शनिवार, 31 अक्तूबर 2009

विश्वमंगल के लिए गौ ग्राम यात्रा शुभ

पश्चिम बंगाल के जलपाई गुडी में कामधेनु ध्वजारोपण
paschiसिलीगुडी कार्यक्रम का एक चित्र

जोधपुर ३०ओक्तोबेर ०९। देश में गौ—वंश संरक्षण के जन जागरण अभियान को हर नागरिक तक पहुंचाने के उद्देश्य से 30 सितंबर को कुरुक्षेत्र से शुरू हुई विश्वमंगल गौ ग्राम यात्रा के क्रम में जोधपुर शहर में अभियान शुरू किया गया है। शुक्रवार को सरदारपुरा क्षेत्र में स्थित राष्ट्रीय संघ स्वयंसेवक संघ कार्यालय परिसर में अभियान के स्टीकर व पत्रक का विमोचन किया गया।
अभियान की जानकारी देते हुए प्रांत अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने बताया कि मुख्य यात्रा चार सौ स्थानों पर विभिन्न कार्यक्रम के आयोजन के साथ 20 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर मकर सक्रांति को नागपुर में पूर्ण होगी। शहर में इस जन जागरण अभियान के प्रचार—प्रसार के लिए 3 लाख स्टीकर व ढाई लाख पत्रक बांटे जाएंगे। अभियान से जुड़े कार्यकर्ता घर—घर संपर्क कर देशी गौ धन के उपयोग संबंधित जानकारी देंगे। साथ ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों में होर्डिग, मंदिरों व सार्वजनिक स्थानों पर गाय के महत्व को उजागर करने वाले बैनर प्रकाशित किए जाएंगे।
महानगर संयोजक अनिल गोयल ने बताया कि शहर में अभियान को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इसमें हस्ताक्षर अभियान, हर बस्ती स्तर पर लघू यात्राएं तथा मुख्य यात्रा की विराट जनसभा का आयोजन किया जाएगा। प्रथम चरण की शुरुआत 25 अक्टूबर को विहिप के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया ने किया था। हस्ताक्षर अभियान 25 नवंबर तक चलेगा। इसकी सफल क्रियान्विति के लिए विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, शिक्षक संघ के साथ गैर सरकारी संगठनों व छात्र संगठनों को भी जोड़ा गया है।
इनमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बजरंग दल, शहर के सभी धर्माचार्य, लघु उद्योग भारती, अधिवक्ता परिषद, बार कांउसिल, कला क्षेत्र के कार्यकर्ता, विभिन्न क्षेत्रों के व्यापारिक संगठन, कई गैर सरकारी संस्थाओं के साथ साथ अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सहभागिता निभाएंगे। दूसरे चरण में शहर की सभी बस्तियों में गौ—माता की विशाल प्रतिमा के साथ लघु यात्राएं निकाली जाएंगी। इसके लिए शहर को 12 भागों में बांटा कर उप समितियांे का गठन किया गया है। तीसरे चरण में आगामी 23 दिसंबर को मुख्य यात्रा के आगमन पर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज के सान्निध्य में जनसभा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान महानगर अध्यक्ष देवेन्द्र सालेचा, प्रांत संयोजक रतनलाल, महासचिव हेमंत घोष तथा प्रचार प्रमुख कैलाशचंन्द्र उपस्थित थे।

विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा अब पश्चिम बंगाल में
यह महज यात्रा नहीं, स्वतंत्रता का नया संग्राम

सिलीगुड़ी: विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा, सिर्फ एक यात्रा नहीं भारत का सही स्वतंत्रता संग्राम है। विजयादशमी कुरूक्षेत्र से प्रारंभ हुई यह यात्रा हमें महाभारत की याद दिलाती है। अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है - महाभारत। यात्रा लोगों को गावों की ओर लौटने का आह्वान करती है। भारत की शिक्षा निति, कृषि आर्थिक नीति, शिक्षा यहां तक की जीवन शैली भी विदेशी हो गई है। यही कारण हमें धीरे-धीरे पतन की ओर ले जा रहे हैं। उक्त बातें विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा के प्रमुख योजनाकार सीताराम केदीलाई द्वारा सिलीगुड़ी हिंदी हाईस्कूल में आयोजित स्वागत समारोह के मौके पर कही। युवाओं का नगर की ओर पलायन करने को भी उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। अयोध्या के दिगम्बर अखाड़ा के प्रमुख राम नयन दास ने गौ सेवा का संकल्प करवाया। उन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा कि ग्राम और नगर के बीच मानसिक सेतु बांधने के उद्देश्य से यह यात्रा प्रारंभ की गई है। जब देशी नस्ल की गाय बचेगी तभी ग्राम बच पायेगा। खेती में रसायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से इसकी उपज क्षमता कमती जा रही है। गोबर से बनी खाद ही इसकी उर्वरा शक्ति को बचा पायेगी। समिति की ओर से यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। इसी क्रम में सायं चार बजे में जब यात्रा स्कूल परिसर में पहुंची तो संपूर्ण वातावरण गोमाता, भारत माता और वंदेमातरम के जयकारों से गूंजायमान हो उठा। गो रथ में बछड़े की दूध पिलाती गाय एवं कृषक को झांकी की देख श्रद्धालु नतमस्तक हो उठे। इस मौके पर आनंद व‌र्द्धन जी महाराज, प्रो। सत्यपाद पाल, शंकर लाल अग्रवाल, विनोद सरावगी , जगदीश अग्रवाल मीण्डा, डा. बीएल अग्रवाल, राजकुमार शर्मा, परसराम सिंघल, विष्णु केडिया, संतलाल जीतपूरिया सहित अन्य सदस्यों ने अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई। धन्यवाद ज्ञापन प्रवीण सिंघल ने दिया।

रथ को देखने उमड़ी भीड़
सिलीगुड़ी: विश्र्व मंगल के लिए आयोजित गौ-ग्राम रक्षा संकल्प यात्रा देश के विभिन्न हिस्सों से गुजरती हुई शुक्रवार को सिलीगुड़ी पहुंची। यहां पर तीनबत्ती मोड़ पर 40-45 दुपहिया वाहनों पर सवार हरि सत्संग सेवा समिति के लोगों ने रथ यात्रा का जोरदार स्वागत किया। भीड़ में शामिल लोग ही गौ-ग्राम यात्रा की सुरक्षा का जिम्मा संभाले रथ के साथ- साथ चल रहे थे। यात्रा शुक्रवार दोपहर जलपाईगुड़ी से चलकर शाम 4 बजे सिलीगुड़ी पहुंची। सिलीगुड़ी में यात्रा एक दिन विश्राम करेगी। विजयादशमी को कुरुक्षेत्र से प्रारम्भ हुई 108 दिनों की यह 20, 000 किमी की इस यात्रा के साथ गौ-माता का सुसज्जित रथ हर किसी के लिए आकर्षण व प्रेरणा का केन्द्र रहा, हर कोई यहां आकर गौ-माता के रथ का दर्शन कर प्रसाद ग्रहण कर रहे थे। सचिव कमलजी पुगलिया ने कहा कि यह गौ-ग्राम रक्षा संकल्प यात्रा मात्र धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि इस यात्रा के माध्यम से गाय के आर्थिक, सामाजिक और वैज्ञानिक पक्षों को भी उजागर करना एक उद्देश्य है। इसी को ध्यान में रखते हुए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया है, जिसमें 20-22 करोड़ लोगों को शामिल करने का लक्ष्य है।
जयगांव (जलपाईगुड़ी): जीवन का अभिन्न हिस्सा है गौ माता। इसी उद्देश्य के तहत बुधवार को यहां विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा ने शहर का भ्रमण किया। जिसके माध्यम से लोगों को गौ माता के सिद्वांत, संकल्प, मार्ग, मंत्र,ध्येय व कार्य आदि की जानकारी देनी थी। कार्यक्रम में प्रमुख भूमिका निभाने वाले विनोद गर्ग ने बताया कि हिन्दू समाज में गाय को माता माना जाता है इसकी जानकारी देने के उद्देश्य से ही यहां यात्रा आयोजित की गयी। यात्रा का शुभारंभ स्थानीय हनुमान मंदिर से हुआ। जिसमें गंगा शर्मा, लीलाधर राठी, कृपाशंकर जायसवाल, विकास मित्तल, श्याम शर्मा,काफी संख्या में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य व लोगों ने हिस्सा लिया।

गो ग्राम यात्रा के भव्य स्वागत की तैयारी
तेजकालियागंज (उत्तर दिनाजपुर): भारत की अध्यात्मिक और सात्विक शक्तियों के जागरण, गोवंश रक्षा एवं समूचे देश में सत्यम शिवम सुन्दरम की स्थापना के लिए हस्ताक्षर अभियान पर निकली विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के एक नवंबर रविवार को प्रात: 8 बजे कालियागंज पहुंचेगी। यहां आगमन पर श्रीराम लीला देवी गोशाला परिसर में भव्य स्वागत समारोह तथा संकल्प अनुष्ठान का आयोजन किया जायेगा। उक्त आशय की जानकारी गोशाला के अध्यक्ष सुरेश कुमार सर्राफ एवं सचिव बनबारी लाल ने संयुक्त रूप से जागरण को दी। उन्होंने बताया कि इसे लेकर व्यापक तैयारी चल रही है। विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के कालियागंज आगमन की खबर से स्थानीय धर्म प्रेमी गोभक्तों में अपार उत्साह दिखाई दे रहा है। उल्लेखनीय है कि कृषक और गोवंश को संकट मुक्त कराना, ग्राम पलायन रोकना, अन्नदाता किसानों के पुनस्र्थापना, घर-घर में गो सेवा भावना तथा सनातन आध्यात्मिक चेतना की अलख जगाना, रोग मुक्त, कर्ज मुक्त, प्रदूषण मुक्त और अन्नयुक्त ऊर्जायुक्त, मूल्याधारित, धर्मपरायण, स्वाधीन, स्वाभिमानी और समृद्ध राष्ट्र की आकृति में रंग भरने के लिए सत्य शिव सुदरम उद्देश्य को लेकर विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का शुभारंभ पिछले 30 सितंबर 09 विजयादशमी के दिन कुरूक्षेत्र से हुआ।

शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2009

विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा बिहार से खबरे


भागलपुर में गो ग्राम यात्रा का पारंपरिक स्वागत

भागलपुर, अक्तूबर २८ – विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा कुरुक्षेत्र से शुरू होकर समस्त उत्तरी राज्यों में होते हुए पिछले दो दिनों से बिहार में है । गो ग्राम यात्रा आज सुबह बिहार शरीफ से निकल कर बाडा, लखीसराय व मुंगेर होते हुए शाम भागलपुर पहुंची । इन सभी स्थानों पर आयोजित गो ग्राम यात्रा के कार्यक्रमों में हजारों की संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर संतों द्वारा गोवंश की उपयोगिता को संमझते हुए गोसंवर्धन का संकल्प लिया ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के भागलपुर पहुंचने पर वहाँ के लोगों ने यात्रा का स्वागत पारंपरिक रूप से ढाक बजा कर तथा लोकगीत गाकर किया । ’गोमाता की जय’ घोश के साथ यात्रा क शहर के बीच से गुजरना सभी के आकर्षण का केन्द्र था । सभी क्षेत्रवासी यात्रा में शामिल रथ को देखने व माल्यार्पण करने को लालायित दिखें । भागलपुर में गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में भारी जनसैलाब देखने को मिला । हजारों की संख्या में लोगों ने केन्द्रीय यात्रा के साथ चल रहें संतो का आशीर्वचन प्राप्त कर गोसंरक्षण हेतु संकल्प किया ।
भागलपुर में आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए गो ग्राम यात्रा के पूर्वी भारत के संयोजक भास्कर कुलकर्णी ने कहा कि आज भारत बीमार हो चुका है । सभी को किसी न किसी बीमारी ने अपने चपेट में लाखों अस्पताल चिकित्सक होने के बावजूद भी बिमारियों में कोई कमी नहीं है । इसका सबसे बडा कारण गो माता की उपेक्षा है । उन्होंने कहा कि आज देश में असुरक्षा, असमृद्धि, बेरोजगारी ने लोगों को चकडा रखा है, जिन के जिम्मेदार हम स्वयं है । पुरातन से ही जो गोवंश हमारी सुख समृद्धि का आधार रहा वह आज समाप्तप्राय की ओर है और हम उस गोवंश के संरक्षण के लिए बिल्कुल भी चिंतित नहीं । यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है ।
भास्कर ने कहा कि गोमाता हमारे लिए उपकारी धनवंतरी व समृद्धि की देवी है । इनकी उपेक्षा से ही आज हम अनेक समस्याओं का सामना कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि गाय की बिक्री गलत हाथों में न करके तथा उसकी उपयोगिता करके हम गोवंश का संरक्षण व संवर्धन कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि देश की समस्याओं के समाधान और विश्व के कल्याण हेतु देश के संतों द्वारा विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का आयोजन हुआ है । कार्यक्रम के अंत में अयोध्या से आए स्वामी नयनदास ने उपस्थित सभी गोभक्तों को गोपालन व संवर्धन का संकल्प दिलाया ।

गो ग्राम यात्रा का किषनगंज में अद्भुत स्वागत
किषनगंज, अक्तूबर २९ – विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा में बिहार के किषन गंज का स्वागत नए अध्याय के रूप में जुडा । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के किषनगंज पहुंचने पर यहाँ पर उपस्थित वनवासी समाज के लोगों द्वारा यात्रा का अद्भुत स्वागत किया गया । गो ग्राम यात्रा सुबह भागलपुर से चलकर नवगछियाँ, कटिहार, पूर्णिया होते हुए शाम किषनगंज पहुंची । किषनगंज में गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में हजारों की संख्या में दूर दराज गाँवों से आए वनवासी समाज के लोगों की उपस्थिति आकर्शण का केन्द्र रही । सभी वनवासी जाति से आए पुरुशों ने धनुश व तीर के साथ रैली के रूप में शक्ति प्रदर्शन करते हुए गोरक्षा के लिए प्रतिबद्धता जताई ।
कार्यक्रम में केन्द्रीय गो ग्राम यात्रा के स्वागत के लिए ये सभी वनवासी समाज के लोग एक दिन पह्ल ही कार्यक्रम स्थल पर आ चुके थे । वनवासी समाज की महिलाओं ने शंखनाद करते हुए पूर्णतः पारंपरिक रूप से किया ।
कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के राष्ट्रीय सचिव शंकरलाल ने कहा कि गाय किसी के लिए बोझ नहीं है, वह जन उपयोगी है । गाय के गोबर व गो मूत्र से १०८ प्रकार की बिमारियों का इलाज संभव है । उन्होंने देशी गाय की उपयोगिता व महत्वता बताते हुए लोगों से अपील की कि वे जर्सी गाय का उपयोग बंद कर देशी गाय को ही पालें ।
शंकरलाल ने वनवासी समाज का उत्साह पूर्वक यात्रा का स्वागत करने पर धन्यवाद देते हुए कहा कि गो वंश की रक्षा करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है । उन्होंने कहा कि आज वोट बैंक की राजनीति के कारण गोवंश बर्बाद हो रहा है, लेकिन यदि हम सभी गोवंश के लिए जागरुक होकर उसकी रक्षा का संकल्प करें तो सरकार भी हमारे आगे लाचार होगी और देश में गो हत्या पर प्रतिबन्ध अवश्य लगेगा ।
केन्द्रीय यात्रा के साथ चल रहे अयोध्या के राजर्शि रामनयनदास ने कहा कि बाजारवाद एवं भौतिकवाद के इस युग में गाय व ग्राम की रक्षा जरूरी है, क्योंकि ग्राम व गाय आम आदमी के लिए उपयोगी है । उन्होंने कहा कि गाय में सभी देवताओं का वास है । जबकि भारत की संस्कृति गाँव में बसती है, अतः गाँव की रक्षा व समृद्धि के लिए गोपालन से बढकर कुछ भी नहीं हो सकता ।
कार्यक्रम को आए हजारों की संख्या में गोभक्तों ने उपस्थित संतों का आशीर्वचन लेते हुए गोसंवर्धन का संकल्प लिया ।

गुरुवार, 29 अक्तूबर 2009

विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा से सम्बंधित कार्यक्रम जोधपुर प्रान्त में प्रारम्भ शुरुआत हुई हस्ताक्षर अभियान से

गो सरंक्षण की मांग को लेकर किए हस्ताक्षर
जायल। विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के तहत बुधवार को कस्बे में माहेश्वरी भवन में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया। सैकडों लोगों ने मांग पत्र पर हस्ताक्षर गो संरक्षण की जरूरत पर बल दिया। कार्यक्रम संयोजक हरकरण पारीक ने बताया कि गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करवाने, भारतीय नस्ल की गायों के संरक्षण व संवर्द्धन, गोचर भूमि के संरक्षण व केन्द्रीय कानून बनाकर गो हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग को लेकर निकाली जा रही राष्ट्रव्यापी विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के तहत हस्ताक्षर कराए गए।
उन्होंने बताया कि देश भर से 50 करोड हस्ताक्षर कराकर राष्ट्रपति को प्रस्तुत किए जाएंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तहसील कार्यवाह सोहनलाल गोदारा ने बताया कि ग्रामवार कमेटियों का गठन कर गांव-गांव हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया है।
'गौ सेवा ही सबसे बडी सेवा'
निमाज। कस्बे की श्रीकृष्ण गोशाला में सोमवार को गोपाष्टमी पर्व मनाया गया। समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. महेन्द्र रोहिवाल ने कहा कि गौ सेवा, मातृ सेवा से भी बडी सेवा है। इससे आत्मिक संतुष्टि मिलती है। श्रीकृष्ण गोशाला समिति के सचिव शिवराम एकलिया ने कहा कि एक गाय में 33 करोड देवी-देवताओं का वास होता है। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक महावीर, तहसील प्रमुख मुकेश, गोशाला समिति के संरक्षक संत सोहनराम रामस्नेही, अध्यक्ष मुरलीधर पाठक, संत कानाराम महाराज, चन्द्राराम कुमावत आदि ने भी संबोघित किया।
हस्ताक्षर अभियान शुरू
सिरोही। जिलेभर में कई स्थानों पर सोमवार को विश्व मंगल गौ-ग्राम यात्रा का जन जागरण हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ किया गया।
जिला मुख्यालय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जयगोपाल पुरोहित के अनुसार भाटकडा स्थित शिव मंदिर के महंत हरिदास ने सवेरे गौ माता का पूजन कर हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि अभियान 2 नवम्बर तक चलाया जाएगा। इसके लिए शहर में 11 भाग बनाकर 101 टोलियां गठित की गई हैं। इस अवसर पर हरिसिंह सिंदल, कैलाश जोशी, जे.पी रावल, मधुसूदन त्रिवेदी, महेन्द्र प्रजापत, सुबोध प्रजापत समेत कई लोग उपस्थित थे।
आबूरोड। विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा के तहत जनजागरण के उद्देश्य से प्रस्तावित हस्ताक्षर अभियान का सोमवार सुबह थाना परिसर से शुभारम्भ किया गया। हस्ताक्षर के साथ ही गौमाता की सेवार्थ प्रति सदस्य से सहयोग राशि के रूप में एक रूपया लिया जा रहा है।
इस अवसर पर यात्रा समिति के सुरेश कोठारी, तहसील संयोजक भरत सीरवी, प्रचार प्रमुख मंदीपसिंह, भगवतसिंह परमार व नगर संयोजक मनीष पंचाल आदि के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने क्षेत्रवासियों से हस्ताक्षर करवाए। इसके बाद राजकीय चिकित्सालय व नगरपालिका कार्यालय में अभियान के समर्थन में कर्मचारियों, अघिकारियों एवं शहरवासियों के हस्ताक्षरण करवाए। हस्ताक्षर अभियान संयोजक भरतकुमार सीरवी के अनुसार नगर में हस्ताक्षर अभियान के लिए वार्ड प्रभारी नियुक्त किए गए हैं।

गोवंश की रक्षा परमधर्म-तोगडिया

अनादरा। गोवंश की रक्षा करना हिन्दू समाज का परम धर्म है, देश में बढती गोहत्या के तांडव को हर हाल में रोकना होगा। यह बात सिरोडी के आदर्श बाल निकेतन उच्च प्राथमिक विद्यालय में विश्व हिन्दू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण भाई तोगडिया ने कही। गौ ग्राम रक्षा हस्ताक्षर अभियान समारोह में रविवार को आए तोगडिया ने कहा कि पहले जब गोवंश सुरक्षित था। तब देश में शांति थी, रोग नहीं थे। लेकिन बढती गौ-हत्याओे से अशांति फैलती जा रही है।
ग्रामीणों ने तोगडिया का ढोल बजाकर स्वागत किया। विहिप विभाग प्रमुख इन्द्रजीत सिंह ने साफा पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर तीर्थगिरी महाराज, विहिप प्रांत मंत्री भंवरलाल चौधरी, जिला अध्यक्ष मोडाराम रावल, प्रांत अध्यक्ष विरेन्द्र भंडारी, भूराराम, हरिसिंह देवडा, नारायणसिंह राव मौजूद थे।

'गाय हमारी संस्कृति का आधार'
भीनमाल। विश्व मंगल गो-ग्राम यात्रा के तहत तहसील क्षेत्र में हस्ताक्षर अभियान का सोमवार को गायत्री मंदिर में जैन मुनि जयरत्न विजय महाराज ने हस्ताक्षर कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर जैन मुनि ने कहा कि गाय संस्कृति का आधार एवं पूजनीय है। जिसका हर हालत में संरक्षण आवश्यक है। आरएसएस के जिला संघचालक डॉ. श्रवणकुमार मोदी ने अभियान की जानकारी दी। इस अवसर पर मोहनलाल परिहार, महेश व्यास, रतनलाल अग्रवाल व सुरेश पारिक सहित बडी संख्या में विद्यार्थी व लोग मौजूद थे। अंत में यात्रा के संयोजक मदनसिंह मणधर ने सभी का आभार व्यक्त किया।

आहोर। निकटवर्ती भाद्राजून ढाणी स्थित कृष्ण गौशाला में महामंडलेश्वर संतोषभारती महाराज ने हस्ताक्षर कर विश्वमंगल गौ ग्राम यात्रा के हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके महामंडलेश्वर ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को गौ सेवा करनी चाहिए, क्योंकि गौ माता ही सृष्टि का आधार है। समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह विभाग कार्यवाह खीमाराम शंखवाली, भाद्राजून तहसील कार्यवाह तेजकरण बालोत, तहसील संयोजक चतराराम चौधरी, व अन्य गौ भक्तों ने गौ महत्व पर प्रकाश डाला। इसी प्रकार दयालपुरा गांव में गौ ग्राम यात्रा समिति का गठन किया गया।
जिसमें महिपालसिंह चारण को यात्रा प्रमुख, उप सरपंच जगदीश त्रिपाठी को कार्यक्रम प्रमुख, मदनगोपाल व्यास को प्रचार प्रमुख, नरोत्तमलाल त्रिपाठी को संयोजक, नरपतपुरी गोस्वामी को सह संयोजक, प्रवीण माली को कोषाध्यक्ष, कन्हैयालाल सोनी व जोगसिंह को हस्ताक्षर प्रमुख मनोनीत किया गया। चांदराई गांव में गौ भक्तों की बैठक आयोजित हुई। जिसमें गौ ग्राम यात्रा को लेकर हस्ताक्षर अभियान पर चर्चा की गई। बैठक में उपस्थित गौ भक्तों द्वारा गौ ग्राम यात्रा को लेकर हस्ताक्षर अभियान की विधिवत शुरूआत की गई।

सांचौर। निकटवर्ती पादरडी गांव में विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा कार्यक्रम क्षेत्र के साधु संतों के नेतृत्व में 30 अक्टूम्बर को प्रारम्भ किया जाएगा। तहसील संयोजक जयंतीलाल पुरोहित ने बताया कि विश्वमंगल गो-ग्राम यात्रा की तैयारियां जोरो पर चल रही है। गाय और ग्राम को बचाने के लिए चल रहे इस कार्यक्रम का शुभारंभ 30 अक्टूबर को पादरडी गांव में साधु-संतों के नेतृत्व में होगा।रामसीन। कस्बे समेत आसपास के गांवों विश्वमंगल गौ ग्राम यात्रा को लेकर कार्यकर्ताओं ने सोमवार को समितियों का गठन कर हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की। कार्यक्रम संयोजक परबतसिंह सिन्दल व कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र के गांवाें में समितियों का गठन कर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपी।

हस्ताक्षर करने उमडे लोग

नागौर। विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के तहत गोवंश संरक्षण के लिए छह सूत्री मांग पत्र पर सोमवार को लोगों ने हस्ताक्षर कर गो संरक्षण की जरूरत पर जोर दिया। हस्ताक्षर करने को लेकर लोगों में बडा उत्साह नजर आया। अभियान के तहत बंशीवाला मंदिर में सुबह से ही लोग हस्ताक्षर करने के लिए पहंुचने लगे। दिन भर यह सिलसिला चला।

मेडता रोड । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सोमवार को यहां रामद्वारा में कार्यकर्ताओे की बैठक में जिम्मेवारियां सौंपी गई। बैठक में गोग्राम यात्रा के जिला उपाध्यक्ष नारायण सिंह राजपुरोहित ने कहा कि संस्कृति को बचाने के लिए गो संरक्षण जरूरी है। आज गाय की हर जगह दुर्दशा हो रही है। हमें अपनी संस्कृति को बचाने के लिए गाय की सेवा करने का जज्बा लोगों में पैदा करना होगा। खण्ड संयोजक इन्द्रचंद भाकल ने यात्रा के उद्देश्यों के बारे में अवगत करवाया। संत गोरधन दास ने कहा कि गाय का गोबर व मूत्र अमृत के समान है जो कई रोगों को काटता है। इस मौके पर बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन चौराहे पर लगाई गई गोयात्रा प्रदर्शनी को देखने लोगों की भीड उमडी। लोगों ने गो संरक्षण मांग पत्र पर हस्ताक्षर किए।
यात्रा के लिए समिति का गठन कर नंदलाल शर्मा को अध्यक्ष, भंवरलाल दाधीच उपाध्यक्ष, बालकिशन सोनी, भीखाराम लटियाल, शेरू वैष्णव, राजकुमार चौहान को मंत्री, इन्द्र भाकल व पवन कोठारी को कोषाध्यक्ष व विजय कुमार को यात्रा प्रमुख बनाया गया।

मेडतासिटी। विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के मेडता तहसील संयोजक नारायणसिंह राजपुरोहित ने कहा कि आज विदेशों में भारतीय नस्ल की गायों का महत्व बढा है। प्राचीन काल से गाय का भारतीय संस्कृति से अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान रहा है। राजपुरोहित रविवार रात रेगारो के मोहल्ला स्थित गंगामाई मंदिर प्रांगण में विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा को लेकर कार्यकर्ताओं को संबोघित कर रहे थे। उन्होंने गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने, गो भक्त बनने एवं गो वृति का भाव जगाने पर बल दिया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए घेवरराम ने वर्तमान समय में गाय के महत्व को समझते हुए गो सेवा के लिए आगे पर बल दिया। इस मौके पर जगदीशप्रसाद दायमा ने आगामी गो ग्राम यात्रा की कार्य योजना एवं उद्देश्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में दुर्गेश दायमा, अशोक सेन, महेन्द्र, ताराचंद, दिनेश, मांगीलाल पटवारी, विनोद, जगदीशप्रसाद जावा, रणजीत, मनोहरलाल आदि मौजूद थे।

परबतसर। विद्या भारती के क्षेत्रीय प्रमुख रूद्र कुमार शर्मा ने कहा कि गाय का महत्व हमारी संस्कृति बहुत अघिक है। गाय एक चलता फिरता औषधालय भी है। गाय के बछडे के मूत्र से कैंसर का इलाज हो रहा है। गाय के गोबर और मूत्र से उपजे अन्न का बाजार में तिगुना मुल्य मिल रहा है। पंजाब में किसान रासायनिक छिडकावों व यूरिया के उपयोग से धरती का बंजर कर बैठे हैं। गाय के गोबर से भूमि उपजाऊ होती है। कार्यक्रम में तहसील संयोजक नवनील गौड, पूर्व पालिकाध्यक्ष अरूणकुमार माथुर, पीयुष दवे एबीवीपी के वीरेन्द्रसिंह, रामस्वरूप मोदी, ओमप्रकाश सैन, विनोद बागडा, जस्साराम बागडा, चतुर्भुजराज पुरोहित, प्रभुदयाल जांगिड, बनवारीलाल आदि मौजूद थे।

लाडनूं। रामस्नेही सम्प्रदाय के संत स्वामी रामनिवास महाराज ने गाय के हित में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से संचालित विश्व मंगल गोग्राम यात्रा के तहत अपने हस्ताक्षर सर्वप्रथम कर अभियान का श्रीगणेश किया। इस मौके पर रामनिवास महाराज ने कहा कि हमारे संस्कारों और संस्कृति को यदि कायम रखना है तो हमें पुन: घर-घर में गोपालन की तरफ आना पडेगा। गाय सबसे लाभदायक पशु होने के साथ हमारे लिए श्रद्घा का केन्द्र एवं पूजनीय भी है।
किशनाराम गोदारा ने यात्रा के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तहसील कार्यवाह बजरंगलाल सैनी ने बताया कि लाडनूं क्षेत्र को गो ग्राम यात्रा के तहत चार खण्डों में विभक्त कर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रचार प्रसार मंत्री विरेन्द्र भाटी मंगल ने बताया कि राष्ट्रपति को दिए जाने वाले इस ज्ञापन में पचास करोड लोगों के हस्ताक्षर होंगे। संघ के नगर कार्यवाह नरेन्द्र भोजक ने बताया कि लाडनूं, जसवंतगढ, निम्बीजोधा व मिठडी खण्डों में कार्यकर्ता क्षेत्र में जुटे हैं।

गाय के दूध व मल-मूत्र भी लाभदायक

भागलपुर देश के दिग्गज संत जनों के सहयोग से 30 सितंबर को हरियाणा के कुरुक्षेत्र से निकली विश्व मंगल गौ-ग्राम रथ यात्रा बुधवार की देर शाम भागलपुर पहुंची। गौ-ग्राम रथ यात्रा के स्वागत में घंटाघर स्थित शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में गौ पूजन, भजन एवं संतों के प्रवचन का आयोजन किया गया। गौ ग्राम यात्रा के साथ आए अभियान के राष्ट्रीय सचिव शंकर लाल तथा अयोध्या से आए स्वामी रामनयन दास जी महाराज ने गायों की सेवा से मिलने वाले लाभ की जानकारी दी।
शंकर लाल ने बताया कि देश में गायों को पालने की परंपरा अब धीरे-धीरे समाप्त होने लगी है। वहीं विदेशी नस्लों की गायों का प्रचलन बढ़ रहा है। यह कृषि क्षेत्र के उत्पादन को भी प्रभावित करेगा। श्री लाल ने गायों की महिमा का बखान करते हुए बताया कि गोबर व गो मूत्र का प्रयोग अगर खेतों में करें तो न केवल खेतों की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी बल्कि उससे मानव स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। उन्होंने कहा कि भैंस का दूध पीने से मानव में हिंसात्मक प्रवृति का वास होता है।
इस मौके पर पीएचईडी मंत्री अश्रि्वनी चौबे ने गौ पूजन कर पूज्य संतों का अभिनंदन किया। वहीं दूसरी ओर विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा के प्रदेश स्वागताध्यक्ष दिलीप राय, स्वागताध्यक्ष दिवाकर चंद दुबे, अनिल सिन्हा, पवन गुप्ता, अजीत घोष, राजेश कुमार, दयानंद यादव, जगदीश शर्मा, अजय कुमार, विजय वर्मा आदि ने कुरूक्षेत्र से आए यात्री दलों का पुष्प माला के साथ स्वागत किया।
गाय का संरक्षण जरूरी
बाढ़। गो संरक्षण-संवर्धन के बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। प्राचीन काल में भारत को समृद्धशाली बनाने में गोवंश का महत्वपूर्ण योगदान था। यह बातें स्थानीय अनुग्रह नारायण सिंह महाविद्यालय के क्रीड़ा मैदान में बुधवार को विश्व मंगल गो-ग्राम यात्रा के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए दिगम्बर अखाड़े के स्वामी रामनयन दास जी ने कही। गोवंश का संवर्धन करना धार्मिक, सामाजिक, वैज्ञानिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार राम-राम कहने से राम आपके हाथ में हो जाते हैं, वहीं गाय-गाय करते रहें तब आय आपके हाथ में होगी। गो करुणामयी, ममतामयी मां। यह सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली है। सभी रोगों का निवारण करने वाली है। गोवंश की रक्षा से पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सकता है। रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल की जगह खेतों में गोबर डालने से उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी और पर्यावरण को भी खतरा नहीं होगा। आज पश्चिमी देशों के वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ओजोन को ढकने का उपाय गाय का घी है। संविधान के अनुच्छेद 48 के अंतर्गत गोमाता की सुरक्षा की बात कही गयी है। गोहत्या पर रोक लगाये बिना हम अपने को स्वतंत्र नहीं कह सकते। बूढ़े गायों को हम कसाई के हाथों बेच देते हैं, यह कितना बड़ा अन्याय है। महज उसके सींग के उपयोग कर हम एक एकड़ जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ा सकते हैं। तुष्टिकरण ओर वोट की राजनीति से गोवंश बर्बाद हो रहा है। समारोह में स्वामी रामदास जी, यात्रा प्रमुख मनोज जी, नवीन कुमार, रामसागर ठाकुर, सुरेन्द्र सिंह सहित कई लोगों ने विचार व्यक्त किये।

बुधवार, 28 अक्तूबर 2009

नया-पुराना कश्मीर कश्मीर में लोगों के दृष्टिकोण में उल्लेखनीय परिवर्तन देख रहे हैं कुलदीप नैयर

प्रख्यात स्तंभकार श्रीमान कुलदीप नैयर का एक आलेख आज के कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ हैं।

आलेख में श्रीमान नैयर ने श्रीनगर को भारत से अलग दिखलाने की कोशिश की हैं, ऐसा क्यों है नैयर साहब ही बतला सकते हैं ................

यह अविश्वसनीय भले ही लगे, परंतु है सत्य। श्रीनगर इतना अधिक बदल गया है कि पहचान पाना कठिन है। नए भव्य हवाई अड्डे से होटल तक लगभग दस किलोमीटर का फासला है, जहां आधुनिक निर्माण ध्यान आकृष्ट करता है। ऐसा लगता है कि दिल्ली के समीप स्थित नोएडा सरीखा एक और नगर अस्तित्व में आ रहा है। वृक्ष निर्ममता से काटे गए हैं और चिर परिचित खड़ंजे खोद दिए गए हैं ताकि आकर्षक सड़कें बन सकें। सड़क के साथ-साथ जो प्राचीरें थीं वे ढहा दी गई हंै और मलवा अभी भी वहां पड़ा है, जिसे सभी देख सकते हैं। संभवत: कुछ नया और आधुनिक उसका स्थान लेगा। मैंने अपने होटल तक का जो सफर तय किया उसमें मुझे पुराने कश्मीरी घर नहीं दिखे। दुकानें सामान से भरी पूरी हैं और ग्राहकों से भी। वहां बहुत अधिक धन दिखता है और अनुमान यह है कि यह धन सऊदी अरब, पाकिस्तान और भारत से आता है। (कुलदीप जी आप जब श्रीनगर गए तो वीसा साथ ले गए थे क्या ? नही क्योंकि श्रीनगर भारत का ही अंग हैं। आप भारत लिख कर क्या जतलाना चाहते हैं। समझ से परे हैं । ) सड़कों पर कारों की संख्या भी अब पूर्व की अपेक्षा कई गुनी है। यातायात अवरुद्ध भी होता है और जब कोई सैर-सपाटे की योजना बनाता है तो उसके लिए अड़चनों को ध्यान में रखना भी जरूरी होता है। लोग आजादी के साथ सड़कों से गुजरते हैं और मैंने अनेक महिलाओं को सड़कों पर बिना बुर्के के आते-जाते देखा। उग्रवाद कमोवेश समाप्त है। कुछ आतंकवादी कभी कभार अपनी कारगुजारी अब भी कर दिखाते हैं। कुछ दिन पूर्व उन्होंने लाल चौक में पुलिस पर हमला किया था, परंतु मैंने ऐसा महसूस किया है कि छोटी-मोटी वारदात को भी बढ़ा-चढ़ाकर तथा सनसनीखेज तरीके से पेश किया जाता है। अब वह दौर नहीं रहा जब हमले नित्य का क्रम थे। अब लोग रात्रि में 11 बजे तक भी सड़कों पर आते-जाते दिखाई देते हैं। हवाई अड्डे से सड़क तक मैंने एक भी पुलिसकर्मी नहीं देखा। ज्यादातर बंकर अब नहीं रहे। मैंने लाल चौक में एक बंकर देखा, जहां कुछ पुलिसकर्मी खड़े थे। उनकी उंगलियां स्वचालित हथियारों के ट्रिगर पर थीं। पूछताछ केंद्र बंद कर दिए गए हैं, किंतु मनमानी नजरबंदी की घटनाएं अब भी होती है। सर्वाधिक चिंता की बात है समय-समय पर किसी युवक का लापता होना। शोपियां में दो महिलाओं से कथित दुष्कर्म जैसी वारदात विरल ही है। जब कभी भी ऐसी वारदात होती है तो उनसे लोग इतने अधिक विक्षुब्ध हो उठते हंै कि सड़कों पर उतर पड़ते हैं। तलाशी का ढंग भी बदल गया है। पुलिसकर्मी अब पूर्व की अपेक्षा अधिक विनम्र हैं और कम परेशान करते हैं। फिर भी एक प्रतिष्ठित परिवार के सदस्य ने मुझे बताया कि किस तरह से उसे और उसकी पत्नी को सड़क पर तब तक रोके रखा गया था जब तक एक शीर्षस्थ व्यक्ति का हेलीकाप्टर वहां से गुजर नहीं गया। एक पुलिसकर्मी ने उसकी पत्नी की भी तलाशी लेनी चाही थी, किंतु उस व्यक्ति के आग्रह करने पर एक महिला पुलिसकर्मी ने यह काम किया। भारत विरोधी भावना भी वहां मन-मस्तिष्क में है और ऐसा कहने में भी लोग भय नही दर्शाते, मगर पाकिस्तान-समर्थक भावनाएं व्यावहारिक तौर पर अदृश्य हो चुकी हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि कश्मीरियों को उस गड़बड़ी का पता चल चुका है जिससे पाकिस्तान ग्रस्त है। अब आजादी का उल्लेख भी कम होता जा रहा है, क्योंकि यह अनुभूति बढ़ी रही है कि चारों ओर से घिरा क्षेत्र आजाद होने की सोच भी नहीं सकता। मैंने यह भी अनुभव किया कि हुर्रियत के नेता गंभीर और सौम्य हैं। एक नेता ने मुझसे कहा कि उन्हें दिल्ली से यह आशा थी कि कुछ सकारात्मक अवश्य होगा। वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बातचीत से आस लगाए हुए हैं, जो श्रीनगर जाने वाले हैं। प्रधानमंत्री के वहां पहुंचने से पहले हुर्रियत समेत विभिन्न दलों के बीच आम राय बनाने के प्रयास हो रहे हैं। हुर्रियत प्रमुख मीर वायज आम राय बनाने के पक्ष में बताए जाते हैं। राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी चाहते हैं कि नई हुर्रियत समेत सभी राजनीतिक दलों से बात की जाए, परंतु उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि कश्मीर समस्या के समाधान के लिए भारत-पाकिस्तान के साथ वार्ता करे। जब मैं हुर्रियत नेताओं के साथ बैठा था तो मैंने एक रोचक वार्ता सुनी। एक युवा अमेरिकी पाकिस्तानी ने उन्हें बताया कि अपनी पिछली यात्रा से तीन वर्ष की अवधि के बाद उसे देखकर आश्चर्य हुआ है कि कश्मीर भारत द्वारा तेजी से पचाया जा रहा है। वे नेता परेशान से तो थे, परंतु मेरी उपस्थिति में उसकी बात का जवाब नहीं देना चाहते थे। मीर वायज ने कहा कि वह उससे किसी अन्य स्थान पर बात करेंगे। कश्मीर में जन्मा यह युवक वाशिंगटन में विचारक मंडली का एक सदस्य है। उस युवक ने हुर्रियत नेताओं को बताया कि राज्य में हुए स्वतंत्र चुनावों को अमेरिकियों ने बड़ी संख्या में टेलीविजन पर देखा है, जिसका उन पर बहुत प्रभाव हुआ है। उसने यह भी कहा कि अब वे यह सोचने लगे हैं कि समस्या काफी कुछ निपट चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला अपने पुत्र उमर की अपेक्षा अधिक स्पष्टवादी हैं, जो अपनी लोकप्रियता तेजी से खोता जा रहा है। फारुक कहते हैं कि समस्या को जीवित रखने के लिए राज्य में पेड लाबी हैं। वह सुरक्षा बलों, राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों का कश्मीर संकट में निहित स्वार्थ होने का आरोप लगाते हैं। जब वह यह कहते हैं कि नई दिल्ली समस्या के समाधान में गति लाने में असफल रही है तो उनके कथन में एक सार होता है। अब बहुत अधिक समाधानों की चर्चा नहीं होती। एक सुझाव यह है कि दोनों ओर के कश्मीर का विसैन्यीकरण होना चाहिए। भारत अपनी सेनाएं घाटी से हटा ले और उन्हें अपनी सीमा पर तैनात कर ले और पाकिस्तान भी इसी तरह अपने कब्जे वाले क्षेत्र से सेनाएं हटा ले, परंतु ऐसा होना भारत और पाकिस्तान के बीच सहमति पर निर्भर है। नई दिल्ली निश्चित तौर पर एक पक्षीय तौर पर ऐसा करने को तब तक तैयार नहीं जब तक कि प्रश्न हल नहीं हो जाता। जम्मू और लद्दाख की समस्या वस्तुत: गंभीर हो गई है। वे घाटी के साथ रहना नहीं चाहते। जम्मू भारत के साथ मिलना चाहता है और लद्दाख एक केंद्र अधिशासित क्षेत्र का स्तर चाहता है। सत्य है कि हुर्रियत ने कभी भी जम्मू को लुभाने का प्रयास नहीं किया और शायद ही वहां परेशानी में रह रहे पंडितों की कभी सुधि ली हो। फिर भी जम्मू और लद्दाख, दोनों को ही उस स्थिति में मनाया जा सकता है, यदि घाटी उन्हें राज्य के भीतर ही स्वायत्त स्तर दे दे। मुझे इस बारे में संदेह नहीं कि देर-सबेर कश्मीर समस्या का समाधान हो ही जाएगा। अतीत में राज्य में बहुत कुछ ऐसा हुआ है जिससे पुराने कश्मीर के जीवंत होने में कठिनाई आ गई है। लोकप्रिय प्रतीक दम तोड़ रहे हैं। सूफीवाद का स्थान आग्रही इस्लामिक शिक्षाओं ने ले लिया है। कश्मीरी संगीत दम तोड़ता सा लग रहा है, क्योंकि ज्यादातर समाज को इस्लामिक झुकाव के लिए बाध्य कर दिया गया है। पुरानी दस्तकारी अब बहुत कम कलाकारों को आकृष्ट करती है। विद्रोह के दौरान मुस्लिमों और पंडितों के बीच जो सूत्र टूटा था उसका पुन: जुड़ पाना कठिन लगता है। इस्लामी पहचान ने उभार पा लिया है। ग्रामीण अंचलों में यह और अधिक प्रभावी हुआ है। तीनों क्षेत्रों-कश्मीर, जम्मू और लद्दाख के बीच जो बैर भाव है वह दब तो सकता है, समाप्त नहीं हो पाएगा। यह अभी भी जम्मू-कश्मीर राज्य तो रह सकता है, परंतु आत्मा विलुप्त रहेगी। मेरी कामना है कि कश्मीर को उसकी आत्मा पुन: प्राप्त हो जाए। (लेखक प्रख्यात स्तंभकार हैं)

गाय हमारी संस्कृति का प्रतीक

गया २७ अक्टूबर । उतर प्रदेश के अयोध्या के संत स्वामी कमल नयन दास ने मंगलवार को कहा कि गाय हमारी संस्कृति के प्रतीक है। हमारी कृषि अर्थव्यवस्था भी गोवंश पर आधारित है। गाय और कृषि गांव की स्मृति का प्रतीक है। गाय बचेगी तो गांव बचेगा, गांव बचेगा तो भारत बचेगा, भारत बचेगा तभी विश्व बचेगा यही संदेश को लेकर देश के संतो की टोली विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा पर निकली है। उक्त बातें गांधी मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में संतो ने कही। इसके पूर्व विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा गया पहुंचने शहरवासियों ने पुष्प की वर्षा कर भव्य स्वागत किया। यहां के प्रमुख मार्गो को भगवाध्वज एवं तोरणद्वार से दुल्हन की तरह सजाया गया था। संतो ने गौ माता का पूजन व आरती कर कार्यक्रम की शुरूआत की। संतों ने कहा कि गौ माता में राष्ट्रीय सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा,आर्थिक सुरक्षा, खाद्यान्न सुरक्षा एवं पर्यावरण सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता विद्यमान है। गौ मूत्र एवं पंचगव्य के उपयोग से एड्स एवं कैंसर जैसी जानलेवा बिमारियों के रोगी को जीवन दान मिल रहा है। गाय एक पशु नहीं बल्कि माता है, जिसका लोहा पूरे विश्व के लोग मानते है। विदेशी लोग गाय को चलता फिरता चिकित्सालय मानते है। इसके बावजूद वर्तमान समय में देश के नयी आर्थिक नीति के लागू होने से पशुओं का कत्ल हो रहा है। यह उद्योग का रूप धारण कर लिया है। देश के विभिन्न क्षेत्रों में पशु के कत्ल करने का उद्योग तेजी फैल फैल रहा है। इसके कारण भी अपने ही देश में गोवंश की संख्या निरंतर घट रही है। गौवंश की रक्षा के लिए हिन्दुस्तान में रहने वाले लोगों को आगे आने की जरूरत है। वोट के तुष्टीकरण की वजह से गोवंश की संख्या में कमी आयी है। लोगों को अपनी मतभेद को भुलाकर गोवंश की रक्षा करनी होगी। कार्यक्रम में स्वामी हरेरामचार्य, स्वामी संतोषानंद, गुरूशरण कुमार, कार्यक्रम प्रमुख सियाशरण प्रसाद एवं आर.एस नागमणि आदि उपस्थित थे।

मंगलवार, 27 अक्तूबर 2009

बिहार में विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा









ब्रहम सृष्टि का सबसे अनुपम उपहार गाय : राजऋषि रामनयन दास

पटना, अक्तूबर २६ – विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए कुशीनगर उत्तर प्रदेश के राजऋषि स्वामी रामनयनदास ने कहा कि गो माता सृष्टि द्वारा हम सब को दिया गया अनुपम उपहार है । उन्होंने कहा कि जनमानस में कमी मात्र इतनी भर है कि वे गो माता की उपयोगिता व महत्व से अनभिज्ञ है जिसका सबसे बडा उदाहरण है कि लोग गो माता को गलत हाथों में बेच देतें हैं व गोपालन से दूर भागते जा रहे हैं ।
राजऋषि ने कहा कि गाय केवल दूध देने भर के लिए नहीं है वैज्ञानिकों के अनुसार गाय सबसे बडा औषधालय है, कई गंभीर बिमारियों का इलाज गोमाता के पंचगव्य से किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि पुरातन से सदैव संतों ने विश्व कल्याण की कामना की है । आज गोवंश के पतन की ओर बढनें से विश्व समृद्ध खतरे में है, अतः संतों द्वारा विश्व कल्याण हेतु विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का आयोजन किया गया है, जिसका प्रमुख उद्देश्य गो संरक्षण के प्रति जनजागृति है । उन्होंने लोगों से गोसंरक्षण के प्रति जागरुक होने की अपील करते हुए कहा कि गोवंश के जरिए ही विश्व कल्याण हो सकता है ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के कार्यक्रम में पधारे मुस्लिम समाज के तुफैल कादरी ने कहा कि गाय किसी विशेष धर्म जाति के पालन हेतु नहीं है, वह तो सभी लोगों के लिए सुख, समृद्धि की दात्री है । उन्होंने कहा कि आज गोवंश के संरक्ष्ण हेतु सरकार के साथ साथ सभि धर्म चाहें मुस्लिम हो या फिर ईसाई सभी को आगे आना होगा तभी विश्व व देश का विकास संभव है ।
धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुनाल ने कहा कि शेश में अनेकों आंदोलन हुए हैं । लेकिन विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा अन्य आंदोलनों की अपेक्षा गोसंरक्षण हेतु सफल आंदोलन होगा, क्योंकि इसका प्रमुख उद्देश्य जनजागृति कर विश्व कल्याण करना है । उन्होंने कहा कि गोहत्या करने वाला व गोमास खाने वाला मानव नहीं हो सकता है । क्योंकि मानवता का आधार गो माता है । किशोर कुनाल ने कहा कि यदि हम चमडे की बनी वस्तुओं को व्यवहार में न लाएँ तो भी हम गो संरक्षण में योगदान कर सकते हैं ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा आज सुबह मोतिहारी से चलकर चकिया, मुजफरपुर, हाजीपुर होते हुए शाम को पटना पहुंची । पटना में यात्रा का भव्य स्वागत झांकियों के साथ किया गया । गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में यात्रा के पहुंचने के बाद संतों द्वारा गोपूजन किया गया । धार्मिक सेवा संस्थान की ओर से कार्यक्रम में लोकगीत भी प्रस्तुत किया गया । कार्यक्रम में केंद्रीय यात्रा के साथ चल रहे संतों के साथ बिहार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नंद किशोर यादव भी उपस्थित थे । हजारों की संख्या में कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने संतों का आशीर्वचन प्राप्त करते हुए गोसंरक्षण हेतु संकल्प भी लिया ।



सोमवार, 26 अक्तूबर 2009

समाचार पत्रों से

दैनिक भास्कर
राजस्थान पत्रिका

राजस्थान पत्रिका


हिन्दुत्व की आवश्यकता सम्पूर्ण विश्व को - डॉ मोहन भागवत








जयपुर 25 अक्तूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राष्ट्र भक्तों से आवाहन किया है कि वे अपने घरों से संघ को समझने की बजाय संघ की शाखा में आकर संघ के कार्यकर्ता बनें क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वैचारिक अवचेतना का मूल केन्द्र हिन्दुत्व की को पूरे विश्व को आवश्यकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा। मोहन राव भागवत ने कहा कि संघ कार्य चीनी की उस मिठास की तरह है जिसे चखे बिना उसके स्वाद का ज्ञान नहीं हो सकता। वे रविवार को चित्रकूट स्टेडियम में आयोजित हिन्दू सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व हमारे देशात्म बोध की अन्तश्चेतना है। यह वह तत्व है जो दुनिया और देश में व्याप्त समस्याओं का एक मात्र समाधान प्रस्तुत करता है।
उन्होंने कहा कि संघ के संस्थापक डा। केशव बलिराम हेडगेवार ने आजादी के लिए चलाए जा रहे आन्दोलनों व उनके नेताओं से व्यापक विचार विमर्श करने के बाद ही संघ की स्थापना इस विचार के साथ की थी कि यदि देश को मजबूत बनाना है तो समाज में चरित्र निर्माण करना होगा। उन्होंने कहा कि संघ की स्थापित मान्यता है कि जब तक देश के नागरिकों में देशात्मक बोध की चेतना का जागरण नहीं होगा तब तक देश परम वैभवशाली नहीं होगा। इसके लिए देश की चेतना के लिए सामान्य पुरूष यानी कि जनता को जगाना होगा। तभी देश आगे बढ़ेगा। भारत शक्तिशाली बने और भारतीय संस्कृति पूरी दुनिया भर में फैले इसकी जरूरत पूरी दुनिया को है।
श्री भागवत ने कहा कि दुनिया भर के चिन्तक पृथ्वी के नष्ट हो जाने की चिन्ता से ग्रस्त हैं। किसी को ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया नष्ट होने की तो किसी को दुनिया में फैल रहे कट्टरपन की। सरसंघचालक ने कहा कि इन दोनों ही समस्याओं का समाधान भारतीय संस्कृति हिन्दुत्व में है। सबको साथ लेकर चलने की प्रकृति वसुदेव कुटुम्ब का आचरण, विभिन्नता की स्वीकार्यता इसी संस्कृति की विशेषता है और यही संस्कृति देश की पहचान है। उन्होंने कहा कि यही संस्कृति विज्ञान के विकास के साथ यह सिखाती है कि प्रकृति से कितना लेना है। यह कला हमारे पास वर्षों पुरानी है। एक सर्वे का जिक्र करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि डीएनए मैपिंग बताता है कि 40 हजार वर्ष पूर्व हम सभी एक थे। यानि विश्व भर में प्रचलित सभी विचार और व्यक्ति एक ही जगह उत्पन्न हुई है। देश में हुए अब तक विभाजन का उदाहरण देते हुए सरसंघचालक ने कहा कि जहां भी हिन्दू जनसंख्या और विचारों का लोप हुआ है वहां देश को विभाजन झेलना पडा है।
श्री भागवत ने कहा कि दुनिया भर के चिन्तक पृथ्वी के नष्ट हो जाने की चिन्ता से ग्रस्त हैं। किसी को ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया नष्ट होने की तो किसी को दुनिया में फैल रहे कट्टरपन की। सरसंघचालक ने कहा कि इन दोनों ही समस्याओं का समाधान भारतीय संस्कृति हिन्दुत्व में है। सबको साथ लेकर चलने की प्रकृति वसुदेव कुटुम्ब का आचरण, विभिन्नता की स्वीकार्यता इसी संस्कृति की विशेषता है और यही संस्कृति देश की पहचान है। उन्होंने कहा कि यही संस्कृति विज्ञान के विकास के साथ यह सिखाती है कि प्रकृति से कितना लेना है। यह कला हमारे पास वर्षों पुरानी है। एक सर्वे का जिक्र करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि डीएनए मैपिंग बताता है कि 40 हजार वर्ष पूर्व हम सभी एक थे। यानि विश्व भर में प्रचलित सभी विचार और व्यक्ति एक ही जगह उत्पन्न हुई है। देश में हुए अब तक विभाजन का उदाहरण देते हुए सरसंघचालक ने कहा कि जहां भी हिन्दू जनसंख्या और विचारों का लोप हुआ है वहां देश को विभाजन झेलना पडा है।



जयपुर में आयोजित विशाल हिंदू संगम में परम पूज्यनीय सरसंघचालक डॉ मोहन राव भगवत जी उधबोधन देखे सुने

http://www.patheykan.in/images/stories/hindusangam.wmv

रविवार, 25 अक्तूबर 2009

विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा - जोधपुर मैं हस्ताक्षर अभियान शुरू










जोधपुर २५ अक्टूबर ०९ विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा की समाप्ति के पश्चात राष्ट्रपति महोदया को दिए जाने वाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर करवाने की मुहीम आज विश्व हिंदू परिषद के डॉ प्रवीण तोगडिया के हस्ताक्षर के साथ प्रारम्भ हुई ।

गोपालन से दरिद्रता दूर भागती है : स्वामी चंचल बाबा

मोतिहारी, अक्तूबर २५ – विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए मोतिहारी के टाउन हाल में आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार में स्थित परमबा शक्तिपीठ के शक्तिचरण महाराज चंचल बाबा ने कहा कि गोपालन जिस घर में होता है वहां दरिद्रता कभि नहीं आती । उन्होंने कहा कि गोपालन करने वाला परिवार सदैव सुख समृद्धि से परिपूर्ण होता है । अतः प्रत्येक घर में गोपालन होना चाहिए । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का मोतिहारी आगमन पर स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि गो पूजन करने से भाग्य खुश होता है, गो दुग्ध के पान से बच्चों की बुद्धि शुद्ध एवं विकसित होती है ।
चंचल बाबा ने कहा कि विदेशी संस्कृति के कारण आज सनातन धर्म का ह्रास हो रहा है । जिसका सबसे बडा कारण गोवंश का पतन की ओर जाना है । उन्होंने जनमानस से अपील करते हुए कहा कि आज आवश्यकता है कि गोवंशा के संरक्षण के लिए प्रत्येक भारतवासी जागें और गो आधारित पुराने जीवन को वापस व्यवहार में लाएँ । उन्होंने कहा कि गाय के पंचगव्य, श्वास एवं दर्शन में अद्भुत शक्ति है जो मन, बुद्धि में प्रबलता लाती है, अतः राष्ट्रीय गो की सेवा हम सब को करनी चाहिए ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा आज सुबह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से चलकर बिहार राज्य में प्रवेश हुई । गो ग्राम यात्रा उत्तर प्रदेश के देवरिया, कुशीनगर, बिहार के गोपालगंज होते हुए शाम मोतिहारी पहुंची । यात्रा के दौरान जगह जगह पर स्थानीय लोगों ने यात्रा का भव्य स्वागत किया । महिलाओं स्कूली छात्र छात्राओं द्वारा फूलों मालाओं के साथ स्वागत गीत गाकर यात्रा का स्वागत किया गया । बिहार के मोतिहारी में गो ग्राम यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला, यहाँ कार्यक्रम का शुभारंभ शंखनाद व गोपूजन के साथ किया गया । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लि आयोजित कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर संतों का आशीर्वचन लेते हुए गोरक्षा का संकल्प लिया ।
इससे पहले गोपाल गंज में विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में बिहार सरकार के पर्यटन राज्य मंत्री राम प्रवेश राय भी मौजूद थे । पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में बिहार में गोवंश का पतन अधिक हुआ है, मशीन युग के पीछे भागता समाज आज गोवंश की महत्ता को भूल चुका है । उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने गो की तस्करी पर रोक लगाई है तथा सीमा पर गो तस्करी रोकने के लिए खास प्रबन्ध किए गए हैं । राम प्रवेश ने कहा किय गोवंश के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय नीति बननी चाहिए तथा गोसंवर्धन के लिए अलग मंत्रालय का भी निर्माण होना चाहिए ।

देश की परिस्थितियां डरावनी: भागवत

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने कहा है कि उग्रवाद, आपसी भेदभाव की चिंता हर किसी को सता रही है। देश की वर्तमान परिस्थितियां डरावनी हैं। मुस्लिमों को हिंदुओं से हिंदुओं को मुस्लिमों से, ईसाई को दोनों से डराकर अपना काम निकालने वाले बहुत हैं।हम डरने वाले नहीं और यही हमारी राष्ट्रीय पहचान है। यह डरावनी परिस्थिति तब जाएगी जब देश समर्थ बनेगा। केशव विद्यापीठ (जामडोली) में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए भागवत शिक्षा के बढ़ते व्यवसायीकरण पर खूब बरसे।उन्होंने कहा कि डिग्रियां पैसों से मिल रही हैं, जिससे पैसा नहीं मिलता, उसे शिक्षा नहीं माना जाता। शिक्षा समर्थ और स्वाभिमानी समाज के निर्माण के लिए होनी चाहिए जबकि हकीकत यह है कि इसका उपयोग सौदेबाजी के लिए होने लगा है।भागवत ने कहा कि शिक्षा में बदलाव की बात तो सब करते हैं लेकिन इसका बीड़ा उठाने वाले कम ही हैं। शिक्षा में सूचना एवं ज्ञान के साथ नैतिकता एवं विवेक का मिश्रण आवश्यक है तभी जाकर संपूर्ण समाज की रचना हो सकेगी। विज्ञान के साथ नैतिकता नहीं होगी तो जिसे राम बनाना होगा वह रावण बन जाएगा।दिशा, समझ और विवेक के अभाव में रोजगारपरक शिक्षा, सौदेबाजी से ऊपर नहीं उठ सकती। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष के. नरहरि ने ऐसे विद्यार्थियों का निर्माण करने पर जोर दिया जो शिक्षा को मिशन मानें न कि वृत्ति।
स्त्रोत:http://www.bhaskar.com/2009/10/25/091025061756_mohan_bhagwat_in_jaipur.html#

शनिवार, 24 अक्तूबर 2009

पाथेय कण की वेब साईट का लोकार्पण परम पूज्यनीय सरसंघचालक डा. मोहन राव भागवत द्वारा संपन


जयपुर २४ अक्टूबर २००९ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक पूज्यनीय डा मोहनराव भागवत द्वारा पाथेय कण की वेबसाइट का लोकार्पण आज किया गया । उल्लेखनीय है कि कल जयपुर में होने वाले हिंदू संगम कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पाथेय कण कि वेबसाइट http://www.patheykan.in/ पर दोपहर ३ बजे से ५ बजे तक देखा जा सकता है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख माननीय संजय कुमार जी यह जानकारी देते हुए बताया कि विशाल हिंदू संगम को पठेय्कन कि वेबसाइट के अलावा आर आर एस की वेबसाइट http://www.rssonnet.org/ पर भी देखा जा सकता है यह विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर के ब्लॉग vskjodhpur.blogspot.com पर भी देखा जा सकता है ।

गोऊ सेवा राष्ट्र सेवा - विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा







गो-ग्राम रक्षा के संकल्प में उठे हजारों हाथ

गोरखपुर : गोवंश और गांव भारतीय संस्कृति की बहुमूल्य धरोहर हैं। भारत के विकास में गो-ग्राम का योगदान अप्रतिम रहा है। अप संस्कृति के विस्तार से गो और ग्राम संस्कृति पर मंडरा रहे संकट को समाप्त करने के उद्देश्य से भारत भ्रमण पर निकली विश्र्व मंगल गो-ग्राम यात्रा शुक्रवार की शाम गोरखपुर पहुंची। शहर की सीमा में प्रवेश करते ही हिंदू व राष्ट्रभक्त जनता ने यात्रा का अभूतपूर्व स्वागत किया। टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा के पास आयोजित सभा में हजारों की भीड़ ने गो ग्राम संस्कृति की रक्षा के संकल्प में हाथ उठाकर यात्रा के उद्देश्य को सार्थकता प्रदान की। टाउनहाल पर विश्र्व मंगल गो ग्राम यात्रा का आगमन करीब शाम 6।30 बजे हुआ वहां आयोजित विशाल जनसभा में

तमाम संत, बुद्धिजीवी, गोरक्षा आंदोलन से जुड़े लोगों ने अपने विचारों द्वारा गोवंश, ग्राम संस्कृति तथा राष्ट्र पर मंडरा रहे आतकंवाद, अलगाववाद तथा नक्सलवाद जैसे ज्वलंत मुद्दों पर जनजमानस का जनजागरण किया। सभा को संबोधित करते हुये गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी सदर सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहाकि आजादी से पूर्व इस देश में आजादी का जो मंत्र था उसे आज सत्तालोलुपों ने भुला दिया है। यही कारण है कि गोवंश और ग्राम संस्कृति अपने अस्तित्व के लिए जूझ रही है। आतंकवाद और अलगाववाद जैसे गंभीर समस्याओं से राष्ट्र बुरी तरह से ग्रसित है। योगी ने कहाकि गोमाता सर्व देव हैं। उनकी महत्ता प्राचीन काल से है। देवासुर संग्राम के दौरान हुये समुद्र मंथन में से प्राप्त एक रत्‍‌न कामधेनु भी थी। धरती का भी एक नाम गो है। वहीं 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का कारण भी गोमाता थी जिसकी चर्बी से बने कारतूस का प्रयोग करने से भारतीयों ने ब्रिटिश हुकूमत का विरोध किया था। योगी ने यात्रा की सफलता की मंगलकामना के साथ आए सभी जनों का स्वागत करते हुये विश्र्वास जताया कि यह यात्रा भारतीय संस्कृति की रक्षा तथा राष्ट्र की ज्वलंत समस्याओं का खात्मा करने में सहायक सिद्ध होगी। इससे पूर्व आरएसएस के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख सीताराम केदियाल ने अपने संबोधन में कहाकि कुरुक्षेत्र की भूमि महाभारत के संग्राम की याद दिलाती है। महाभारत मात्र 18 दिनों का युद्ध था जिसमें धर्म की विजय हुयी। आज उसी पवित्र भूमि से 108 दिनों की विश्र्व मंगल यात्रा विजयादशमी से प्रारंभ की गयी है इसमें भी गोमाता की कृपा से हम विजयी होंगे। गोरक्षा कार्य में समर्पित कुरुक्षेत्र के संत स्वामी श्रद्धानंद ने कहाकि यह मात्र यात्रा नहीं बल्कि सही मायने में स्वतंत्रता संग्राम है। कार्यक्रम में यात्रा से जुड़े स्वामी आत्मानंद, पतंजलि योग पीठ की डा। रागिनी सिंह, पूर्व कुलपति प्रो. यू.पी. सिंह, आरएसएस के श्रीराम खेमका, यात्रा प्रमुख शंकर लाल, सहयात्रा प्रमुख डा. दिनेश, क्षेत्रीय प्रमुख नवल किशोर सहित अनेक लोगों ने भी विचार रखे। अंत में अमरकंटक तीर्थ के पीठाधीश्र्वर स्वामी परमात्मानंद महाराज ने उपस्थित जनों से हाथ उठवाकर गो और ग्राम संस्कृति की रक्षा का संकल्प दिलाया। संचालन विजय जालान ने किया। कार्यक्रम में नगर विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल, व्यापारी नेता सीताराम जायसवाल, डा. विमल कुमार मोदी, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी आशुतोष , डा. तेजप्रताप सिंह, रामकेवल यादव, प्रचार प्रमुख डा. दिनेश मणि त्रिपाठी, शिवजी सिंह, डा. महेन्द्र अग्रवाल, विजय मातनहेलिया, मनमोहन गजोदिया, आनंद समेत तमाम जनों का सक्रिय योगदान रहा।

विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा में उमड़े श्रद्धालु

दोहरीघाट (मऊ)। बहुत पहले संसद के बाहर गाय को बचाने के लिये आगे आये साधू, संयासियों के जमावड़े के बाद शुक्रवार को एक बार फिर वही दृश्य सामने आ गया। उत्तर वाहिनी पवित्र सरयू तट के किनारे कुरुक्षेत्र से निकली विश्व मंगल गो-ग्राम यात्रा ने जब दो हरियों के मिलन स्थल पर पड़ाव डाला तो संतों ने उद्घोष कर दिया। संत बोले गाय हमारी माता है और उसे राष्ट्रीय पशु घोषित करने में जितना विलम्ब होगा उतना ही जबर्दस्त संघर्ष होगा। गो माता का अपमान अब साधू संत बर्दास्त नहीं करेंगे।
आजमगढ़ से निकलकर यात्रा शुक्रवार की सायं 4.15 बजे के करीब पहुंची जहां पहले से ही अन्य जनपदों से आयी पूरक रथों ने उनका स्वागत किया। इससे पहले कार्यक्रम स्थल पर हजारों की भीड़ चिलचिलाती धूप के बाद भी जमी रही। भारत माता जय के बीच आत्मानंद महाराज ने कहा कि गो माता की महत्ता की पुकार महामहिम राष्ट्रपति तक पहुंचायी जायेगी। गायों के कटने से इस देश की आत्मा भी घायल हो रही है। हालांकि रथ के रामलीला मैदान में न पहुंचने से सैकड़ों लोग मायूस हुए। ये लोग उसी स्थान पर रथ का इंतजार करते नजर आये। स्वामी महाराज ने कहा कि जहां गाय का निवास वहीं देवताओं का वास है। गाय कट रही हैं और सरकार मूकदर्शक है। इस दौरान बाल योगेश्वर, स्वामी रामभद्र करपात्री महाराज, बाल मुकुंद, राजेन्द्र सिंह, संजय गुप्ता, अरिजीत सिंह, भरत लाल राही, नर्वदेश्वर राय, रामचरन, रामविलास चौबे ने भी अपने विचार रखे।
इनसेट
महायात्रा के स्वागत के लिये रवाना हुए कार्यकर्ता
मऊ : विश्व मंगल गो ग्राम महायात्रा रथ के स्वागत में शुक्रवार को भाजपा युवा मोर्चा के गोरखपुर क्षेत्र के सह प्रभारी सुनील कुमार गुप्त के नेतृत्व में दो पहिया एवं चार पहिया वाहन जुलूस के साथ दर्जनों कार्यकर्ता रवाना हुए। वाहन जुलूस में प्रमुख रूप से नागेन्द्र सिंह, कृपाशंकर सिंह, रामप्यारे प्रजापति, डा.बृजेश यादव, भानू प्रताप सिंह, अजय गुप्त, सरोज चौरसिया, मनोज सिंह आदि शामिल रहे।




विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा आजमगढ़ गई




वाराणसी। गुरुवार की रात महानगर पहुंची विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा शुक्रवार की सुबह आजमगढ़ के लिए रवाना हो गई। यात्रा के लिए विदाई समारोह महमूरगंज स्थित माहेश्वरी भवन में आयोजित किया गया। यहां यात्रा में शामिल रथ की आरती उतारने के साथ पाणिनी कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने वेद मंत्रों का सस्वर पाठ किया।
इस मौके पर महाविद्यालय की संचालिका मेधा ने पंचगव्य का महत्व बताया। कहा कि पंचगव्य की उपयोगिता व महत्व को भूलना किसी दृष्टि से उचित नहीं है। भारतीय किसान संघ के प्रांत संगठन मंत्री रामचेला ने कहा कि भारत के उज्जवल भाविष्य की परिकल्पना तभी साकार होगी जब हम गोवंश की रक्षा के लिए तत्पर रहेंगे। फैशन की गिरफ्त में आकर चमड़े से बने सामानों का उपयोग करने से बचने की भी उन्होंने सलाह दी। संघ के विभाग प्रचारक मनोज कुमार ने कहा कि जहां गौ माता होती हैं वह स्थान तीर्थ स्थल होता है। कार्यक्रम में जानेमाने चिंतक व विचारक केएन गोविंदाचार्य, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री हुकुम चंद्र, भाजपा के वरिष्ठ नेता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव हरीश जी, महानगर अध्यक्ष प्रेमप्रकाश कपूर, सूर्यकांत जालान, मधुसूदन, सौरभ श्रीवास्तव, सीताराम केदिलाय आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम संचालन पवन उपाध्याय ने किया।




शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

विश्व मंगल यात्रा - चित्र मिर्जापुर जौनपुर तथा काशी







गोमाता राष्ट्र माता के रूप में प्रतिष्ठित हों : अविमुक्तेश्वरानंद महाराज

वाराणसी, अक्तूबर २२ – ज्योतिश पीठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि जन जन को पोशित करने वाली गोमाता को राष्ट्र माता के रूप में प्रतिष्ठित होना चाहिए । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए वाराणसी के टाउन हाल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यें बातें कहीं । उन्होंने कहा कि आज गोवंश के महत्व को समझ कर भी हिन्दू गोहत्या के विरुद्ध आवाज उठाने में विलंब कर रहा है, गोवंश की रक्षा के प्रति संकल्प ही सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प है ।
अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि भारत में कभी हर घर में गाय शृंगार हुआ करती थी, लेकिन आज देश में गोवंश की स्थिति दयनीय बनी हुई है, देश में गोहत्या में निरंतर वृद्धि के कारण आज गावों के परिवारों में गो दर्शन दुर्लभ होता जा रहा है । उन्होंने कहा कि अमृत रूपी गो दुग्ध की उपेक्षा करना हमारी मूर्खता का सबसे बडा परिचायक है, गोपालन के जरिए ही हम अपने जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति कर सकते है । अविमुक्तेश्वरानंद ने गोदुग्धपान को अत्यंत आवश्यक बताते हुए कहा कि गोदुग्ध से बुद्धि की उर्वरा शक्ति में तीव्र वृद्धि होती है ।
स्वामी परमात्मानंद ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जैविक कृषि को भूल कर रासायनिक खादों के प्रयोग के कारण ही देश की कृषि बदहाल अवस्था में है, आज किसान आत्महत्या के लिए मजबूर है, रासायनिक खादों ने हमारे शत्रु कीटों के साथ मित्र कीटों को भी समाप्त कर दिया है । उन्होंने कहा कि गाय की रक्षा देश व विश्व की रक्षा है, अतः गाय के प्रति प्रत्येक मानव के मन में श्रद्धा व विश्वास का होना अत्यंत आवश्यक है ।
इससे पहले मिर्जापुर में विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का भव्य स्वागत किया गया । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में साधु संतों के साथ राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भाजपा के पूर्व नेता के.एन. गोविंदाचार्य भी उपस्थित थे । गोविंदाचार्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि देश में आज असमानता, अपसंस्कृति, भेदभाव का बोलबाला बढा है, परिवार संस्था, विवाह संस्था जैसी पवित्र परंपराएँ नष्ट हो रही है, जल, जमीन, जंगल प्रदूषित ही नही अपितु समाप्त प्राय है । उन्होंने कहा इन सबका सबसे बडा कारण गोवंश की समाप्ति है, गोमाता भारत की विशेषता, अस्मिता की परिचायक है । उन्होंने कहा कि लगभग २५० वर्शों बाद विकास मानक बदलाव के कगार पर है । अब विकास आर्थिक रूप में नही बल्कि संस्कृति के रूप में होगा और यदि हमें विकास करना है तो हमें हमारी संस्कृति गोमाता को बचाना होगा । गोविंदाचार्य ने कहा कि विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा गोसंपदा उसकी संस्कृति, सामाजिक स्थिति के बारे में जनजागरण का प्रयास है ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा आज सुबह प्रयाग से निकलकर मिर्जापुर, जौनपुर होते हुए शाम वाराणासी पहुंची । काषी विश्वनाथ के दरबार में यात्रा का अत्यंत उत्साह के साथ स्वागत किया गया । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में अनेक संतों के साथ भोजपुरी फिल्म अभिनेता व गायक मनोज तिवारी भी मौजूद थे । मनोज तिवारी ने भोजपुरी अंदाज में गीत गाकर विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का स्वागत किया । कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों ने साधुसंतों का आशीर्वचन प्राप्त कर गोसंवर्धन का संकल्प भी किया ।

गुरुवार, 22 अक्तूबर 2009

जन जन की आवाज बन गई विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा


आज भारत में गोवंश समाप्तप्राय : अशोक सिंघल
प्रयाग, अक्तूबर २१ – विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने कहा है कि भारत में निरंतर बढ रही गो हत्या का परिणाम ही है कि आज गोवंश समाप्ति की कगार पर है । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए प्रयाग में आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कही । उन्होंने कहा कि गोवंश की हत्या हिन्दू समाज की संस्कृति की हत्या के समान है । सिंघल ने गोवंश को कृषि का आधार बताते हुए कहा कि आज की खेती आधुनिक उपकरणों द्वारा की जा रही है, ट्रैक्टर द्वारा खेतों की जुताई एवं रासायनिक खादों की उपयोगिता ने हमारी कृषि को कमजोर किया है, जिसके कारण आज का किसान आत्महत्या के लिए मजबूर है ।
अशोक सिंघल ने कहा कि लगभग बीस हजार गाय की हत्य भारत में नित्य हो रही है, जो कि अत्यंत दुखद है । उन्होंने कहा कि प्रत्येक हुन्दू को संकल्प करने की आवश्यकता है कि गोवंश को कसाइयों के हाथों न बिकने दें । उन्होंने विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा को आजादी के बाद अब तक का सबसे बडा लोकजागरण आंदोलन बताते हुए लोगों से गोवंश के पालन व संरक्षण की अपील की ।
शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती ने गाय को स्नेह की देवी की संज्ञा देते हुए कहा कि गाय भगवस्वरूपा, मातृस्वरूपा एवं धातृस्वरूपा है । उन्होंने कहा कि जब तक भारत में गोवंश की हत्या नही रुकेगी भारत का विकास संभव नहीं है । उन्होंने कहा कि गोसंरक्षण कानून की अपेक्षा सरकार से करना निरर्थक है । अतः देश को, समाज को जागृत होकर गोवंश के संरक्षण हेतु आगे आना होगा । शंकराचार्य ने कहा कि मथुरा, प्रयाग, आगरा आदि अनेक स्थानों पर जहाँ गाय के महत्व का वर्णन किया गया है वहाँ पर गो हत्या होना अत्यंत निंदनीय है । उन्होंने कहा कि अनार्थिक गायों को गलत हाथों में बेचकर हम सभी गोहत्या के पाप के भागीदार बन रहें हैं, अतः यह आवश्यक है कि गाय को हम गलत हाथों में न बेचें । उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिन्दू अपनी धर्म संस्कृति की रक्षा गोहत्या को रोक कर ही कर सकता है ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा आज सुबह आयोध्या से चलकर शाम प्रयाग पहुंची, यहाँ पर कार्यकर्ताओं द्वारा यात्रा का भव्य स्वागत किया गया । जगह जगह चौराहों पर लोगों ने स्वागत कार्यक्रमों द्वारा यात्रा के साथ चल रहें साधु संतों को माल्यार्पण कर स्वागत किया । गो ग्राम यात्रा इससे पहले सुल्तानपुर, प्रतापगढ होते हुए प्रयाग पहुंची ।

राष्ट्रीय मुद्दा है गोमाता की रक्षा का सवाल : गोविन्दाचार्य


वाराणसी। चर्चित चिंतक केएन गोविंदाचार्य ने कहा है कि गोमाता की रक्षा का सवाल राजनीतिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय मुद्दा है। 'विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा' को देश के लाखों मुसलमानों का भी समर्थन मिला है। राजनीति दलों व नेताओं में प्रतिबद्धता व समझ का अभाव है, यही कारण रहा कि वोट बैंक के चक्कर में गो माता की रक्षा का मुद्दा अब तक चुनावी एजेंडे में शामिल न हो सका। गाय-गंगा व गांव की रक्षा के लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति व जनांदोलन की आवश्यकता है।
108 दिवसीय 'विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा' के काशी पहुंचने की पूर्व संध्या पर श्री गोविंदाचार्य बुधवार को लंका स्थित विश्व संवाद केंद्र में पत्रकारों से बात कर रहे थे। गो संरक्षण व गो संव‌र्द्धन के मुद्दे को जनांदोलन बनाए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य सर्वतोन्मुखी हिंसक समृद्धि और पर्यावरण विनाश पर टिके आधुनिक विकास के विकल्प में विश्व के कल्याण के लिए राष्ट्रीय चेतना का जागरण और गांव-गांव में विद्यमान गो संस्कृति के संस्कारों को सुदृढ़ करना है। मेरा स्पष्ट मत है कि विश्व के संसाधनों की निर्मम लूट और साम्राज्यवादी शोषण पर आधारित विकास का वर्तमान मॉडल सम्पूर्ण विश्व के कल्याण में असमर्थ है। विकास के आधुनिक रूप ने पर्यावरण का विनाश किया है। जल, जंगल, जमीन और आकाश को प्रदूषित और क्षरित किया है। यात्रा के दौरान अब तक देश के पांच लाख मुसलमानों ने गो माता की रक्षा के अभियान को अपना समर्थन दिया है।
प्रेसवार्ता में श्री गोविंदाचार्य ने गोमाता की ओर से अनुरोध पत्र जारी किया। पत्र में विकास की अवधारणा मानव केंद्रित न होकर प्रकृति केंद्रित करने, मानवाधिकार के समान जमीन, जल, जंगल, जानवर, प्रकृति के भी अनुल्लंघनीय अधिकार, केंद्र में गो विकास मंत्रालय बनाने, हर प्रखंड में पंचायतों के अनुसार नंदीशाला स्थापित करने, पशु चिकित्सालय का हर न्याय-पंचायत तक विस्तार करने, पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय हर जिले में स्थापित करने, गौ तस्करी के लिए विशेष दंड की व्यवस्था करने, मांस के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने, गाय के दूध का दाम बढ़ाने, कृषि भूमि का अधिग्रहण बंद करने तथा एक फसली या नकदी फसल की खेती पर दबाव घटाने की मांग की गई है।
इस दौरान सुरभि शोध संस्थान के प्रमुख सूर्यकांत जालान ने बताया कि विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का संदेश देश के लगभग दो लाख गांवों तक पहुंचेगा। यात्रा से जहां गो माता की रक्षा के लिए राजसत्ता पर दबाव बनेगा, वहीं अभियान से देशभर के लोगों को जोड़ने में मदद मिलेगी।


गो ग्राम यात्रा की अगवानी में उमड़ा जनसमूह


सुल्तानपुर, 21 अक्टूबर : अमर कंटक के परम संत परमात्मानंद जी महराज ने कहा कि आज हिन्दू समाज का किसी को भय नहीं है। यही कारण है कि हमारी गौ माता को काटा जा रहा है। जिस दिन हिन्दू समाज का भय लोगों में होगा उसी दिन गोवध बंद हो जायेगा। गाय से खेती, खेती से किसान, किसान से गांव और गांव से देश बचेगा। इसलिए गाय, गांव औ किसान की सुरक्षा जरूरी है। वे आज खुर्शीद क्लब मैदान में विश्वमंगल गो ग्राम यात्रा के आगमन पर धर्म सभा को सम्बोधित कर रहे थे।
कुरुक्षेत्र से संतो के नेतृत्व में निकली विश्वमंगल गो ग्राम यात्रा बुधवार को जिला मुख्यालय पहुंची। जिसे जिले की सीमा पर कूरेभार में विहिप जिलाध्यक्ष नागेन्द्र सिंह, बजरंग दल प्रान्त संयोजक ओम प्रकाश पाण्डेय, डा.जेपी सिंह, भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री रामभुवन मिश्र आदि दर्जनों प्रमुख लोगों ने अगवानी की। नगर में भी जगह-जगह श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा में शामिल लोगों पर पुष्प वर्षा करके अगवानी की। खुर्शीद क्लब में धर्मसभा के दौरान संत परमात्मानन्द व क्षेत्र प्रमुख नवल किशोर ने भारतीय संस्कृति और गो रक्षा पर आमजनों को सचेत किया। क्षेत्र प्रमुख नवल किशोर ने कहा कि कृषि का आधार गोवंश हैं। इसे हमारे महापुरुषों ने पूजा है। सिक्खों ने गोरक्षा में बड़े बलिदान दिये हैं, लेकिन आज आजादी के बाद तीन हजार से छत्तीस हजार गोवध शालाएं हो गयी हैं। दो लाख में एक लाख गोवंश भारत में ही कटता है। रासायनिक खादों से उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कैंसर रोगी बढ़ रहे हैं। धर्मसभा को यात्रा संचालन समिति के अध्यक्ष डा.जेपी सिंह, ओम प्रकाश पाण्डेय, कृपाशंकर द्विवेदी, सुरेन्द्र सिंह, रतन सिंह आदि ने सम्बोधित किया। नगर संयोजक सुनील श्रीवास्तव धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस दौरान विभिन्न पंथों के प्रमुखों में कृष्ण लीला, जगत प्रताप सिंह, नामधारी रतन सिंह, कुलदीप सिंह, झण्डाबाबा, धर्मप्रकाश, हनुमानगढ़ी के पुजारी कृष्णकुमार शास्त्री, डा.पीपी पाण्डेय, युग निर्माण योजना के रामचन्द्र शुक्ल आदि मौजूद रहे। उधर, इलाहाबाद की ओर प्रस्थान करते वक्त जगह-जगह रामगंज, छीड़ा आदि क्षेत्रों में महिलाओं ने अगवानी की। मुसाफिरखाना संवादसूत्र के अनुसार विहिप नेता सुरेश तिवारी, गंगेश सिंह, सुरेन्द्र सिंह, शिवशंकर मिश्र, रुद्रदत्त त्रिपाठी, संतोष श्रीवास्तव, अरूणोदय त्रिपाठी, कन्हैया फौजी आदि ने विश्वमंगल गो यात्रा के दौरान विविध धार्मिक आयोजन किये। संचालक विशम्भर दयाल श्रीवास्तव ने गो सेवा पर व्याख्यान दिया।


यात्रा का स्वागत कर लिया गो-रक्षा का संकल्प



फैजाबाद, 21 अक्टूबर : विश्व मंगल गो-ग्राम यात्रा का बुधवार को शहर में पहुंचने पर जगह-जगह स्वागत किया गया और लोगों ने गो रक्षा का संकल्प लिया। शहर में साहबगंज, चौक, फतेहगंज, मकबरा व नाका होते हुए यात्रा सुल्तानपुर की ओर रवाना हो गई।
नाका हनुमानगढ़ी पर मंदिर के महंत भाष्कर दास ने पूजन-अर्चन कर यात्रा का स्वागत किया और लोगों को गो रक्षा का संकल्प दिलाया। इससे पूर्व यात्रा करीब आठ बजे शहर की सीमा में पहुंची। साहबगंज, चौक फतेहगंज होते हुए मकबरा पहुंची। यात्रा मकबरा स्थित हिन्दुवादी नेता ज्ञान केसरवानी के घर पर रुकी, जहां उनके परिवार के सदस्यों ने यात्रा की आरती उतार कर स्वागत किया।
इसके बाद यात्रा नाका हनुमानगढ़ी पहुंची, जहां मंदिर के महंत भाष्कर दास ने गाय व बछड़े की आरती उतार कर स्वागत किया। उन्होंने विधिवत पूजन करके लोगों को गो-रक्षा का संकल्प दिलाया। मंदिर के पुजारी रामदास व रामनेवाज दास ने भी आरती उतार कर यात्रा का स्वागत किया।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर संघचालक प्रो. एलके सिंह, व्यवसायी बसू अग्रवाल, रामदयाल सिंह समेत अन्य लोगों ने पूजन कर आरती उतारी। वहीं यात्रा को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे। करीब तीस फिट लम्बा व 15 फिट उंचा रथ लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहा। लोग इसे रुक-रुक कर देख रहे थे।
इस मौके पर पुजारी रामदास, सभासद मुरारी सिंह यादव, आलोक शुक्ला, दिनकर पाण्डेय, रामकिशोर तिवारी, शिवशंकर दूबे, शानू पाठक, अजय तिवारी, गोविंद पाण्डेय, निशा सिंह, रत्ना जायसवाल, सुरभि जायसवाल, अभिषेक पाण्डेय, पवन जायसवाल, केडी त्रिपाठी व नवनीत सिंह आदि मौजूद थे।

बुधवार, 21 अक्तूबर 2009

खबरे विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा की

गाय और गंगा में गहरा सम्बंध: प्रसन्नानन्द

गोण्डा, 20 अक्टूबर : कुरुक्षेत्र से चल कर मंगलवार को गोण्डा पहुंची विश्वमंगल गो ग्राम केन्द्रीय रथ यात्रा का सैकड़ों हिन्दू कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। इसके बाद रामलीला मैदान में आयोजित सभा में आये संतो ने गाय की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
सभा को सम्बोधित करते हुए जगतगुरु रामानुजाचार्य प्रसन्नानन्द जी ने कहा कि गैया और मैया में बहुत गहरा सम्बन्ध है और यदि भगवान से भी बढ़कर कोई है तो वह गाय है। भगवान श्रीकृष्ण भी गाय के पीछे-पीछे चलते थे। कुरुक्षेत्र से दशहरा दिन के दिन रवाना हुई केन्द्रीय गो ग्राम यात्रा की अगुवाई के लिए विहिप बजरंगदल के सैकड़ों कार्यकर्ता प्रान्त संयोजक राकेश वर्मा के नेतृत्व में जिले की सीमा पर पहुंचे। रथ यात्रा का स्वागत चौरी चौराहा पर किया गया। यहां सैकड़ों लोगों ने गाय की पूजा की और गो रक्षा का संकल्प लिया। यात्रा के केन्द्रीय महामंत्री शंकर लाल ने कहा कि गाय, गांव व प्रकृति की ओर हमे लौटना होगा। आधुनिकता के कारण हम विभिन्न रोगों से ग्रसित होते जा रहे हैं। जो देश कभी गायों के देश के रूप में जाना जाता रहा वहां आज मात्र आठ करोड़ गायें ही बची हैं। गायों को बचाना हमारा पुनीत कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि गायों को बचाने के लिए प्रभावी कानून निर्माण की जरूरत है। इसके लिए 50 करोड़ हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा जायेगा। संचालन कृष्ण गोपाल शुक्ल व परिचय प्रेमनाथ सिंह ने कराया। इस अवसर पर डा।रामशंकर द्विवेदी, डा.छोटेलाल दीक्षित, शीतला प्रसाद तिवारी, राजेन्द्र, विनोद, रमाकांत तिवारी, अरुण शुक्ल, अकबाल बहादुर तिवारी, ओम प्रकाश सोनी, विकास जायसवाल, विष्णुपाल सिंह, राज कुमार शुक्ल, महेश तिवारी, प्रमोद तिवारी, नीरज मौर्य, भरत गिरि, आशीष मोदनवाल, मोहित गुप्त, श्यामचन्द्र गुप्त, संतोष मिश्र, रामतीरथ यादव, नीरज तिवारी, विनोद यादव, विकास सोनकर, प्रकाश कुमार, योषित सक्सेना, राधेश्याम गुप्त, गोविन्द गुप्त, बलिकरन सिंह, राजकुमार गुप्त, शक्ति चौधरी, आमोद सिंह आदि उपस्थित रहे।
गाय की रक्षा आवश्यक : शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती

बाराबंकी, 20 अक्टूबर : विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का भव्य स्वागत मंगलवार को जिलें में जगह जगह पुष्प वर्षा के साथ किया गया।
इस दौरान कटक के शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती ने संकल्प कराते हुये कहा कि कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिये गाय की रक्षा आवश्यक है। एक गाय और दो बैल रखने से किसान को आत्महत्या करने की जरूरत नही पड़ेगी। आज जो पैदावार बढ़ाने के लिये रासायनिक खाद का प्रयोग किया जा रहा है। इसके कारण जमीन की उर्वरा शक्ति क्षीण होती जा रही है। जिससे पैदावार कम होती जा रही है। शंकराचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसान भ्रम वश उन्ही खादों का प्रयोग करता है जिसके कारण जमीन एवं फसल दोनों जहरीला बना बैठता है। उन्होंने समस्या का समाधान जैविक खाद गोबर और गोमूत्र को बताया। गायत्री शक्ति पीठ पर आत्माराम तिवारी के संयोजकत्व में हुये कार्यक्रम की अध्यक्षता के.पी. शर्मा ने की। इस मौके पर हरीराम शुक्ल, नवल किशोर, कृपाशंकर, सुरेश, सुशील, प्रभात, रामसरन, कृष्ण कुमार सिंह, छत्रसाल सहित कई लोग मौजूद रहे।
रामनगर संवादसूत्र के अनुसार रामनगर बुढ़वल चौराहे पर पहुंची विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का जयकारों के साथ पुष्प माला से भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर विमलेश कुमार मिश्र, अनूप पांडे, रामेश्वर तिवारी, सुभाष चन्द्र ओझा, गौरव शुक्ल प्रशांत, पुनीत कुमार श्रीवास्तव, बन्टी ओझा आदि ने स्वागत किया। एक घंटा से अधिक समय तक समारोह के बाद यात्रा जिला गोंडा के लिये प्रस्थान कर गयी।

मंगलवार, 20 अक्तूबर 2009

विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा - खबरे ही खबरे




गोहत्या पर मिले मानव हत्या के बराबर दंड


लखनऊ, 19 अक्टूबर : गाय की हत्या करने वालों को मानव हत्या के समान ही दंड देना चाहिए। यह मांग करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महासचिव प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि यह हमारे लिए शर्म की बात की है कि गो हत्या को रोकने के लिए यह यात्रा निकालनी पड़ रही है। इसमें सभी लोगों को सहयोग देना होगा और इससे ही हम अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकेंगे। सोमवार को श्रंगार नगर सनातन धर्म मंदिर में सभा को सम्बोधित करते हुए श्री तोगड़िया ने कहा कि इतिहास में 1500 ईस्वी तक कहीं गाय की हत्या का उल्लेख नहीं मिलता है लेकिन अब गो हत्या रोकने के लिए हमें यात्रा करनी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि गाय का हमारे धर्म संस्कृति में अहम स्थान है। एक गाय पर प्रतिदिन लगभग साठ रुपये खर्च होते हैं और उसमें से 40 रुपये दूध के रूप में वापस मिल जाते हैं। लेकिन किसान खर्च बढ़ जाने के कारण गाय बेचने को मजबूर हैं और यही वजह उनका वध बढ़ गया है। जबकि गोमूत्र से डिटाल, फिनायल आदि सामान बन रहा है। पहले देश में एक हजार लोगों पर 400 गाय हुआ करतीं थी लेकिन अब यह संख्या नाममात्र की रह गयी है। इसके पूर्व गोवंश रक्षा के लिए गत 30 सितम्बर को कुरूक्षेत्र से शुरू हुयी विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा सोमवार को राजधानी पहुंची। राजधानी में प्रवेश के बाद जानकीपुरम, अलीगंज, आईटी चौराहा, हनुमान सेतु, हजरतगंज, चारबाग में यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। यहां से होते हुए यात्रा सनातन धर्म मंदिर श्रंगार नगर पहुंच कर सभा में तब्दील हो गयी। सभा को सम्बोधित करते हुए स्वामी यतीन्द्रनाथ ने कहा कि आतंक को मिटाने के लिए अब हमें हाथ उठाना होगा। बिना हाथ उठाए आतंक को समाप्त नहीं किया जा सकता है। मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरी ने कहा कि हमारी संस्कृति धर्म में गाय का अहम योगदान है। लेकिन इनकी संख्या लगातार कम होती जा रही है। इसे रोकना हमारा कर्तव्य है और जरूरी है कि देश में गो हत्या पर प्रतिबंध लगे। सभा में विधायक सुरेश तिवारी, सुरेश श्रीवास्तव, नानक चंद्र, व्यापारी नेता प्रशांत भाटिया सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।


देश की तरक्की के लिए गाय की रक्षा आवश्यक : तोगड़िया


सीतापुर, 19 अक्टूबर : भारत में गाय का रक्त बहना शर्मनाक है। गौ हत्या रोकने के लिए न केवल कठोर कानून बनना चाहिए बल्कि उस पर अमल भी कठोरता पूर्वक किया जाना चाहिए। ये बात विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण तोगड़िया ने सोमवार को लालबाग पार्क में आयोजित शिव मंगलम गो-ग्राम यात्रा के स्वागत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि जिस गाय की पूजा हिन्दू समाज करता है, उसी गाय की हत्या की जा रही है जो चिंता का विषय है। उन्होंने गाय की उपयोगिता पर लोगों को बताया कि गाय का दूध व घी मनुष्य के शरीर के लिए अमृत है। जबकि गोबर फसलों के लिए सबसे ताकतवर खाद। उन्होंने कहा गाय का दूध जो पीता है उसका रक्त संचार शुद्ध रहता है। हृदय रोग की सम्भावना नहीं रह जाती। आंख की रोशनी बढ़ जाती है। अंधत्व से लोग बच सकते हैं। उन्होंने गो सेवा पर जोर देते हुए कहा कि जो लोग जहां भी हैं, कोशिश करें कि गाय का दूध ही लें, यदि गाय का दूध मिलना सम्भव न हो तभी भैंस का दूध लें। श्री तोगड़िया ने कहा कि सरकार रासायनिक खाद बनाने में करोड़ों खर्च करती है, जबकि यही खाद लोगों को रोगी बना रही है। हृदय रोगी बढ़ रहे हैं। लोग अंधत्व के शिकार हो रहे हैं। क्योंकि कीट नाशक भी रासायनिक पदार्थों से बन रहे हैं। उन्होंने लोगों को संकल्प दिलाया कि गो सेवा करेंगे, जान की बाजी लगाकर भी गाय की जान बचायेंगे। क्योंकि गाय का दूध व दही अमृत है। तीस सितम्बर को कुरुक्षेत्र से निकली विश्वमंगलम गो-ग्राम यात्रा विभिन्न जिलों का भ्रमण करती हुई सोमवार को हरदोई से सीतापुर पहुंची। नवीन चौक पर आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद, भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा तमाम आम लोगों ने भी मोटरसाइकिल रैली निकाल कर यात्रा का स्वागत किया। इसके बाद यात्रा लालबाग पार्क पहुंची। भैया दूज पर्व होने के कारण आज बाजार में भी सन्नाटा था। इसके बाद यात्रा के स्वागत समारोह में सैकड़ों लोग पहुंचे। हालांकि आयोजकों ने जितनी भीड़ होने का अनुमान लगाया जा था, वो सही नहीं निकला। सभा स्थल पर खाली पड़ी पचीस फीसदी कुर्सियां प्रवीण तोगड़िया की मौजूदगी में भी खाली रह गईं। बहरहाल इस अवसर पर यात्रा के कर्नाटक क्षेत्र के संयोजक सीताराम केदिलाय, राजस्थान के शंकर लाल, तमिलनाडु के राघवन, उत्तर भारत के यात्रा प्रमुख डा. दिनेश, स्वामी परमानन्द, स्वामी विज्ञानानन्द सरस्वती, संघ के क्षेत्रीय कार्यवाह राम कुमार , प्रचारक अशोक बेरी, प्रांच संयोजक सुरेश, क्षेत्र संयोजक नवल, योगेश, वीरेन्द्र सिंह, बद्री प्रसाद, विष्णू दीक्षित, प्रशांत, राजाराम, वृन्दारक, कृष्ण कुमार, लाल जी सिंह, आकाश अग्रवाल, के अलावा पूर्व सांसद जनार्दन मिश्र, भाजपा जिलाध्यक्ष ज्ञान तिवारी, इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक साकेत मिश्र, गणेश सत्त सारस्वत, रमापति अग्रवाल, सुमित शुक्ला, भानू प्रताप सिंह, उमाकांत मिश्र, महेश शर्मा, गोविन्द भारती आदि उपस्थित थे।
सिधौली संवादसूत्र के अनुसार विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का सिधौली गांधी इण्टर कालेज के पास स्वागत किया गया। गांधी मैदान में आयोजित सभा में यात्रा में शामिल शंकराचार्य राघवेश्वर भारतीय का स्वागत बाबा प्रकाश चैतन्य नीर तथा मुरली दास ने किया। शंकराचार्य ने सम्बोधित करते हुए कहा गाय की सेवा और रक्षा करना सभी का कर्तव्य है। गाय हमारी संस्कृति की पहचान है। उन्होंने गाय रक्षा का सभी को संकल्प कराया। श्यामलाल शर्मा, साकेन्द्र वर्मा, वीएस शुक्ल, अंकित शुक्ला, महेन्द्र सिंह चौहान, अर्जुन त्रिपाठी, डा.ओपी पाण्डेय, उमाशंकर निगम, लक्ष्मी शंकर शुक्ल, नन्द किशोर, हरदयाल अवस्थी अवस्थी ने स्वागत किया।
अटरिया संवादसूत्र के अनुसार कस्बे में विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का स्वागत किया गया। विजय शुक्ला, मुन्नालाल, रामासरे गुप्त, रामकुमार, सुनील, अंजनी, आशुतोष आदि ने शंकराचार्य का माल्यार्पण कर स्वागत किया।

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित