गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

संघ समाज सेवा में सदैव रहता है तत्पर, स्वयंसेवको का दायित्व है समाज सेवा - सह सरकार्यवाह के सी कण्णन



त्रिवेणी पथ संचलन के स्वागत में उमड़े शहरवासी 
संघ समाज सेवा में सदैव रहता है तत्पर, स्वयंसेवको का दायित्व है समाज सेवा सह सरकार्यवाह के सी कण्णन 


मंच पर माननीय सह सरकार्यवाह के सी कण्णन,jkefuokl 'kkL=h th तथा foHkkx la?kpkyd ekuuh; ujksre th
संचलन के लिए तैयार घोष 

संगम से पहले 
संगम का  दृश्य 



संगम में सधे स्वयंसेवको का एक दृश्य 



 मेड़ता सिटी २८  फ़रवरी१३ मीरा नगरी के नाम से विख्यात मेड़ता में राष्ट्रीय  स्वयंसेवक संघ के मेड़ता तहसील का त्रिवेणी पथ संचलन  निर्धारित समय पर प्रारंभ हो कर शहर के विभिन्न स्थानों से होता हुआ निकला।  ठीक १ बज कर १५  मिनट पर तीनो संचलनों का संगम न्यू भवानी चौराहे पर हुआ। संगम स्थल पर अपार  जन समूह संचलन  के स्वागत के लिए आतुर था। संगम होते ही जन समूह ने पुष्पवर्षा की  तथा नारों  से आसमान गुंजायमान कर दिया।
इससे पहले शहर के मुख्य मार्गो से निकले संचलनो को स्वागत कर सडको को पुष्प तथा गुलाल से सराबोर कर दिया। स्वयंसेवको के स्वागत के लिए १७१ स्वागत द्वार बनाये गए थे। नगर दुल्हन की तरह सजा हुआ था। करीब २५ किवंटल पुष्पों से पुष्पवर्षा की गयी। 
माताओ  बहिनों के जयनारों  के साथ संचलन अपने जोश से पब्लिक पार्क की और अग्रसर था। 
पब्लिक पार्क में ठीक २ बजे बसंतोत्सव कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ. 
 स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती पर सार्ध शती के तहत आयोजित बसंतोत्सव कार्यक्रम में राष्ट्रीय  स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह माननीय के सी कण्णन कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे. अपने उद्बोधन में माननीय कण्णन ने  संघ और स्वयंसेवको के कार्य की चर्चा करते हुए कहा की समाज सेवा के लिए संघ हमेशा तत्पर रहता है। समाज सेवा स्वयंसेवको  का दायित्व है। उन्होंने संघ कार्य की चर्चा करते हुए कहा कि a परम पूजनीय गुरूजी ने विवेकानन्द  मेमोरियल बनवाया।  सम्पूर्ण भारत में संघ का कार्य पहुँच चूका है। 
लद्धाख में बादल फटने की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने  बताया कि बादल  फटने के बाद जब पानी तीव्र गति से बहने लगा उस समय स्वयंसेवको ने २७  लोगो की जान बचाई  उस समय वहां संघ का प्राथमिक शिक्षा  वर्ग चल रहा था। तीन मंजिले विद्यालय में चल रहे वर्ग में सूचना मिलते ही स्वंयसेवक उधर दौड़ पडे। इसी तरह आई टी बी टी की मदद कर संघ के लोगो ने सर्कार की योजना से पीडितो की मदद की। मकान  न होने से लोगो के रहने की समस्या पर सेवा भारती ने ६५ मकान  बना कर दिये। बदल फटने के बाद उत्तर भारत से २ ट्रक भरकर के खाने का सामान तथा वस्त्र इत्यादि पहुचाये गये। आर्मी ने सबसे बड़े एन जी ओ का दर्ज दिया।
  जम्मू के लेह से लेकर सागर किनारे स्थित विवेकानंद रॉक और पश्चिम में जैसलमेर से लेकर पूर्व में मणिपुर के मोहिरांग तक संघ के स्वयंसेवक सक्रिय हैं। यह स्वयंसेवकों का विश्व में सबसे बड़ा संगठन है। पश्चिम भारत में में भी संघ कार्य बहुत अच्छा है तो पूर्वी क्षेत्र में भी संघ कार्य का जवाब नहीं है। मोइराग   में पहली बार तिरंगा फहराया गया जबकि वो भारत में ही है।  भारत के जिलो तहसील तथा मंडल आदि तक शाखा का काम पहुच चूका है  इतनी बड़ी शक्ति किसी और के पास नहीं है ।  सागर पार भी अपना काम शुरू हो गया है। अमेरिका मलेशिया इंग्लैंड सहित ३० देशो में शाखा लगती है। केनिया में भी शाखा लगती है। अभी हाल ही में इंग्लॅण्ड में १ लाख लोगो का संगम हुआ था।  
उन्होंने बताया कि देश में 50 हजार से अधिक स्थानों पर संघ की शाखाएं चल रही है  इनमें स्वयंसेवकों को आत्मविश्वास और नेतृत्व भावना का पाठ पढ़ाया जाता है।

साऊथ अफ्रीका में तीन तरह के लोग रहते है काले गौरे तथा सांवले जिन्हें ब्राउन कहते है। यह सभी आपस में लड़ते रहते है तब संघ ने ही विविधता में एकता के नारे से इस समस्या का समाधान किया।
वनवासी कल्याण आश्रम भी संघ का एक बहुत्  बड़ा संघटन है।
स्वामी विवेकान्द के सपनो को पूर्ण करने के लिए ही संघ का जन्म हुआ है। पूरी दुनिया में परिवर्तन का समय है। अब भारत दुनिया का नेत्रत्व करने की और अग्रसित है और आने वाले समय में यह सपना भी पूरा होगा।
माननीय कण्णन ने कहा कि हमें संस्कृत तथा योग सिखने चाहिए। दुनिया को यह संस्कार संघ की शाखा से ही मिलेंगे।
अपने संबोधन में कण्णन ने स्वामी विवेकानंद और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के भारत के विश्व शक्ति बनने के उद्धरणों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में हर क्षेत्र में उथल-पुथल मची हुई है। भारतीय युवाओं के लिए सही समय है कि वे अपनी नेतृत्व क्षमताओं को पहचाने और आगे आएं। योग, संस्कृत और हमारी संस्कृति का अध्ययन कर युवा अपनी नेतृत्व क्षमता को प्रखर बनाएं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि सिर्फ अपने लिए जीने की प्रवृत्ति का त्याग करें। अपने से पिछड़ों को साथ लेकर चलने में ही जीवन का सार है। स्वामी विवेकानंद के इस संदेश को हर घर तक पहुंचाने का बीड़ा संघ ने उठाया है। 
jkefuokl 'kkL=h th ¼jkeLusgh lEiznk;½ dk m|cks/ku -lHkh dks lEeku nsrs gq, ;g cgqr gh vkuUn dk fo"k; gS fd esM+rk uxjh esa ;g iFk lapyu gqvkA Hkkjr esa vkt lHkh txg vR;kpkj gks jgk gSA ogh la?k 'kfDr dy;qxs dk ukjk ysdj la?k vius fujUrj iz;kl ls vkt nqfu;k dk lcls cM+k laxBu gSA lHkh Lo;alsod dks larks dk ntkZ fn;kA la?k dk nqljk vFkZ laLdkj lsok Hkkouk  gSA gekjs eu esa jk"Vªh; Hkkouk gksuh pkfg,A ge viuh lEifr dks u HkwysA Lokeh th dk lk/kZ lrh egksRlo Hkh euk;k tk jgk gSA vkSj xoZ ls dgks dh ge fgUnw gSA o ge lc leku gS vkSj bl dk uke gh ;ksx gS vkSj ftl fnu lHkh ds eu esa ;g Hkkouk vk tk;sxh rks Hkkjr fQj ls fljekSj gksxkA vkSj la?k dh 'kk[kk esa tkrs jgsA y{e.k o jke dk mnkgj.k nsrs gq, dgk dh tUe Hkweh LoxZ ls Hkh egku gSA

foHkkx la?kpkyd ekuuh; ujksre th us  vkHkkj O;Dr djrs gq, lHkh cU/kqvks ekrkvks cguks o larks dk Hkh rFkk iz’kklu iqfyl ;krk;kr vkfn o izR;{k o vizR;{k :i ls ftUgksus Hkh bl iaFk lapyu dks lQy cuk;k gS mudk /kU;okn fd;kA
कार्यक्रम में जोधपुर प्रान्त प्रचारक मुरलीधर जी सहित कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे.
मीडिया से कार्यक्रम की खबरे 

साभार: दैनिक भास्कर नागौर 

साभार: दैनिक भास्कर नागौर

साभार: दैनिक भास्कर नागौर
साभार: दैनिक नवज्योति 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित