बुधवार, 22 मई 2013

हिन्दुत्व ही विश्व को दिखाएगा शांति-प्रगति की राह

असम में संघ शिक्षा वर्ग के समापन पर रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कहा हिन्दुत्व ही विश्व को दिखाएगा शांति-प्रगति की राह
असम के नगांव जिला स्थित होजाई में गत 12 मई को रा.स्व.संघ का संघ शिक्षा वर्ग संपन्न हो गया। वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने एक फिर दोहराया कि हिन्दुत्व ही भारत तथा विश्व की सभी समस्याओं का समाधान है।
श्री भागवत ने कहा कि संघ को ठीक प्रकार से प्रत्यक्ष अनुभव से ही समझा जा सकता है, उद्बोधनों और साहित्यों से नहीं। विश्व में कुछ ऐसी चीजें हैं जिनको किसी अन्य माध्यमों से नहीं समझा जा सकता। यह मानव स्वभाव है कि जब वह किसी अनजान चीज के बारे में जानना चाहता है तो वह उसकी तुलना जानी-पहचानी चीज से करता है। लोग इसी असमंजस में घिर जाते हैं जब वह संघ को समझने की कोशिश करते हैं। कोई संघ को नेशनल स्पोर्ट्स क्लब, कोई नेशनल म्यूजिक क्लब तो कोई राष्ट्रीय मार्शल आर्ट क्लब समझता है। कुछ लोग समझते हैं कि संघ ऐसा कोई दल है जो विभिन्न आंदोलनों में भाग लेता है।
श्री भागवत ने कहा कि आज सब इस बात को महसूस कर रहे हैं कि अधिकतर देशों ने प्रगति के लिए जिस उपभोगवाद को चुना था वह मानव दुखों को दूर करने में हर तरह असफल रहा। उन्होंने कहा कि आज की समस्याओं की जड़ में है- आध्यात्मिकता की कमी, नैतिक चिंता की कमी और मूल्यों की कमी। पूरा विश्व आज भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है। उसे लगता है कि भारत ही विश्व को शांति-प्रगति की राह दिखाएगा। लेकिन देश की स्थिति संतोषजनक नहीं है। देश की सीमाओं पर दुश्मन हैं। लोगों का स्वभाव बन गया है हर समस्या के लिए सरकार को दोषी ठहराना। इस सबमें हम आम राष्ट्रीय हितों पर बल देने के बजाय जाति, पंथ और सम्प्रदायों के नाम पर बनी दरारों को दर्शाने में लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण भारत को जो एक राष्ट्र के रूप में बांधे हुए है वह सनातन धर्म है, जोकि हिन्दुत्व के नाम से भी जाना जाता है।
श्री भागवत ने कहा कि संघ समाज के बीच कोई दल नहीं है, यह राष्ट्र के लोगों की संगठित शक्ति है। उपस्थित स्वयंसेवकों और गणमान्य नागरिकों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि संघ पिछले 87 वर्षों से राष्ट्र निर्माण का जो कार्य कर रहा है हम उसका हिस्सा बनें।
समापन समारोह में प्रशिक्षणार्थियों ने विभिन्न प्रकार के शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित