शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

विश्व मंगल यात्रा - चित्र मिर्जापुर जौनपुर तथा काशी







गोमाता राष्ट्र माता के रूप में प्रतिष्ठित हों : अविमुक्तेश्वरानंद महाराज

वाराणसी, अक्तूबर २२ – ज्योतिश पीठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि जन जन को पोशित करने वाली गोमाता को राष्ट्र माता के रूप में प्रतिष्ठित होना चाहिए । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए वाराणसी के टाउन हाल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यें बातें कहीं । उन्होंने कहा कि आज गोवंश के महत्व को समझ कर भी हिन्दू गोहत्या के विरुद्ध आवाज उठाने में विलंब कर रहा है, गोवंश की रक्षा के प्रति संकल्प ही सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प है ।
अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि भारत में कभी हर घर में गाय शृंगार हुआ करती थी, लेकिन आज देश में गोवंश की स्थिति दयनीय बनी हुई है, देश में गोहत्या में निरंतर वृद्धि के कारण आज गावों के परिवारों में गो दर्शन दुर्लभ होता जा रहा है । उन्होंने कहा कि अमृत रूपी गो दुग्ध की उपेक्षा करना हमारी मूर्खता का सबसे बडा परिचायक है, गोपालन के जरिए ही हम अपने जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति कर सकते है । अविमुक्तेश्वरानंद ने गोदुग्धपान को अत्यंत आवश्यक बताते हुए कहा कि गोदुग्ध से बुद्धि की उर्वरा शक्ति में तीव्र वृद्धि होती है ।
स्वामी परमात्मानंद ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जैविक कृषि को भूल कर रासायनिक खादों के प्रयोग के कारण ही देश की कृषि बदहाल अवस्था में है, आज किसान आत्महत्या के लिए मजबूर है, रासायनिक खादों ने हमारे शत्रु कीटों के साथ मित्र कीटों को भी समाप्त कर दिया है । उन्होंने कहा कि गाय की रक्षा देश व विश्व की रक्षा है, अतः गाय के प्रति प्रत्येक मानव के मन में श्रद्धा व विश्वास का होना अत्यंत आवश्यक है ।
इससे पहले मिर्जापुर में विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का भव्य स्वागत किया गया । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में साधु संतों के साथ राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भाजपा के पूर्व नेता के.एन. गोविंदाचार्य भी उपस्थित थे । गोविंदाचार्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि देश में आज असमानता, अपसंस्कृति, भेदभाव का बोलबाला बढा है, परिवार संस्था, विवाह संस्था जैसी पवित्र परंपराएँ नष्ट हो रही है, जल, जमीन, जंगल प्रदूषित ही नही अपितु समाप्त प्राय है । उन्होंने कहा इन सबका सबसे बडा कारण गोवंश की समाप्ति है, गोमाता भारत की विशेषता, अस्मिता की परिचायक है । उन्होंने कहा कि लगभग २५० वर्शों बाद विकास मानक बदलाव के कगार पर है । अब विकास आर्थिक रूप में नही बल्कि संस्कृति के रूप में होगा और यदि हमें विकास करना है तो हमें हमारी संस्कृति गोमाता को बचाना होगा । गोविंदाचार्य ने कहा कि विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा गोसंपदा उसकी संस्कृति, सामाजिक स्थिति के बारे में जनजागरण का प्रयास है ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा आज सुबह प्रयाग से निकलकर मिर्जापुर, जौनपुर होते हुए शाम वाराणासी पहुंची । काषी विश्वनाथ के दरबार में यात्रा का अत्यंत उत्साह के साथ स्वागत किया गया । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में अनेक संतों के साथ भोजपुरी फिल्म अभिनेता व गायक मनोज तिवारी भी मौजूद थे । मनोज तिवारी ने भोजपुरी अंदाज में गीत गाकर विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का स्वागत किया । कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों ने साधुसंतों का आशीर्वचन प्राप्त कर गोसंवर्धन का संकल्प भी किया ।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित