नई दिल्ली, अगस्त १०: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के
सरसंघचालक मोहन भागवत का गुड गवर्नेस को लेकर बिहार राज्य की सराहना करना
माध्यमों के लिए सुर्खियां बन गया। प्रिंट औऱ इलेक्ट्रानिक माध्यमों में
उनके इस बयान को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गुजरात के
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़कर देखे जाने का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
ने खंडन किया है।
इन बातों का खंडन करते हुए संघ के अखिल
भारतीय कार्यकारिणी सदस्य राम माधव ने कहा, ‘माध्यमों ने सरसंघचालक के इस
बयान को गलत नजरिये से पेश किया है। जबकि भागवत जी ने अपने-अपने राज्यों
में अच्छा कार्य कर रही सरकारों की सराहना की थी। उन्होंने बिहार के
साथ-साथ मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों के कार्यों को भी सराहा था।’
राम माधव ने मोहन भागवत के बयान का
स्पष्टीकरण करते हुए कहा कि भागवत जी का कहना था कि नीतीश के शासन वाले
बिहार, जहां विकास की सारी संभावनाएं खत्म हो गई थी, वहां नीतीश ने बेहतरीन
काम कर एक नया मॉडल पेश किया है। इसके साथ ही सरसंघचालक ने यह भी कहा कि
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारें अच्छा काम कर रही है।
वहीं दूसरी तरफ 'वाशिंग्टन पोस्ट' के नई
दिल्ली ब्यूरो की पत्रकार रमा लक्ष्मी ने ट्वीट किया, 'विदेशी माध्यमों से
पहली बार बातचीत में मोहन भागवत से सुशासन के मामले में राज्य सरकारों की
वरीयता निर्धारित करने के लिए कहा गया तो उन्होंने पहले बिहार का नाम लिया
और फिर गुजरात का।'
विदित हो कि कल राजधानी में सरसंघचालक मोहन भागवत ने विदेशी पत्रकारों के
साथ सीधा संवाद किया। इस वार्ता के दौरान उन्होंने सामाजिक, राजनीतिक
मुद्दों के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार रखे। हालांकि
सरसंघचालक ने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनकी नहीं बल्कि लोगों की राय है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें