रा. स्व. संघ द्वारा २४ जनवरी को देशव्यापी प्रदर्शन
मुंबई, २२ जनवरी २०१३ :
भारत के गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे द्वारा हाल ही में किए गए आपत्तीजनक
आरोपों की कडी निर्भत्सना करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने २४ जनवरी को
देशव्यापी प्रदर्शन का आयोजन किया है|
यह जानकारी रा. स्व. संघ के अखिल भारतीय
प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने आज यहॉं जारी किए एक प्रेस विज्ञप्ती
में दी| इसमें कहा गया है कि गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे द्वारा २० जनवरी
को जयपुर में कॉंग्रेस के चिंतन शिविर में किया गया ‘संघ, भाजपा के शिविरों
में आतंकवाद का प्रशिक्षण दिया जाता है’ यह आरोप सरासर झूट, निराधार,
गैरजिम्मेदाराना एवं राजनीती से प्रेरित है| रा. स्व. संघ इस आरोप को सिरे
से नकारता है, तथा गृहमंत्री के इस बयान की कडी निर्भत्सना करता है|
आतंकवाद निंदनीय है, जिसे कठोरता से
निपटना आवश्यक है| आतंकवाद को ‘हिंदू आतंकवाद’ कह कर गृहमंत्री और कॉंग्रेस
पार्टीने समस्त हिंदू समाज, जो शांति एवं सामंजस्य के साथ जीने के लिये
जाना जाता है, का घोर अपमान किया है| इसी के साथ उसे ‘भगवा आतंकवाद’ कह कर
भारत के सब संत, संन्यासी परंपरा का भी अपमान किया है| रा. स्व. संघ आगाह
करता है की गृहमंत्री एवं कॉंग्रेस पार्टी इस बेबुनियाद व आपत्तीजनक आरोप
के लिए हिंदू समाज से क्षमा मांगे|
सारा देश जब पाक-प्रेरित आतंकवाद से जूझ
रहा है, आतंकवाद के विरुद्ध लढाई में हम हमारे बहादूर सिपाहियों को गँवा
रहे हैं, ऐसे में इस तरह के अपरिपक्व एवं गैरजिम्मेदार बयान देकर भारत के
गृहमंत्री पाक-प्रेरित आतंकवादियों का न केवल हौसला बढा रहे हैं, अपितु
अपने बहादूर सुरक्षा बलों का मनोबल भी दुर्बल कर रहे हैं| तथा
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ अपनी लडाई को कमजोर कर रहे हैं,
जो भारत के हित में नहीं है| उनके इस घोर अपराध की रा. स्व. संघ घोर
निर्भत्सना करता है|
आतंकवाद के कुछ घटनाओं के चल रहे जॉंच
प्रक्रिया के निष्कर्ष आने के पहले ही गृहमंत्री के ऐसे दिशाभूल करने वाले
बयान याने जॉंच प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास है| यह राजनैतिक
कुटिलता है| यह घोर आपत्तीजनक है, जिसकी सभी को निंदा करनी चाहिये|
ऐसे बेबुनियाद, गैरजिम्मेदार बयानों से
करोडों भारतवासियों की भावनाएँ आहत हुई है| रा. स्व. संघ आवाहन करता है कि
भारतविरोधी तथा पाक प्रेरित आतंकवादियों का हौसला बढानेवाले गृहमंत्री के
इस बयान के निषेध में २४ जनवरी को आयोजित देशव्यापी प्रदर्शनों में सभी लोग
सक्रिय रूप से सहभागी होकर अपना निषेध दर्ज कराएँ, तथा कॉंग्रेस पार्टी और
गृहमंत्री द्वारा माफी मांगने के लिए दबाव बनाएँ|
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