मंगलवार, 16 सितंबर 2014

मेरठ में हिंदी पत्रकारिता दिवस पर मनमोहन वैद्य जी का उद्बोधन



मेरठ में हिंदी पत्रकारिता दिवस पर मनमोहन वैद्य जी का उद्बोधन

मेरठ। सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना करने वाला देश  है भारत। भिन्न भाषाएं और भिन्न लोगों के मन और आकांक्षाए एक होने से ही राष्ट्र का निर्माण संभव है। भारतीय भाषा में ही राष्ट्रीयता की पहचान संभव है। हिंदी भारत की भाषा है। हिंदी की सभी बातें अंग्रेजी में अनुवादित करना संभव नहीं। यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख  डाॅ. मनमोहन वैद्य ने गंगानगर स्थित आईआईएमटी काॅलेज में ”हिंदी पत्रकारिता में राष्ट्रीयता“ आयोजित संगोष्ठी में कहीं। 

आईआईएमटी चैयरमेन श्री योगेश मोहनजी गुप्ता ओर प्रबंध निदेशक श्री मयंक अग्रवाल ने पुष्प गुच्छ देकर डाॅ. वैद्य का स्वागत किया और उनके आगमन को गौरवान्वित करने वाला व छात्रों के लिए सही मार्गदर्शन  देने वाला बताया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक कृपाषंकर, प्रांत प्रचारक अजय मित्तल, सह प्रांत प्रचारक ललित और समाचार पत्र आॅर्गेनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर भी मौजूद रहे।

मनमोहन वैद्य ने हिंदी पत्रकारिता में राष्ट्रीयता होने पर बल दिया। कहा कि समाचार पत्रों में समाज का चित्र घटनाएं सही होने के बावजूद नकारात्मक चित्रण हो रहा है। अनेक अच्छे काम भी समाज में हो रहे हैं, जो पत्रों में आने चाहिए। डाॅ. वैद्य ने विवेकानंद द्वारा शिकागो में दिए गए ऐतिहासिक भाषण का भी जिक्र किया। बताया कि आध्यात्मिकता भारत की आत्मा है। हरेक व्यक्ति में ईश्वर  का अंश है। उन्होंने धर्म का अंग्रेजी में कोई अर्थ न होने की बात भी कही। धर्म के लिए अंग्रेजी में प्रयुक्त शब्द रिलीजन को उन्होंने गलत माना। कहा कि धर्म की अवधारणा भारतीय है। साथ ही राष्ट्र, राज्य और देश की अवधारणाओं को भी उन्होंने अलग-अलग बताया। छात्रों ने प्रश्न  पूछकर अपनी जिज्ञासाएं शांत  कीं।
कार्यक्रम के समापन पर आईआईएमटी परिवार की ओर से स्मृति चिन्ह देकर डाॅ. वैद्य को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन संजीब कुमार मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में निदेशक डाॅ. आषीष अग्रवाल, बीजेएमसी विभागाध्यक्ष डाॅ. नरेंद्र मिश्रा, बीसीए विभागाध्यक्ष डाॅ. नीरज शर्मा, बीबीए विभागाध्यक्ष डाॅ. मयंक जैन, डाॅ. प्रशांत , विशाल शर्मा, यतिन राय कक्कड़, डाॅ. प्रियांक, डाॅ. वीरेंद्र, वरूण गुप्ता, अमित सैनी, रचना, वर्षा चैधरी और अमित वर्मा समेत अन्य शिक्षक  व सैंकड़ों छात्र शामिल रहे .
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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित