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तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग नागपुर में आरंभ, 6 जून को समापन
नागपुर, मई 13:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष प्रशिक्षण वर्ग का अनौपचारिक
प्रारंभ सोमवार 13 मई प्रातः 9.30 बजे रेशिमबाग मे हुआ। रा. स्व. संघ के सह
सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, वर्ग के सर्वाधिकारी पवन जिंदल, कार्यवाह
विठ्ठल कांबळे, वर्ग के पालक अधिकारी एवं सह सरकार्यवाह के. सी. कण्णन
इन्होंने भारतमाता के प्रतिमा समक्ष दीपप्रज्वलन कर वर्ग का उदघाटन किया।
6 जून को वर्ग का समापन है।
तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग की नयी रचना
के अनुसार यह पहला ही वर्ग है। अब तृतीय वर्ष का वर्ग 30 दिन के बदले 25
दिन का होगा। दैनिक कार्यक्रम में भी तदनुसार कुछ बदलाव किये गए हैं।
इस साल करीब 650 शिक्षार्थी वर्ग मे
सम्मिलित हैं। हर साल से यह संख्या 300 से कम है। नयी रचना नुसार जिला या
उसके वरिष्ठ स्तर के कार्यकर्ताओं को ही इस वर्ग मे पात्र समझा गया है।
उदघाटन समारोह में सह सरकार्यवाह डॉ.
कृष्ण गोपाल जी ने इस वर्ग के अधिकारी और विविध व्यवस्था प्रमुखों का परिचय
करा दिया। पालक अधिकारी के. सी. कण्णन जी ने तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण वर्ग
का महत्त्व विशद किया।
पालक अधिकारी की भूमिका निभा रहे कण्णन जी
ने कहा, हम समाज में ही नहीं, पूरे विश्व में नया परिवर्तन लाने के लिए
प्रतिबद्घ हैं। कोई भी नया परिवर्तन अकस्मात नहीं होता। इसके लिए काफी
परिश्रम करना होता है। बच्चे का जन्म बगैर प्रसव पीड़ा के नहीं होता है।
अपने शरीर, मस्तिष्क और सोच को नया आयाम देने हम यहां आए हैं। इससे हम नया
परिवतन लाने के लिए अपने को तैयार कर पाएंगे जिसका पूरी दुनिया को इंतजार
है। शिविर में बिताए हर क्षण का हम सदुपयोग करें ताकि पहले में हम खुद में
परिवर्तन ला सकें और भविष्य में नए बदलाव लाने के आरएसएस के लक्ष्य में
योगदान देने वाले दूत बन सकें।
उन्होंने कहा कि नागपुर में काफी गर्मी
पड़ रही है और इस मौसम में संघ के कार्यो का प्रशिक्षण लेना एक कठिन साधना
है। इसके अलावा भोजन का स्वाद भी अलग है। हिंदी की पूरी जानकारी न रखने
वालों को भी परेशानी आएगी। किंतु इन हालात में भी आप अपने को तैयार करें
ताकि समाज एवं देश के लिए योगदान दे सकें।
इस तरह के प्रशिक्षण शिविरों के इतिहास के
बारे में उन्होंने बताया कि वर्तमान में स्वयंसेवकों को पिछले दिनों की
तुलना में कुछ सुविधाएं दी जा रही हैं ताकि वे बेहतर ढंग से रह सकें। हम
शिविर के प्रत्येक क्रियाकलाप में यह सोच कर भाग लें कि यह ईश्वर की उपासना
है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों से मिलना एवं अलग भाषाओं में बात
करना एक अलग किस्म का अनुभव है। हम कह सकते हैं कि भारत विविधता में एकता
का उदाहरण देने वाला देश है। इस एकता को हम यहां महसूस कर सकेंगे। विभिन्न
भाषाओं की बारीकियों को हम यहां अनुभव कर पाएंगे।
शिविर में अनुशासन की महत्त्वपूर्ण भूमिका है जिसके जरिए देश की सेवा के लिए हम अपने जीवन को संवार सकेंगे।
संघ शिक्षा वर्ग - तृतीय वर्ष - विविध अधिकारी
सर्वाधिकारी - पवन जिंदल (हरयाणा सह प्रांतसंघचालक)
कार्यवाह - विठ्ठल कांबळे ( कोकण सह प्रांत कार्यवाह)
मुख्य शिक्षक - प्रवीण गुप्त ( मध्य भारत प्रांत शारीरिक प्रमुख)
सह मुख्य शिक्षक - डी। शंकर (प्रचारक, उत्तर तमिलनाडू प्रांत)
बौद्धिक प्रमुख - सुमंत आमशेकर (आसाम प्रांत सह बौद्धिक प्रमुख)
सह बौद्धिक प्रमुख - भास्कर चौबे (महाकोशल प्रांत बौद्धिक प्रमुख)
सह बौद्धिक प्रमुख - सुरेन्द्र तालखेडकर (उत्तर आसाम प्रांत सेवा प्रमुख)
व्यवस्था प्रमुख - कन्हैया कटारे (नागपुर मे भाग कार्यवाह)
शिविर के उद्घाटन सत्र में अन्य लोगों के
अलावा संघ के अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षण प्रमुख अनिल ओक, सह-शारीरिक
प्रमुख जगदीश, अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख भागय्या, सह-बौद्धिक प्रमुख
महावीर, अ. भा. संपर्क प्रमुख हस्तिमल, अ. भा. कार्यकारिणी सदस्य शंकर लाल,
अ. भा. सह व्यवस्था प्रमुख बालकृष्ण त्रिपाठी, डा. शंकर तत्त्ववादी,
वरिष्ठ प्रचारक रामभाऊ बोंडाले, रामनारायण, विदर्भ प्रांत सहसंघचालक राम
हरकरे और आरएसएस के पश्चिम क्षेत्र सहकार्यवाह डा. रवीन्द्र जोशी उपस्थित
थे।
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pls fight cheat,moral less bsba's (swamiji's)
जवाब देंहटाएंIt would be highly beneficial and encouraging if weekly progress if not daily is posted.
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