उत्तराखंड : 24 घंटे के अन्दर स्वयंसेवक स्वप्रेरणा से सेवाकार्य के लिए पहुँचे थे
भोपाल, जुलाई 8 : विश्व संवाद केंद्र भोपाल कार्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे. नंदकुमार ने चयनित पत्रकारों के साथ अनौपचारिक चर्चा में उत्तराखंड की भीषण विभीषिका के दौरान संघ के स्वयंसेवकों के योगदान की जानकारी दी।
जे. नन्दकुमार ने कहा कि इस विपत्ति के 24
घंटे के अन्दर संघ स्वयंसेवक स्वतः प्रेरणा से सेवाकार्य के लिए पहुँच गए
थे। हेलीकाप्टरों के माध्यम से ही सम्पूर्ण रेसक्यू ओपरेशन चलना था, अतः
सबसे पहले हेलीपैड निर्माण की आवश्यकता थी। उस हेलीपैड का निर्माण संघ
स्वयंसेवकों के सहयोग से ही हुआ। दुर्घटना के दूसरे ही दिन 15 स्थानों पर
राहत शिविर प्रारम्भ हो गए थे। उत्तराखंड में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग से
प्रांत कार्यवाह व प्रांत प्रचारक अविलम्ब देहरादून पहुँच गए और उन्होंने
सम्पूर्ण सेवाकार्य की योजना बनाई।
कुलदीप नैयर ने एक लेख के माध्यम से कहा
था कि उत्तराखंड की इस विभीषिका के दौरान संघ स्वयंसेवकों ने तुरंत मदद
कार्य शुरू नहीं किया। जे. नन्दकुमार ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा
कि वास्तविकता इसके विपरीत है।
इस प्राकृतिक विपत्ति में लगभग 200 गाँव
पूरी तरह बर्बाद हो गए थे। लेकिन यह मानवता की अपूर्व मिसाल है कि इन
बर्बाद ग्रामवासियों ने अपना दुःख भूलकर तीर्थ यात्रियों की मदद की। जे.
नंदकुमार ने इस बात पर दुःख व्यक्त किया कि कुछ स्थानों पर हुई लूटपाट की
घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित किया गया, किन्तु इन मानवीय संवेदनाओं को
अनदेखा कर दिया गया।
पुनर्वास कार्य के बारे में
संघ के सरकार्यवाह के आह्वान पर द्वितीय
चरण में अब सम्पूर्ण प्रभावित क्षेत्र को तीन हिस्सों में बांटकर,
स्वयंसेवक सर्वे का कार्य अपनी जान हथेली पर लेकर कर रहे हैं। देश के अन्य
हिस्सों से भी 5000 से अधिक स्वयंसेवक वहां पहुँच गए हैं। इसी तरह देश के
अन्यान्य भागों से वहां जाकर कार्य करने इच्छुक लोगों की सूची बनाने का काम
भी संघ कर रहा है।
अभी तक इस भीषण विपत्ति को राष्ट्रीय आपदा
घोषित न करने की बात पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए जे. नंदकुमार ने सवाल
किया कि वहां की सरकार जिस प्रकार स्वयं को असहाय प्रदर्शित कर रही है,
उससे स्थानीय लोगों में आत्मविश्वास का संचार कैसे होगा ? एक दल विशेष के
लोग अपने नेता के फोटोयुक्त खाद्य सामग्री के पैकेट लेकर वहां पहुंचे
हैं। इस प्रकार के राजनीतिक हथकंडे सामूहिक प्रयत्नों को कमजोर करते हैं।
इस अनौपचारिक चर्चा में संघ के क्षेत्र
प्रचार प्रमुख नरेंद्र जैन, विभाग सह प्रचार प्रमुख रमेश व्यास, संवाद
केंद्र कार्यकर्ता हरिहर शर्मा, शैलेन्द्र सिंह तथा बृजेन्द्र शुक्ल भी
उपस्थित थे।
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