शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2011

सहसरकार्यवाह माननीय दतात्रेय होस्बोले एवं अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख माननीय मनमोहन जी वैद्य प्रेस आर्ट में पत्रकारों से रूबरू होते हुए

अन्ना से हमारे संबंध पुराने- आरएसएस


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक बार फिर कहा है कि अन्ना हजारे से उसके संबंध पुराने हैं और उनके काम से संघ प्रेरित होकर ग्राम विकास का काम करता रहा है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रय होसबोले ने गोरखपुर में आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी शुरू होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लोकनायक जय प्रकाश नारायण से लेकर स्वामी रामदेव और अन्ना हजारे तक इसका लंबा इतिहास है। हर आंदोलन में संघ भागीदार रहा है। यह सब संघ ने किसी श्रेय के लिए नहीं, अपने स्वप्न को पूरा करने के लिए किया है.

अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक शुरू होने के बाद शुक्रवार को आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्रातेय होसबले ने पत्रकारों से कहा कि अन्ना से संघ के संबंध पुराने हैं। उनके ग्राम्य विकास के काम से प्रेरणा लेकर संघ काम कर रहा है। भ्रष्टाचार का दायरा व्यापक है। इसमें सामान्य भ्रष्टाचार के अलावा काले धन की वापसी आदि भी शामिल हैं। सिर्फ लोकपाल/जनलोकपाल विधेयक से यह समस्या हल होने से रही। इसके लिए पूरी व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। लोगों के चरित्र निर्माण और संस्कार पर भी ध्यान देना होगा। संघ इसी काम में लगा है।

श्री होसबले ने कहा कि देश आतंरिक और बाह्य सुरक्षा के गंभीर दौर से गुजर रहा है। पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद इसका सबूत है। चीन की आक्रामकता और हर ओर से भारत को घेरने की साजिश किसी से छिपी नहीं है। बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ भी परोक्ष आक्रमण से कम नहीं है। तीन दिवसीय कार्यकारिणी में इन विषयों पर चर्चा होनी है। साथ ही इस दौरान स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती पर देश और दुनिया में बड़े-बड़े कार्यक्रम करने की योजना पर भी संघ विचार करेगा।

source : http://visfot.com/home/index.php/permalink/5102.html

बिगुल बजा, माइक से हुआ एलान और शुरू हुई बैठक

गोरखपुर : सख्त अनुशासन, स्वच्छ माहौल और तय समय पर शुक्रवार को यहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक शुरू हुई। उद्घाटन सरसंघ चालक डा. मोहन राव मधुकर भागवत और सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने दीप जलाकर किया। बिलंदपुर खत्ता स्थित सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के हॉल में यह बैठक तीन दिनों तक चलेगी।

8.20 पर बजा बिगुल : आठ बजकर 20 मिनट पर आयोजन स्थल पर बिगुल की आवाज गूंजती है। यह इस बात का संकेत था कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल में भाग लेने आए प्रतिनिधि आयोजन स्थल पर पहुंचकर अपना स्थान ग्रहण कर लें। इसी बीच संघ के राजेंद्र सक्सेना मीडिया के लोगों के पास आते हैं। बताते हैं कि आपको 8.27 पर हॉल में पहुंचना है। आप वहां 10 मिनट तक रह सकते हैं।

8.30 पर माइक बोला : हॉल में ठीक साढ़े आठ बजे माइक से मौजूद सभी लोगों को खड़े होने को कहा गया। इस बीच डा. भागवत और श्री जोशी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। बच्चों के सामूहिक मंगलाचरण के बाद सामूहिक रूप से अमृत वचन गायन गया। इसके बाद पदाधिकारी द्वय मुख्य मंच के नीचे लगी सोफे वाली कुर्सियों पर आकर बैठ गए। बगल वाली दो कुर्सियों पर सह सर कार्यवाह सुरेश सोनी और दत्तात्रेय होसवाले की बैठने के साथ ही निर्देश मिलते ही सारे लोग बैठ गए।

पूछताछ के साथ हुई शुरुआत : बैठक की शुरुआत किस क्षेत्र से कौन नहीं आया है, इसके साथ हुई। और मीडिया के लोगों का समय समाप्त हो गया। वे बाहर निकल आए। गौरतलब है कि संघ की इस महत्वपूर्ण बेठक में देश की ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा के साथ कुछ प्रस्तावों पर भी विमर्श होगा और उन्हें पारित किया जाएगा। संघ परिवार साल भर के कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे और अगले साल के कार्यक्रम तय करने के साथ उसके लिए मार्गदर्शन भी देंगे।

आजाद से लेकर कृष्ण तक : हॉल के बाहर ही चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह आदि के चित्र बने थे। भीतर मुख्य मंच खाली रखा गया था। उस पर गोरखपुर को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाली टेरोकोटा की मूर्तियां रखीं थी। बैकग्राउंड में महाभारत के दौरान भगवान कृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया था, उसकी बड़ी सी पेंटिंग बनी थी। संघ के मंच के आजू-बाजू दीवारों पर संघ के महापुरुषों के आदमकद चित्र लगे थे और पूरे हाल में गोरखपुर की महान हस्तियों के चित्र।

छायी थी भीनी-भीनी सुगंध : पूरे हाल से भीनी-भीनी सुगंध आ रही थी। अगल-बगल और पीछे कुर्सियां लगी थीं और बीच में गद्दे बिछे थे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी अपनी जगह पर पहले से बैठे थे। मुख्य मंच के नीचे एक टेबल और सोफे की दो कुर्सियां लगी थीं। बाई ओर भी दो खाली कुर्सियां थीं।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_8354730.html

भागवत का आह्वान, शाखाएं बढ़ाएं

गोरखपुर : आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन शुक्रवार को सरसंघ चालक मोहनराव मधुकरराव भागवत ने संगठन की आधारभूत संरचना की मजबूती की पड़ताल की और संगठन के पदाधिकारियों से शाखाएं बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आह्वान किया। कामकाज की पूछताछ से शुरू हुई बैठक दिन चढ़ते ही गंभीर होती गई, जब उन्होंने शाखाओं के विस्तार और सफलता-विफलता का सूत्र तलाशना शुरू किया। शाम की बैठक में संघ प्रमुख ने मौजूद पदाधिकारियों से पिछली बैठक में दिए गए कार्यक्रमों की प्रगति रिपोर्ट भी ली।

पहले दिन की बैठक तीन सत्रों में विभाजित थी। साढ़े आठ बजे से शुरू बैठक के दो सत्र दोपहर 12 बजे तक संपन्न हो गए। बैठक की कमान पूरी तरह संघ प्रमुख के हाथों थी। पहले सत्र में उन्होंने 39 प्रांतों से आए संघ व सहयोगी संगठनों का वृत्त (हाजिरी) लिया। प्रांत कार्यवाह से उन्होंने एक-एक कर जाना कि उनके यहां से कितने लोगों को आना था, कितने आए, जो नहीं आ पाए, उसके क्या कारण रहे?

सूत्रों के अनुसार दूसरा सत्र संघ की कोर टीम के नाम रहा। संघ प्रमुख ने इस सत्र में कोर टीम के सदस्यों से उनके इलाके में शाखाओं की स्थिति की जानकारी ली। सभी के सामने एक ही सवाल था, आपके क्षेत्र में शाखाओं की स्थिति क्या है? जिन लोगों ने बताया कि उनके क्षेत्र में शाखाओं की संख्या बढ़ी है, उनसे यह भी पूछा गया कि इसके लिए क्या प्रयास किए गए। जहां शाखाओं की संख्या घटी है, वहां के पदाधिकारियों से कहा गया कि वह इसे बढ़ाने का हरसंभव प्रयास करें। शाखाओं की संख्या बढ़े और अधिक से अधिक लोग इसमें आएं, इस बाबत पदाधिकारियों से सुझाव भी मांगे गए। इसके अलावा बतौर सामाजिक व सांस्कृतिक संगठन के रूप में स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे कामों की प्रगति जानने के साथ उनकी समीक्षा भी हुई। दोनों सत्रों के बाद तीन घंटे भोजन और आराम के लिए थे।

शाम की बैठक एक सत्र की थी। इसमें संघ के सभी 36 सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों से पिछली बैठक में दिए गए कार्यक्रमों की प्रगति की जानकारी ली गई। रोज की तरह शुक्रवार को भी शाम 5 से 6 के बीच आयोजन स्थल सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल-सूरजकुंड की बगल में स्थित पार्क में संघ परिवार के दिग्गजों की शाखा लगी।

source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_8354763.html




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित