शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

विकी खुलासा: जल्‍द ही टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा पाकिस्‍तान!

नई दिल्‍ली. अमेरिकी सेना ने वर्ष 2008 में ही आशंका जता दी थी कि पाकिस्‍तान में आतंकवाद इस कदर हावी हो रहा है कि कुछ वर्षों में इसके टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे। विकीलीक्‍स की ओर से किए गए ताजा खुलासे में अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि पश्चिमी पाकिस्‍तान में हालात बेहद खराब हो रहे हैं और इसे संभालना यहां के हुक्‍मरानों के मुश्किल हो जाएगा।

अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान के पश्चिमोत्‍तर कबायली इलाकों में मौजूद अमेरिका की अगुवाई वाली नाटो सेना ने इस आशंका को लेकर चिंता जताई थी और इसके बारे में गोपनीय संदेश अमेरिकी प्रशासन को भेजा था। इनकी आशंका थी कि पाक के कबायली इलाके में अस्थिरता का माहौल पैदा हो गया है और पाकिस्‍तानी हुक्‍मरान का पख्‍तून इलाके से नियंत्रण खत्‍म हो सकता है।

नाटो ने पाकिस्‍तान के पश्चिमी हिस्‍से में बसे इलाकों में मौजूद अशांत माहौल की वजहें भी गिनाई थी। पहला कारण यह कि पंजाबी मूल के लोगों का पाकिस्‍तान की सत्‍ता में वर्चस्‍व रहा है और इन्‍होंने पश्चिमी इलाकों की हमेशा अनदेखी की है। इन इलाकों में पख्‍तून कबायली लोगों की घनी आबादी है। ये यहां के मूल निवासी हैं और इनका अफगानिस्‍तान में काफी वर्चस्‍व रहा है। ऐसे में परंपरागत पख्‍तून कबायली संगठन बिखर जाएंगे। इन इलाकों में निरक्षरता, बेरोजगारी और हिंसा की राह में चल पड़े युवकों की समस्‍याओं से निपटने के लिए पाकिस्‍तानी हुक्‍मरानों के पास कोई स्‍पष्‍ट नीति नहीं है।

नाटो अधिकारियों की नजर में इन सारी परिस्थितियों से इन इलाकों में आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों को अपनी पैठ मजबूत करने में मदद मिलती है। दक्षिण एशिया मामलों के अमेरिकी नेशनल इंटेलीजेंस ऑफिसर पीटर लेवॉय ने यह अनुमान वाशिंगटन भेजा था। उन्‍होंने कहा था कि कबायली इलाकों में अस्थिरता की एक अन्‍य वजह इन क्षेत्रों में अल कायदा और तालिबान की मौजूदगी भी है। उन्‍होनें यहां तक कह दिया था कि पाकिस्‍तान की स्थिति ऐसी हो गई है कि वह ना तो इन आतंकवादियों को खुलेआम समर्थन दे सकता है और ना ही इसमें आतंकियों के ठिकाने नेस्‍तनाबूद करने की ताकत है।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित