मंगलवार, 5 जून 2012

संस्कृत को जनभाषा बनाने के होंगे प्रयास - श्रीशदेव पुजारी

 
बीकानेर संस्कृत भारत की प्राचीन भाषा है, इससे जनभाषा बनाने का प्रयास संस्कृत भारती कर रही है। संस्थान की ओर से समय-समय पर शिविरों के माध्यम से शिक्षकों व शिक्षार्थियों के साथ आमजन को संस्कृत की जानकारी दी जा रही है।यह जानकारी सोमवार को रानीबाजार स्थित शकुंतला भवन में संस्कृत भारती के अखिल भारतीय मंत्री श्रीशदेव पुजारी ने पत्रकारों को दी।

श्रीशदेव पुजारी ने बताया कि बीकानेर में संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए 21 मई को 15 दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया था जिसका सोमवार को समापन हुआ है। शिविर में प्रदेश के 55 शिक्षकों को संस्कृत भाषा की बारीकियों से अवगत करवाया गया। इसके अलावा शहर के अन्य स्थानों पर 26 मई से दस दिवसीय शिविर का आयोजन भी किया गया। पुजारी ने बताया कि संस्कृत को जनभाषा बनाने के लिए सभी को मिलजुलकर प्रयास करना होगा। संस्थान की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं जुलाई, अगस्त व सितम्बर माह में आगामी दस दिवसीय शिविरों का आयोजन होगा।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित