सोमवार, 28 दिसंबर 2009

मारीशस मैन हिन्दू स्वंयसेवक संघ की वेब साईट का लोकार्पण

Launcing of Website of HSS and Sri Gurudakshina
Celebrated at Triolet, Mehashwarnath Mandir, mouritius
Website was Launched by Swami Poornanand Ji, Organized by HSS Mauritius। The function was presided over by Sri Raghunath Deealji, Sanghchalak Mauritius and the chief speaker was Sri Prabhu Narain Srivastava(Prabhuji), Sah Prant Sangh Chalak, Avadh Prant, U.P., Rtd Chief Engineer and All Inda Organizing Secretary of Mahamana Malaviya Mission, India.

The website was launched in the presence of nearly hundred citizens of Mauritius. On this occasion Prabhuji highlighted the three Global problems .i.e. Global Terrorism, Global Recession and Global Warming. The entire world is engaged in resolving these subtle challenges mankind is ever facing. Hindu Dharam, since time immemorial has advocated life vision which addresses these problems in its entirety. It is because of this that the Hinduism has survived since thousands of centuries. The inclusiveness of Hinduism has the remedy of all these global problems. The mother earth should be milked not bled to satisfy the unending material desires of the mankind, which has resulted into global warming and global recession. The global terrorism is also the outcome of the life vision of exclusivist, who propagates their religion through violence. Shreemad Bhagwad Geeta and other Hindu Scriptures have been awakening the ill effects of Global Terrorism, Recession and Warming since beginning. It is a matter of satisfaction that mankind has at least started to recognize the efficacy of Hindu philosophy to bring about world piece and sustainable eco-friendly development, the testimony to which is the recitation of Vedic Richas in the Parliament of USA. It is a matter of pride that Mauritius has shown the path of cultural expansion for peace and brotherhood by Harmonizing French, English, Hindi, Bhojpuri and Creol languages. Besides this the foundation of Trayodash Maurisheshwar Nath Jyotirling, Gangal Talao( Grand Bassin) Mauritius is a step forward to expand its cultural identity across the world. Prabhuji requested all the Hindu saints of India to give the recognition to this Trayodash Maurisheshwar Nath Jyotirling.

After the speech of Prabhuji Swami Poornanand Blessed the HSS for expanding its work in Mauritius. The sanghchalak of Mauritius Sri Raghunath Deealji elaborated the importance of Gurupooja and Bhagwa Dhwaj. All the swayamsevaks offered their oblations and the program was concluded by prarthana.

By- Pragya Srivastava

थार से फिर पाक के नापाक कारनामे - कब जाँच सुविधाओ में होगा इजाफा

सवा लाख की पाक करेंसी जब्त
जोधपुर. बाड़मेर के रास्ते भारत पाकिस्तान के बीच थार एक्सप्रेस शुरू होने के बाद पहली बार छह यात्रियों से करीब सवा लाख रुपए की पाक करेंसी जब्त की गई है। यह करेंसी उन्हें बाद में लौटा दी जाएगी।
आम तौर पर पाक यात्री वहां की करेंसी इतनी मात्रा में लेकर नहीं आते और न ही यहां से जाने वाले यात्री भारतीय करेंसी ले जाते हैं। दोनों करेंसी मुनाबाव व खोखरापार में बदल ली जाती है। पाकिस्तान से बाहर जाने पर प्रतिबंध के बावजूद मुनाबाव तक पहुंच गए दो पाक यात्रियों के बारे में खुलासा होने पर नोडल एजेंसी जीआरपी ने यात्रियों की गहन जांच की तो भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर छह पाक यात्रियों से पाक मुद्रा जब्त की गई।
एसपी (जीआरपी—उत्तर) एस. परिमला ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर यह आकस्मिक जांच की गई। थार एक्सप्रेस रात 12.40 बजे भगत की कोठी स्टेशन पहुंची। इसके बाद 3 सौ से अधिक यात्रियों की गहन तलाशी ली गई। इनसे विशेष आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई। लेकिन कराची के ईदू खां पुत्र भूरे खां से 12,865, अली हुसैन पुत्र अहमद अंसारी से 8 हजार, हसन पुत्र जीवा, अमरकोट निवासी गंगाराम पुत्र मूलचंद, मीरपुर खास के गोरधनदास पुत्र मदनलाल तथा हैदराबाद सिंध के अब्दुल करीम पुत्र नूर मोहम्मद सहित कुल छह लोगों से 1 लाख 20 हजार की पाक करेंसी जब्त की गई।
उप अधीक्षक सत्यमणि तिवाड़ी ने बताया कि आकस्मिक जांच रविवार सुबह साढ़े छह बजे तक चली। जीआरपी थानाधिकारी अनिल पुरोहित के नेतृत्व में टीम ने महिला व पुरुष यात्रियों की अलग- अलग जांच की। दूसरी टीम में स्निफर डॉग ने यात्रियों का सामान सरसरी तौर पर जांचा। निरीक्षक राजेन्द्र दिवाकर की टीम ने सामान का भार व उसकी बारीकी से जांच की। यात्रियों का सामान रेलवे रिकॉर्ड से करीब एक क्विंटल से अधिक पाया गया। इस संबंध में रेलवे अधिकारियों को सूचित किया जाएगा।
लावारिस बैग ने चौंकाया: थार एक्सप्रेस खाली होने के बाद जीआरपी की टीम ने हर डिब्बे की तलाशी ली। एक कोच में दो बैग मिले। इसकी सूचना अधिकारियों को दी गई। एकबारगी तो पुलिसकर्मी उस बैग को हाथ लगाने से कतराए। बाद में वे उसे अधिकारियों के पास ले गए। डीएसपी व सीआई ने स्वयं उसकी जांच की। बैग में एक दर्जन घड़ियां, मतदाता पहचान पत्र, पाक सरकार की ओर से जारी एक पत्र, विभिन्न दवाइयों सहित अन्य दस्तावेज बरामद हुए। घड़ियां हूबहू एक नामी कंपनी जैसी थी, लेकिन जांच में वे डुप्लीकेट निकली। यह बैग भारतीय नागरिक फिरोजाबाद निवासी अहमद कमाल के थे। पुष्टि होने पर बैग उसे सौंप दिए गए।
सवाल जो जवाब मांगते हैं : पाक सरकार की ओर से प्रतिबंधित दो लोग मुनाबाव तक पहुंचने में कामयाब कैसे हो गए?किसकी मदद से यहां तक पहुंचे ? स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों ने सीआईडी, आईबी, जीआरपी के उच्च अधिकारियों को सूचित करना भी उचित नहीं समझा, क्यों? किन कारणों के चलते उन्हें प्रतिबंधित किया गया था?

शनिवार, 26 दिसंबर 2009

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वेद पढ़ने भारत आए थे ईसामसीह

नई दिल्ली। एक ओर जहां पूरी दुनिया क्रिसमस का जश्न मना रही है वहीं दूसरी ओर ईसामसीह के भारत के साथ संपर्क के नए सूत्र तलाशने की कोशिश चल रही है। कुछ इतिहासकारों का विश्वास है कि ईसा ने अपने जीवन के शुरूआती 17 वर्ष भारत में बिताए थे। उन्होंने 13 से 30 वर्ष की उम्र तक यहां बौद्ध धर्म और वेदों का अध्ययन किया था।ब्रितानी फिल्म निर्माता केंट वाल्विन ने कहा कि ईसा के परिवार (अभिभावक) के नैजैरिथ में रहने के प्रमाण मिलते हैं, लेकिन जब उन्हें दूसरी बार नैजैरिथ में देखा गया, तब यीशु 30 वर्ष के थे। यीशु ने कहा था कि जितने साल वह गायब रहे उतने दिनों में उन्होंने बुद्धि और कद में विकास किया है। कला, संस्कृति एवं शिक्षा के क्षेत्र में दिया जाने वाला साल 2009 का दयावती मोदी पुरस्कार लेने के लिए यहां आए वाल्विन की अगली फिल्म "यंग जीसस: द मिसिंग ईयर्स" होगी। इस फिल्म में यीशु के शुरूआती जीवन को प्रस्तुत किया जाएगा।वाल्विन के मुताबिक उनकी फिल्म एपोस्टोलिक गॉसपेल्स पर आधारित होगी। गॉसपेल्स के मुताबिक यीशु को 13-14 वर्ष की आयु में पश्चिम एशिया में अंतिम बार देखा गया था। फिल्मकार का कहना है कि फिल्म का पहला हिस्सा गोसपेल्स पर आधारित होगा और दूसरा हिस्सा पूरी तरह से अभिलेखीय सामग्री पर आधारित होगा। यीशु के भारत से संपर्क के कई संदर्भ मिलते हैं। एक रूसी चिकित्सक निकोलस नोतोविच ने 1894 में एक किताब "द अननोन लाइफ ऑफ क्राइस्ट" प्रकाशित की थी। यह किताब नोतोविच की अफगानिस्तान, भारत और तिब्बत यात्रा पर आधारित थी। उनकी इस किताब में कई ऎसे संदर्भ मिलते हैं जो बताते हैं कि यीशु भारत आए थे और बौद्ध धर्म और वेदों का अध्ययन किया था। एक अन्य रूसी लेखक निकोलस रोइरिच का कहना है कि यीशु ने भारत के वाराणसी सहित कई प्राचीन शहरों में समय बिताया था। जर्मनी के विद्वान होल्जर क्रिस्टन की किताब "जीसस लीव्ड इन इंडिया" के मुताबिक यीशु ने सिंध में बौद्ध धर्म का अध्ययन किया था।

स्त्रोत : http://www.patrika.com/news.aspx?id=297480

राष्ट्र का प्राण है गाय

सीकर। पौष माह की गोधूली बेला और गो भक्तों का लगता रैला। कहीं कलश यात्रा तो कहीं वाहन रैली। जगह-जगह स्वागत द्वारों और केसरिया ध्वजों के रंग में रंगा शहर का चप्पा-चप्पा। पुष्पों की पंखुडियों से महकती राहें और गो माता की जयकार से गूंजता आसमान। कुछ ऎसे ही नजारे शुक्रवार को दिखाई दिए शेखावाटी अंचल के सीकर, फतेहपुर और रतगनढ़ कस्बे में।अंचलवासियों ने विश्व मंगल गो ग्राम की मुख्य यात्रा के स्वागत में पलक पांवड़े बिछा दिए। लोगों का उत्साह और जोश इस तरह उमड़ा कि सीकर का रामलीला मैदान और फतेहपुर की बुधगिरी मढ़ी का वातावरण गोकुलमय हो गया। गाय की वंदना और अर्चना के लिए अंचलवासी उमड़ पड़े और पुष्प वर्षा कर अपनी भावनाओं का इजहार किया। इसके बाद हर दिल से एक पुकार उठी ... गाय बचेगी तो देश बचेगा। चलें गाय की ओर... चलें गांव की ओर ... चलें प्रकृति की ओर... सरीखे स्लोगन की सार्थकता शुक्रवार को सजीवता से नजर आई।
राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने की मांग
फतेहपुर में बुधगिरी मढ़ी और सीकर शहर में रामलीला मैदान में आयोजित विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के मुख्य समारोहों को संबोधित करते हुए कर्नाटक की गोकर्ण पीठ के जगद्गुरूशंकराचार्य राघवेश्वर भारती ने अंचलवासियों से गो रक्षा के लिए आगे आने, उसका पालन और संरक्षण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमारी तीन माताएं हैं। जन्म देने वाली माता, धरती माता व गो माता। जन्म देने वाली माता हमारा लालन पालन करती है। उसका पालन धरती माता करती है और धरती माता का लालन पालन व उसकी उवर्रक क्षमता गो माता बढ़ाती है। इस त्रिकोण की रक्षा व देश को टूटने से बचाने के लिए गो माता की रक्षा करनी होगी। राघेश्वर भारती ने कहा कि शंकराचार्य पद पर भिक्षु हैं। भिक्षु बनकर आन्दोलन के लिए आपसे आपको मांगने आए हैं। उन्होंने कहा कि जीवन हो गाय के लिए व मृत्यु हो गाय के लिए। यहीं भिक्षा आपसे मांगने आए हैं।यह ऎच्छिक नहीं हमारा कर्तव्य है। अपने माता-पिता व गुरूके प्रति कर्तव्य है उसी तरह गो माता के प्रति हमारा कर्तव्य है। विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के राष्ट्रीय सचिव शंकरलाल ने कहा कि देश को गाय के माध्यम से प्रदूषण व रोग मुक्त तथा स्वावलम्बी बनाना होगा। आज गाय की दुर्दशा के कारण जल, जमीन और जीवन नष्ट हो रहा है। अब लोगों को गाय के गोबर घी, दूध, दही व गोमूत्र की आर्थिक महत्ता समझ में आने लगी है। दूध, घी व दही से रोगों को दूर किया जाने लगा है। देश में बढ़ते अपराध का मुख्य कारण भी गो माता की उपेक्षा है। सन 1947 में देश में करीब 43 करोड़ गोधन था, जो आज महज 10 करोड़ रह गया है। देश में प्रतिदिन करीब एक लाख व एक वर्ष में तीन करोड़ गायों को काटा जा रहा है। इसलिए देश को बचाने के लिए गायों को बचाना होगा। सीकर में समारोह से पहले महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। उसके बाद यात्रा के आगमन पर उसे वाहन रैली के साथ शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए यात्रा को रामलीला मैदान लाया गया। यहां शंकराचार्य ने गो माता की पूजा कर समारोह का शुभारंभ किया। सीकर शहर में आयोजित समारोह के अंत में रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज ने उपस्थित सभी लोगों को गो रक्षा का संकल्प दिलाया। सभी समस्याओं का मूल गो हत्या है और सभी तरह की शुद्धि का मूल गो रक्षा है। गाय एक प्राणी नहीं बल्कि यह राष्ट्र का प्राण है। राष्ट्र प्राण को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करना ही चाहिए। आज देश में गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित नहीं कर हम जीवन की जड़ों को काट रहे हैं। गाय हमारे जीवन में उसी तरह महत्वपूर्ण है जिस तरह इमारत के लिए नींव व पेड़ के लिए जड़। -
शिखर पर पहुंचाएं
सीकर। शंकराचार्य राघवेश्वर भारती ने कहा कि शेखावाटी के बारे में सुना था। आज आंखों से देखने का मौका मिला है। सीकर वाले यात्रा को शिखर तक पहुंचाएं। इतिहास पुरूष पैदा करने वाली शेखावाटी की भूमि को नमन करता हूं। गाय बचाने के इस महासंग्राम में भी शेखावाटी का योगदान आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यात्रा में सीकर का योगदान शिखर जैसा होना चाहिए।
गो पूजा से शुभारम्भ
समारोह का शुभारम्भ कामधेनु ध्वजारोहण से किया गया। इस दौरान शंकराचार्य राघवेश्वर भारती को समिति की महिला प्रभारी कृष्णा शेखावत ने गाय की पूजा करवाई। उन्होंने गाय की पूजा कर महाआरती की। बाद में मंच पर समिति के पदाधिकारियों की ओर से उनका फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया।वैदिक आश्रम में मंत्रणागोकर्ण पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य राघवेश्वर भारती शुक्रवार रात को वैदिक आश्रम पिपराली पहुंचे। वहां पर उन्होंने स्वामी सुमेधानंद सरस्वती के साथ करीब आधा घंटे तक मंत्रणा की। इससे पहले स्वामी सुमेधानंद सरस्वती और आश्रम के कार्यकर्ताओं ने शंकराचार्य का भावभीना स्वागत किया। इस दौरान गाय के विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही वेद, संस्कृत, संस्कृति और राष्ट्रधर्म पर भी बातचीत हुई। इसके बाद शंकराचार्य नीमकाथाना के लिए प्रस्थान कर गए।
नहीं आदेश दिया
उन्होंने कहा कि हम पांच साल के अधिकारी नहीं हैं। हमें वोट नहीं चाहिए। हम कोई उद्योगपति व व्यापारी भी नहीं है। हम गो माता की प्राण रक्षा के लिए आए हैं। शेखावाटी के लोगों को आदेश देते है कि वे माता को कटने नहीं देंगे। गाय हत्या, गो तस्करी नहीं हो इसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे। भगवान शिव की आराधनासमारोह के बाद शंकराचार्य राघवेश्वर भारती ने समुत्कर्ष भवन में संध्या आरती की। करीब एक घंटे के दौरान उन्होंने भगवान शिव की भव्य आरती की। आरती के दौरान शहर में प्रमुख लोग उपस्थित थे। संतो के अनुसार शंकराचार्य की वर्षों की परम्परा के अनुसार शाम की आरती करीब एक घंटे तक की जाती है।
अभी तक नहीं हुए संगठित प्रयास -शंकराचार्य
जगदगुरू शंकराचार्य राघवेश्वर भारती का मानना है कि गो रक्षार्थ देशभर में अभी तक संगठित प्रयास नहीं हुए हैं। हालांकि गो माता को बचाने के लिए अनेक आंदोलन और अभियान चलाए गए, लेकिन संतों ने सेना की तरह व्यूय रचना कर एक स्वर में अभियान को गति नहीं दी। विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के जरिए देश भर के संतों को जोड़ा जा रहा है। इस तरह यह अभियान पूरी तरह संगठित और एक है।
राजस्थान पत्रिका से विशेष वार्ता
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के मुख्य यात्रा समारोह के बाद शुक्रवार रात को समुत्कर्ष भवन में शंकराचार्य ने राजस्थान पत्रिका से विशेष वार्ता में यह बात कही। प्रस्तुत से बातचीत के मुख्य अंश-पत्रिका- गाय के प्रति आदर तो है लेकिन वह घर-घर से दूर है।
शंकराचार्य- भौतिक और आर्थिक युग में लोगों की सोच बदल गई है। इस कारण गाय के प्रति लोगों में समर्पण तो है, लेकिन वह घर-घर में नहीं रखी जा रही है। हालांकि गाय से धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है। साथ ही गाय आर्थिक संबल प्रदान करती है। इस पक्ष को मजबूत करने के लिए हम गो मूत्र और गोबर आधारित वृहद् उद्योग स्थापित कर रहे हैं।
पत्रिका- आपकी प्रमुख मांग क्या है?
शंकराचार्य- गाय के साथ अत्याचार हो रहा है। गाय भारतीय संस्कृति, धर्म और सत्यता की प्रमुख आधार स्तम्भ है। गाय रहेगी तो संस्कृति बचेगी और देश सुरक्षित रहेगा। इसलिए गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने की मांग की जा रही है।
पत्रिका- गो रक्षा के लिए क्या सरकार के प्रयास पर्याप्त हैं।
शंकराचार्य- सरकार, नेता और राजनीति से यह आंदोलन परे है। यह आंदोलन जनता की तरफ है ना कि सरकार की तरफ। हमारा अभियान गाय के प्रति आमजन को जागरूक कर उन्हें गाय के प्रति एकजुट करने का है। यदि हम देशवासियों को इस अभियान से जोड़ने में सफल हो जाते हैं तो नेता स्वयं मजबूर हो जाएंगे।
पत्रिका- देश भर में 33 हजार से अधिक गो कत्लखाने हैं। इन कत्लखानों को बंद करने के लिए संत आमरण अनशन क्यों नहीं करते।
शंकराचार्य- इसके लिए हम आंदोलन करेंगे। हम बलिदान के लिए तैयार हैं, लेकिन बलिदान निरर्थक और व्यर्थ नहीं हो इसके लिए संगठित होकर आंदोलन करेंगे।

शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009

सभी भाषाओ का मख्य स्त्रोत संस्कृत - माननीय सुरेश जी सोनी







जोधपुर २३ दिसम्बर ०९। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसर कार्यवाह माननीय सुरेश जी सोनी ने पंडित श्रीराम दवे की वेबसाइट के लोकार्पर्ण समारोह को संबोधित करते हुए कहा की संस्कृत सभी भाषाओ का मुख्य स्त्रोत है। भारतीय संस्कृति के महत्व की चर्चा करते हुए सुरेश जी सोनी ने कहा किसम्पूर्ण विश्व में भारतीय विचारो संस्कृति को वास्तविक रूप से जानने कि रूचि जागृत हो रही है।



संस्कृत ke kavi पंडित श्रीराम दवे कि वेब साईट को आपने प्राचीनतम भाषा एवं आधुनिक तकनीक का उपयोग बतलाया जिससे संस्कृत भाषा, साहित्य का प्रचार प्रसार सम्पूर्ण विश्व में बढेगा।



लोकार्पण समारोह में क्षेत्र संपर्क प्रमुख माननीय राजेंद्र जी, सह क्षेत्र प्रमुक माननीय प्रकाश चन्द्र जी गुप्ता, क्षेत्र प्रचार प्रमुख संजय कुमार जी, प्रान्त प्रचारक विजय जी , जोधपुर विभाग प्रचारक उल्लास जी उपस्थित थे।

गंगा के अपमान पर अमेरिकी हिंदू पहुंचे दूतावास

नेवादा। वाशिंगटन डीसी के हिंदुओं ने भारतीय दूतावास में संपर्क कर उनको अमेरिकी सरकार से माफी मंगवाने के लिए कहा है। वे फॉक्स न्यूज से उसकी तथाकथित टिप्पणी के लिए माफी मंगवाने को कह रहे हैं, जिसमें दिसंबर के एक कार्यक्रम में गंगा के बारे में की गई टिप्पणी को वे घटिया और अपमानजनक मान रहे हैं।
ग्लेन बेक नाम के एक प्रस्तोता ने भारत के बारे में अपने कार्यक्रम दिस इज द बेस्ट अमेरिका हैज टू ऑफर में बात करते हुए कहा था, ‘एक बड़ी नदी वहां है, जो किसी बीमारी की तरह ही सुनाई देती है। हां, यह सही है। हालांकि, गंगा का बहुत बुरा उदाहरण हमारे पास है।’ फोरम फॉर हिंदू अवेकनिंग की भावना शिंदे ने राजदूत मीरा शंकर को एक पत्राचार में लिखा है कि कृपया इस मसले को तुरंत ही अमेरिकी सरकार के संबंधित अधिकारियों के पास पहुंचाया जाए।
साथ ही, फॉक्स न्यूज से माफी मंगवाने और इसकी मातृसंस्था न्यूज कॉरपोरेशन और प्रस्तोता ग्लेन ब्लेक से भी क्षमायाचना के लिए संगठन ने कहा है। गंगा लगभग एक अरब हिंदुओं के लिए पवित्र नदी है। इसमें लगभग 21 लाख हिंदू अमेरिका में बसे हैं। इस तरह की टिप्पणियां उनके लिए दुखद हैं। यूनिवर्सल सोसायटी ऑफ हिंदुइज्म के राजन जेद ने फॉक्स और इसके मालिकों को संवेदनशील रहने की जरूरत बताई है, खासकर जब मामला आस्था और विश्वास से संबंधित हो।

bikaner me vishwa mangal gou gram yatra ka bhavy स्वागत हुआ

बीकानेर। गो संरक्षण व संवर्द्धन के लिए कुरूक्षेत्र से 28 सितम्बर को रवाना हुई विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा व उसके साथ आए शंकराचार्य व अन्य महात्माओं का गुरूवार को जगह-जगह भव्य स्वागत किया। यात्रा में शामिल रथ में स्थापित गो प्रतिमाओं व वास्तविक गाय व बछड़े का भी अनेक स्थानों पर पूजन किया गया। कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा के सार्दुल स्कूल मैदान में पहुचने पर हुई सभा में गोकर्ण पीठाधीश्वर राघवेश्वर भारती ने कहा कि गौ संरक्षण व संवर्द्धन का आंदोलन देश, धर्म व संस्कृति का आंदोलन है। आम लोग संगठित प्रयास से गो रक्षा करें। किसान गांव की आत्मा तथा किसान का मूल आधार गाय है। गो संरक्षण से परिवार, समाज व देश ही नहीं विश्व का कल्याण होगा। धर्मसभा में शिवबाड़ी के लालेश्वर महादेव मंदिर के अधिष्ठाता संवित् सोमगिरि, मुकाम पीठाधीश्वर रामानंद शास्त्री, भंवर लाल कोठारी, निरंजन नाथ, जोधपुर के राम स्नेही सम्प्रदाय रामद्वारा के अमृताराम ने गौ माता के महत्व को उजागर किया। यात्रा संयोजक जेठानंद व्यास ने बताया कि बीकानेर की 56 बस्तियों में कार्यकर्ताओं ने घर-घर घूमकर एक लाख 30 हजार 500 लोगों के हस्ताक्षर करवाए है। करीब 35 हजार लोगों ने गौ पूजन किया। शंकराचार्य ने पूर्व में गौ पूजन किया तथा गो सेवा के लिए कार्य करने वाले पुरूषोत्तम डावड़ा, रामेश्वर तापडिया तथा बृजू महाराज का प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया। डॉ.अशोक कलवार ने शंकराचार्य का परिचय दिया। साधु-संतों का बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के अध्यक्ष शिव रतन अग्रवाल, स्वागत समिति अध्यक्ष चंपकमल सुराणा आदि ने स्वागत किया। स्टेशन के सामने शहर भाजपा अध्यक्ष शशि शर्मा, पूर्व अध्यक्ष गोपाल गहलोत व अनेक भाजपा कार्यकर्ताओं ने तथा गंगाशहर में खिलाडियों ने यात्रा का स्वागत किया। भारतीय जनता पार्टी गगाशहर मंडल के पूर्व महामंत्री मनोज पारख, भाजपा नेता मोहन सुराणा, मंडल अध्यक्ष बजरंग लखोटिया, पार्षदों आदि ने यात्रा का स्वागत किया। बजरंग दल महानगर संयोजक दुर्गा सिंह शेखावत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दी। यात्रा शुक्रवार सुबह आठ बजे गंगाशहर के आदर्श विद्या मंदिर से श्रीडूंगरगढ़ के लिए प्रस्थान करेगी।

बुधवार, 23 दिसंबर 2009

विश्व मंगल गोऊ ग्राम मुख्य यात्रा का सूर्यनगरी में भव्य स्वागत गोऊ हत्या संस्कृति की हत्या है - परम पूज्यनीय शंकराचार्य राघवेश्वर भारती जी
















मंच पर विराजित है राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सहसर कार्यवाह माननीय सुरेश जी सोनी, पूज्य अखिलेश्वरानन्द जी, प.पू राघवेश्वर भारती जी महाराज , पूज्य लोकेश मुनि तथा राम्शार्नाचार्य जी काशी












सहसर कार्यवाह माननीय सुरेश जी सोनी उधबोधन देते हुए








जोधपुर २३ दिसम्बर ०९ । सम्पूर्ण भारत में १०८ दिन की विश्व मंगल गोऊ ग्राम की मुख्य यात्रा का जोधपुर पहुचने पर महिलाओ द्वारा मंगल कलश यात्रा के साथ स्वागत किया गया। गाँधी मैदान में गो भक्त गोऊ माता की जयकारा के साथ प्रवेश कर रहे थे। कार्यक्रम का प्रारंभ ध्वजारोहण, शंखनाद , मंत्रोचारण एवं पुष्पवर्षा से हुआ। के साथ हुआ । ध्वजारोहण संत अम्रताराम जी ने किया। संस्कार भारती के द्वारा भजनों की प्रस्तुति की गयी । राकेश श्रीवास्तव तथा ललितेश जी शर्मा ने भजन की सुंदर प्रस्तुति दी । मंच पर उपस्थित जोधपुर के संतो का माल्यार्पण , शाल एवं श्रीफल प्रदान कर स्वागत किया गया।

पूज्य अमृता राम जी , पूज्य डा शिवस्वरुपनंद जी , पूज्य हरिराम जी, पूज्य राम्प्रकशाचार्य जी तथा पूज्य लोकेश मुनि जी ने भी गोऊ माता के बारे में अपने विचार रखे।
जोधपुर महानगर के विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा के तहत जोधपुर में संपन्न हुए कार्यक्रमों का व्रत प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में झूमर लाल जी आसोपा के पुत्र, पन्ना लाल गौशाला तथा कनैह्या गौशाला के संचालको का सम्मान किया गया।

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अन्य समाचार पत्रों से


‘गाय हमारा जीवन है, जीने का आधार है’
भास्कर न्यूज
जोधपुर. गौकर्ण पीठाधीश्वर संत राघेश्वर भारती महाराज ने कहा कि जितनी गौ हत्या आजादी के बाद बढ़ी है, उतनी अंग्रेजी और मुगल हुकूमत में भी नहीं थी। इसका नतीजा है कि वर्ष 2011 तक 1000 लोगों पर महज 20 गायें बचेंगी। अगर समय रहते हम नहीं चेते तो आने वाले समय में यह समस्या विकराल रूप ले लेगी।
संत राघेश्वर विश्वमंगल गौ ग्राम यात्रा के जोधपुर पहुंचने पर सरदारपुरा स्थित गांधी मैदान में भक्तजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्हांेने कहा कि गाय हमारा जीवन है, जीवन का मूलाधार है, उसके बिना कुछ नहीं है।
संत ने कहा कि पहला विश्व युद्ध सतयुग में राम और रावण के बीच, दूसरा द्वापर में कौरव और पांडव के बीच और तीसरा विश्व युद्ध कलयुग में गौवंश को बचाने के लिए होगा। इसके लिए हमें देशभर में आंदोलन करना होगा, जिसका नेतृत्व राजस्थान को ही करना है। उन्होंने कहा कि जहां पर चार मारवाड़ी रहते हैं, वहां एक गौशाला जरूर होती है।
स्त्रोत :http://www.bhaskar.com/2009/12/24/091224044215_cow_is_our_life.html

विश्व मंगल गोऊ ग्राम मुख्य यात्रा - पाली में जोरदार swagat











पाली मारवाड़ २३ दिसम्बर ०९। विश्व मंगल गोऊ ग्राम की मुख्य यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया। बांगड़ स्कूल के मैदान में संपन्न हुए इस कार्यक्रम में कामधेनु मेले का आयोजन किया गया.

विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा का जोरदार स्वागत - राह में बिछाए पुष्प

सिरोही। राह में गुलाब की पंखुडियों की बारिश और भारत माता व गाय माता के जयकारों के साथ विश्व मंगल गौ ग्राम राष्ट्रीय यात्रा का जिले के अनेक गांवों व कस्बों में भव्य स्वागत किया गया। यात्रा ने मंगलवार को गुजरात की ओर से आबूरोड होकर राज्य में प्रवेश किया। जिला मुख्यालय पर रामझरोखा मैदान में धर्मसभा में शंकराचार्य राघवेश्वर भारती ने अखिल भारतीय गौ-ग्राम राष्ट्रीय यात्रा के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्राम, कृषि व किसान की पुनस्र्थापना के लिए गौ संवर्घन, गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करना, गौवंश की रक्षा के लिए केन्द्रीय कानून बनाना, सर्वधर्मीय जन प्रतिनिघि तैयार करना आवश्यक है। उन्होंने सम्पूर्ण भारत में गौ रक्षा हस्ताक्षर अभियान चलाने और राष्ट्रपति को विश्व के सबसे बडे हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से पचास करोड़ हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंपने, भारतीय नस्लों का संरक्षण व संवर्घन एवं नस्ल सुधार करने की बात कही। वहीं अखिलेश्वनरानंद महाराज ने बताया कि यात्रा एक सौ आठ दिन में कुल चार सौ स्थानों पर जाकर लगभग 20 हजार किमी की दूरी तय करेगी। स्वागत समिति के अध्यक्ष रामलाल रावल, जिलाध्यक्ष नारायणसिंह डाबी, मीडिया प्रभारी महेन्द्र प्रजापत समेत कई लोग उपस्थित थे। इससे पहले राघवेश्वर भारती व संत अखिलेश्वरानंद ने गौ-माता का पूजन किया। वहीं संत सत्यानंद महाराज रविधाम एवं संत शंभूनाथ महाराज ने गौ ध्वजारोहण किया।
आबूरोड। गौकर्ण पीठ कर्नाटक के शंकराचार्य राघवेश्वर भारती ने मंगलवार को आकराभट्टा में आयोजित धर्मसभा में कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय जनजीवन का प्रमुख हिस्सा रही है। गौहत्या के कारण ही देश में विपत्तियां सिर उठा रही है। ऎसे में गौरक्षा करना प्रत्येक नागरिका कर्तव्य है। गौ ग्राम यात्रा के राष्ट्रीय महासचिव शंकरलाल ने गाय की पौराणिक और धार्मिक उपयोगिता बताई। जबलपुर के अखिलेश्वर महाराज ने धर्मसभा में मौजूद नागरिकों को गौ रक्षा का संकल्प दिलवाया।कार्यक्रम के आरंभ में गरमा शर्मा ने गाय के महत्व पर आधारित कविता प्रस्तुत की। आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक सुरेशचंद्र, क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख नंदलाल जोशी, क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख प्रकाशचंद्र गुप्ता, क्षेत्रीय बौद्धिक प्रमुख कैलाशचंद्र सहित प्रमुख पदाघिकारी उपस्थित थे। यहां के भगवानदास अग्रवाल शुरू से अंत तक यात्रा के साथ रहेंगे। इससे पहले विश्व मंगल गौग्राम मुख्य यात्रा के गुजरात सीमा से राज्य में प्रवेश करने पर यहां प्रवेश पर तहसील समिति अध्यक्ष रामेश्वरलाल अग्रवाल, वैद्य दामोदरप्रसाद चतुर्वेदी, सागरमल अग्रवाल, आरएसएस के जिला कार्यवाह अशोक चतुर्वेदी व क्षेत्रीय विधायक जगसीराम कोली सहित प्रमुख पदाघिकारियों ने अगवानी की।
सरूपगंज। विश्व मंगल गौ ग्राम की मुख्य यात्रा के आबूरोड से सिरोही जाते समय मंगलवार शाम को सरूपगंज बायपास पर पहुंचने पर ग्रामवासियों ने स्वागत किया। यात्रा में आए साधु महात्माओं का फूल मालाओं से लाद दिया गया। पवन जोशी, मनमोहन शर्मा, हेमन्त शर्मा, भरत प्रजापत, नरपतसिंह सहित कई लोग उपस्थित थे।पिण्डवाड़ा। राष्ट्रीय यात्रा का मंगलवार शाम वोलकेम चौराहा, झाड़ोली, वीरवाड़ा समेत हाइवे मार्ग पर पहुंचने पर लोगों ने स्वागत किया। जिला संयोजक मोहनलाल डांगी के अनुसार यात्रा का झाड़ोली में बालिकाओं ने कलश व फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। वहीं सिवेरा रोड व मुख्य बस स्टैंड पर भी स्वागत किया गया। तहसील संयोजक माधोराम पुरोहित, अर्जुन पुरोहित, रमेश देवड़ा समेत अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।
हुए भजन
सिरोही। दूध मांगोगे तो खीर देंगे और कश्मीर मांगोगे तो चीर देेगे के उद्घोष के साथ भजन गायक प्रकाश माली ने मायड थारो पूत कैठ, समेत अन्य देशभक्ति गीत व भजन सुनाए। यात्रा के पहुंचने तक माली ने लोगों को बांधे रखा।

सोमवार, 21 दिसंबर 2009

विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा - राष्ट्रीय अभियान के तहत पाली मारवाड़ में उपयात्रा का आयोजन


पाथेय कण रजत जयंती वर्ष - पत्र लेखन अभ्यास वर्ग संपन्न




जोधपुर २० दिसम्बर ०९। पाथेय कण रजत जयंती वर्ष के तहत राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रचार विभाग द्वारा पत्र लेखन अभ्यास वर्ग संपन्न हुआ । विभाग प्रचार प्रमुख शंकर लाल मंघनानी के मार्ग दर्शन में चार सत्रों में पत्र लेखन अभ्यास वर्ग संपन्न हुआ। सह विभाग प्रचार प्रमुख कृष्ण गोपाल ने पत्र लेखन कैसे किया जाए इस विषय पर बारीकी से बतलाया। अभ्यास वर्ग के तहत पत्र लेखन का अभ्यास भी करवाया गया। विश्व संवाद केन्द्र द्वारा इन्टरनेट , पाथेय कण की वेब साईट , राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की वेबसाइट तथा विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर के ब्लॉग www.vskjodhpur.blogspot.com के बारे में भी चर्चा की गई .

शनिवार, 19 दिसंबर 2009

"तिलक" का विज्ञान एवं दर्शन

हिंदू परंपरा में मस्तक पर तिलक या टिका लगाना धार्मिक कृत्यों के साथ जुड़ा हुआहै। प्रत्येक शुभ अवसर पर ऐसा करना प्रसन्नता का, सात्विकता का, सफलता का चिन्ह माना जाता है। किसी महत्वपूर्ण कार्य या विजय अभियान में निकलने पर रोली, हल्दी, चंदन या कुंकुम का तिलक लगाया जाता है। तीर्थो में देवदर्शन हेतु उपस्थित होने पर वहाँ माथे पर तिलक लगाकर शुभकामना दी जाती है। भारतीय संस्कृति में कर्मकाड़ों , परंपराओं, प्रथाओं को विनिर्मित करने वाले हमारे प्राचिन ऋषि एक साथ वैज्ञानिक भी थे और महान् दार्शनिक भी थे। इसलिएकिसी भी शुभ प्रचलन की स्थापना में उन्होनें इन दोंनो दृष्टियों को ध्यान में रखा, ताकि कोई एक पक्ष सर्वथा उपेक्षित न पड़ा रहे एवं दूसरे के दुरुपयोग की संभावना न बढ़ जाये। इसके पीछे संतुलन-समीकरण का प्रायोजन ही प्रमुख था, जिससे दोनों वर्ग के अनुयायी संतुष्ट हो सकें और स्थापना को समान महत्व दे सकें। सर्वप्रथम इसके विज्ञान पक्ष को लेंगे। ललाट में टिका यातिलक जिस स्थान पर लगाया जाता है, वह भ्रू-मध्य या आज्ञाचक्र है। शरीरशास्त्र कीदृष्टि से यह स्थान पीनियल ग्रंथि का है। प्रयोगो द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि प्रकाश से गहरा संबंध हे। प्रयोगो में जब किसी व्यक्ति की आँखो में पट्टी बाँधकर सिर को पूरी तरह से ढक दिया गया और उसकी पीनियल ग्रंथि को उद्ददीप्त किया गया , तो उसे मस्तक के अंदर प्रकाश की अनुभुति हुई। यह इस बात को प्रमाणित करता है कि ध्यान- धारणा के माध्यम से साधक में जो प्रकाश का अवतरण आज्ञाचक्र में होता है, उसका कोई न कोई संबंध इस स्थूल अवयव से अवश्य है। ऋषियों को यह तथ्य भलीभाति पता था, इसलिए उन्होनें टीका लगाने के प्रचलन को पूजा उपासना के साथ-साथ हर शुभ कार्य से जोड़कर उसे धार्मिक कर्मकाड़ का एक अविच्छिन अंग बना दिया।
यह एक वैज्ञानिक तथ्य है की दोंनो भौंहों के बीच कुछ अतिरिक्त संवेदनशीलता होती है। इसे परीक्षा करके जाना जा सकता है। यदि हम आँखे बंद करके बैठ जाएँ और कोई व्यक्ति हमारे भ्रू-मध्य के एकदम निकट ललाट की ओर तर्जनी उँगली ले जाए । तोवहाँ हमें कुछ विचित्र अनुभव होगा । यही तृतीय नेत्र की प्रतीति है। इस संवेदना को हम अपनी ऊँगली भृकुटि-मध्य लाकर भी अनुभव कर सकता है। इसलिए इस केन्द्रपर जब तिलक अथवा टीका लगाया जाता है, तो उससे आज्ञाचक्र को नियमित रुप से उत्तेजना मिलती रहती है। इससे सजग रुप में हम भले ही उससे जागरण के प्रति अनभिज्ञ रहें, पर अनावरण का वह क्रम हनवरत चलतारहता है।
तिलक का तत्वदर्शन अपने आप में अनेंको प्रेरणाएँ सँजोएं हुए है। तिलक या त्रिपुंड प्रायः चंदन का होता है। चंदन की प्रकृति शीतल होती है। शीतल चंदन जब मस्तकपर लगाया जाता है, तो उसके पीछे भाव यह होता है कि चिंतन का जो केंद्रिय संस्थान मस्तिष्क के रुप में खोपड़ी के अंदर विराजमान है, वह हमेशा शीतल बना रहे, उसके विचार और भाव इतने श्रेष्ठ हों जि अपनी तरह औंरो को भी शीतलता, शांति और प्रसन्नता प्रदान करता रहे। तिलक का महत्व जनजीवन में इतना अधिक है कि जब कोई महत्वपूर्ण, सम्मानसूचक, प्रसन्नदायक घतना घटती है,तो माथे पर तिलक लगा दिया जाता है। विवाह हो रहा हो तो तिलक, कोई युद्ध परजा रहा हो तो तिलक हो। कोई युद्ध से विजयी होकर लौट रहा हो तो तिलक हो अर्थात् कोई भी सुखमय घटना हो, उसके साथ तिलक का अविच्छिन संबंध जोड़ दिया जाता है। ऐसा इसलिए कि वह आमनद चिरस्मरणीय बना रहे।
विवाहित स्त्रियाँ माँग में सिंदूर और माथे पर बिंदी लगाती है। बिंदी टीके का रुप है, वैसे ही माँग का सिंदूर तिलक का प्रतिक है। किंतु यहाँ इन्हे परिणीता के सुहाग के साथ जोड़ा दिया गया है। यह अक्षत सुहाग के चिन्ह हैं। इनमें समर्पण और निष्ठा का भाव पूर्णरुपेण पति की ओर है। वह उसकी समर्पिता है। अबउसके नारित्व पर कोई बाधा नहीं पड़ेगी, इसलिए पत्नी को पति के जीवन रहने तक इन्हे धारण करना पड़ता है। तिलक द्रव्य के रुप में भीन्न-भीन्न प्रकार की वस्तो्ओं का प्रयोग किया जाता है। श्वेत और रक्त चंदन भक्ति के प्रतिक हैं। इनका इस्तेमाल भजनानंदी किस्म के लोग करते है। केशर एवं गोरोचन ज्ञान तथा वैराज्ञ्य के प्रतिक है। ज्ञानी तत्वचिंतक और विरक्त ह्रदय वाले लोग इसका प्रयोग करते है। कस्तूरी ज्ञान, वैराज्ञ्य, भक्ति, प्रेम, सौंदर्य, ऐश्वर्य सभी का प्रतीक है, ।
मार्कण्डेय पुराणके ‘स्त्रियसमस्ता सकला जगत्सु’ के अनुसार नारी समाज शक्ति रूपा है। नारी समाज के सौभाग्य में लाल वर्ण की प्रधानता का यही कारण और मस्तक पर लाल वर्ण के रूपमें हम मातृशक्ति धारण करने की कामना करते हैं। यही कारण है कि ज्यादातर सांस्कृतिक तिलक महिलाएं ही पुरूषों के भाल पर करती है। चाहे वह बहिन, पत्नी या माँ किसी भी रूप में हो।

अनामिका शांति दोक्ता,मध्यमायुष्यकरी भवेत्।
अंगुष्छठ:पुष्टिव:प्रोत्त,तर्जनीमोक्ष दायिनी।।
अर्थात् तिलक धारण करने में अनामिका अंगुली मानसिक शांति प्रदान करती है, मध्यमा अंगुली मनुष्य की आयु वृद्धि करती है, अंगूठा प्रभाव, ख्याति और आरोग्य प्रदान करता है, इसलिए विजयतिलकअंगूठेसे ही करने की परम्परा है। तर्जनी मोक्ष देनेवाली अंगुली है। इसलिए मृतक को तर्जनी से तिलक लगाते हैं। सामुद्रिकशास्त्र के अनुसार, अनामिका और अंगूठा तिलक करने में सदा शुभ मानेगए हैं। अनामिका अंगुली सूर्य का प्रतिनिधित्व करती है। इसका अर्थ यह है कि साधक सूर्य के समान दृढ, तेजस्वी, निष्ठा-प्रतिष्ठा और सम्मान वाला बने।दूसरा अंगूठा है, जो हाथ में शुक्र क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र ग्रह जीवनी शक्ति का प्रतीक है। इससे साधक के जीवन में शुक्र के समानही नव जीवन का संचार होने की मान्यता है। मानस की पंक्तियाँ : चित्रकूट के घाट परभई संतनकी भीड़ , तुलसीदास चंदन घिसें ,तिलक देत रघुबीर । तिलक परम्परा का अनुमोदन करतीं हैं ।
आज भी फौजी जब शत्रु से मोर्चे के लिए घर से विदा लेता है ,तो माँ बहिन पत्नी उसको तिलक लगातीं हैं ,यात्रा पर जाने से पूर्व तिलक लगाने को शुभ माना जाता है । इस प्रकार तिलक या टीका एकधार्मिक प्रतीत होते हुए भी उसमें विज्ञान और दर्शन का साथ-साथ समावेश है। इसनाको समझ सकें और उनकी शिक्षाओं को आत्त्मसात् कर सकें तो ही उसकी सार्थकता है।

बुधवार, 16 दिसंबर 2009

पाक बना रहा है नए बंकर-टॉवर


श्रीगंगानगर। अन्तराष्ट्रीय सीमा के उस पार पाकिस्तान नए बंकर व टॉवर बना रहा है। इन निर्माण कार्यो को देख सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने चौकसी बढ़ा दी है। जानकारी के अनुसार राजस्थान व पंजाब से सटी सीमा के उस पार पाकिस्तान ने 19 नए बंकर स्थापित किए हैं तथा लगभग 40 नए वॉचिंग टॉवर बनाए हैं। कुछ साल पहले पाकिस्तान ने अपनी सीमा चौकियों की संख्या भी बढ़ाई थी। पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय नियमों को ताक पर रखकर चौकियों के निर्माण पर श्रीगंगानगर जिले से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तनाव उत्पन्न हो गया था और दोनों देशों के बीच दो दिन तक फायरिंग भी हुई थी। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी बताते हैं कि भारत की सीमा पर पुराने बंकरों की मरम्मत का काम चल रहा है। यह कार्य शुरू होने के बाद पाकिस्तान ने तेजी लाते हुए नए टॉवरों और बंकरों का निर्माण शुरू कर दिया।

नियमों के सवाल पर चुप्पी

सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों से जब यह पूछा गया कि नए बंकरों और वॉचिंग टॉवरों का निर्माण अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत हुआ है या नहीं, तो इस बारे में सीसुब के अधिकारी चुप्पी साध गए। नए बंकर सीमा के नजदीकपाकिस्तान के नए निर्माण कार्यो के बारे में केन्द्रीय गृह सचिव एवं सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुए विचार-विमर्श के बाद सीमा सुरक्षा बल के उच्चाधिकारियों ने पिछले दिनों सीमा क्षेत्र का दौरा किया और सीमा पार की गतिविधियों की जानकारी ली। नए बंकर सीमा के नजदीक हैं।

तीन दर्जन निगरानी टॉवर

सीमा सुरक्षा बल से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ ही समय में पाक ने तीन दर्जन से अधिक निगरानी टॉवर बनाए हैं। बल के अधिकारियों का कहना है कि नए टॉवर भारतीय टॉवरों के सामने ही बनाए जा रहे हैं।

ये निर्माण

19 नए बंकर40 नए वाचिंग टॉवरसीमा पार की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। पाक ने कई नए बंकर और टॉवर बनाए हैं। धुंध के मौसम में जवानों को विशेष सतर्कता की हिदायत दी गई है।" -सी।आर। चौहान,उप महानिरीक्षक सीमा सुरक्षा बल

पत्रिका का खुलासा

उल्लेखनीयहै कि राजस्थान पत्रिका ने 30 मई 2009 को प्रकाशित अंक में यह खुलासा किया था कि पाकिस्तान ने सीमा के बिलकुल करीब थार एक्सप्रेस की यात्रियों की जांच के लिए एक स्टेशन का निर्माण कर रखा है, जोकि अन्तरराष्ट्रीय नियमों के विपरीत हैं।

साभार स्त्रोत : http://patrika.com/news.aspx?id=291974

मंगलवार, 15 दिसंबर 2009

भारत-पाक से पैसा लेते हैं हुर्रियत नेता


श्रीनगर, [जागरण ब्यूरो]। मीरवाइज गुट के हुर्रियत नेताओं को दिल्ली का एजेंट बताने का मामला शांत नहीं हुआ था कि बिलाल गनी लोन ने भी एक 'राज' उगल दिया है। लोन ने यह कह कर सभी अलगाववादी नेताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया कि अधिकांश हुर्रियत नेताओं ने किसी न किसी मौके पर भारत या फिर पाकिस्तान से पैसा लिया है।
लोन ने सोमवार सुबह एक स्थानीय चैनल के साथ साक्षात्कार में यह आरोप लगाया है। वह जमरूदा हबीब के उसी बयान पर बात कर रहे थे, जिसमें महिला नेता ने आरोप लगाया था कि वर्ष 2003 में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर हवाला राशि के साथ उनकी गिरफ्तारी हुर्रियत के तत्कालीन चेयरमैन प्रो. अब्दुल गनी बट और मौलाना अब्बास अंसारी के इशारे पर ही हुई थी। पीपुल्स कांफ्रेंस के एक गुट के चेयरमैन और मीरवाइज मौलवी उमर फारूक की कार्यकारी परिषद के वरिष्ठ सदस्यों में शामिल बिलाल गनी लोन ने कहा कि उन्होंने दोनों मुल्कों से पैसा नहीं लिया है। एक चैनल से पैसा जरूर लिया है और यह जरिया भी बीते डेढ़ साल से बंद हो चुका है। वह पैसे के लिए कश्मीर के अपने लोगों पर ही निर्भर हैं।
उन्होंने कहा कि हुर्रियत कांफ्रेंस समेत कश्मीर के विभिन्न अलगाववादी नेताओं में एक बड़ी संख्या उन लोगों की है जो किसी न किसी समय भारत-पाकिस्तान से पैसा लेते रहे हैं। इतना ही नहीं, उसी के आधार पर कश्मीर के प्रति रूख अपनाते रहे हैं। इनमें से शायद आज भी कई भारत से या फिर पाकिस्तान से पैसा ले रहे हों। बिलाल ने कहा कि वह खुश हैं कि उन्होंने कश्मीर के लोगों से कभी गद्दारी नहीं की। हुर्रियत नेताओं को चाहिए कि वह कश्मीर के लोगों के विश्वास के साथ दगा न करे, क्योंकि वह तहरीक के लिए पैसा देता है। देर शाम लोन कुपवाड़ा जिले में अपने पैतृक गांव चले गए है। उनके इस बयान के बाद कश्मीर के अलगाववादी खेमे में मची खलबली पर मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और प्रो। अब्दुल गनी बट ने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। जबकि मौलाना अब्बास अंसारी ने कहा कि बिलाल ने जो कहा बकवास है.

सोमवार, 14 दिसंबर 2009

जोधपुर में विश्व मंगल गोऊ ग्राम उपयात्रा - गोऊ भक्तो का मिला अपार स्नेह




इक माँ गोद में अपने बालक को ले गोऊ माता की पूजा करवाते हुए






गौ माता को ओढ़ाई चुनरी
जोधपुर. १३ दिसम्बर ०९। विश्व मंगल गौ ग्राम उपयात्रा रविवार को सरदारपुरा व सरस्वती नगर क्षेत्र में निकाली गई। इस अवसर पर गौ भक्तों ने गौ प्रतिमा को चुनरी ओढ़ाई।
रविवार को सुबह सरदारपुरा सत्संग भवन में संत पुरुषोत्तमदास व संत अमृतराम महाराज ने गौ रथ का पूजन कर यात्रा को रवाना किया। मधुबन कॉलोनी में संत हरिराम शास्त्री ने आशीर्वचन देकर यात्रा को शुरू किया।
गौ ग्राम यात्रा समिति के महानगर प्रचार प्रमुख कैलाशचंद्र ने बताया कि सत्संग भवन में धर्मसभा हुई। इसे अनिल गोयल व धर्मेन्द्र सोनी ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि दस साल में देश भर में दो करोड़ गोवंश की कमी होना चिंता का विषय है। हमें गोवंश का संरक्षण-=संवर्धन करना होगा।
सत्संग भवन से यात्रा लाला लाजपत नगर, गीता भवन, जालोरी गेट, सरदारपुरा सी रोड, कुम्हारों का बास होते हुए सेक्टर सेवन शिवमंदिर आकर विसर्जित हुई। यहां धर्मसभा का आयोजन हुआ। भागीरथ सोलंकी, अशोक दवे, मुकेश लोढ़ा आदि ने यात्रा का स्वागत किया।
सभा को नगर अध्यक्ष योगेश्वर, संरक्षक नंदलाल भाटी, प्रकाश सिंघवी और दुर्गासिंह ने संबोधित किया। पंजाब नेशनल बैंक मधुबन कॉलोनी में सुबह मंगल कलश के साथ महिलाएं भी यात्रा में शरीक हुईं। मधुकेश्वर महादेव, देवनारायण मंदिर, केके कॉलोनी, राधाकृष्ण मंदिर, सेक्टर दो में धर्मसभाओं का आयोजन हुआ।
इसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांच प्रचारक विजय कुमार, श्याम मनोहर, रोहित जोशी, अमरचंद फरोदा, डॉ. सीएस मेहता, ओपी अग्रवाल आदि ने संबोधित किया। धर्मसभाओं का संचालन गोवर्धन हैड़ा, संजय अग्रवाल, विजयराज राठौड़ और देवाराम ने किया। महंत अमराराम व महंत हीरादास ने गौ भक्तों को गौर संरक्षण का संकल्प दिलाया।
रामेश्वर नगर, मधुबन कॉलोनी, सरस्वती नगर, डी सेक्टर, कुड़ी भगतासनी, सेक्टर छह, चार व तीन सेंट्रल एकेडमी किसान गैस गौदाम, बासनी, रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर यात्रा का विभिन्न संस्थाओं द्वारा तोरण द्वार लगाकर व पुष्प वर्षा से स्वागत किया। रातानाडा नगर समिति के संयोजक किशोरसिंह सोलंकी व बालीसिंह ने रातानाडा की यात्रा को सफल बनाने के लिए व्यावसायिक संस्थाओं व कार्यकर्ताओं का आभार जताया।
1001 दीपों से उतारी आरती

जोधपुर.12 december 09. विश्वमंगल गौ ग्राम यात्रा शनिवार को शहर के भीतरी भाग व रातानाडा में धूमधाम से निकाली गई। संत अमृतराम महाराज, संत पुष्करनाथ महाराज व अन्य संतों के सान्निध्य में निकाली यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए। रावतों के बास में महिलाओं ने 1001 दीपक से गौ रथ की महाआरती की।
कैलाशचंद्र ने बताया कि ब्रrापुरी, हटड़ियों का चौक, अचलनाथ मंदिर व आरके कॉलेज में धर्मसभाओं का आयोजन हुआ। इसे मदनगोपाल, कमलकिशोर, भंवरलाल चौधरी, जगदीश पुरोहित, राज जोशी, हुल्लासचंद्र, उपेन्द्र, हेमन्त घोष, जयप्रकाश दवे ने संबोधित किया। मुख्य बाजार में क्षेत्रीय पार्षद कृपाराम सोनी, संजय दइया, राजेन्द्र बोहरा सहित अनेक व्यापारिक संस्थाओं ने भव्य स्वागत किया।
अचलनाथ मंदिर में पार्षद स्मिता सिंघवी व पूर्व पार्षद गीता काला ने महिलाओं के साथ यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। रावतों का बास में बजरंगदल के संजय सोनी, दीपक व्यास, गणोशसिंह, अजयसिंह, हीरालाल, शिव कुमार, आकाश ओझा आदि ने महाआरती की। पार्षद फरजाना चौहान ने गौ भक्तों का आभार जताया।
रातानाडा नगर की यात्रा को संघ के नंदलाल जोशी ने देवनारायण मंदिर भगत की कोठी में संतों के सान्निध्य में पूजन प्रारंभ किया। प्रारंभ में प्रभुदयाल थाई सहित अनेक लोगों ने भगत की कोठी में स्वागत किया। रातानाडा सब्जी मंडी व कृष्ण मंदिर में महिला मंडल ने व रामदेव मंदिर में संत अचलानंद गिरि ने पूजा की। व्यापारी संघ व अखिल भारतीय अहिंसा प्रचार समिति ने भी सहयोग दिया। आर्यन्स फ्रैंड्स क्लब के कपिल व्यास, सिद्धार्थ मूथा, आदि ने स्वागत किया।मनोज कल्ला, सागर वैष्णव, देवेश व्यास, ज्योति मूथा, अभिषेक कल्ला और राहुल व्यास ने गौ ग्राम यात्रा का नथावतों की बारी स्थित सिद्धी विनायक मंदिर में स्वागत किया।

सोमवार, 7 दिसंबर 2009

विश्व मंगल गोऊ ग्राम उपयात्रा में उमडा गोभक्तो का सैलाब

जोधपुर। ६ दिसम्बर ०९ । गौ संवर्धन के लिए विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा की बागर व शास्त्री नगर समिति की ओर से रविवार को उपयात्राएं निकाली गई। उपयात्राओं का जगह जगह स्वागत किया गया। गौ भक्तों को प्रसादी भी वितरित की गई। महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए गौ माता की प्रतिमा को चूंदड़ी ओढ़ाई और पूजन किया।
गौ ग्राम यात्रा के महानगर प्रचार प्रमुख कैलाशचंद्र ने बताया कि सुबह ज्योतिबा फूले चौराहा पर संत रामप्रकाशाचार्य, संत ज्ञानस्वरूपानंद गिरि, संत नारायणानंद व संत सुखदेव ने गौ रथ का पूजन कर यात्रा को रवाना किया। यात्रा के आगे आर्य मरुधर व्यायामशाला के युवक हैरतअंगेज करतब प्रदर्शित कर रहे थे। रैली में शामिल बड़ी संख्या में युवा दो पहिया वाहनों पर गौ माता के जयकारे लगा रहे थे।
नागौरी गेट पर पूर्व पार्षद धनराज मकवाना सहित अनेक लोगों ने स्वागत किया। यहां से यात्रा बैंड बाजे के साथ कलाल कॉलोनी पहुंचने पर सैकड़ों महिलाओं ने गौ प्रतिमा की पूजा अर्चना की। शास्त्रीनगर समिति द्वारा सुबह दल्ले खां की चक्की से गौ ग्राम उप यात्रा संत अमृतराम के सान्निध्य में रवाना की गई। बलदेव नगर पहुंचने पर यात्रा का ढोल नगाड़ों से स्वागत किया। माहेश्वरी न्याति नोहरा व मसूरिया बाबा रामदेव मंदिर पर महिलाओं ने यात्रा का बधावणा किया। बजरंगदल ने भी स्वागत किया।
मसूरिया प्रखंड के कार्यकर्ताओं ने यहां यात्रा का स्वागत किया। रामदेव मंदिर, सिंधी कॉलोनी, शास्त्रीनगर सी सेक्टर व खेमा का कुआं पर धर्मसभाओं का आयोजन किया गया। इसे प्रांत कोष प्रमुख ललित शर्मा, नगर संयोजक महेन्द्र प्रजापत, सचिव रणवीरसिंह गहलोत, गौतमचंद लड्ढा, रतन काका और सत्यपाल हर्ष ने संबोधित किया। गुलाब नगर में उप महापौर न्याज मोहम्मद ने उपयात्रा का स्वागत किया।

शनिवार, 5 दिसंबर 2009

जोधपुर में विश्व मंगल गोऊ ग्राम उपयात्रा





































जोधपुर। सम्पूर्ण हिंदुस्तान में चल रही "विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा" के अंतर्गत जोधपुर में भी उपयात्रा का आयोजन बड़ी ही गर्मजोशी के साथ किया जा रहा हैं। २९ नवम्बर को नदनवन नगर में उपयात्रा का भव्य आयोजन हुआ , जगह जगह से निकली उपयात्रा का गोऊ भक्तो ने जोरदार स्वागत किया एवम धर्म सभा में हिस्सा लेकर गोऊ सरक्षण का संकल्प लिया।









गुरुवार, 3 दिसंबर 2009

सिरोही कार्यक्रम के कुछ दृश्य



जोधपुर प्रान्त प्रचारक माननीय विजय कुमार जी एवम परम पूज्यनीय संत कृपा राम जी विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा, सिरोही के कार्यक्रम में।

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित