बुधवार, 21 अप्रैल 2010

भारत में रहने वाला हर कोई भारतीय - मान. मोहन भागवत


रांची : संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज मोरहाबादी मैदान में संघ समागम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में रहने वाला हर कोई भारतीय है चाहे वह हिन्दू हेा मुस्लमाल हो या ईसाई सभी के पूर्वज भारतीय है। इसलिए सब का डीएनए एक है। इस स्थिति में यहां रहने वाले सभी की सभ्यता और संसकृति एक होनी चाहिए। विविधता में एकता होना चाहिए क्योंकि सभी के पूर्वज भारतीय हैं। उन्होनें कहा कि यहां पर रहने वाले मुस्लिम या ईसाई कोई भी अरब और यूरोप से नहीं आया है। इसलिए जब पूर्वज यहां के हैं तो यहां की सभ्यता संस्कृति अपनाना सभी का दायित्व बनता है। भले हीं पूजा की पद्धति अलग क्यों न हो। हिन्दूत्व यही सिखलाता है। श्री भागवत आज संघ समागम को संबोधित कर रहे थे।
श्री भागवत ने कहा कि देश का सर्वोच्च न्यायलय भी यह कहता है कि हिन्दूत्व चलती जीवन का मार्गदर्शक है। इसको अपनाकर हीं हम अपनी संस्कृति को बचाये रख सकते हैं। उन्होनें कहा कि देश के अंदर जब जब एकात्मकता अलग हुआ है तब तब देश खंडित हुआ है। पाकिस्तान इसका उदाहरण है। अगर हमारा विचार और संस्कृति एक होता तो पाकिस्तान भारत का अंग हेाता। उन्होनें कहा कि पाकिस्तान को भारत के साथ बनाये रखने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कोरा चेक लेकर घुमते रहे लेकिन पाकिस्तान अलग हो गया। उन्होनें कहा कि यह हिन्दू का उदारता हीं था कि आज पाकिस्तान हिन्दुस्तान से अलग हेा गया। अगर हिन्दू नहीं चाहते तो पाकिस्तान नहीं बनता। श्री भागवत ने कहा कि संघ को समझने के लिए संघ के अंदर आना होगा। संघ के दरवाजे सब के लिए खुले हैं। आने जाने पर प्रतिबंध नहीं है। वे संघ में आयें और संघ को समझे। किसी के कहने सुनने पर संघ को गलत समझने का काम नहीं करें। उन्होनें कहा कि संघ का केाई पोलिटिकल एजेंडा नहीं है। और न हीं किसी पोलिटिकल पार्टी का समर्थक है। राष्ट्र हित में जो भी पोलिटिकल पार्टी काम करती है संघ का सहयोग उसे मिलता है।
श्री भागवत ने कहा कि देश और दुनियां के अंदर बहुत सारी समस्याएं है भारत के पास सीमा की सुरक्षा की समस्या है। क्यांेकि पश्चिम में पाकिस्तान है उतर पूर्व मंे चीन है तो पूर्व में बांगलादेश है। जिसकी स्वतंत्रता भारत ने हीं दिलायी है। बावजूद वह भारत पर आंखे तरेर रहा है। और 300 गांवों को बंगालादेश का अंग बता रहा है। उन्होनें कहा कि इतना हीं नहीं बंगालादेशी घुसपैठिये लाखों की संख्या में भारत में घुस आयें हैं। और भारत की सरकार उनकी जनगणना करा रही है। उन्होनें कहा कि जनगणना कराने से घुसपैठ की समस्या का हल नहीं हेा पायेगा। इसके लिए पहचानना होगा कि कौन घुसपैठिये हैं और कौन भारतीय हैं। क्यांेकि भारत की नागरिकता देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूती प्रदान करता है। अगर घुसपैठिये को भारत की नागरिकता मिल जाती है तो देश की सुरक्षा कभी भी खतरे में पड़ सकती है। उन्होनें कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत की सरकारें बार बार शांति वार्ता करती है बावजूद नतीजा कुछ नहीं निकलता है और देश केा खामियाजा भुगतना पड़ता है। चीन के संबंध में उन्होनें कहा कि उसपर विश्वास करना हीं भारत की भयंकर भूल होगी। क्योंकि एक बार भारत ने चीन पर विश्वास किया था और चीन ने नारा दिया था हिन्दी चीनी भाई भाई। बावजूद उसने धोखा दिया और हमपर हमला किया इस सब के बावजूद भी हम उसपर विश्वास करते हैं तो देश की अंतराष्ट्रीय सीमा कभी भी खंडित हो सकती है।
देश में व्याप्त उग्रवाद की चर्चा करते हुए कहा कि यह समस्या देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रही है। उन्होनें कहा कि इस समस्या से निबटने के लिए देश की सरकार को इच्छा शक्ति बनानी होगी। क्योंकि एक तरफ उग्रवादी बंदूक की नाली से सता प्राप्त करना चाहते हैं वहीं भारत की सरकार उनसे वार्ता कर इस समस्या का निदान चाहती है। जो अब संभव नहीं दिखायी देता। उन्होनें कहा कि अब समय आ गया है इस समस्या से निबटने के लिए सरकार को कारगर एवं ठोस नीति बनानी होगी। ढुलमूल नीति से इस समस्या का समाधान नहीं होगा। क्योंकि वे सामने से गोली चला रहे हैं और हम उनसे शांति वार्ता की बात कर रहे हैं।
उन्होनंे व्यांगात्मक लहजे में कहा कि बड़े दुख की बात है कि भारत के प्रधानमंत्री स्पष्ट शब्दों में कहते हैं कि इस देश की संपति पर मुस्लिमों का हक बनता है या भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्षता पर चोट है। उन्होनें कहा कि अगर भारत के प्रधानमंत्री गरीबों के लिए समाजिक आरक्षण की बात करते तो यह बात समझ में आती कि उन्हें भारत के संविधान में वर्नित धर्म निरपेक्षता पर विश्वास है। धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं लागू होना चाहिए। क्योंकि कोई भी संविधान इसकी इजाजत नहंी देता है। उन्होनें कहा कि इस देश की सबसे बड़ी समस्या कटरपंथ है जिसमें अहंकार की बू आती है। जबतक इस देश से कटरपंथ को समाप्त नहंी किया जाता है तबतक इस देश में व्याप्त समस्या से निजात नहंी मिल सकता है। उन्होेनंे कहा कि आज पूरे दुनियां में ग्लोबल वार्मिंग की बात की जा रही है। आखिर यह उत्पन्न कैसे हुआ इसकी समस्या की जड़ में क्या है इसपर विचार करने का पहल कोई भी नहीं कर रहा है। उन्होनें कहा कि शक्ति संपन्न राष्ट्र बनने के लिए प्राकृतिक द्वारा स्टोर की गयी संपदाओं को धडले से उपयोग करना ग्लोबल वार्मिंग का मार्ग प्रस्सत कर रहा है। इस पर रोक लगाना होगा। क्योंकि प्राकृतिक स्टोर जब समाप्त हो जायेगा तो दुनियां का विनाश हो जायेगा। उन्होनें कहा कि छोटी मोटी उर्जा शक्तियों को प्रयोग करके पूर्व में हम स्वेच्छा से जीते थे आज भी इसी तरह की उर्जा शक्तियों का उपयोग करें। तो ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव अपने आप समाप्त हो जायेगा।
झारख्ंाड की चर्चा करते हुए संघ प्रमुख श्री भागवत ने कहा कि झारखंड की बागडोर उचित हाथों में है या नहंी इस संबंध मंे मैं कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि अगर मैं कहूंगा तो समाचार की सुर्खियां बन जायेगी। उन्होनंे कहा कि बागडोर किसके हाथ में हो इसका उतर जनता हीं दे सकती है। क्योंकि जनता के हाथ में बागडोर देने की असीम शक्ति है। इसके पूर्व संघ प्रमुख ने संघ के झंडे की सलामी दी। संघ का गीत गायन हुआ संघ समागम में हजारों की संख्या में संघ के गणशक्ति उपस्थित थे वहीं श्री भागवत के भाषण को सुनने के लिए हजारों की संख्या में बुद्धिजीवी एंव संघ के विचारधारा के लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर संघ समागम में गण वस्त्र धारी के रूप में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अर्जुन मुंडा विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह सहित भाजपा के सांसद विधायक एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
साभार-उदितवाणी

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित