गोरखपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि जब देश का सामान्य व्यक्ति अनुशासित और चरित्रवान होगा तभी देश का कल्याण होगा। भारत की समस्या इस्लामिक आतंकवाद नहीं बल्कि कमजोर हिंदू संगठन हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारतीय संस्कृति और भारत को परम वैभव पर पहुंचाने को सक्रिय रहा है और आगे भी रहेगा।
भागवत रविवार को महाराणा प्रताप इण्टर कालेज के प्रांगण में एकत्रित स्वयंसेवकों के बीच विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हिन्दू समाज को संगठित करने के लिए हुई है। उस दिशा में आज भी कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय है अर्थात राष्ट्र के हैं राष्ट्र के लिए हैं। स्वयं की प्रामाणिकता के बल पर ही संपूर्ण समाज को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बनाना हमारा कार्य है। चरित्र अनुशासन एवं राष्ट्र भक्ति संघ की विशेषता है। समस्याएं देश में बहुत हैं उससे भागने की नहीं उनके खिलाफ डट कर खड़ा होने की आवश्यकता है।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत की समस्या इस्लामिक आतंकवाद , देश के गद्दार और धर्मांतरण करने वाली ईसाई मिशनरियां नहीं बल्कि हिंदू समाज का कमजोर संगठन है। उन्होंने कहा कि जो इस्लाम ७० वर्षों में पूरी दुनिया में अपना झंडा बुलंद कर लिया, पांच सौ वर्ष तक शासन करने के बाद भी हम ८५ प्रतिशत बहुसंख्यक हिन्दू अपनी पहचान नहीं बना पाए। ईसाई मिशनरियों ने अमेरिका, फ्रांस, आस्ट्रेलिया जैसे विकसित क्षेत्र में अपना धर्म राज्य स्थापित कर लिया है लेकिन भारत में वह भी पराजित हुई हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि आज हम असहाय असमर्थ बने हुए हैं। दुनिया में किसी की औकात नहीं है कि हिन्दू समाज को समाप्त कर दे। हमें अपनी कमियां से जूझते हुए उसे ठीक करना होगा। एक संगठित और सशक्त समाज ही देश की समस्याओं का स्थाई समाधान है। उन्होंने कहा कि गांव -गांव तक आरएसएस की शाखाएं जब संगठित हिन्दू समाज को लेकर खड़ी हो जाएंगी तब भारत माता के परम वैभव का सपना पूरा हो जाएगा।
source : http://www.amarujala.com/city/Gorakhpur/Gorakhpur-8099-67.html
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