स्व . श्री के एस सुदर्शन जी |
शत शत नमन!!!!
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के पंचम सरसंघचालक कुपहल्ली सीतारामय्या सुदर्शन
का आज सुबह ६.३० बजे दिल का दौरा पडने से रायपुर, छतीशगढ में स्वर्गवास हुआ। वह ८१ वर्ष के थे। नागपुर में रविवार को दोपहर 3.00 पर दाहसंस्कार होगा।वह शनिवार सुबह जब मॉर्निंग वॉक से लौट कर आए थे तभी वह कुछ थकावट और बैचेनी महसूस कर रहे थे। कुछ देर बाद उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।
माननिय सुदर्शन जी जन्म 18 जून 1931 को रायपुर (पहले मध्य प्रदेश में था अभी छत्तीसगढ़ है) में हुआ था।
मात्र 9 वर्ष की आयु में उन्होंने संघ की शाखा जाना प्रारंभ किया था। उन्होंने टेली कम्मू युनिकेशन में ईन्जिनीयरिंग की पढाई सागर विश्विद्यालय से की थी।1954 में आप संघ के प्रचारक बने थे। 1964 में आप मध्य भारत के प्रान्त प्रचारक बने। 1977 में आपने नोर्थ इस्ट क्षेत्र में कार्य किया। दो वर्ष के पश्चात आपने अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख का दायित्व ग्रहण किया . आप 1990 में सह सरकार्यवाह बने।
उन्होंने संघ में विभिन्न स्तरों पर विभिन्न जिम्मेदारियां लेकर काम किया था जिसमें जिला प्रचारक, प्रांत प्रचारक, अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख, शारिरीक प्रमुख, सरकार्यवाह और संघ के सरसंघचालक यह कार्यभार समाविष्ट हैं। सुदर्शनजी स्वदेशी, पूर्वोत्तर भारत और राष्ट्रीय विचारों के मुसलमान इन विषयों के आग्रही थे।
10 मार्च 2000 में आप 5वें सरसंघचालक बने। आपने रज्जू भैया से कार्यग्रहण किया था।
आप 2000 -2009 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक रहे थे।
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