मंगलवार, 18 मई 2010

'पाक प्रशासित कश्मीर में बढ़ रही हैं जेहादी गतिविधियाँ'

नीलम घाटी में लोगों ने जिहादियों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन भी किया है
पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में स्वतंत्र कश्मीर के समर्थक संगठनों का कहना है कि नियंत्रण रेखा के पास जेहादी गुटों की गतिविधियाँ बढ़ गई हैं.
ऑल पार्टीज़ नेशनल अलायंस यानी एपीएनए के महासचिव आरिफ़ शाहिद ने बीबीसी से बात करते हुए इस पर चिंता व्यक्त की.
उन्होंने कहा, “नियंत्रण रेखा के पास नीलम घाटी में हाल के हफ़्तों में जेहादी गुटों की गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है.”
आरिफ़ शाहिद उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने पिछलों दिनों कश्मीर की आज़ादी के समर्थक कुछ नेताओं के साथ नीलम घाटी का दौरा किया था.
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में जेहादी गुट नीलम घाटी में मौजूद हैं और वह भारत प्रशासित कश्मीर में प्रवेश कर रहे हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि यहां युद्ध की तैयारी हो रही है जो इस बात की ओर इशारा करती है कि भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वास की बहाली के जो दरवाज़े खुल रहे हैं यह उसे बंद करने की कोशिश हैं.
हुलिया
वो लोग देखने में कश्मीरियों से अलग हैं और इससे ज़ाहिर होता है कि वो कश्मीरी नहीं बल्कि बाहर से आए हैं. उनके बाल और दाढ़ियाँ लंबी हैं
आरिफ़ शाहिद, एपीएनए के महासचिव
आरिफ़ ने नीलम घाटी में आने वाले लोगों के बारे में बताया, “अंधेरे में लोग आते हैं और लंबी क़तार में नियंत्रण रेखा की ओर जाते हैं.”
उन्होंने उनका हुलिया देते हुए कहा, “वो लोग देखने में कश्मीरियों से अलग हैं और इससे ज़ाहिर होता है कि वो कश्मीरी नहीं बल्कि बाहर से आए हैं. उनके बाल और दाढ़ियाँ लंबी हैं.”
उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे तत्व हैं जो भारत और पाकिस्तान के बीच शांति नहीं देखना चाहते.
आरिफ़ ने जेहादी गतिविधियों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा, “दोनों देशों के बीच समस्या जेहाद या युद्ध से नहीं बल्कि बात-चीत से ही हल होगी और इसके लिए ज़रूरी है कि बातचीत की प्रक्रिया में कश्मीरियों को भी शामिल किया जाए.”
जम्मू कश्मीर नेशनल लिब्रेशन फ्रंट के प्रमुख शौकत मक़बूल ने भी कहा कि लोगों को नीलम घाटी के रास्ते नियंत्रण रेखा के पार भेजा जा रहा है.
शौक़त मक़बूल बट कश्मीरी नेता मोहम्मद मक़बूल बट के बेटे हैं और उनके पिता को फ़रवरी 1984 में दिल्ली की एक जेल में फांसी दी गई थी.
वे हाल के दिनों में नीलम घाटी का दौरा कर वापस भारत प्रशासित कश्मीर लौट गए हैं.
चिंता
शौक़त मक़बूल बट ने कहा है कि नीलम घाटी के लोगों को चिंता है कि जेहादी गुटों की गतिविधियों से नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी शुरु हो सकती है.
उनका कहना है, “वे कोशिश कर रहे हैं कि पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में जेहादी गुटों की गतिविधियों के ख़िलाफ़ राजनीतिक स्तर पर आवाज़ उठे और इसके ज़रिए इस प्रक्रिया को रोका जा सके.”
नीलम घाटी में स्थानीय लोगों ने बताया कि इस इलाक़े में जेहादी गुटों की गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है.
एक स्थानीय व्यक्ति ने इस की पुष्टि करते हुए कहा, “पिछले कुछ हफ़्तों से सशस्त्र लोग दोबारा नीलम घाटी में नज़र आ रहे हैं और उनकी मौजूदगी ने हमें परेशान कर दिया है.”
मांग
यह लोग हमारे इलाक़े का अमन ख़राब करना चाहते हैं और हमारी मांग है कि उनकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाए और इलाक़े को उनसे ख़ाली करवाया जाए
एक व्यक्ति का कहना था, “यह लोग हमारे इलाक़े का अमन ख़राब करना चाहते हैं और हमारी मांग है कि उनकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाए और इलाक़े को उनसे ख़ाली करवाया जाए.”
ध्यान रहे कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने 2002 में जेहादी गुटों पर प्रतिबंध लगा दिया था जिससे उनकी गतिविधियाँ ख़त्म हो गई थीं लेकिन पिछले दो वर्षों से जेहादी गुटों की गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है.
नीलम घाटी के उपायुक्त शाहिद अयूब ने कहा कि उनके पास नीलम घाटी में जेहादी गुटों की गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के अधिकारी हमेशा जेहादी गुटों की मौजूदी का खंडन करते रहे हैं।



पिछले दिनों नीलम घाटी के लोगों ने जेहादियों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन भी किए थे।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित