सांचौर। भारत की मूल संस्कृति गंगा व गाय है। यदि गंगा व गाय की स्थिति खराब हो गई तो भारतीय संस्कृति नष्ट हो जाएगी। यह बात गुरूवार को गोपाल मणि महाराज ने गोधाम पथमेडा में धेनुमानस कथा के दौरान कही।उन्होंने कहा कि ब्रrा ज्ञान की प्राप्ति गाय के पालन से होती है और ज्ञान से ही जीवन का अंधकार दूर होता है। उन्होंने कहा कि भगवान ब्रह्मा स्वयं ज्ञान देने के लिए आए और व्यक्ति यदि गो पालन नहीं कर रहा है तो उसे ब्रह्मा भी ज्ञान नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति में प्रेम की उत्पत्ति भी गाय से होती है और प्रेम से ही भगवान की प्राप्ति होती है। उन्होंने मनुष्य व संसार के लिए गाय का होना अनिवार्य बताया। कथा के दौरान मणि महाराज ने 'जिस भजन में गो का नाम न हो उस भजन को गाना ना चाहिए' भजन प्रस्तुत कर पूरे वातावरण को गोमय बना दिया। गोमानस कथा के दूसरे दिन कथा सुनने के लिए बडी संख्या में भक्त गोधाम पहुंचे। खडी संकीर्तन सप्ताह प्रारंभ गोधाम पथमेडा में चल रहे चातुर्मास मंगल महोत्सव के दौरान बुधवार को खडी संकीर्तन सप्ताह का शुभारंभ हुआ। खडी संकीर्तन मूलसिंह महाराज व सूरदास जगदीश महाराज के नेतृत्व में किया जा रहा है। सप्ताह का शुभारंभ बुधवार को गोधाम पथमेडा के प्रधान संरक्षक स्वामी दत्तशरणानंद महाराज व आसोतरा के पीठाधीश तुलसाराम महाराज ने द्वीप प्रज्वलित कर |
शुक्रवार, 28 अगस्त 2009
भारत की मूल संस्कृति गंगा व गाय-मणि महाराज
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें