शनिवार, 13 सितंबर 2014

इजराइल में शहीद हुए सैनिकों की याद में मनेगा हाइफा दिव

इजराइल में शहीद हुए सैनिकों की याद में मनेगा हाइफा दिवस

जयपुर, 13 सितंबर। भारत और इजराइल के रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रयास तेज कर दिए हैं। इजराइल को तुर्की से मुक्त कराने के दौरान शहीद हुए भारत के नौ सौ सैनिकों की याद में संघ के सैनिक संगठन पूर्व सैनिक परिषद की ओर से देशभर में हाइफा दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विश्व विभाग के सह प्रमुख रवि कुमार ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि इजराइल के मुक्ति संघर्ष में शहीद भारतीय सैनिकों को इजराइल आज भी याद करता है। इजराइल में उनकी अन्त्येष्ठी स्थल पर स्मारक बनाए गए हैं, जिसकी देखरेख सरकार की ओर की जाती है। इजराइल सरकार हर वर्ष उनकी याद में हाइफा दिवस मनाती है। इस दिन भारतीय दूतावास और हाइफा शहर के मेयर वहां श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय शहीदों को वहां के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, लेकिन दुर्भाग्य है हमारें देश में उनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। अपने देश में गुमनाम किन्तु इजराइल की पाठ्यपुस्तकों में इन्हें पढ़ाए जाने के कारण वहां घर-घर में लोग उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं।

सन 1918 में इजराइल के बंदरगाह शहर हाइफा को मुक्त कराने के लिए भारतीय सैनिकों ने बड़ी संख्या में अपने जीवन का बलिदान दिया। इनमें राजस्थान के मेजर दलपतसिंह शेखावत ने बड़ी भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में जोधपुर राज्य के अनेक सैनिकों ने वहां लड़ते हुए वीरगति पाई। उनकी याद में भारतीय सेना 23 सितंबर हाइफा दिवस मनाती है।

उन्होंने कहा कि इजराइल में शहादत देने वाले भारतीय सैनिकों को संघ अपने विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल करेगा। सरकारी स्कूलों में इसे शामिल किया जाएगा या नहीं के सवाल पर उन्होंने कहा कि समय आने पर इसकी जानकारी आपको दी जाएगी। फिलहाल इस विषय में सरकार से कोई बातचीत नहीं हुई है।

उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने कई अन्य देशों को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया, लेकिन उन देशों ने हमारे सैनिकों की शहादत को इजराइल के समान महत्व नहीं दिया। हाइपा के डिप्टी मेयर हेदवा अलमोग ने नगरपालिका की ओर से वर्ष 2018 में भारतीय शहीदों की शहादत के सौ साल पूरे होने पर एक भव्य समारोह मनाने का ऐलान किया है। इसमें भारत से अधिक से अधिक लोगों के शामिल होने की अपील की है।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित