गुरुवार, 1 अक्तूबर 2009

दस मिनट के अनवरत शंखनाद से शुरू हुई गौ ग्राम यात्रा






कुरूक्षेत्र. 30 सितंबर। गोवंश के संवर्धन और ग्राम्य सभ्यता के संरक्षण के उद्देश्य से विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा का शुभारंभ आज हरियाणा के कुरूक्षेत्र में ।0 से अधिक मिनटों के अनवरत शंखनाद और उसके बाद उस्ताद सईदुद्दीन डागर के गायन के साथ शुरू हुआ।

गायत्री परिवार के प्रमुख और यात्रा समिति के गौरवाध्यक्ष डा. प्रणव पांड्या ने उद्घाटन समारोह के लिए भेजे अपने संबोधन में कहा कि आज गांव सिकुड़ रहे हैं और शहर फैल रहे हैं जिससे देश में अशांति, अराजकता और आतंकवाद फैल रहा है। यह यात्रा देश को इनसे मुक्ति दिलाने में सहायक होगी। यह यात्रा भारत के पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण चारों कोनों को एक सूत्र में बांधेगी। उन्होंने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने यात्रा में गायत्री परिवार द्वारा पूर्ण सहयोग दिए जाने की भी घोषणा की।

सी बी आई के पूर्व निदेशक सरदार जोगिंदर सिंह ने कहा कि अकबर ने गोहत्या को प्रतिबंधित कर दिया था। उसके अतिरिक्त बाबर और जहांगीर जैसे मुस्लिम शासकों ने भी गोहत्या पर आंशिक प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना ही चाहिए।

पेजावर पीठ के स्वामी विश्वेश तीर्थ ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि व्याघ्र को राष्ट्रीय पशु माने जाने के कारण ही देश में आपराधिक प्रवृत्तियां और उसके कारण आंतंकवादी घटनाएं बढ़ रही हैं। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने से देश में शांति आएगी।

विश्व हिन्दु परिषद् के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंहल ने भारत को आध्यात्मिक राष्ट्र घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि अपने देश को धर्मविहीन बनाने की अंग्रेजों की साजिश के अनुसार ही अपने देश का राजनीतिक नेतृत्व काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसी कारण देश में गोहत्या बढ़ी है। पिछले दस वर्षाें में चार करोड़ गायों की हत्या हो चुकी है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संध के सर कार्यवाह भैया जी जोषी ने इस अवसर पर कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य ग्राम्य सभ्यता का पुनरूज्जीवन है। उन्होंने कहा कि आज शहर ही विकास का केंद्र बने हुए हैं जबकि भारत के सर्वांगीण विकास के लिए योजनाओं को ग्रामोन्मुख करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांघी. जयप्रकाष नारायण और बिनोवा भावे जैसे महापुरूषों ने भारत को ग्रामोन्मुख करने की बात की थी। आज उन महापुरूषों के विचारों को अमल में लाना जरूरी है। विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा इसी उद्देष्य से शुरू की गयी है।

इस यात्रा का संकल्प रामचंद्रपुरा मठ के शंकराचार्य राघवेश्वर भारती स्वामी जी ने किया था। समारोह के उद्घाटन के मौके पर उनके साथ फिल्म कलाकार सुरेश ओबराय, तिब्बत की निर्वासित संसद की डिप्टी स्पीकर डोलमा गेरी सहित कई गणमान्य लोगों ने गौपूजा की।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित