गुरुवार, 14 मई 2015

अंग्रेजों ने भारत के गौरवपूर्ण इतिहास को मिथक बना दिया – जगदीश उपासने जी

अंग्रेजों ने भारत के गौरवपूर्ण इतिहास को मिथक बना दिया – जगदीश उपासने

narad jayanti शिमला (1)
शिमला (विसंकें). इंडिया टुडे के पूर्व संपादक जगदीश उपासने जी ने कहा कि अंग्रेजों ने गौरवपूर्ण भारतीय इतिहास को मिथकीय बना दिया. आज पूरा विश्व भारत के पवित्र शास्त्रों की खोज में लगा है, पाणिनी के सूत्र से आईबीएम सॉफ्टवेयर कंपनी ने अपनी कंपनी के प्रमुख सॉफ्टवेयर को विकसित किया है. उपासने जी ने भारतीय इतिहास में नारद जी के प्रमुख प्रसंगों के बारे में जानकारी प्रदान की. कहा कि नारद जी दुनिया के महान संचारकों में से एक थे और उनके द्वारा सूचना के आदान प्रदान का केवल मात्र उद्देश्य लोक कल्याण ही होता था. आज पत्रकारिता जगत के लिए एक भारतीय आदर्श पुरूष की आवश्यकता है, इस क्षेत्र के लिये नारद जी से प्रेरणादायी मार्गदर्शक व आदर्श कोई अन्य नहीं हो सकता.

विश्व संवाद केद्र शिमला द्वारा विश्व के सर्वश्रेष्ठ संचारक एवं आदि पत्रकार देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य पर ”पत्रकार सम्मान समारोह“ आयोजित किया गया. शिमला के होटल होलीडे होम में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर (युद्ध सेवा मेडल) थे, जबकि इंडिया टुडे के पूर्व संपादक जगदीश उपासने जी ने मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे.
narad jayanti शिमला (2)

विश्व संवाद केंद्र प्रमुख दलेल ठाकुर ने बताया कि पत्रकार की समाज में एक मार्गदर्शक की भूमिका होती है. पत्रकार एक प्रहरी की भूमिका निभाने के साथ-साथ चेतना जगाने और संस्कृति संरक्षण में अहम भूमिका निभाता है. देवर्षि नारद दुनिया के प्रथम पत्रकार व पहले संवाददाता है क्योंकि देवर्षि नारद ने इस लोक से उस लोक में परिक्रमा करते हुए संवादों के आदान प्रदान द्वारा पत्रकारिता का प्रारंभ किया. इस प्रकार देवर्षि नारद पत्रकारिता के प्रथम पुरोधा हैं.

हमीरपुर जिला से दैनिक भास्कर के पत्रकार विक्रम ढटवालिया, मंडी जिला के वरिष्ठ पत्रकार व छाया पत्रकार बीरबल शर्मा, कांगडा जिला के धर्मशाला से दिव्य हिमाचल के युवा पत्रकार पवन कुमार, महिला पत्रकार के रूप में शिमला जिला से अमर उजाला में वरिष्ठ उप संपादक पूजा अवस्थी तथा इलैक्ट्रोनिक मीडिया से अंकज भारद्वाज को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के अंत में प्रांत प्रचार प्रमुख शिव कुमार जी ने सभी मुख्य अतिथियों का धन्यवाद किया.

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित