बुधवार, 9 सितंबर 2009

बाड़मेर में हथियारों का जखीरा बरामद

जयपुर/बाड़मेर, जोधपुर । राज्य पुलिस को बाड़मेर के निकट मारोड़ी में हथियारों का जखीरा मिला है। जखीरे में शामिल "काला पाउडर" के आरडीएक्स होने का अंदेशा है। जखीरे में बम बनाने के काम आने वाला टाइमर, डिवाइस, बैट्री, वायर, स्विच तथा अन्य सामान मिला है। पुलिस के अनुसार किसी शहर में बड़े विस्फोट के लिए यह सामग्री पर्याप्त है। बताया जाता है कि ये जखीरा सीमा पार से किसी आतंककारी गुट के लिए भेजा गया था, लेकिन सुराग लगने से पुलिस जखीरे तक पहुंच गई।

बाड़मेर के सदर थाने में मामला दर्ज कर देर रात तक पुलिस संदिग्ध लोगों के ठिकानों पर छापेमारी में जुटी हुई थी। प्रारम्भिक तौर पर इसमें आधा दर्जन से अधिक स्थानीय लोगों के लिप्त होने की बात सामने आ रही है। देर रात तक पुलिस ने 4 लोगों को हिरासत ले लिया। मदद के लिए जयपुर से एटीएस व जोधपुर से एसटीएफ पहुंच गई है। तारबंदी के बावजूद सीमा पार से अवैध हथियार, नशीले पदार्थ तथा जाली नोट आने की घटनाएं पहले भी होती रही हैं।

बर्बादी का सामान

पुलिस के उच्चपदस्थ सूत्रों ने मौके से दूरभाष पर बताया कि मारोड़ी के निकट मिले जखीरे में 8 विदेशी पिस्टल, 16 मैग्जीन, 450 कारतूस, डेटोनेटर एवं सेफ्टी फ्यूज शामिल हैं। पुलिस ने मौके पर मिले 6 किलोग्राम काला पाउडर की ऑन स्पॉट किट से जांच करवाई है तथा अभी तक की जांच के आधार पर पुलिस इसके आरडीएक्स होने की आशंका व्यक्त कर रही है। हालांकि पुलिस का कहना है कि आरडीएक्स होने का खुलासा विस्तृत जांच के बाद ही हो पाएगा। पुलिस इस जखीरे तक कैसे पहुंची इसका खुलासा करने को तैयार नहीं है। इस बारे में चार तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं।

सनसनीखेज खुलासा...

* तस्करों के एक मोबाइल पर आई कॉल को "इंटरसेप्टर" से पकड़ा गया। इस कॉल को सुनने से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस जखीरे तक पहुंची और इसी आधार पर तस्करों तक पहुंचने की कवायद जारी है। *बब्बर खालसा आतंककारी गुट के दो आतंककारी जखीरा लेने आने वाले थे, लेकिन उनकी गाड़ी रास्ते में खराब हो गई और उनके पहुंचने से पहले ही पुलिस जखीरे तक पहुंच गई। *पाक से आया जखीरा तस्करों को सौंप दिया गया था। बाड़मेर-गडरा रोड पर मारोड़ी गांव के नाले में वाहन फंस जाने से हथियार गिर गए और तस्कर छोड़ कर भाग गए। *गुप्तचर ब्यूरो की टीम को सीमा पार से हथियार आने की जानकारी मिली थी, इस पर बाड़मेर की पुलिस ने सर्च ऑपरेशन में इन हथियारों को पकड़ा।

खटका ये भी

पुलिस का कहना है कि ये सामग्री किसी आतंककारी संगठन के लिए आई थी। यह संगठन पंजाब या जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हो सकता है। पुलिस कुछ वर्षो पहले लुधियाना में एक सिनेमाघर में हुए विस्फोट में बब्बर खालसा संगठन का नाम आने के कारण इस आशंका पर भी जांच कर रही है कि कहीं यह सामग्री बब्बर खालसा के लिए तो नहीं आई। ऎसी बात सामने आई थी कि लुधियाना में इस्तेमाल किया गया आरडीएक्स बाड़मेर-जैसलमेर से सटी सीमा पार से आया था।

पहले भी होती रही है सेंधमारी

करीब सात-आठ महीने पहले जोधपुर में पकड़े गए तंजानिया निवासी एडम गोडविन, उमर यूसुफ और एडम मोहम्मद से पूछताछ में खुलासा हुआ था कि तीस करोड़ रूपए की हेरोइन पाकिस्तान में बैठे कुख्यात तस्कर अबू बकर व हाजी वली ने पहुंचाई थी और उनका गुर्गा सलीम हेरोइन देने सीमा पार तक आया था। गत अगस्त में भी "बकरा" कोड वर्ड से 11 किलो हेरोइन की खेप सीमा पार से राजस्थान आई थी।

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित