रविवार, 6 फ़रवरी 2011

देश चिंताजनक दौर में : भागवत

स्वयंसेवक समाज में श्रेष्ठ उदाहरण बनें,
संघ को आतंक से अपने ही लोग जोड़ रहे हैं,
समाज संघमय हो तो हर समस्या का समाधान
अजमेर ‘देश चिंताजनक दौर से गुजर रहा है, जिनके हाथों में देश की बागडोर है वे राजनीति कर रहे हैं। अपने ही लोग संघ को आतंकी संगठन ठहरा रहे हैं। इतनी हिमाकत पड़ोसी पाकिस्तान भी नहीं कर सका। पहली बार उसे मौका मिल गया कि वह भारत को आतंकी कह सके। ऐसे हालातों में संघ के स्वयंसेवकों को समाज के समक्ष श्रेष्ठता का उदाहरण बनना होगा। वे जैसा समाज चाहते हैं वैसा अपने आचरण में उतारें, समाज में वैसा ही वातावरण भी बनाएं’।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने यह सीख अपने पांच दिवसीय अजमेर प्रवास के अंतिम दिन शनिवार को आजाद पार्क में स्वयंसेवकों और उनके परिवार जनों को संबोधित करते हुए दी। संघ प्रमुख ने देश में हो रही व्यापक आतंकी गतिविधियों, नक्सलवादी घटनाओं, भ्रष्टाचार गरीबी, बेरोजगारी जैसे विषयों पर खुलकर बात रखी और इनके समाधान के रास्ते भी सुझाए। उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि इन समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर प्रयास हो नहीं रहे। देश के ही लोग उस संघ पर आतंकी संगठन होने का आरोप लगा रहे हैं जिसके देशभर में विभिन्न क्षेत्रों में सवा लाख से भी ज्यादा सेवा प्रकल्प चल रहे हैं। संघ को आतंकी घटनाओं में लिप्त बताने के बयानों से पहली बार पाकिस्तान को भी यह मौका मिल गया कि वह भारत को आतंकी कह सके।

कश्मीर में जिन लोगों को वार्ता के लिए भेजा जाता है वे ही ऐसे बयान देते हैं कि कश्मीर की आजादी पर भी विचार किया जाना चाहिए। संघ पर लगे आरोपों पर समूचा समाज संघ को देख रहा है। भागवत ने कहा कि वे यह मानते हैं कि सत्ता में रहना है तो राजनीति तो करनी ही पड़ेगी, लेकिन राजनीति में इतनी गिरावट चिंताजनक है। संघ प्रमुख ने कहा कि समस्याओं का रोना रोने से हल नहीं होगा।
हमें समाधान पर मंथन करना होगा। पूरा समाज संघमय हो जाए तो एक माह में देश से तमाम समस्याओं का समाधान हो जाएगा। संघ का जो ध्येय है उस पर संघ के स्वयंसेवक चलें, अपने परिवार को उसी के अनुरूप ढालें और ऐसा वातावरण बनाएं ताकि समाज उसका अनुसरण करे। यदि देशवासी तय कर लें कि अविधिक लेन-देन नहीं करेंगे तो भ्रष्टाचार स्वत:ही समाप्त हो जाएगा। देशवासी तय कर लें कि उनका हर कदम देशहित में ही उठेगा तो सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
source:

राष्ट्रहित के लिए त्यागें स्वहित

अजमेर. देश की समस्याओं के समाधान के लिए जरूरी है कि संघ के संस्कारों को जीवन में भी अपनाया जाए।समाज जब संघमय होगा तो सारी समस्याओं का समाधान स्वत ही हो जाएगा। यह बात संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आजाद पार्क में शनिवार को सार्वजनिक संबोधन में कही।उन्होंने कहा कि संघमय यानी ऐसी सोच जो राष्ट्र के उत्थान के लिए हो। यही संघ का ध्येय है। राष्ट्र के लिए सब कुछ समर्पित करने वाले नायक तैयार करने वाला संगठन। राष्ट्रहित के लिए स्वाहित त्यागने वाला संगठन। संघ जो सीख देता है, स्वयंसेवक वैसा आचरण करें, उसे स्वयं और परिवार पर लागू करें ताकि समाज अनुसरण करे। सभी ऐसे होंगे तो वातावरण अपने आप ठीक हो जाएगा।

निरंतर कार्य जरूरी

संघ प्रमुख ने कहा कि संघ का गठन भारत का गौरवशाली अतीत फिर लाने और हिंदू समाज के एकत्रीकरण के लिए हुआ है। हिंदुस्तान में लोग समाज के लिए एक दिशा में कैसे सोचें, इसीलिए संघ किसी भी खतरे की चिंता किए बिना निरंतर कार्य करने में जुटा है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि अभी तो हाल ये है कि अलग-अलग विचारधाराओं के लोग एक ही दिशा में मुंह करके तभी चलते हैं जब कांधे पर काठी (अर्थी) हो।

गणवेश में नजर आए भाजपा नेता

संघ प्रमुख के सार्वजनिक संबोधन में भाजपा के नेता गणवेश में नजर आए। कार्यक्रम में भाजपा के शहर अध्यक्ष रासासिंह रावत, विधायक वासुदेव देवनानी, ओंकारसिंह लखावत, उप महापौर अजीत सिंह, पूर्व विधायक नवलराय बच्चानी, पूर्व महापौर धर्मेंद्र गहलोत सहित अन्य भाजपा नेता गणवेश मेें आए। संबोधन में विधायक अनिता भदेल सहित कई भाजपा पार्षद भी मौजूद थे।

स्वयंसेवकों ने किया योगाभ्यास

कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वयंसेवकों ने बीस मिनट तक शारीरिक व्यायाम और योगाभ्यास भी किया।

सेविका समिति ने भी संभाली व्यवस्था

कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेविका समिति की पदाधिकारी भी मौजूद थीं। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर व्यवस्था को संभाला। राष्ट्रीय सेविका समिति महिलाओं को संघ से जोडऩे का काम करती है। इसकी शाखाएं शहर में कई स्थानों पर लगती है।

एक पेड़ के नीचे खरगोश सो रहा था। पेड़ से सूखा पत्ता नीचे गिरा। हल्की सी आहट होने पर खरगोश डर कर भागा और झाड़ी के पीछे छिप गया। उसने गर्दन निकाली तो देखा तो पत्ता दिखाई दिया। उसे अपने पर रोना आया। वह भगवान को उलाहना देने लगा कि मुझे इतना छोटा शरीर क्यों दिया कि पत्ते से भी डर लगता है। इस बात को भगवान सुन रहे थे। वे हंसकर बोले तथास्तु। खरगोश का शरीर हाथी जैसा हो गया। वह तालाब की ओर बढ़ा तो वहां से मेंढक भागने लगे। खरगोश के परिचय के बाद वे रुक गए। मेंढकों ने कहा कि हम तो नहीं डर रहे, लेकिन तुम सावधान रहो। पानी में मगरमच्छ है जो हाथी को भी पछाड़ देता है। खरगोश डर कर फिर रोने लगा-हे भगवान मेरा शरीर ऐसा क्यों नहीं बनाया जिससे मैं मगरमच्छ जैसी खाल को भी काट सकूं। भगवान ने फिर तथास्तु कह दिया। खरगोश की खाल मजबूत हो गई, जबड़े मजबूत हो गए लेकिन तभी शेर की दहाड़ सुनाई दी तो वह फिर भाग खड़ा हुआ। फिर रोया-भगवान शेर जैसे दांत और नाखून क्यों नहीं दिए। भगवान ने तथास्तु कह दिया। जंगल में सभी जानवर उसे देख कर भागे। उसे भी कहा तुम भी भागो। भैंसों का झुंड दौड़ा चला आ रहा है, सबको कुचलते हुए आगे बढ़ रहे हैं। खरगोश भाग खड़ा हुआ और रोने लगा। भगवान ने कहा तुम्हारी समस्या शरीर नहीं है। दिल है, तुम्हारे मन में डर है। तुम पहले ही बता देते तो मैं तुम्हारे शरीर में निडर दिल डाल देता।

(संघ प्रमुख भागवत ने यह कहानी शनिवार को आजाद पार्क में सार्वजनिक संबोधन में स्वयंसेवकों और उनके परिवारजनों को सुनाई। उन्होंने देशवासियों की मनोदशा पर बोलते हुए कहा कि वे आतंकी घटनाओं, अलगाववाद, भ्रष्टाचार, जातिवाद, क्षेत्रवाद, सांप्रदायिकता, नक्सलवाद जैसे मुद्दों की चिंता तो करते हैं, लेकिन उपाय करने की बात पर हतोत्साहित हो जाते हैं। भागवत ने समस्याओं के समाधान के लिए सीख दी कि समाज को संघमय होना पड़ेगा।)

शाखाओं के विस्तार पर जोर

शहर में अपने प्रवास के पांचवे दिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संघ शाखाओं के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने शनिवार को संघ के जिला प्रचारकों को निर्देश दिए कि शाखाओं में स्वयंसेवकों की संख्या भी बढ़ाई जाए, जिससे संघ कार्य का विस्तार हो।

भगवानगंज स्थित अविनाश माहेश्वरी स्कूल में संघ प्रमुख ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में शाखाओं का विस्तार करना जरूरी है। उन्होंने शाखाओं में तरुण स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया। भागवत ने बैठक में मौजूद चित्तौड़, जयपुर व जोधपुर प्रांत के जिला स्तर के प्रचारकों से उनके क्षेत्र में लगने वाली शाखाओं की जानकारी ली। उन्होंने शाखाओं से सभी वर्ग और समाज को भी जोडऩे का आह्वान किया। करीब तीन घंटे चली बैठक में संघ से जुड़े अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई। बैठक समाप्ति के बाद पदाधिकारी अजमेर से रवाना हो गए।

पांच दिन तक चला मंथन

संघ प्रमुख ने पांच दिन तक संघ पदाधिकारियों, पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं व प्रबुद्ध नागरिकों की बैठक में जनजागरण अभियान की रणनीति पर भी जोर दिया। उन्होंने अभियान को सफल बनाने व संघ की गतिविधियों को आमजन तक पहुंचाने के भी प्रबुद्ध नागरिकों को दिशा निर्देश दिए। अभियान में राम मंदिर निर्माण, कश्मीर में धारा 370 व संतों पर हो रहे अत्याचारों जैसे मुद्दों की हकीकत लोगों को बताई जाएगी।

राष्ट्र को संघमय बनाना है
अजमेर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रत्येक स्वयं सेवक को नियमित और तत्पर होकर स्वयं के साथ राष्ट्र को संघमय बनाने के लिए काम करना होगा। देश के मौजूदा हालात में परिवर्तन करना है तो समस्त हिन्दू समाज को संगठित होकर संघमय बनना होगा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहनराव भागवत ने शनिवार शाम आजाद पार्क में आयोजित स्वयंसेवक और उनके परिवारजन की सभा को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।

अपने पांच दिवसीय अजमेर प्रवास के अंतिम दिन आयोजित सभा में भागवत ने कहा कि विश्व की मौजूदा परिस्थितियों में सम्पूर्ण विश्व भारत की ओर आशा भरी नजर से देख रहा है और भारत की जनता संघ से अपेक्षा कर रही है। हिन्दू समाज संगठित और जागृत हो गया तो कोई समस्या हमारे सामने खड़ी नहीं हो सकती है। आजादी के 63 वर्ष से ज्यादा पूरे होने के बाद भी देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं है। एक ओर पाकिस्तान है दूसरी ओर चीन है। बांग्लादेश दोस्त होने की बात करता है लेकिन दोस्त जैसा व्यवहार नहीं करता। दक्षिण में श्रीलंका के जरिए पाकिस्तान और चीन भारत में आतंकवाद और घुसपैठ बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

भागवत ने कांग्रेस और केन्द्र सरकार का नाम लिए बगैर देश में व्याप्त अशांति के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि देश में व्याप्त बेरोजगारी और गरीबी के कारण देश में अशांति बढ़ रही है। कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ाने वाले संगठनों से सरकार बात करती है, सरकार कश्मीर के चार लाख कश्मीर पंडितों और सिख समाज से बात नहीं करती। कश्मीर भारत का हिस्सा है ऎसी बात करने वाले मुसलमानों से बात नहीं करती।

भागवत ने कहा कि देश के कर्णधार मर्यादा से बाहर जाकर देश को नुकसान पहुंचाने की राजनीति कर रहे हैं। भारत के बहुसंख्यक हिन्दू समाज पर आतंकवाद का आरोप लगा रहे हैं। इतनी हिम्मत को पाकिस्तान ने भी नहीं की थी, लेकिन वोट के स्वार्थी नेताओं ने पाकिस्तान को बहुसंख्यक हिन्दू समाज पर आरोप लगाने का मौका दे दिया।

आरोपों पर पलटवार
उन्होंने कहा कि संघ के लाखों स्वयं सेवक और प्रचारक समाज सेवा, राष्ट्र चिंतन के लिए कार्य करते हैं। संघ पर बगैर सबूत के आतंकवाद का आरोप लगाकर दुष्प्रचार किया जा रहा है। संघ के खिलाफ प्रचार से कोई असर नहीं पड़ा है, पूरा समाज संघ को जानता है और देख रहा है।

भ्रष्टाचार पर वार
उन्होंने कहा कि मनुष्य के आचरण और मन से भ्रष्टाचार समाप्त करना होगा तब ही देश में भ्रष्टाचार समाप्त होगा। इस अवसर पर उन्होंने स्वयं सेवकों को राष्ट्रहित में काम करने, स्वदेशी और समरसता पूर्ण समाज की स्थापना करने और भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने का संकल्प भी दिलाया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित