 | 74.5 | 3.7 | ||
2001 | Total Population | 1028610328 | 540851 | 1097968 | 2166788 | 2166788 | 888573 | 3199203 | 2318822 | 26655528 | |
Hindu | Total | 827578868 | 329548 | 379935 | 996894 | 996894 | 31562 | 2739310 | 307822 | 17296455 | |
% | 80.4 | 60.9 | 34.6 | 7.6 | 46 | 3.5 | 85.6 | 13.2 | 64.8 | ||
Muslim | Total | 138188240 | 7693 | 28675 | 190939 | 190939 | 10099 | 254442 | 99169 | 8240611 | |
% | 13.4 | 1.4 | 1.8 | 1.75 | 8.8 | 1.13 | 7.9 | 4.2 | 30.9 | ||
Christian | Total | 24080016 | 36115 | 205548 | 737578 | 737578 | 772809 | 102489 | 1628986 | 986589 | |
% | 2.34 | 6.6 | 18.7 | 89.96 | 34 | 86.9 | 3.2 | 70.2 | 3.7 |
इन सभी राज्यों में - अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा और सिक्किम – ये पूर्वोत्तर क्षेत्र हिन्दू बहुल राज्य थे। लेकिन धीरे-धीरे विभिन्न ईसाई मिशनरी संगठनों ने अनेक उपायों से स्थानीय वनवासी और जनजातीय लोगों को गत दशकों में मतांतरित कर ईसाई बनाया। ईसाई आबादी में वृद्धि के लिए यह एक महत्वपूर्ण कारण है।
नागालैंड, मेघालय और मिजोरम ये ईसाई बहुल
राज्य हैं। नागालैंड में 2001 में ईसाई आबादी 89.96 प्रतिशत रहा जो 2011
में घटकर 87.9 हो गया। लेकिन मिजोरम और मेघालय ईसाई आबादी में 2001 की
तुलना में तीन से चार प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई गई। मेघालय में ईसाई आबादी
2001 में 70.2 फीसदी रही जो 2011 में बढ़कर 74.5 तक पहुंच गई, जबकि मिजोरम
में ईसाई आबादी 2001 में 86.9 प्रतिशत से बढ़कर 2011 में 87.1 फीसदी तक ऊपर
चला गया है।
जाहिर है, इस क्षेत्र में हिंदुओं की
जनसंख्या में गिरावट दर्ज की गई, त्रिपुरा में 2001 में हिन्दुओं की आबादी
64.8 थी जो 2011 में 61.4 प्रतिशत नीचे आ गया, वहीं असम में भी हिंदू आबादी
के प्रतिशत में लगातार गिरावट आई है। यहां 2001 में हिन्दुओं की आबादी
85.6 प्रतिशत था जो 2011 में घटकर 83.3 रह गया और मणिपुर में 2001 में 46.0
प्रतिशत हिन्दू आबादी दर्ज की गई थी जिसमें 2011 में 41.3 फीसदी गिरावट
दर्ज की गई। मेघालय में हिन्दू आबादी में भारी गिरावट दर्ज की गई, यहां
2001 में 13.2 प्रतिशत हिन्दुओं की आबादी थी जो 2011 में घटकर 11.5 प्रतिशत
रह गई।
उपरोक्त विश्लेषण हमारे देश की संवेदनशील
सीमा क्षेत्र की बुनियादी हकीकत की ओर इशारा करते हैं कि किस तरह हमारे देश
के इस उत्तर-पूर्वांचल की क्षेत्रीय एकता, सामाजिक और राष्ट्रीय अखंडता व
भावनात्मक सदभाव, शांति व प्रगति धीरे-धीरे विरोधी ताकतों की चपेट में आकर
फिसल गया है। अतः कोई भी, उत्तर-पूर्वांचल से बज रही चेतावनी की घंटी को
सुन सकता है?
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