शनिवार, 5 सितंबर 2009

सेतुसमुद्रम परियोजना रद करने की मांग

शुक्रवार को स्वामी ने मुख्य न्यायाधीश की पीठ से शीघ्र सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा कि सेतुसमुद्रम परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अभी सुरक्षित है, लेकिन कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखते समय केंद्र सरकार से वैकल्पिक मार्ग पर भी विचार करने को कहा था। इस पर केंद्र सरकार ने बताया था कि एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है जो वैकल्पिक मार्ग पर विचार कर रिपोर्ट दाखिल करेगी। इसके बाद केंद्र ने डाक्टर आर.के. पचौरी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। इस कमेटी ने नेशनल इंस्टीटयूट आफ ओशियनोग्राफीको यह देखने के लिए कहा कि इस परियोजना को राम सेतु के बजाया धनुषकोडी की ओर से पूरा किया जाए तो क्या होगा। स्वामी के मुताबिक इंस्टीट्यूट ने मार्च में सरकार को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि परियोजना के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का ठीक से आकलन नहीं किया गया है। स्वामी ने कहा कि सरकार ने अभी तक रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल नहीं की है। इन परिस्थितियों में उनकी अर्जी स्वीकार कर ली जाए। पीठ ने उनकी दलीलें सुनने के बाद अर्जी पर अक्टूबर के पहले सप्ताह में सुनवाई की अनुमति दे दी।

स्वामी ने पहले भी राम सेतु को तोड़ कर बन रही वर्तमान सेतुसमुद्रम कैनाल परियोजना का विरोध करते हुए मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। वह याचिका स्थानांतरित होकर सुप्रीम कोर्ट आ गई थी और बाकी याचिकाओं के साथ उस पर भी सुनवाई कर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

source:http://in.jagran.yahoo.com/news/national/general/5_1_5761860/

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित