मंगलवार, 10 नवंबर 2009

हिंदू-मुसलमानों ने गाया वंदे मातरम्

बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल में लोगों ने अपनी अनूठी पहल करते हुए राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् को लेकर छिड़ी बहस को बेमानी कर दिया। यहां मंदिर और मस्जिद के सामने वंदे मातरम् गाया गया, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत की। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों देवबंद में वंदे मातरम् के खिलाफ फतवा जारी किया गया था। इस फतवे को लेकर बैतूल के श्री रूक्मणि बालाजी मंदिर बालाजीपुरम् ने यह अनूठी पहल की और मंदिर परिसर में सामूहिक रूप से वंदे मातरम् का गायन हुआ । वंदेमातरम् के गान के बाद हाथों में तिरंगा थामें लोगों ने जयघोष के साथ रैली निकाली। यह रैली बैतूल बाजार पहुंची, तो जामा मस्जिद में इमाम हाफिज अब्दुल राजिद ने इन सभी को मस्जिद के सामने वंदे मातरम् गायन के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर बालाजीपुरम् मंदिर संस्थापक एनआरआई भारतीय सेम वर्मा ने कहा कि मां की पूजा करना प्रत्येक धर्म में सिखाया गया है। भगवान बालाजी के पूजन से पहले भी धरती माता की पूजा की जाती है। किसी भी धर्म में मां की पूजा को गलत नहीं बताया गया है। ऎसे में इस राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् को अधार्मिक कहना गलत है। वहीं, बैतूल बाजार की जामा मस्जिद में इमाम अब्दुल राजिक ने कहा कि वंदे मातरम् के गायन में कोई गैर इस्लामिक बात नहीं है।
source :
http://www.patrika.com/news.aspx?id=271660

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित