मंगलवार, 17 नवंबर 2009

गौ उपेक्षा से देश पर संकट - माननीय नन्दलाल जोशी

जालोर।१६ नवम्बर ०९। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक नंदलाल जोशी ने कहा कि प्रकृति और उसकी बनाई चीजों के साथ खिलवाड तथा प्रकृति को नकारने की कोशिश की जाती है तो संकट आना स्वाभाविक है। आज प्रकृति की सर्वोत्तम कृति देवमयी गौ माता की उपेक्षा के कारण देश ही नहीं पूरा विश्व संकट के दौर से गुजर रहा है। हम अब भी नहीं संभले तो स्थिति भयावह हो जाएगी।जोशी शहर के हनुमानशाला स्कूल में सोमवार को विश्व मंगल गोग्राम यात्रा के समापन और गोभक्त सम्मेलन के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विज्ञान ने प्रसन्न करने की बजाय अनेक प्रकार के रोगों को न्यौता दिया है। जल, वायु और धरती को दूषित कर दिया है। यह सब प्रकृति की उपेक्षा के कारण हो रहा है। हमें सुखी रहना है तो फिर से प्रकृति की ओर लौटना होगा। वरिष्ठ प्रचारक ने कहा कि गाय ही संसार का एकमात्र प्राणी है जिसकी प्रत्येक चीज काम आती है। सांथू के शंकरस्वरूप महाराज ने कहा कि शास्त्रों में गाय को माता का दर्जा हासिल है। उसे घर में रखने और उसके दर्शन मात्र से ही जीवन का कल्याण होता है। मालवा की सुगणा बाई, रामस्नेही संत हरिराम शास्त्री, शितलाईनाथ महाराज, योग विज्ञान अक्रम केंद्र की मायादेवी उज्जैन, गोग्राम यात्रा की स्वागत समिति के अध्यक्ष घनश्याम ओझा और यात्रा के जिला संयोजक सुरेंद्र नाग समेत कई जनों ने विचार व्यक्त किए। इस दौरान विहिप के प्रांतीय अध्यक्ष भवानीलाल माथुर, महामंत्री भंवरलाल चौधरी, विश्व मंगल गोग्राम यात्रा के संयोजक मोतीलाल सोनी और सह संयोजक सत्यनारायण समेत बडी संख्या में गोभक्त मौजूद थे। संचालन कैलाश माली ने किया।
जगह-जगह स्वागत
गोग्राम यात्रा के समापन को लेकर नगर में पहुंचे तीनों रथ गंगा, यमुना और सरस्वती रथ ने शहर में भ्रमण किया। इस दौरान विभिन्न मोहल्लों में रथों का लोगों ने उत्साह के साथ स्वागत किया। बालिकाओं ने सिर पर कलश धारण कर शोभायात्रा निकाली।इनका मिला सान्निध्यगोग्राम यात्रा के समापन व गोभक्त सम्मेलन में लेटा महंत रणछोड भारती महाराज, शंकरस्वरूप महाराज, पीर शांतिनाथ महाराज के शिष्य कमलनाथ महाराज, योग वेदांत आश्रम पालनपुर के रविशरण महाराज, सुगणा बाई, मुनि महाराज घाणा, मोहनानंद महाराज सियाणा, रामस्वरूपनाथ महाराज, गोंविदनाथ महाराज व दरियानाथ महाराज का सान्निध्य रहा।
गौ साहित्य के लिए उमडे भक्त
कार्यक्रम स्थल पर गोभक्तों के लिए गौ साहित्य भी उपलब्ध था। विश्व मंगल गोग्राम यात्रा समिति की ओर से जैविक खेती, पंचगव्य, गौ पालन व गौ महत्व की स्टालें लगाई थीं। गायत्री परिवार ने धार्मिक साहित्य की स्टाल सजाई थी। स्टालों पर ऑडियो व वीडियो कैसेट व सीडी में भी साहित्य उपलब्ध था। जिसे खरीदने के लिए गोभक्तों की भीड लगी रही।
गौ पूजन से कार्यक्रम की शुरूआत
गोभक्त सम्मेलन की शुरूआत गौ पूजन के साथ हुई। कार्यक्रम स्थल पर संतों और अतिथियों ने गाय व बछडे की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्ज्वलित किया और व पुष्प अर्पित किए। इस दौरान गोभक्तों ने गोमाता के जयकारे लगाकर माहौल को आस्था और गोभक्ति सराबोअर कर दिया।






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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित