जोधपुर. पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हवाई सुरक्षा तंत्र की मजबूती के लिए बनेफलौदी एयरफील्ड का उद्घाटन मंगलवार को भारतीय वायुसेना के मुखिया चीफ मार्शल पीवी नाइक करेंगे। ऑपरेशनल गतिविधियों के लिए तैयार सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह एयरफील्ड लड़ाकू विमान जगुआर उतरने के साथ ही विधिवत रूप से शुरू हो जाएगा।
समारोह में लड़ाकू विमान फ्लाई पास्ट करेंगे। जैसलमेर व बीकानेर सीमा की संक्रियात्मक गतिविधियों को मजबूती देने के लिए सरकार ने अप्रैल 2000 में फलौदी मंे एयरबेस की स्वीकृति दी थी। यहां 31 जुलाई 2001 को एक केयर एंड मेंटेनेन्स यूनिट स्थापित की गई। 2 मार्च, 2005 को एयरबेस की नींव रखी गई।
वहीं जुलाई 2006 में फलौदी में एयरफोर्स स्टेशन की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई । तब से फलौदी स्टेशन स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है, लेकिन एयरबेस की मंगलवार शाम पांच बजे विशेष समारोह में वायुसेनाध्यक्ष नाइक की मौजूदगी में लड़ाकू विमान जगुआर लैण्ड करने के साथ ही विधिवत शुरुआत हो जाएगी। इस अवसर पर तीन लड़ाकू विमान मिग- 21 फ्लाई पास्ट करेंगे। समारोह में दक्षिण पश्चिम वायु कमान के वायु अफसर कमांडिंग इन चीफ सहित वायुसेना के आला अधिकारी मौजूद रहेंगे।
दूरी होगी कम
राजस्थान से सटी सीमा की हवाई सुरक्षा का जिम्मा अभी वायुसेना के जोधपुर, उतरलाई व बीकानेर एयरबेस पर है। जैसलमेर एयरबेस पर लड़ाकू विमानों की स्क्वाड्रन तैनात नहीं है। फलौदी एयरबेस जैसलमेर सीमा की हवाई सुरक्षा को मजबूती देगा। जैसलमेर व जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन के अलावा बीकानेर एयरबेस के बीच की दूरी कम करेगा।
पश्चिमी सीमा पर जंग छिड़ने की स्थिति में फलौदी सामरिक दृष्टि से काफी मददगार साबित होगा। वहां फिलहाल जोधपुर स्थित डेजर्ट हॉक की तीन लड़ाकू हेलीकॉप्टर की विंग हर वक्त मौजूद रहेगी। बाद में जोधपुर एयरबेस से मिग विमानों का स्क्वाड्रन भी तैनात कर दिया जाएगा।
दो एयरबेस
वायुसेना की दक्षिण पश्चिम वायु कमान ने राजस्थान व गुजरात सीमा पर हवाई प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करने के लिए पांच साल पूर्व फलौदी व डीसा में एयरबेस बनाना शुरू किया था। फलौदी में काम पूरा हो गया। डीसा एयरबेस का काम चल रहा है
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