गुरुवार, 31 जनवरी 2013

RSS strongly condemned Tushar Gandhi’s remarks


RSS strongly condemned Tushar Gandhi’s remarks
NEW DELHI/BANGALORE, January 30: Rashtriya Swayamsevak Sanngh (RSS) Wednesday strongly condemned the uncharitable remarks made by Tushar Gandhi, Mahatma Gandhi’s grandson about the organization ‘celebrating the Mahatma’s assassination’.
While the entire nation today was busy paying tributes to the martyrs on Martyrs’ Day today, Tushar Gandhi tweeted claiming ‘RSS was celebrating Mahatma Gandhi’s assassination’.
Taking strong exception to these utterly false propaganda RSS Akhil Bharatiya Prachar Pramukh Dr Manmohan Vaidya said in a statement issued today “Tushar Gandhi’s remarks are unacceptable, We condemn them. These remarks are false propaganda tantamount to tarnish the image of the RSS. Vandaniya Mahatma Gandhi wrote “Satya ke Prayog” while his grandson Tushar is spreading lies by making such remarks. He is propagating “Asatya ke Prayog”. The RSS always respected Mahatma Gandhi, his life and thoughts and concepts. Tushar’s remarks about RSS are nothing but spreading falsehood”.
Dr Vaidya quoted a telegram sent to Pt. Nehru, Sardar Vallabhai Patel and Mahatma’s son Devdas Gandhi by the second RSS Sarsanghchalak the late M S Golwalkar alias Sri Guruji on January 30, 1948. The telegram said:
“30 January 1948
Shocked at the news of cruel fatal attack and tragic loss of greatest personality. Country's loss unbounded in these critical times. God help shoulder responsibilities grown heavier and fulfill the void caused by the loss of incomparable unifier.                                         
 -M. S. Golwalkar”
Earlier this morning, Tushar Gandhi tweeted as “Nationwide the RSS was celebrating Bapu’s murder by distributing ‘Mithai’ even before AIR made announcement.”
VSK Analysis: This not the first time that the allegation ‘RSS was behind Mahatma Gandhiji’s assassination’ was leveled against the organization. All such claims proved false and baseless. Even from the time of Pt. Nehru, RSS was victim for such slander and false propaganda. Following Mahatma Gandhi’s assassination in 1948, RSS was banned by the then Nehru government. Many prominent leaders of the RSS were arrested as the RSS was banned on 4 February 1948.
A Commission of Inquiry into the conspiracy to murder of Mahatma Gandhi was set up and its report was published by Ministry of Home Affairs in the year 1970. Accordingly Justice Kapur Commission noted the following:
…RSS as such were not responsible for the murder of Mahatma Gandhi, meaning thereby that one could not name the organization as such as being responsible for that most diabolical crime, the murder of the apostle of peace. It has not been proved that they (the accused) were members of the RSS… —Kapur Commission Report.
RSS Leaders were acquitted of the conspiracy charge by the Supreme Court of India and following an intervention by the Court, the then Government of India agreed to lift the ban with condition that the RSS adopted a formal constitution. The second Sarsanghachalak, M S Golwalkar drafted the constitution for the RSS which he sent to the government in March 1949. In July of the same year, after many negotiations over the constitution and its acceptance, the ban on RSS was lifted.
In 1934, during Mahatma Gandhi’s visit to RSS Camp accompanied by Mahadev Desai and Mirabehn at Wardha, he was surprised by the discipline and the absence of untouchability in RSS and commented: “When I visited the RSS Camp, I was very much surprised by your discipline and absence of untouchability.” He personally inquired from the Swayamsevaks about their castes and found that they were living and eating together in the camp without bothering to know their castes”.
On 15 January 2000, a daily, The Statesman, carried a story about the RSS by A G Noorani, which depicted the RSS as the killer of Gandhi. Subsequently the Delhi unit of the RSS filed a criminal case of defamation against author of the article A G Noorani along with the cartoonist and the Managing Director of the publishing house. When two of the accused did not respond to the Court summons, non-bailable warrants were issued in their name by the Court. On 25th February 2002, Noorani wrote an unconditional apology to the court in which he regretted writing the defamatory article against the RSS. On 3rd March 2002, ‘The Statesman’ also published an apology regretting the publication of the said article.
The Statesman said: “We had described the Rashtriya Swayamsewak Sangh as “the organisation that killed Gandhi”. This was incorrect, and unsupported by both facts and the record. We express regrets for the publication and apologize unconditionally for the anguish and mental torture caused to members of the organization”.
Here is the link.

मंगलवार, 29 जनवरी 2013

राजनीति का निम्नतम स्तर

राजनीति का निम्नतम स्तर

कथित हिंदू आतंकवाद के संदर्भ में गृहमंत्री के बयान को एक गहरी साजिश का हिस्सा मान रहे हैं

बलबीर पुंज

केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आतंकी प्रशिक्षण शिविर चलाने का आरोप लगाने से सबसे ज्यादा हानि किसकी हुई है? अधिकांश भारतवासी जहां एक तरफ भाजपा और संघ के राष्ट्रवादी चरित्र से परिचित हैं, वहीं शिंदे के रिकॉर्ड के कारण उन्हें गंभीरता से नहीं लेते। शिंदे के इस गैर जिम्मेदार बयान का कुप्रभाव सबसे अधिक भारत पर पड़ेगा। पाकिस्तान हमेशा यह दावा करता रहा है कि उसके यहां होने वाली आतंकी गतिविधियांे को न तो सरकार और न ही सेना का समर्थन प्राप्त है। उसका कुतर्क यह भी है कि वह भी दूसरे देशों की तरह आतंकवाद से पीड़ित है। अब पाकिस्तान भारत के गृहमंत्री के बयान को अंतरराष्ट्रीय मंचों से उठाकर यह साबित करना चाहेगा कि आतंकवाद को प्रोत्साहन देने के लिए यदि कोई कसूरवार है तो वह भारत है। भारत अब तक कहता आया है कि यहां आतंकवाद सीमा पार से आता है, शिंदे के बयान के बाद दुनिया की नजरों में भारत की जहां हास्यास्पद स्थिति हो गई है, वहीं पाकिस्तान के हाथ मजबूत हुए हैं।
कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के कारण हिंदू आतंक का हौवा खड़ा करना चाहती है, जिसके कारण अंतत: पाकिस्तान और पाक पोषित आतंकी संगठनों का मनोबल बढ़ रहा है। भारत के बहुलतावादी ताने-बाने को ध्वस्त करने के लिए एक गहरी साजिश रची जा रही है। मुंबई पर हमला करने आए आतंकियों के हाथों में कलावा बंधा होना व माथे पर तिलक होना और हमले के पूर्व से कांग्रेसी नेताओं की ओर से ‘भगवा आतंक’ का हौवा खड़ा करना क्या महज संयोग हो सकता है? मुंबई हमलों में महाराष्ट्र आतंक निरोधी दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे की मौत के बाद कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने यह दावा किया था कि करकरे ने फोन पर बात कर उनसे हिंदूवादी संगठनों से अपनी जान का खतरा बताया था और अब शिंदे द्वारा ‘हिंदू आतंकवाद’ का रहस्योद्घाटन कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति के निम्नतम स्तर पर उतर आने का ही संकेत करता है। सारा घटनाक्रम एक गहरी साजिश का परिणाम है। शिंदे ने न केवल समग्र रूप से हिंदू समाज को अपमानित किया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय जगत में सहिष्णु व बहुलतावादी भारत की छवि बिगाड़ने का काम भी किया है। सच्चई यह है कि मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस में हुए बम धमाकों के बाद से ही वोट बैंक की राजनीति करने वाली कांग्रेस ने तथ्यों को दबाते हुए ‘भगवा आतंक’, जो अब ‘हिंदू आतंक’ में बदल चुका है, का हौवा खड़ा करना शुरू कर दिया। सरकारी मशीनरियों के दुरुपयोग से जो मनगढ़ंत कहानी खड़ी की गई है, तथ्य व साक्ष्य उसकी पुष्टि नहीं करते।
एक जुलाई, 2009 को अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने चार लोगों के संबंध में एक प्रेस नोट जारी किया था। इनमें कराची आधारित लश्करे-तैयबा के आतंकी आरिफ कासमानी का उल्लेख है। उस रिपोर्ट के आधार पर एक अंग्रेजी पत्रिका के 4 जुलाई, 2009 के अंक में रक्षा विशेषज्ञ बी. रमन का लेख प्रकाशित हुआ था। उस लेख से कांग्रेस की घृणित साजिश का पर्दाफाश होता है। उक्त रिपोर्ट के अंश यहां उद्धृत हैं, ‘आरिफ कासमानी अन्य आतंकी संगठनों के साथ लश्करे तैयबा का मुख्य समन्वयकर्ता है और उसने लश्कर की आतंकी गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कासमानी ने लश्कर के साथ मिलकर आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया, जिनमें जुलाई, 2006 में मुंबई और फरवरी, 2007 में पानीपत में समझौता एक्सप्रेस में हुए बम धमाके शामिल हैं। सन 2005 में लश्कर की ओर से कासमानी ने धन उगाहने का काम किया और भारत के कुख्यात अपराधी दाऊद इब्राहीम से जुटाए गए धन का उपयोग जुलाई, 2006 में मुंबई की ट्रेनों में बम धमाकों में किया। कासमानी ने अलकायदा को भी वित्तीय व अन्य मदद दी। कासमानी के सहयोग के लिए अलकायदा ने 2006 और 2007 के बम धमाकों के लिए आतंकी उपलब्ध कराए।’ संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका द्वारा लश्कर और कासमानी को प्रतिबंधित करने के छह महीने बाद पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री रहमान मलिक ने स्वयं यह स्वीकार किया था कि समझौता बम धमाकों में पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था, किंतु अपने यहां वोट बैंक की राजनीति के कारण जो कांग्रेसी साजिश चल रही थी उसका ताना-बाना सीमा पार भी बुना गया। रहमान ने अपने उपरोक्त कथन में कहा, ‘लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने कुछ पाकिस्तान स्थित आतंकियों का इस्तेमाल समझौता एक्सप्रेस में बम धमाका करने के लिए किया।’
समझौता एक्सप्रेस में हुए बम धमाकों में जुटी जांच एजेंसियों ने भी पहले इसके लिए सिमी और लश्कर को जिम्मेदार ठहराया था। सिमी के महासचिव सफदर नागौरी, उसके भाई कमरुद्दीन नागौरी और अमिल परवेज का बेंगलूर में अप्रैल, 2007 में नारको टेस्ट हुआ। उसमें पाया गया कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन की मदद से सिमी ने बम धमाकों को अंजाम दिया है और सिमी के एहतेशाम सिद्दीकी व नसीर को मुख्य कसूरवार बताया गया। हाल ही में अमेरिकी अदालत ने मुंबई हमलों के दौरान छह अमेरिकी नागरिकों की हत्या के लिए डेविड हेडली को पैंतीस साल की सजा सुनाई है। हेडली ने मुंबई समेत भारत के कई ठिकानों की रेकी थी। अमेरिका के खोजी पत्रकार सेबेस्टियन रोटेला ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि हेडली की तीसरी पत्नी फैजा ओतल्हा ने 2008 में ही यह कबूल कर लिया था कि समझौता बम धमाकों में हेडली का हाथ है।
स्वाभाविक प्रश्न है कि इतने साक्ष्यों के होते हुए भी सरकार समझौता एक्सप्रेस बम धमाकों के लिए हिंदू संगठनों को कसूरवार साबित करने पर क्यों तुली है? मालेगांव धमाकों में भी सिमी की संलिप्तता सामने आने के बावजूद सत्ता अधिष्ठान साधु-संतों को कसूरवार बताने के लिए बलतंत्र के बूते साक्ष्यों को दबाने पर तुला है। मालेगांव बम धमाकों को लेकर कर्नल पुरोहित और उनके सहयोगियों के खिलाफ अदालत में जो आरोप पत्र पेश किया गया है उसमें कहा गया है कि आरोपी आइएसआइ से धन लेने के कारण संघ प्रमुख मोहन भागवत और संघ प्रचारक इंद्रेश कुमार की हत्या की योजना बना रहे थे। यदि कथित हिंदू आतंकी संघ प्रमुख की हत्या करना चाहते थे तो फिर संघ पर आतंकी प्रशिक्षण शिविर चलाने का आरोप कैसे लगाया जा सकता है? शिंदे को अपने कहे की समझ भी है? मुंबई हमलों की साजिश में पाकिस्तानी सेना और जमात उद दवा की संलिप्तता के पुख्ता प्रमाण अमेरिकी जांच एजेंसी के पास है, किंतु कांग्रेस ‘हिंदू आतंकवाद’ का हौवा खड़ा कर रही है। क्यों? ऐसा करने के लिए किसका दबाव है या इस काम का पारितोषिक उसे क्या मिला है? क्या सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए असली गुनहगारों को बचाना चाहती है?
(लेखक राज्यसभा सदस्य हैं)

शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ. भा. प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य द्वारा जारी वक्तव्य.


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ. भा. प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य द्वारा जारी वक्तव्य.

पनवेल, मुंबई – २५ जनवरी, भारत सरकार के गृहसचिव श्री आर.के.सिंह ने गृहमंत्री श्री सुशीलकुमार शिंदे के राजनीतिक भाषण के समर्थन में रा. स्व.संघ के बारे में दिया गया बयान न केवल दिग्भ्रमित करनेवाला वरन दुर्भावनापूर्ण तथा राजनीति से प्रेरित है. रा. स्व. संघ इस पर कड़ी आपत्ति जताता है तथा उसका पूरी तरह खंडन करता है.
जिन दस लोगों के नाम गृहसचिव ने समाचारों में दिये है उनके ऊपर कुछ आतंकी घटनाओं से सम्बंधित होने का आरोप है तथा विविध जाँच एजेंसियाँ उसकी जाँच कर रही है और न्यायालय में सम्पूर्ण विषय विचाराधीन है. यह स्मरण में रखना भी आवश्यक है कि इन्हीं मामलों में और भी अनेक लोगों को पकड़ा गया था, उनके विरुद्ध पर्याप्त प्रमाण जुटाये गये तथा विविध जाँच एजेंसियों ने उनके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किये थे. किन्तु, अचानक जाँच कि दिशा बदल गई और नए लोगों को इन्ही घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहरा कर गिरफ्तारियां हुई. इन लोगों के, जिनके विरुद्ध जाँच एजेंसियों के पास पर्याप्त सबूत नहीं दिख रहे है, रा.स्व.संघ से सम्बन्ध जोड़ने का प्रयास संघ कि छवि को लांछित करने का  दुर्भावनापूर्ण प्रयास है.
जाँच प्रक्रिया को प्रभावित करने की गृहसचिव की अनावश्यक दखल की तथा संघ को  बदनाम करने के  कांग्रेस के राजकीय षड्यंत्र का हिस्सा बनने की रा. स्व. संघ घोर निंदा करता है.   

बुधवार, 23 जनवरी 2013

रा. स्व. संघ द्वारा २४ जनवरी को देशव्यापी प्रदर्शन

रा. स्व. संघ द्वारा २४ जनवरी को देशव्यापी प्रदर्शन
मुंबई, २२ जनवरी २०१३ : भारत के गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे द्वारा हाल ही में किए गए आपत्तीजनक आरोपों की कडी निर्भत्सना करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने २४ जनवरी को देशव्यापी प्रदर्शन का आयोजन किया है|
यह जानकारी रा. स्व. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने आज यहॉं जारी किए एक प्रेस विज्ञप्ती में दी| इसमें कहा गया है कि गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे द्वारा २० जनवरी को जयपुर में कॉंग्रेस के चिंतन शिविर में किया गया ‘संघ, भाजपा के शिविरों में आतंकवाद का प्रशिक्षण दिया जाता है’ यह आरोप सरासर झूट, निराधार, गैरजिम्मेदाराना एवं राजनीती से प्रेरित है| रा. स्व. संघ इस आरोप को सिरे से नकारता है, तथा गृहमंत्री के इस बयान की कडी निर्भत्सना करता है|
आतंकवाद निंदनीय है, जिसे कठोरता से निपटना आवश्यक है| आतंकवाद को ‘हिंदू आतंकवाद’ कह कर गृहमंत्री और कॉंग्रेस पार्टीने समस्त हिंदू समाज, जो शांति एवं सामंजस्य के साथ जीने के लिये जाना जाता है, का घोर अपमान किया है| इसी के साथ उसे ‘भगवा आतंकवाद’ कह कर भारत के सब संत, संन्यासी परंपरा का भी अपमान किया है| रा. स्व. संघ आगाह करता है की गृहमंत्री एवं कॉंग्रेस पार्टी  इस बेबुनियाद व आपत्तीजनक आरोप के लिए हिंदू समाज से क्षमा मांगे|
सारा देश जब पाक-प्रेरित आतंकवाद से जूझ रहा है, आतंकवाद के विरुद्ध लढाई में हम हमारे बहादूर सिपाहियों को गँवा रहे हैं, ऐसे में इस तरह के अपरिपक्व एवं गैरजिम्मेदार बयान देकर भारत के गृहमंत्री पाक-प्रेरित आतंकवादियों का न केवल हौसला बढा रहे हैं, अपितु अपने बहादूर सुरक्षा बलों का मनोबल भी दुर्बल कर रहे हैं| तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ अपनी लडाई को कमजोर कर रहे हैं, जो भारत के हित में नहीं है| उनके इस घोर अपराध की रा. स्व. संघ घोर निर्भत्सना करता है|
आतंकवाद के कुछ घटनाओं के चल रहे जॉंच प्रक्रिया के निष्कर्ष आने के पहले ही गृहमंत्री के ऐसे दिशाभूल करने वाले बयान याने जॉंच प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास है| यह राजनैतिक कुटिलता है| यह घोर आपत्तीजनक है, जिसकी सभी को निंदा करनी चाहिये|
ऐसे बेबुनियाद, गैरजिम्मेदार बयानों से करोडों भारतवासियों की भावनाएँ आहत हुई है| रा. स्व. संघ आवाहन करता है कि भारतविरोधी तथा पाक प्रेरित आतंकवादियों का हौसला बढानेवाले गृहमंत्री के इस बयान के निषेध में २४ जनवरी को आयोजित देशव्यापी प्रदर्शनों में सभी लोग सक्रिय रूप से सहभागी होकर अपना निषेध दर्ज कराएँ, तथा कॉंग्रेस पार्टी और गृहमंत्री द्वारा माफी मांगने के लिए दबाव बनाएँ|

सोमवार, 21 जनवरी 2013

हिंदू आतंकवाद शब्द का प्रयोग करना अत्यंत अनुचित और आपत्तिजनक - मनमोहन वैद्य,अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख,रा.स्व.संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने गृहमंत्री शिंदे के बयान की कडी निंदा की है। रा.स्व.संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने जारी किया बयान इस प्रकार है :

गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे ने जयपुर में कांग्रेस के अधिवेशन में दिए बयान में हिंदू आतंकवाद शब्द का प्रयोग करना अत्यंत अनुचित और आपत्तिजनक है. हम इसकी घोर भर्त्सना करते हैं. आतंकवाद आतंकवादहै. उसे हिंदू या अन्य किसी धर्म के साथ जोड़ना उचित नहीं है. गृहमंत्री ने आतंकवाद की जिन घटनाओं का उल्लेख किया है उनकी अभी भी जाँच चल रही है. ऐसे में गृहमंत्री ने ऐसे बयान देना जाँच प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास है जो आपत्तिजनक है.
जिहादी आतंकवाद पर काबू पाने में अपनी असफलता को ढँकने के प्रयास में कांग्रेस सरकार ऐसे राजकीय बयान पहले भी देते आई है.अकबरुद्दीन ओवैसी के प्रक्षोभक एवं देश विरोधी बयान के पुख्ता सबूत होने के बाद भीसरकार करवाई करने से कतरा रही थी. जनता के दबाव और न्यायालय के आदेश के बाद  उन्हें करवाई करनी पड़ी. अफजल गुरु की फांसी की सजा सर्वोच्च न्यायालय ने कायम करने के बाद भी उसपर अमल नहीं हो रहा है. ऐसी नाकामियों को छिपाने के लिए गृहमंत्री ऐसे राजकीय बयान दे रहे है

शनिवार, 12 जनवरी 2013

जोधपुर प्रान्त की खबरे - 2

जोधपुर प्रान्त की खबरे - 2


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तहसील डेगाना के खंड केंद्र इडवा में विवेकानंद का १५० वां जन्म वर्ष धूमधाम से मनाया गया | बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा कलश यात्रा के पश्चात ग्रामीणों द्वारा पुरे कस्बे में शोभा यारा का आयोजन किया गया जिसमे नन्हे२ बालको ने विवेकानंद के वेश में सभी का मन मोह लिया. कार्यक्रम की शुरुवात स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलित करके किया गया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता व् युवा शक्ति आयाम के जिला शक्ति प्रमुख अजय दिवाकर ने स्वामीजी के विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि विवेकानंद का यह जन्म वर्ष भारत में नव युग परिवर्तन का आधार बनेगा. भारतीय युवा शक्ति अपने सामर्थ्य से परिचित हो तथा आत्मविस्मरण की अँधेरी गलियों से खुद को बाहर निकाले इसके लिए यह अवसर अनुकूल है. मुख्या अतिथि जीवन राम गोदारा ने वर्तमान भारत की पीड़ा को प्रकट करते हुए कहा कि आज हमारी सीमाए ही नही बल्कि जवान भी सुरक्षित नही हैं. ईडवा सरपंच और कार्यक्रम के अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह ने अंत में सभी का आभार जताया. कार्यक्रम का सञ्चालन प्रबुद्ध आयाम प्रमुख प्रकाश शर्मा ने किया. इस अवसर पर दामोदर शर्मा, रामावतार, गणपत सोनी, मोतीलाल वैष्णव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.





 पाली स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में शनिवार को निकली शोभायात्रा में मानो शहर ही उमड़ गया। हाथों में ध्वज व पताकाएं थामे जब लोगों का हुजूम सड़कों पर उतरा तो उन्हें देख हर कोई उत्साह से लबरेज हो गया। साथ ही गगनभेदी जयघोष से आसमान भी गुंज उठा। ढोल-नगाड़ों के बीच निकली इस शोभायात्रा में लगभग हर स्वयंसेवी संस्था, शिक्षण संस्था तथा समाज की भागीदारी रही। यह ऐतिहासिक शोभायात्रा जिस मार्ग से गुजरी वहां स्वामी विवेकानंद के संदेश शहरवासियों को दिए गए। जगह-जगह पर लोगों ने शोभायात्रा का पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया। विशाल शोभायात्रा के दौरान लगभग दो घंटे तक शहर का अंदरूनी हिस्सा मानो थम सा गया।

शोभायात्रा में शामिल बच्चे, युवा और महिलाएं तो क्या वृद्धजन में भी उत्साह देखते ही बन रहा था। विभिन्न मार्गों से होते हुए स्वामी विवेकानंद चौराहे पर पहुंचकर खत्म हुई इस शोभायात्रा का रास्ता लंबा था, लेकिन इसमें शामिल बच्चों और महिलाओं में रंज मात्र भी थकान नहीं देखी गई। पूरे रास्ते उन्होंने गर्मजोशी के साथ जयकारे लगाए।

युवा आयाम के निखिल व्यास ने बताया कि इस आयोजन को सफल बनाने में उगमराज सांड, अनिल भंडारी, प्रवीण त्रिवेदी, प्रेमसिंह शेखावत, बाबूलाल राठौड़, सरोज चौरडिय़ा, अंजना सर्राफ, मांगीलाल पटेल, किशोर सोमनानी, सुरेश चौधरी, केके शर्मा, परमेश्वर जोशी, सीताराम जोशी, जयशंकर त्रिवेदी, अंबालाल वागोरिया, हरीश गौड़, शांतिलाल मंडोरा, मनीष सोलंकी, सुनिल बियाणी, जितेंद्र भंसाली, रितेश छाजेड़, हरिगोपाल सोनी, शंकर भासा, महेश बागड़ी, लक्ष्मणसिंह कुंपावत, वैभव भंडारी, जितेंद्र कुमावत, साध्वी सुखिया बाई, छाया जोशी, राजेश्वरी सोनी, कोकिला बहन, सुमन पुरोहित, मधु बोहरा, उमा भारद्वाज, रतन मंडोरा, शैल चतुर्वेदी आदि का भी सहयोग रहा।

शोभायात्रा में शामिल झांकियों ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। किसी झांकी में स्वामी विवेकानंद के संदेश दिए गए तो किसी में उनको मां काली की पूजा करते हुए तथा धर्मसभा को संबोधित करते हुए दिखाया गया। झांकियों के माध्यम से उनकी पूरी जीवनी से लोगों को अवगत कराया। इसके साथ बैंड के जयघोष ने भी माहौल में जोश का संचार किया। महाराणा प्रताप कमांडो फोर्स के कार्यकर्ताओं की एकरूपता तथा आर्य वीर दल के साहसिक करतब देखकर सभी चकित हो गए। लगभग एक हजार महिलाओं ने कलश धारण कर इस शोभायात्रा में हिस्सा लिया। शोभायात्रा में विधायक ज्ञानचंद पारख, पूर्व सांसद पुष्प जैन तथा पूर्व विधायक भीमराज भाटी व भाजपा जिलाध्यक्ष महेंद्र बोहरा ने भी िरकत की।

यह शोभायात्रा तीन अलग-अलग स्थानों से प्रारंभ हुई। बांगड़ स्कूल से जहां विभिन्न धर्मों, स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों के नेतृत्व में शोभायात्रा रवाना हुई तो लोढ़ा स्कूल से स्कूली बच्चों की शोभायात्रा रवाना हुई। यह दोनों शोभायात्रा सूरजपोल पर आकर एक हो गई। इधर, महिलाओं की कलशयात्रा सिंधी कॉलोनी से रवाना हुई जो सर्राफा बाजार आकर मुख्य शोभायात्रा में शामिल हो गई। त्रिवेणी संगम होते ही हर ओर नागरिकों का हुजूम सा नजर आने लगा। यात्रा के दौरान सूरजपोल समेत शहर के मुख्‍य मार्गों पर लगभग डेढ घंटे जाम लगा रहा।




खबरे शोभायात्रा की ........जोधपुर प्रान्त से








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बालोतरा . आज का  उद्घाटन कार्यक्रम में बालोतरा के शहीद भगत सिंह सभा स्थल में आयोजित हुआ। उद्घाटन समारोह में नगरपालिका के अध्यक्ष श्री महेश चुहन , जिला संघचालक श्री सुरंगी लाल सालेचा तथा आयोजन समिति के संयोजक श्री भवानी शंकर गौड़ ने किया।
जिला प्रचार प्रमुख अरुण जी सालेचा ने बताया की 18 स्कुलो के  विद्यार्थी तथा अनेक कार्यकर्त्ता शोभायात्रा में शामिल हुए जो की शहर के मुख्य मार्गो से निकली
युवाओं ने जगाया 'विवेक' का 'आनंद' 
सार्धशती उद्घाटन कार्यक्रम पर रैलियां निकाली, सभाओं का हुआ आयोजन 
 बालोतरा
स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह आयोजन समिति की ओर से शनिवार को सार्धशती वर्ष का उद्घाटन कार्यक्रम शनिवार को आयोजित हुआ। कार्यक्रम से पहले नगर की विभिन्न स्कूलों से सैकड़ों विद्यार्थी रैली के रूप में शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए भगतसिंह सर्कल पहुंचे। जहां उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रैली में महाभगवती उमावि, बाल विद्या मंदिर, अग्रसेन उमावि, महर्षि बाल विद्या मंदिर, सिटी पब्लिक स्कूल, सीनियर गल्र्स व बॉयज, मदर इंडिया स्कूल, महर्षि गौतम मोंटेसरी, सेंट जेवियर, मदर टेरेसा स्कूल, आदर्श विद्या मंदिर माजीवाला, बालिका आदर्श विद्या मंदिर, आचार्य तुलसी उमावि सहित कई स्कूलों के छात्र-छात्राएं स्वामीजी के नारें लगाते शहर के विभिन्न मार्र्गो से होते हुए शहीद भगतसिंह सभा स्थल पहुंचे। कई विद्यार्थियों ने रैली में विवेकानंद के वेश में भाग लिया। सभी स्कूलों के रैलियों के संगम स्थल शहीद भगतसिंह सभा स्थल पर उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बतौर अतिथि शरीक हुए नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला संघचालक सुरंगीलाल सालेचा की ओर से कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके बाद नगर संयोजक भवानीशंकर गौड़ ने स्वागत भाषण दिया। भाषण के बाद सतीश व्यास व सुरेश चितारा की ओर से गीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में अतिथियों ने बताया कि वर्ष २०१३ में स्वामीजी विवेकानंद सार्धशती समारोह विश्व स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। विवेकानंद ने जीवन काल व उसके बाद की शताब्दी के पहले कालखंड में राष्ट्रीयता को जागृत किया तथा शिक्षा, समाज सुधार, आध्यात्मिक सेवा के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए कई लोगों को प्रेरित किया। उन्हीं का संदेश हमें जन-जन तक पहुंचाना है। जिला सह संयोजक चंपालाल गौड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन अमित दवे ने किया। कार्यक्रम में दौलाराम सोनगरा, भरत लोहिया, मुकेश बाहेती, अशोक व्यास, सागलराम परिहार, अरुण सालेचा, जोश सर, मधु गौड़, मधु खत्री, अशोक हुंडिया, हरिप्रसाद सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

एबीवीपी ने निकाली वाहन रैली 
शनिवार शाम करीब ५.३० बजे एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने भवानीसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में वाहन रैली निकाली। रैली रेल्वे स्टेशन से रवाना होकर नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए वापस रेल्वे स्टेशन के सामने पहुंची। जहां शाम ७ बजे स्वामी विवेकानंद के चित्र के सम्मुख १५० दीपक जलाए गए।

निकाली शोभायात्रा

जसोल. स्वामी विवेकानंद की १५० वीं जयंती पर शनिवार को सार्धशती आयोजन समारोह समिति की ओर से शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा माली समाज भवन से सवेरे १० बजे रवाना हुई। जिसमें विभिन्न स्कूलों व अन्य संस्थाओं की ओर से झांकियों का प्रदर्शन किया गया तथा स्वामीजी के उद्देश्यों को आमजन तक पहुंचाया गया। शोभायात्रा का विसर्जन श्री एनएस वोहरा राजकीय उमावि में हुआ। जहां उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में समिति के संरक्षक मोहनलाल खंडेलवाल ने स्वामीजी के उद्देश्यों व सिद्धांतो को जीवन में उतारने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम का संचालन सुरेश चौधरी ने किया।

सिवाना. स्वामी विवेकानंद की १५० वीं जयंती पर सार्धशती समारोह आयोजन समिति के तत्वावधान में धूमधाम से मनाई गई। दोपहर २.३० बजे एक दर्जन शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राओं की ओर से स्वामीजी के जीवन आदर्शों पर आधारित आकर्षक झांकियों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। झांकियों के मूल्यांकन के बाद प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली राउमावि सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल को सतीशकुमार की ओर से स्मृति चिह्न देकर प्रोत्साहित किया गया। इस मौके पर पंचवटी आश्रम के महंत किशनानंदगिरी महाराज ने संबोधित किया।

मोकलसर. स्वामी विवेकानंद स्वामी की १५० वीं जयंती कॅरियर डे के रूप में मनाई गई। क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में स्वामीजी की जयंती पर रैलियां निकाली गई। वहीं कस्बे के खेतेश्वर आदर्श विद्या मंदिर, गुरुकृपा माध्यमिक स्कूल, ज्योति बा फूले मावि, रामदेव बाल निकेतन सहित क्षेत्र की कई स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित हुए।

खंडप. स्वामी विवेकानन्द की150 वीं जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में सरकारीव गैर सरकारी स्कूलों में धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान विभिन्न स्कूलों की छात्र-छात्राओं ने रैली निकाली। रैली के बाद कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। प्रभारी रमेश कुमार ने बताया कि राउप्रा स्कूल में निबंध, चित्रकला, भाषण सहित कई प्रतियोगिताएं आयोजित हुई। प्रतियोगिताएं में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक बढ़-चढ़कर भाग लिया। संस्था प्रधान मोहनलाल ने आभार व्यक्त किया।

समदड़ी. स्वामी विवेकानंद जयंती पर शनिवार दोपहर २.३० बजे नृसिंहदास महाराज, रामद्वारा के संत क्षमाराज महाराज, मठ के महंत गोपाल भारती महाराज के सानिध्य में शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में नृसिंहदास महाराज घोड़े पर सवार व पीछे कन्याएं कलश धारण किए हुए तथा विवेकानंद के वेश मेंवेशभूषा धारण किए स्कूलों के छात्र चल रहे थे। शोभायात्रा कस्बे के विभिन्न मार्गों से होते हुए गोविंदराम महाराज बगेची पहुंची। शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया। गोविंदराम बगेची प्रांगण में नृसिंहदास महाराज व श्रद्धालुओं की उपस्थिति में स्वामी विवेकानंद की आरती की गई। इस दौरान विधायक कानसिंह कोटड़ी ने स्वामीजी के संदेशों को आमजन तक पहुंचाने का आह्वान किया। शोभायात्रा में सरपंच बाबूलाल परिहार, भाजपा नगर अध्यक्ष मांगीलाल रांकावत, महामंत्री श्यामसुंदर दवे, समारोह प्रचार प्रमुख बाबूसिंह राजगुरु, भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष टीकमचंद राजपुरोहित सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे। इसी तरह राजकीय उप्रावि देवलियारी में विवेकानंद जयंती को कॅरियर डे के रूप में समारोहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक चंद्रकांत व्यास ने विवेकानंद की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विवेकानंद के आदर्शों को जीवन में उतारना चाहिए। स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह समिति के तत्वावधान में स्वामीजी की झांकी कनाना गांव के सभी स्कूलों के विद्यार्थियों की ओर से निकाली गई।

पचपदरा. निकटवर्ती सिमरखिया पुरोहितान गांव के सती माता विद्या मंदिर उप्रावि में सामान्य ज्ञान, मेहंदी व एकल गीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

रमणिया. क्षेत्र के भागवा स्थित राजकीय माध्यमिक स्कूल में जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सरपंच मूलेंद्रसिंह भायल व अध्यक्षता जिला परिषद सदस्य भीखाराम भील ने की।

पाटोदी. कस्बे के सीनियर सैकंडरी स्कूल में कॅरियर डे धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के दौरान निबंध, पत्र वाचन, श्लोक व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 



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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित