शनिवार, 20 अप्रैल 2013

पड़ोसी देशों से भारत की सुरक्षा को खतरा: भागवत

नाशिक। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि पड़ोसी देशों के गैर दोस्ताना रवैये के कारण ही देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा हैं।
Neighbouring nations pose security threat to India: Bhagwat
बिना किसी देश का नाम लिए हुए उन्होंने कहा कि मानवता के कल्याण के लिए भारत का विकास और तरक्की जरूरी है। हालांकि इससे वैश्विक समस्याओं का समाधान नहीं नकला जा सकता क्योंकि देश पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर गैरदोस्ताना पड़ोसियों से घिरा है, जो उसके लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। उन्होंने यह बात गुरुवार को आरएसएस की नाशिक यूनिट द्वारा रामनवमी के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि तीन युद्ध के बाद भी पड़ोसी देश का गैर मित्रवत व्यवहार बरकरार है। देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं है क्योंकि भारत में जाली मुद्रा, हथियार और आतंकियों की घुसपैठ वहीं से हो रही है। भागवत ने सवाल उठाया कि एक तरफ हम आर्थिक महाशक्ति बनने का सपना देख रहे हैं वहीं आम लोग महंगाई से प्रभावित हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं और देश सूखे से जूझ रहा है। इन हालातों में विकास कहां हो रहा है? उन्होंने कहा कि इसके लिए मतदाता भी बराबर से जिम्मेदार है। जाति, क्षेत्र, भाषा और पानी को लेकर झगड़ा हो रहा है और प्रतिदिन बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं। हम इन मुद्दों पर चर्चा करते हैं, लेकिन इसका समाधान निकालने का प्रयास नहीं करते।
उन्होंने कहा कि आरएसएस का आधार मजबूत है। हम किसी का विरोध नहीं करते हैं और कोई हमारा दुश्मन नहीं है, लेकिन हमें समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। मगर आरएसएस के काम और वैश्रि्वक लोकप्रियता को देखते हुए किसी में भी हमें खत्म करने की शक्ति नहीं है।
स्त्रोत:vishawa samvad kendra, raipur

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित